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प्रेषक : कविन दास
बात बहुत पुरानी है लेकिन मेरी पहली चुदाई की है। इससे पहले मैं रात में अपनी चड्डी गन्दी करता था। फ़िर एक बार दोस्तों के साथ ब्लू फ़िल्म देखी थी.. तब भी हाथ से दबाने से ही मेरी लंड से बहुत सारा चिपचिपा गाढ़ा गाढ़ा सफ़ेद जूस निकल गया था..
तो दोस्तो, किस्सा इस तरह हुआ :
हम लोग पुणे में रहते थे, तब मैं हाई स्कूल में था। हमारे घर में एक नौकरानी थी जिसका नाम पूनम था और उसकी उम्र 30 साल थी फिगर 36-30-38 था। वह बहुत सेक्सी लगती थी पर उसका रंग सांवला था और चून्चियां तो ऐसी थी कि मेरे दोनों हाथों में एक भी ना आये और हमेशा ऐसा लगता था जैसे कहती हो- आओ मुझे चूसो ! प्यार करो, दबाओ !
उसकी शादी हो चुकी थी पर उसके कोई बच्चा नहीं था। मैं बहुत नासमझ, डरपोक और शर्मीला था।
एक दिन मैं स्कूल के दोस्तों के साथ जा रहा था तो दोस्तों ने कहा- एक पिक्चर लगी है ! देखोगे?
मैंने कहा- नहीं !
तो वो बोले- चल यार, किसी को पता नही चलेगा !
और वो मुझे “तेरी बाँहों में” दिखाने ले गए जोकि ब्लू लगून पर बनी थी। पिक्चर मुझे अच्छी लगी और मुझे कुछ कुछ होने लगा मेरा लण्ड पैंट मे खड़ा हो गया। मैंने उसे ऊपर से दबाया और मसला तो पैंट में ही मेरा सब जूस निकल गया। मुझे बहुत शर्म आई, लेकिन मुझे अलग महसूस हुआ और मैं औरतों की तरफ़ खीचने लगा।
मेरे मकान मालिक की एक बेटी थी, नाम किरण था और वो मुझे अच्छी लगने लगी जोकि इन्टर में पढ़ती थी और मैं उसकी चून्चियों की तरफ़ ही देखता था। इसके बारे में अगली कहानी में लिखूंगा, अभी सिर्फ़ पूनम !
मैं हमेशा पूनम की तरफ़ नज़र बचा के देखता था पर एक दिन पूनम ने मुझे पकड़ लिया और कहा- क्या देख रहे हो संजू बाबा ?
तो मैं बोला कुछ नहीं। वो हँसी और कहा- आजकल गन्दी पिक्चर भी देखते हो और पैंट ख़राब करते हो..
मैं चुप रहा और वो अपना काम करने लगी। फिर मैं डर गया और उसकी तरफ़ भी नहीं देखता था।
एक बार वो घर में दो दिन तक नहीं आई तो मम्मी ने मुझे उसके घर भेजा पता करने के लिए ! मैं उसके घर पहुँचा और घंटी दबाई तो पूनम ने दरवाजा खोला।
देखता क्या हूँ कि वो सिर्फ़ पेटीकोट और ब्लाउज में थी। एक तो वो गरीब बाई थी और सेक्सी बहुत थी। उसका पेटीकोट सामने से फटा था जिसमें से उसकी झांटें साफ दिख रही थी। उसने तुरंत अपना पेटीकोट ऊपर खोंसा और मुझे अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर गया और पूछा- तुम आ क्यों नहीं रही हो?
वो बोली- कुछ नहीं, मेरा पति आया था और आज चला गया है, कल से आऊंगी।
तभी उसका पेटीकोट फिर गिर गया और वो शरमा गई। क्योंकि लगातार मेरी नज़र उसकी चूंची पर थी और वो काफी बड़े थे और उसमें से उसके निपल दिख रहे थे क्योंकि वो ब्रा नहीं पहने थी। उसने मुझे बिठाया और अन्दर चली गई और साड़ी पहन आई। मैं अभी भी उसकी चूची देख रहा था।
तभी वो बोली- कोई बात है क्या ?
मेरी मुँह से निकला- तुम्हारी टांगों के बीच इतने बाल क्यों हैं?
वो हड़बड़ाई और मुझे घूरने लगी। मैं घबरा गया और बाहर निकल आया। डर भी गया कि कहीं वो मम्मी से ना कह दे।
मैं शाम में उसके घर में गया और बेल बजाई। उसने दरवाज़ा खोला मुझे देख अन्दर बुलाया, बोली- क्या है ?
मैंने बोला- मैंने जो पूछा था उसे मम्मी से नहीं कहना !
तो वो बोली- कहूँगी !
मैं डर गया और रोने लगा। वो हँसने लगी, बोली- डरो नहीं ! नहीं बोलूंगी !
उसने मुझे बुलाया और बोली- तुम पिक्चर देखने गए थे तो कहा क्या ?
मैं उसे देखता रहा और उसने मेरे दोनों गालों को चूमा और बोली- कैसी लगी थी पिक्चर?
तो मैंने कुछ नहीं कहा, तो मुस्कुरा कर बोली- कोई बात नहीं … बता तो दो !!
फिर मेरे गाल को नोचा।
मैंने कहा- अच्छी थी ! पर कुछ समझ नहीं आई क्योंकि कुछ भी दिखा नहीं और दोस्त कह रहे थे कि ब्लू फ़िल्म है।
उसने मेरे चूतड़ पर थपकी दी और नोचा और कहा- अभी भी नहीं जानते हो कि उस पिक्चर में क्या था?
मैंने उसकी तरफ़ देखा और बाहर आ गया फिर घर चला आया।
अगले दिन मम्मी सुबह तैयार हो कर मौसी के यहाँ जाने लगी तो मुझसे बोली- पूनम जब आए तो बर्तन साफ करा लेना और खाना खा लेना।
छोटी बहिन स्कूल चली गई थी और भइया मुम्बई में थे। मैंने स्कूल की किताब निकाली और पढ़ने लगा। हमारे घर में बाहर छोटा सा बगीचा था और उसमें मैंने फूलों के पौधे लगाये थे और बकरियाँ उसे चर जाती थी।
तभी पूनम की आवाज़ आई- संजू जल्दी आओ ! मैंने बकरी पकड़ी है, गेट बंद करो !
मैं तेज़ी से आया और गेट बंद किया तो देखा बकरी के थन काफी नीचे लटके थे और पूनम बकरी को पकड़े थी। वो बकरी को पकड़ कर अन्दर ले आई और उसके मुँह पर कपड़ा बाँध दिया ताकि वो चिल्लाये नहीं, और मुझसे बोली- संजू यहाँ आओ !
फ़िर मुझसे बोली- मैं जरा बर्तन साफ कर लूँ !
मैं उसके पास गया और पूछने लगा- बकरी क्यों पकड़ी है?
तो मेरी ओर मुस्कुरा कर बोली- एक काम के लिए !
और मेरी नज़र उसकी चूची पर पड़ी और ठहर गई। उसने मेरी ओर देखा और साड़ी खिसका दी ताकि मुझे और साफ दिख सके।
मैं खड़ा रहा क्योंकि उसका ब्लाउज बगल से फटा था और उसमें से उसका बदन दिख रहा था। उसने जल्दी से काम खत्म किया और मुझे देख कर बोली- आओ !
और बकरी को पकड़ कर अन्दर कमरे में ले आई। फिर नीचे बैठ गई और बकरी के थन सहलाने लगी और बोली- दूध पियोगे ?
मैंने कहा- बकरी का ?
तो बोली- नहीं तो क्या मेरा !
फिर बकरी के थन चूसने लगी और बोली- लो अब तुम पियो !और मुझे गोद में बिठा कर दूध पिलाने लगी और मेरे गाल चूमने लगी। मुझे लगा कि जैसे मेरा लंड कड़क होकर टूट जाएगा क्योंकि वो एकदम खड़ा हो कर अन्दर मुड़ गया था। मुझे अच्छा लग रहा था।
उसने मुझसे पूछा- मजा आया?
मैंने कहा- हाँ !
फिर वो बोली- आओ अंदर चलें बेड पर !
मैंने कहा हाँ !
वहाँ उसने अपनी साड़ी उतार दी और ब्लाउज और पेटीकोट में मेरे सामने आ गई। मेरा लंड तन गया और मैं अपने लंड को दबाने लगा।
उसने कहा- क्या है ? लाओ मैं देखूं !
उसने मेरी पैंट उतार दी और अंडरवियर में से लंड को निकाल कर देखने लगी, धीरे धीरे सहलाने लगी। मेरे तो होश उड़ गए। फिर उसने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।
मैं हैरान था और बोला- क्या कर रही हो?
वो बोली- तुम्हें पिक्चर समझा रही हूँ !
और उसने मेरे लंड को कस कस कर दबाया और बोली- मेरे भोले राजा ! बहुत घूरते हो औरतों को ? आज तुम्हारी हर इच्छा पूरी कर दूँगी !
और उसने मेरा हाथ अपनी बहुत बड़ी बड़ी चूंचियों पर रख लिया और मेरा लंड झटका खा गया। मैंने पहली बार किसी चूची को छुआ था। मैंने कस कर उसकी चूची पकड़ ली और दबाता चला गया। वो चिल्ला पड़ी- बस करो नहीं तो टूट जाएँगी !
मैंने उसकी चूची को ब्लाउज के ऊपर से चूसना शुरू किया तो बोली- ब्लाउज तो उतार लो ! मैंने एक एक कर के बटन खोले और जैसे मेरे सामने दोनों दूद्दू खुले, मैं उससे चिपक गया। मेरा लंड उसके फटे हुए पेटीकोट के अन्दर था और उसकी बुर को छू रहा था। उसने मेरा हाथ अपनी दोनों चूचियों पर रखा और बोली- लो मेरा दूध पियो !
और मैं चालू हो गया, एक एक कर के दोनों को चूसने लगा। आधे घंटे चूसने-चाटने के बाद वो बोली- बस करो ! क्या खा ही जाओगे !
मैं रूका, उसने अपना पेटीकोट उतारा और मुझे अपनी बुर दिखाई और बोली- कभी देखी है ?
मैंने कहा- नहीं !
तो बोली- लो इसको चाटो !
मैंने तुरंत उस पर अपनी जबान रखी और चाटने लगा तो उसके झांटे मेरे मुँह में जाने लगी तो मैंने कहा- इसे साफ तो करो !
उसने पापा का शेविंग बॉक्स लाने को कहा। मैंने पहले कैंची से उसकी झान्ट को छोटा किया और फ़िर साबुन का झाग बने ब्रश से झाग बनाया और फ़िर एक रेज़र से सारे बाल साफ कर दिए। उसकी चूत एकदम गुलाबी हो गई, थोड़ा सांवला रंग था लेकिन चूत की जगह एकदम गोरी थी क्योंकि वो जगह बालों से ढकी थी। मैंने वहाँ हाथ फेरा, वो सी सी करने लगी।
यह मेरा पहला अनुभव था, उसकी चूत में से थोड़ा थोड़ा कुछ पानी जैसा निकल रहा था। मैंने हाथ लगाया, वो चिपचिपा था। अब उसकी आंखें भी बंद थी और मुझे भी मजा आ रहा था क्योंकि मैंने तो पहली बार ऐसा किया था।
अब उसने कहा- साले, मेरी चूत को चाट.. !
उसकी गाली सुन कर मैं तो हैरान हो गया.. लेकिन मुझे मज़ा आया। मैंने उसकी चूत में अपना मुँह लगाया, मै उसकी बुर को चाटता रहा उसने मुझे 69 अवस्था में लिया और मेरा लंड चूसने लगी। 5 मिनट में मेरा जूस निकलने लगा। यह मेरा पहली बार था। मै तो डर गया कि यह क्या हो रहा है।
मैंने कहा- पूनम, मुझे कुछ हो रहा है !
तो बोली- क्या हो रहा है?
मैंने कहा- मेरे लंड से कुछ निकलेगा ! शायद पेशाब !
उसने कहा- कोई बात नहीं ! मेरे मुँह में होने दे ! तू अपना काम करता रह !
तभी मैंने कहा- मुझे दूद्ध पीना है !
वो बोली- आज से जब मन चाहे दूध पियो ! मैं नहीं रोकूंगी !
मैंने कहा-ठीक है।
लेकिन तब तक मेरा जूस उसके मुँह में निकल चुका था…
मुझे ऐसा लगा कि मेरे लंड से पिचकारी निकल रही है। उसने लंड का सुपारा अपने जीभ पर रखा था, लंड का फव्वारा उसके सर तक गया। जब पिचकारी खत्म हुई तो उसने लंड को मुँह में ले लिया और चूसने और चाटने लगी। फ़िर बोली- संजू, तू तो बहुत मजबूत है ! तेरा पहली बार है न, इसलिए जल्दी निकल गया ! तू लम्बी रेस का घोड़ा है !
अब मैं भी सीधा हो कर लेट गया। उसने मेरे होठों को चूमा, मैं भी उसे चूमने लगा और चूमते हुए उसकी चूची तक आया। फ़िर उसके दूध पर दांत गड़ा दिए।
वो चिल्ला पड़ी- मत करो ! लगता है ! फिर बोली- क्या मुझे चोदना चाहते हो ?
मैंने कहा- यह कैसे होता है?
बोली- जब इतना सिखा दिया है तो वो भी सिखा दूँगी मेरे राजा ! और उसने मुझे कहा- जब मैं कहूं तो अपना लौड़ा मेरी बुर में डाल देना।
उसने मुझे अपने ऊपर से हटाया और उठ कर ठीक से लेट गई। मुझसे कहा- ये दो तकिये मेरे गांड के नीचे रखो ! अपनी गांड उठाते हुए उसने जगह बनाई।
मैंने देखा- उसकी गांड भी करारी थी।
अब उसने मेरे लण्ड को फ़िर से सहलाना शुरू किया। वो फ़िर सख्त होने लगा। आज मैंने देखा कि उसकी लम्बाई और मोटाई कुछ ज्यादा ही लग रही थी और बड़े ही जोर से फनफना रहा था। उसने मेरा एक हाथ अपने टांगों के बीच चिकनी हो गई चूत पर रखा, पूरी गीली थी, उसने अपने दाने पर मेरा हाथ लगाया और कहा- इसको थोड़ा रगड़ !
फ़िर वो ख़ुद मेरे लंड को चाटने लगी। बीच बीच में होठों में चूसती भी थी। वो कहने लगी- संजू, इतनी सी उमर में इतना लंबा और मोटा लण्ड है तेरा ! जिस कुंवारी लड़की को चोदेगा, उसकी चूत का तो सत्यानाश हो जाएगा। मुझे तो लगता है मेरी चूत भी नहीं सहन कर पायेगी इसको ! मेरी चूत भी मेरे मरद के पतले और नुन्नी जैसे लंड से चुदती है। लेकिन मैं कितना भी चिल्लाऊँ, तू रुकना मत अन्दर डाल के ! बिल्कुल बेरहमी से चोदना और दनादन धक्का लगना !
बस फिर क्या था, उसकी चूत भी तैयार हो गई थी लेकिन फ़िर भी हम क़रीब 15 मिनट तक और चूमा चाटी करते रहे। उसकी चूत से जूस बह कर गांड की तरफ़ जा रहा था। उसने मुझे अपने पैर फैला के ऊपर उठाते हुए उसके बीच में आने को कहा। मैं घुटने मोड़ कर वह बैठ गया। गांड के नीचे तकिया होने से चूत ऊपर उठ गई थी और उसका मुँह भी थोड़ा खुल गया था जिसमें से अन्दर की लाली दिख रही थी।
उसने अपनी चूत को थोड़ा और आगे खिसकाया और अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ कर चूत के ऊपर घिसने लगी। उसने मुझसे कहा- यह तो कोई मुश्किल नहीं है ना?
लेकिन उसकी चूत के छोटे से छेद में मुझे लंड डालना है, यह सोच कर मैं परेशान था।
इसी तरह घिसने के बाद उसने छेद पर लंड को लगाया फिर उसने मुझे खींचा और मेरे लंड को बुर पर रखा और इशारा किया। मैंने जैसे ही धक्का मारा, वो चिल्ला पड़ी। मैंने उसके होटों पर कब्जा किया और धक्के पर धक्का मारता रहा। लंड फिसलता हुआ अन्दर जा रहा था।
पूनम अपने चूतड़ उछाल-उछाल कर चीख रही थी- अह्ह्ह.. शी शी शी..उफ़ …उफ़.. गऊ ऊ , गा आ आ आ आ, उ .ऊऊ.ऊ.उ.., अआया.अ.आह.ह.हह…हह.ह. ह.हह.., मेरे रे र ऐ राजा , मेरे यार मेरे प्यारे ..क्या मूसल जैसा लंड है.. और .. चोदो मुझे मेरी चूत को फाड़ डालो .. मुझे. माँ.बना.. ..दो. अपने बच्चे की .. माँ ! मेरे मरद के लौड़े मे ताकत ही नहीं है..आह्ह..
मैंने पूछा- वो भी ऐसे ही चोदता है क्या?
अरे नहीं मेरे राजा .. वो होता तो अभी उसका पानी निकल जाता .. मुझे रेत डालो मुझे चूस डालो .. मसल दो मुझे .. मेरी जवानी बेकार हो रही थी .. मुझे चोदो… और जोर से.. पूरा लंड अन्दर तक डालो.. अच्छा लगता है जब इसका सुपारा मेरी बच्चेदानी को दबाता है, आह्ह्ह..दर्द हो रहा…रुको नहीं … मारो..मेरी चूंची को मसलो ..घुंडी को मुँह मे ले कर चूसो..
वो जैसा कह रही थी, मैं वैसा ही कर रहा था।
अहह हह.ह.हह.हह.हह. लग.. रहा. ..हैईईईईइ.., और. करो. ना…. मुझे आज गाभन कर दो..मेरे पेट मे तेरा बच्चा डाल दे संजू..
मैंने एक हाथ उसकी गांड के नीचे डाला और उछलती हुई गांड में मैंने ऊँगली कर दी..
उईईई …तुझे मेरी गांड भी दूंगी मेरे राज्जा…वो कुंवारी है.. मेरे मरद ने कोशिश की लेकिन उसका लंड कमजोर है अन्दर ही नहीं गया.. तेरा मोटा..और लंबा भी है.. साथ में लोहे जैसा सख्त.. तू जरुर मेरी गांड फाड़ देगा.. तूने तो चूत भी फाड़ दी है मेरी.. आह्ह..रंडी बना दो मेरी गांड मार लो मेरा मुहँ काला कर दो ….मेरी… इज़्ज़त… लूट… लो…
और न जाने क्या क्या चिल्लाती रही। मेरा लंड पिस्टन जैसा अन्दर बाहर हो रहा था.. बीच में तीन बार वो झड़ गई.. मुझे चिपटा लिया। उसके झड़ने से चूत और चिकनी हो गई थी। क़रीब 45 मिनट बाद मेरा लंड झड़ने लगा और लंड मैंने पूरी गहराई में डाल दिया। मै एकदम थक सा गया था, मैंने उसकी बुर में ही सब निकाल दिया। वो भी थक गई थी, बोली- मज़ा आ गया राजा, इस चुदाई को याद रखूंगी, तुमने तो मेरी जवानी खिला दी, बहुत बड़ा लंड रखे हो कहाँ छुपा रखा था ?
मैंने कहा- पूनम, क्या यही चुदाई है?
बोली- हाँ राजा ! तुमने अपनी पूनम रानी को चोद दिया . अब तुम जहाँ बोलो, जब बोलो मैं चुदवाउंगी .
और फिर एक बार मैंने उसकी चूची को चूसा फिर मेरा खड़ा हो गया। इस बार पूनम ने मुझे नीचे लेटने को कहा और मेरे ऊपर चढ़ कर उसने अपने हाथ से लंड को अपनी चूत में डाला। लेकिन जैसे ही उसने अपनी गांड मेरे लंड पर दबाई तो फ़िर से चीख पड़ी- अईई..मर गई.. आह्ह..आह..
ऐसा करते हुए उसने गांड ऊपर नीचे करना शुरू किया। क़रीब 20 मिनट करने के बाद मैंने उसे पकड़ के अपने नीचे ले लिया था और मैं फिर पूनम पर चढ़ गया और उसे पेलने लगा। वो मना कर रही थी, कह रही थी- बहुत दर्द हो रहा है..
असल में वो फ़िर से दो बार झड़ गई थी। पर मैं नहीं माना और जब मैं फिर झड़ा तो वो बोली- राजा तुम तो बड़े वो हो? मेरे मना करने पर भी मेरी चूत को चोद दिया। मैं तो तुम्हें बच्चा समझ रही थी, तुम तो बड़े चोदू निकले ?
और वह मेरे लंड को चाटने लगी। मैंने कहा- मुझे पेशाब आई है।
वो बोली- चलो करा दूँ !
वहाँ उसने मेरा सारा पेशाब मुँह में लेकर पी लिया और बोली- चलो आज ही तुम्हें चोदना सिखा दिया। अब तुम मेरी कुंवारी गांड मार लो !
मैंने कहा- यह क्या होता है?
उसने अपना चूतड़ मुझे दिखाया और बोली- यह छोटा सा छेद जिसमें तुम ऊँगली डाल रहे थे, इसे गांड कहते हैं। मगर इसे मारने में दर्द होगा।
मैंने उसकी गांड पर हाथ मारा- लो मार दी !
वो हँसने लगी और मेरे होटों को चूसते हुए बोली- मेरे संजू राजा जी ! इसमें अपना लंड तो डालिये, जैसे मेरी चूत में डाला था।
मैंने जब यह सुना तो बिना सोचे समझे उसकी गांड के छेद पर लंड को टिकाया और दबाने लगा। गांड थोड़ी गीली थी क्योंकि उसकी चूत का जूस और मेरे लंड की मलाई बह कर गांड तक आ गई थी इसलिए थोड़ा सा सुपारा अन्दर घुसा
मैंने और धक्का मारा, वो चिल्लाई- राजा पहले तेल तो लगाओ नहीं तो मुझे बहुत दर्द होगा और यह मोटा लंड अन्दर जाएगा भी नहीं !
मैंने कहा- तो तुम ले आओ तेल !
वो उठी और नंगी ही तेल लेने गई। उसके मोटे चूतड़ ऐसे हिल रहे थे कि मेरा दिमाग हिल गया। मैंने दौड़ कर उसे पीछे से पकड़ लिया और आँगन में ही उसे कुतिया बना कर उसके हाथ से तेल लिया और अपने लंड पर और उसकी गांड पर तेल लगाया और उसकी गांड पर लंड रख दिया।
वो बोली- अन्दर चलो !
पर मैं नहीं माना और धक्का मार दिया, जरा सा अन्दर गया था कि वो चीख उठी- ..अरे मार डाला रे.. आह्ह्ह मेरी माँ… मेरी गांड फट जायेगी.. निकालो..बाहर निकालो..
और वो रोने लगी- नहीं डालो ! दर्द हो रहा है !
मैंने पूछा- क्या पहली बार है ?
वो बोली- हाँ मैंने सुना था कि दीदी जीजा से गांड मरवाती है, मैं भी अपने पति से मरवाना चाहती थी लेकिन उसका लंड तो एकदम मरियल है। पहली रात में उसका लंड मेरी चूत में ही नहीं घुस रहा था। घुसने के पहले दो बार बाहर ही पानी निकल गया था। इसलिए मैंने उससे गांड मरवाने का कोई इरादा नहीं किया, लेकिन आज तुम्हारे इस मूसल और लोहे जैसे सख्त लंड को देख कर मेरी फ़िर से इच्छा हो रही थी इसलिए तुमसे कहा। पर तुम्हारे इस मोटे लंड से इतना दर्द हो रहा है, मैं सहन करना चाहती हूँ पर बहुत दर्द हो रहा है ! मत करो ..
तो मैंने कहा- हो सकता है अभी दर्द हो बाद में नहीं ! और मज़ा भी बहुत आये..?
वो बोली- ठीक है, जो चाहे करो ! मारो मेरी गांड राजा जी, आपकी ही चीज़ है जैसे चाहे इस्तेमाल करो !
मैंने दूसरा धक्का लगाया, वो चिल्लाई ! फिर तीसरा ..जो कि जबरदस्त था और पूरा 8″ लंड फ़चाक की आवाज़ के साथ अन्दर !
मेरे गोटे उसके चूतड़ से टकराए, मैंने हाथ बढ़ा कर उसकी नीचे लटकी चून्चियाँ पीछे से पकड़ ली और फ़िर मैंने मारा धक्के पे धक्का !
वोह चिल्लाती रही- बस कर ! फट गई मादरचोद .. बेहनचोद. ..बेटिचोद.. मार… डाला… अब… रहने… दो…. मत. करो… मार… डालोगे…
और न जाने क्या क्या बोलती रही।
मैंने देखा कि मेरे लंड पर खून लग गया था। उसकी गांड सच में फट गई थी लेकिन मैं रुकने की हालत में नहीं था.. वो रोक रही थी.. पर मैं नहीं माना..
अब मैंने उसकी चूत में ऊँगली डाल दी और चूत को ऊँगली से चोदने लगा।
वो आह्ह..उह्ह .. कर रही थी। मैंने लंड आधा निकाला..और बचा हुआ तेल उस पर डाला.. इससे लंड अब आराम से अन्दर जाने लगा.. इधर उसकी चूत भी ऊँगली से चुदवा रही थी.. और 15 मिनट में वो मज़ा लेने लगी उसका दर्द कम हो गया था… कुतिया जैसे उछलने लगी, गाना गा रही थी- गांड मारे सैयां हमार ! मोटे से लौड़े पे खून लाल लाल ! गांड मारे सैयां हमार
और भी अजीब अजीब हरकत कर रही थी और उसकी चूत झड़ गई..
मैंने भी अब स्पीड बढ़ा दी.. लेकिन मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था। क़रीब आधे घंटे गांड मारने के बाद मुझे लगा कि मेरा लंड झड़ने वाला है और 8-10 धक्के जोर से लगाने के बाद पूरा लंड अन्दर डाल कर मैं झड़ गया..
तो वो बोली- राजा जी, आज तो मैं फ़िर से जवान हो गई ! मज़ा आ गया है ! दिलखुश हो गया !
मैंने भी कहा- मुझे भी बहुत मजा आया !
मैंने उसकी गांड से लंड बाहर निकाला, उस पर खून लगा हुआ था। और जैसे ही बाहर खींचा..पक की आवाज़ हुई और मैंने देखा कि उसकी गांड खुली ही रही अंग्रेज़ी के O जैसे
और उसमें से मेरी मलाई बाहर निकलने लगी थी ..
हम दोनों ने बाथरूम में साफ किया और कमरे में आ गए और वैसे ही नंगे सो गए। क़रीब एक घंटे के बाद वो उठी। मेरी मम्मी के आने का वक्त हो गया था।
उसने कहा- संजू राजा .. आज तो तुम भी जवान हो के मर्द बन गए हो..
मैंने उसे फ़िर से चोदने के लिए कहा।
उसने कहा- आज नहीं ! बहुत दर्द कर रहा है ! बाद में ..
मेरी मम्मी ने आने के बाद कहा कि कल वो मौसी के साथ नासिक जाने वाली हैं। पूनम को कुछ काम समझाया और मुझे कुछ हिदायत दी।
तब पूनम ने मुझसे कहा- मेरे राजा, कल और मौका है !
दूसरे दिन की चुदाई तो घमासान थी..
वो फ़िर कभी ! क्योंकि उस चुदाई के बाद पूनम दो दिन काम पर नहीं आई थी..
और मैं जब उसके घर गया था तो उसने मुझे अपनी फूली हुई चूत दिखा कर कहा था- तुमने क्या हालत की है मेरी.. देख लो मुझसे चला भी नहीं जाता..
लेकिन बाद में वो काम पर आई..
तो दोस्तो और ऐसे मैंने पहली चुदाई की जो मेरी सेक्सी पूनम ने सिखाई..
बाद में मैं उसे दो साल तक चोदता रहा और उसे आज बच्चा भी है जो मेरा है उसकी आंखें और नाक मेरे से मिलते हैं और वो बहुत खुश है, मुझसे वो अपने घर बुला कर भी चुदवाती थी, उसकी दीदी के सामने उसके घर पर चोदा.. उसकी छोटी बहन शीला की सील भी मैंने तोड़ी जो कि उसके घर आई थी कुछ दिन के लिए..
यह सब बाद में..
पहले मुझे आपके पत्रों का इंतज़ार रहेगा.…
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