This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
लेखक : माइक डिसूज़ा
पाठको, अब तक आपने पढ़ा कि शिल्पा ने ट्रेन में मुझे अपनी चुदाई के किस्से बताये, कि कैसे वो पहली बार अपने अंकल से चुदी और फिर अपने नौकर और उसके दोस्त सुनील से चुदी।
और उसके किस्से सुनते हुए मैंने उसको दो बार चोदा। नीचे चुदाई करने के बाद हम लोग उठ गए, उसने मेरा लंड चाट कर साफ़ कर दिया और हम सीट पर बैठ गए।
मैंने उससे पूछा,”तो क्या सुनील और छोटू ने तुम्हें अगले दिन फिर चोदा?”
वो अपनी आपबीती सुनाने लगी। शिल्पा ले ही शब्दों में !
अगले दिन जब कामवाली और छोटू काम करके चले गए मैं बेसब्री से उनका इंतज़ार करने लगी। आधे घंटे बाद सुनील और छोटू आ गए। सुनील कहने लगा कि छोटू देख साली कैसे हमसे चुदने के लिए हमारा इंतज़ार कर रही है। मैं उन दोनों के बीच में सोफे पर बैठ गई और दोनों ने मेरे मम्मे दबाने शुरु किये और सुनील ने मुझे जोर से समूच किया। मैं गरम होने लगी थी। उन्होंने मेरी शर्ट ऊपर उठा दी, मैंने अपनी ब्रा के हुक खोल दिए और वो ब्रा को ऊपर उठाकर मेरी एक एक चूची चूसने लगे।
मैंने भी दोनों के लंडों पर हाथ रगड़ना शुरू कर दिया। थोडी देर बाद मैं सुनील के सामने घुटनों के बल बैठ गई और उसकी पैंट खोलकर उसका अंडरवियर थोड़ा नीचे करके उसके लंड को बाहर निकाल दिया।
मैंने उसके लंड को अपने हाथ से पकड़ लिया और चाटने लगी, फिर मैंने उसको थोड़ा थोड़ा अपने मुँह में लेकर चूसना शुरू कर दिया।
सुनील ने मेरा सर पकड़ा और नीचे दबा दिया। उसका पूरा लंड मेरे मुँह में घुस गया। मैं उसको फिर मज़े ले लेकर चूसने लगी। छोटू कभी मेरी गांड पर और कभी मेरे मम्मों पर हाथ फेरता रहा। सुनील सोफे पर पीछे होकर बैठ गया और मुझसे अपनी लंड चुसाई का मज़ा लेने लगा।
तभी दरवाज़े की घंटी बज गई। मैं रुक गई, सुनील बोला- तू रुक मत ! बहुत मज़ा आ रहा है ! दरवाज़े पर छोटू देख लेगा !
छोटू दरवाज़ा देखने चला गया और मैं फिर सुनील का लंड चूसने में मस्त हो गई। सुनील फिर मेरे मुँह में झड़ गया।
मैं उसका लंड को चाटकर साफ़ कर रही थी कि अचानक छोटू कमरे में दो और लड़कों को लेकर घुसा, मैं सुनील का लंड चाटने में इतनी मस्त थी कि मैंने ध्यान नहीं दिया।
मेरे पीछे से आवाज़ आई,”यार यहाँ तो काम पहले ही चालू है !”
मैं घबरा कर खड़ी हो गई।
सुनील हंसने लगा, बोला,”हम दोनों मिल कर तो तुम्हारी प्यास नहीं बुझा पाते तो आज मैंने किशोर और रवि को भी बुला लिया है।”
मैंने कहा,”मैं चार चार को नहीं झेल पाऊँगी।”
सुनील बोला,”तू चिंता मत कर, जितना तू झेल सकती है, तेरे साथ उतना ही करेंगे ! बस तू मेरी बात मानती जा।”
मैंने कहा,”ठीक है !”
फिर वो बोला,” हम गाना लगाते हैं और तू हमारे सामने नाच नाच कर कपड़े उतार !
मैं समझ गई कि वो मुझे स्ट्रिप टीज़ करने के लिए कह रहा है। मैंने पहले भी इन्टरनेट पर सेक्स के दौरान कई बार स्ट्रिप टीज़ किया हुआ था।
छोटू ने गाना लगा दिया और वो चारों सोफे पर बैठ गए।
मैंने नाचना शुरू किया। मैंने फिर धीरे से अपनी शर्ट के बटन एक एक कर के खोल दिए, फिर उसको उतार कर किशोर के मुँह पर फ़ेंक दिया।
मेरी ब्रा के हुक पहले ही खुले हुए थे, मैंने उसको भी निकाल कर रवि के ऊपर फ़ेंक दिया। वो दोनों मेरी मस्त जवानी देख कर उत्तेजित होने लगे।
मैं नाच रही थी और मेरे दूधिया मम्मे उछल रहे थे। किशोर और रवि दोनों अपने लंडों को पैंट के बाहर से ही रगड़ने लगे, फिर मैंने अपना पजामा भी नीचे उतार दिया और उनको अपनी मस्त जांघों के दर्शन कराये।
फिर मैं कुतिया की तरह चल कर किशोर के पास गई और घुटनों पर बैठ कर उसकी पैंट खोलने लगी। पैंट की जिप खोलकर उसका अंडरवियर थोड़ा सा नीचे करके मैंने उसका लंड बाहर निकाल लिया और चाटना शुरू कर दिया। दूसरा हाथ मैंने रवि के लंड पर रख दिया।
रवि ने अपनी पैंट खोलकर लंड बाहर निकाला और मेरे हाथ में दे दिया। इस तरह एक तरफ मैं किशोर के लंड को चाट और चूस रही और दूसरे हाथ से रवि के लंड को छेड़ रही थी।
छोटू फर्श पर लेट कर मेरे नीचे आ गया और मेरे लटकते हुए मम्मों को चूसने लगा। सुनील का लंड भी ये सब देखकर दुबारा से खड़ा हो गया और मेरे पीछे आ गया। उसने मेरी पैंटी घुटनों तक करके मेरी टांगों को थोड़ा सा फैलाया और अपना लंड मेरी चूत पर पीछे से रगड़ने लगा। फिर अचानक ही उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया और मुझे चोदने लगा।
मैं चार चार लौंडों को एक साथ संतुष्ट कर रही थी यह सोच कर बहुत उत्तेजित हो रही थी। थोड़ी देर में सुनील मेरी चूत में झड़ गया। फिर उसने छोटू को इशारा किया। छोटू ने मेरे पीछे आकर अपना लंड अपनी मालकिन की चूत में घुसा दिया और धक्के मारने लगा। थोड़े ही दिन में छोटू चोदने में एक्सपर्ट हो गया था। फिर वो भी मेरी चूत में झड़ गया। अब किशोर और रवि की बारी थी मुझे चोदने की।
मैं दो दो लंडों से चुदने के बाद भी और चुदना चाहती थी। किशोर ने भी पीछे से आकर मुझे कुतिया की तरह चोदना शुरू किया। आगे मैं रवि का लंड चाटने और चूसने लगी। सुनील और छोटू दोनों बगल से मेरे मम्मों को मसल रहे थे। जब किशोर भी मेरी चूत में झड़ गया तो रवि मेरे पीछे आया और मेरी गांड में ऊँगली करने लगा।
सुनील बोला- साले, गांड मारेगा क्या?
रवि ने कहा- हाँ।
मैं घबरा गई और कहने लगी- प्लीज़, मेरी गांड मत मारो ! चूत ही चोद लो ! इसका तो है भी इतना बड़ा !!! पता नहीं मेरा क्या होगा ! मैं मर जाऊँगी।
सुनील बोला- देख किसी न किसी दिन तो तूने गांड मरवानी ही है ! शुरुआत आज ही कर देते हैं।
फिर उसने छोटू से तेल मंगवाया जो रवि ने थोड़ा अपने लंड पर लगाया और थोड़ा मेरी गांड में। धीरे से उसने फिर अपना लंड मेरी गांड के छेद पर रख दिया और थोड़ा थोड़ा करके अन्दर डालने लगा। अब उसने हल्के हल्के धक्के मारने शुरू किये।
मुझे दर्द हो रहा था पर मैं झेल रही थी।
थोड़ी देर में दर्द कम हो गया और मज़ा आने लगा। उसके धक्के तेज़ होते जा रहे थे। पहली बार मैं अपनी गांड मरवा रही थी मुझे बहुत मज़ा आ रहा था।
थोड़ी देर में वो भी मेरी गांड में झड़ गया। फिर सुनील ने छोटू को नीचे लेटने को कहा और मुझसे कहा कि मैं उसके ऊपर चढ़ जाऊँ।
मैं छोटू पर चढ़ गई और उसका लंड अपनी चूत में ले लिया। अब मेरे पीछे से सुनील आया और अपना लंड मेरी गांड में घुसा दिया। अब मेरी गांड और चूत दोनों में एक एक लंड था। उसने पीछे से धक्के मारने शुरू किये और मैं चूत और गांड दोनों में एक साथ चुदने लगी।
बाकी दोनों आगे आकर मेरी चूचियाँ चाट रहे थे। थोड़ी देर में दोनों मेरी चूत और गांड में झड़ गए।
इस तरह मैं उन चारों से बारी बारी अपनी चूत और गांड में 3-4 घंटे तक चुदवाती रही। फिर मम्मी और पापा के आने का समय हो गया तो वे चले गए।
अगले दिन मेरी चुदाई के बाद सुनील बोला कि कल अमित का जन्मदिन है और हम उसे एक स्पेशल तोहफा देना चाहते हैं।
मैंने पूछा- क्या?
तो वह बोला-तुम !
मैंने कहा- क्या मतलब?
सुनील बोला- हम चाहते हैं कि अमित अपना जन्मदिन तुम्हें चोदकर मनाये !
मैंने कहा- वहाँ तो इतने सारे लोग होंगे ! अगर सब मुझे चोदेंगे तो मैं मर ही जाऊंगी !
सुनील बोला- नहीं, तुम्हें सिर्फ अमित ही चोदेगा ! बाकी को मैं रोक लूगा।
मैं तैयार हो गई।
अगले दिन वो मुझे अमित के घर ले गया।
जैसे ही हम अंदर घुसे तो मैंने देखा कि आठ दस लोग बैठे दारु पी रहे हैं।
मैंने सोचा यह सब मिलकर मेरे ऊपर चढ़ गए तो मेरा दम निकल जाएगा। मुझे वहाँ देखकर सब चौंक गए।
सुनील ने मुझे सब से मिलवाया फिर बोला- आज मैं अमित के लिए एक खास तोहफा लेकर आया हूँ, शिल्पा !
लोग तब भी नहीं समझे।
तो सुनील ने गाना लगाया और मुझसे बोला- चलो, शुरू हो जाओ !
मैंने नाचना शुरू किया तो लोगों को कुछ समझ में आया कि क्या हो रहा है। मैंने धीरे धीरे अपनी शर्ट के बटन खोलने शुरू किये और लोग मस्त होने लगे। सबके लंड खड़े होने लगे थे।
मैंने अपनी शर्ट उतारकर अमित के ऊपर फ़ेंक दी। मेरी काली सिल्की ब्रा में से छलकते हुए मेरे गोरे मम्मों को उछलते हुए देखकर सबकी आह निकल गई।
फिर मैंने धीरे धीरे अपनी जींस नीचे उतार दी और सबको अपनी टांगों के दर्शन कराये। कुछ लोगों ने अपने लंड मसलने शुरू कर दिए थे। अमित अभी भी बस मुझे देखे जा रहा था। मैं उसके पास गई और उसकी गोद में बैठ गई। उसने पीछे से मेरे मम्मे दबाने शुरू कर दिए।
बाकी लोग भी मेरे पास आने लगे तो सुनील ने उन्हें रोक दिया और कहा- आज शिल्पा सिर्फ अमित की है, कोई और उसे नहीं छूएगा।
अमित ने अब पीछे से मेरी ब्रा के हुक खोल दिए और उसे उतार दिया। सब मेरी चूचियों को ललचाई नज़र से देखने लगे। कुछ लोगों ने अपने लंड बाहर निकाल लिए और मुठ मारने लगे थे।
मैं फिर नीचे उतर कर घुटनों पर अमित के सामने बैठ गई। मैंने अमित की पैंट खोली और उसका लंड बाहर निकाल लिया और उसको चाटने और चूसने लगी।
थोड़ी देर में मैं पैंटी उतारने के लिए उसके सामने खड़ी हो गई।
पर तभी सुनील ने पीछे से आकर मेरी पैंटी नीचे खींच दी और मेरी चिकनी चूत उसको दिखाकर बोला- यह है तेरे जन्मदिन का तोहफा ! आज चोद ले इसे जितना चोदना है !
अमित ने खड़े होकर अपने सारे कपड़े उतार दिए और मुझे चूमने लगा। बगल में लोगों ने सीटियाँ मारनी शुरू कर दी और तरह तरह की आवाजें निकालने लगे।
छोटू बोला- आज छोड़ना नहीं अमित, फाड़ दे साली की। बहुत मस्त माल है !
मैं चोंक गई कि यह छोटू को क्या हो गया है अपनी मालकिन के बारे में क्या बोल रहा है।
फिर मैं जाकर वहाँ एक मेज़ पर लेट गई। अपने चूतड़ किनारे पर लाकर मैंने अपनी टाँगे हवा में उठाकर फैला दीं। मेरी खुली चूत देख कर वो पागल हो गया।
उसने मेज़ की बगल में खड़े होकर अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और धक्के मारने लगा। बाकी सब लोग अपने अपने लंड लेकर मेरे पास आ गए और मुठ मारने लगे।
एक एक करके वो झड़ने लगे और अपने लंड का पानी मेरे ऊपर डाल दिया। मैं वीर्य में नहा गई। फिर सबने एक एक करके अपने लंड मुझसे चटवाकर साफ़ करवाए।
इतने लंडों का स्वाद मैंने ज़िन्दगी मैं पहली बार चखा था, बहुत मज़ा आया।
इधर अमित मुझे पेले जा रहा था। मेरे मम्मे भी उसके धक्कों से बार बार उछल रहे थे।
लोगों ने बारी बारी आकर मेरी चूचियों का स्वाद भी चखा। थोड़ी देर बाद अमित मेरे अन्दर झड़ गया।
मैं पूरी गन्दी हो चुकी थी। मैं बाथरूम मैं नहाने गई तो अमित मेरे पीछे पीछे आ गया, उसने कहा- रांड, तुझे आज मैं नहलाता हूँ !
उसने शावर चलाया और मेरा शरीर ऊपर से नीचे तक मलने लगा। बाहर से सभी यह नज़ारा देख रहे थे। नहलाने के बाद अमित बोला- चल, अब तू कुतिया बन जा ! मुझे तेरी गांड मारनी है।
मैं वहीं कुतिया बन गई और वो पीछे से मेरी गांड मारने लगा।
थोड़ी देर के बाद वो मेरी गांड में झड़ गया। उसको तृप्त करके मैं वहां से चली आई। उसके बाद मैं मोहल्ले की रंडी बन गई और सुनील के सभी दोस्तों से चुदवाया।
मैं बहुत खुश रहने लगी थी क्योकि मेरी चूत कि प्यास बुझाने के लिए मुझे रोज़ लंड मिल जाते थे। उसके बाद मैं कई बर्थ-डे पार्टियों में चुदने गई। ज़िन्दगी बहुत हसीन हो गई थी।
उसका किस्सा सुनने के बाद मैं फिर गरम हो गया और बोला- चल अब तेरी गांड मारता हूँ।
वो घुटने ज़मीन पर रखकर सीट पर उलटी लेट गई और मेरे लिए अपने दोनों हाथों से गांड का छेद खोल दिया और बोली- ले भोंसड़ी वाले ! मार मेरी गांड !
मैंने अपना लंड उसकी गांड में घुसा दिया और उसकी गांड मारने लगा। ट्रेन में मैं भकाभक उसकी गांड मार रहा था। थोड़ी देर के बाद मैं उसकी गांड में झड़ गया।
फिर वो मेरी गोद में आकर बैठ गई।
आगे क्या हुआ, यह मैं आपको अगली बार बताऊंगा।
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000