This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रेषिका : ममता राजपूत
हाय दोस्तो !
मैं अन्तर्वासना की नियमित पाठिका हूँ और खाली समय में अक्सर मैं कहानियाँ पढ़ती हूँ।
मेरा नाम ममता है मैं वैसे तो हिमाचल की रहने वाली हूँ पर आज कल हम पंजाब में रहते हैं। मैं चार भाई बहनों में दूसरे नम्बर पर हूँ। मेरा कद 5 फीट 2 इंच है रंग गोरा है। मैं बचपन से ही थोड़ी मोटी हूँ और काफी सेक्सी विचार रखती हूँ। मैं और मेरी छोटी बहन रात को एक साथ सोते है, मैं अक्सर अपनी बहन का चुम्बन आदि कर लेती थी।
पढ़ाई पूरी होने के बाद मैं नौकरी तलाशने लगी। तभी मेरे भईया के एक दोस्त ने बताया कि रेडीमेड के एक शोरूम में मैनेजर की जगह खाली है। मैंने अप्लाई कर दिया, मेरी सेलेक्शन हो गई और मैंने काम पर जाना शुरू कर दिया। वहीं मेरे साथ एक लड़का काम करता था जिसका नाम रमन था, वो हमेशा मुझे गन्दी निगाह से देखता था। मन ही मन वो भी मुझे अच्छा लगता था पर मैं चाहती थी वो ख़ुद कहे।वो हमेशा ही मेरे साथ बात करने के बहाने तलाशता रहता था। काम करते वक्त वो कभी कभी मुझे छू लेता तो मैं कुछ नही बोलती थी। इससे उसका हौंसला बढ़ गया और वो कभी कभी मेरे वक्ष भी दबा देता था या फिर मेरी गांड में ऊँगली दे देता था। मैं ऊपर से नाराज होती पर यह सब मुझे भी अच्छा लगता था।
कुछ दिन बाद मेरी बुआ के लड़के की शादी थी, हम सब गाँव जा रहे थे। मम्मी पापा सुबह चले गए, मैंने और बड़े भैया ने शाम को जाना था। हमें शाम छः बजे जाना था। मैंने दो बजे छुट्टी ले ली और रमन को कहा कि मुझे घर छोड़ आए क्योंकि मेरे पास कोई साधन नहीं था, रमन के पास मोटरसाइकिल थी। मैंने उसके पीछे बैठ गई और हम घर पहुंचे। भईया घर नहीं थे। मैंने फ़ोन करके पूछा तो भईया ने कहा- मैं अभी दो-तीन घंटे बाद आऊंगा।
तो मैंने रमन को कहा- थोड़ी देर रुक जाओ, चाय पी कर चले जाना !
वो बैठ गया। मैंने जाकर पहले अपने कपड़े बदले, मैंने जानबूझ कर टी-शर्ट और पायजामा पहन लिया और नीचे से कुछ भी नहीं पहना। मैं रसोई में जाकर चाय बना लाई और रमन को पकड़ा दी। वो लगातार मुझे देखे जा रहा था।
मैंने पूछा- क्या देख रहे हो?
तो वो फट से बोला- आप बहुत सेक्सी लग रहे हो !
मैंने जानबूझ कर कहा- तुम झूठ बोल रहे हो !
तो वो उठ कर बिल्कुल मेरे करीब आ गया। इससे पहले कि मैं कुछ बोलती उसने मुझे अपनी बाहों में भर लिया।
मैं भी यही चाहती थी सो मैंने उसे रोकने की कोशिश नहीं की।
मैंने कहा- ज़रा रुको, मैं दरवाजा बंद कर दूँ !
मैं बाहर दरवाजा बंद करने गई और गेट अच्छे से बंद करके वापिस आई तो देखा कि रमन अपना 8 इन्च का लंड हाथ में पकड़ कर बैठा था। मुझे देखते वो एकदम आया और मुझे उठा कर सोफे पर ले गया और मेरे स्तन मसलने लग गया। मैंने उसके लंड को पकड़ लिया और उसे ऊपर नीचे करने लगी। फिर उसने मुझे कपड़े उतारने के लिए कहा। मैंने पायजामा और टी-शर्ट उतार दी और एकदम नंगी हो गई।
अब मैंने उसे कहा- तुम कब कपड़े उतारोगे?
उसने भी अपने कपड़े उतार लिए। मैं सोफे पर लेटी हुई थी और उसका लंड मेरे मुँह के सामने था। उसने मुझे अपना लंड चूसने के लिए कहा पर मैंने मना कर दिया।
उसने कहा- कोई बात नहीं !
और मेरी टांगों के बीच बैठ गया और अपनी जबान मेरी फुद्दी में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा।
मैं पागल हुए जा रही थी तो मैंने कहा- मुझे भी तुम्हारा लंड चूसना है !
हम दोनों 69 की पोजीशन में हो गए। मैंने जिंदगी में पहली बार लंड का स्वाद चखा था, नमकीन सा था उसका स्वाद ! पर मुझे एकदम शहद जैसा लग रहा था ! मैं लोलीपॉप के जैसे उसके लंड को चूस रही थी। हम दस मिनट इसी पोजीशन में रहे, तभी रमन हांफने लगा और एक तेज पिचकारी मेरे मुँह में मारी और फिर मेरे मुँह से लंड निकाल कर बाकी पानी मेरे मम्मों पे गिरा दिया।
मैंने कहा- तुम्हारा तो काम हो गया ! अब क्या होगा?
उसने कहा- मैडम जी, आप चिंता क्यों करते हो? अभी खड़ा हो जाएगा।
वह मेरी टांगो के बीच बैठ गया और दो उंगलियों से मुझे चोदने लगा। दो तीन मिनट बाद मेरी फुद्दी से हल्का हल्का पानी आने लगा। मेरी फुद्दी एकदम गीली हो गई थी। अब तक उसका लंड फिर तैयार हो गया था। अब मेरे को भी आग लगी हुई थी कि जल्दी से जल्दी वह मेरी फुद्दी में अपना लंड डाले। वह खड़ा हुआ, मैं सोफे पर थी, उसने मेरी टाँगें अपने कंधे पर रखी और अपना लंड का सुपारा मेरी फुद्दी के मुँह पर रखा।
चूंकि यह मेरी पहली बार थी तो मैं काफी डरी हुई थी, पर रमन ने कहा- घबराने की कोई बात नही है !
उसने आराम से धक्का लगाया और उसका लंड आधे थोड़ा कम मेरी फुद्दी में चला गया।
मेरी जान गले में आ गई, मेरी आंखों के सामने अँधेरा सा आ गया। मैंने सोचा- शायद मैं आज नहीं बचूंगी !
पर वह पागलों की तरह धक्के लगाये जा रहा था। 5 मिनट बाद सब सामान्य हो गया, मुझे भी मज़ा आने लगा। अब मैं भी चूतड हिला हिला कर उसका साथ देने लगी।
तभी मुझे लगा कि मेरी फुद्दी से पानी जैसा कुछ निकल रहा है। मैं झड़ गई थी।
मैंने रमन को कहा- अब बस करो ! मुझे दर्द हो रहा है !
पर वह रुक नहीं रहा था और बोला- मेरा काम कैसे होगा ?
तभी उसने अपना लण्ड मेरी फुद्दी से निकाल लिया और मुझे सीधी होकर लेटने के लिए कहा।
मैं लेट गई। अब वो मेरे स्तन पकड़ कर उनके बीच अपने लंड से चोदने लगा। पूरे पाँच मिनट बाद एक गर्म पानी की पिचकारी मेरे गाल पर पड़ी। उसका झड़ चुका था, वह अपने लंड को खींच-खींच कर मेरे मम्मों पर अपना वीर्य गिरा रहा था। मैं बहुत खुश थी क्योंकि मैंने जिंदगी में पहली बार सेक्स किया था।
रमन थोड़ी देर मेरे पास लेटा रहा। मैं उठ कर बैठ गई। मैंने देखा कि रमन के लंड पर थोड़ा वीर्य लगा हुआ था।
मैं पागलों जैसे उसके लंड को चूसने लगी। फिर हम दोनों बाथरूम गए। हम दोनों ने एक दूसरे को नहलाया।
मैंने घड़ी देखी तो 5 बजने वाले थे। भईया के आने का समय हो गया था। हम दोनों ने कपड़े पहने। मैं रमन को छोड़ने के लिए दरवाजे तक आई, उसने मुझे होंठों पर चूमा और बाय कह कर चला गया। आधे घंटे बाद भईया आ गए। हम तैयार हो कर स्टेशन पहुंचे और ट्रेन में बैठे। ट्रेन में मेरी फुद्दी में बहुत दर्द हो रहा था पर एक सुखद एहसास हो रहा था !
आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल जरुर करें !
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000