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प्रणाम दोस्तो, आपने मेरी पिछली कहानी कुंवारी लड़की को सुनसान बिल्डिंग में चोदा पढ़ी होगी। मुझे बहुत मेल भी आये है। मैं आप सबको धन्यवाद देता हूँ और आगे बढ़ता हूँ।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे कंचन मिल गयी और सुनसान बिल्डिंग में ले जाकर मैंने कैसे उसे चोदा।
उस वक्त बाद जब भी मौका मिलता, मैं उसे बिल्डिंग में ले जाता और उसकी चूत को मसल देता।
वो भी मुझसे कॉल और मेसेज पर सेक्स की बातें करती और नए नए सेक्स के वीडियो में उसे भेजता। जब हम अगली बार मिलते तो उस वीडियो की तरह सेक्स करते थे।
कंचन की कुछ सहेलियाँ भी अब मुझे पहचानने लगी थी। पर इतना ही उनको पता था कि मेरे और कंचन के बीच सिर्फ दोस्ती है।
एक दिन मैंने उसके साथ उसकी एक सहेली को देखा जो वहीं पड़ोस में रहती थी। मैं उसे देखकर तो पहचानता था पर कभी बात नहीं की थी। रंग गोरा, उभरे हुए स्तन, भूरे बाल, और नजाकत भरी आँखें … हाय क्या दिखती थी वो लड़की! मैंने उसे पहले कई बार देखा था। लेकिन उस दिन मुझे पता चला कि वो कंचन की सहेली है। मैंने कंचन से उसका नाम पूछा, तो उसका नाम अलीजा (बदला हुआ नाम) बताया।
मैं उससे बात करना चाहता था और मैंने यह बात भी कंचन को बता दी। उसको थोड़ा बुरा लगा क्योंकि मैं किसी और लड़की से बात करूं, ये उसे पसंद नहीं था। उसने मुझसे कुछ नहीं कहा और वहॉँ से चली गयी।
मैं उसे समझ सकता था लेकिन मैं किसी भी तरह अलीजा से बात करना चाहता था।
एक दिन बातों बातों में कंचन ने मुझे बता दिया कि अलीजा ही उसे सेक्स के वीडियो दिखाती थी। उसके कई बॉयफ्रेंड भी हो चुके है। उसे ऑनलाइन सेक्स वीडियो देखना अच्छा लगता है। वो इंटरनेट के मामले में बहुत होशियार है। वो दिनभर लड़कों से सोशल मिडिया पर बातें करती रहती है।
मुझे सिर्फ कोई रास्ता चाहिए था जिससे में अलीजा तक पहुँच सकता था। मैंने घर जाकर फेसबुक पर अलीजा को सर्च किया और फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दिया। मैं अब इंतजार करने लगा लेकिन एक सप्ताह तक कुछ नहीं हुआ।
एक दिन मार्केट में मुझे अलीजा और कंचन साथ में मिल गयी। मैंने कंचन को आवाज दी और बात करने लगा। साथ ही मैंने अलीजा से बात छेड़ दी- तुम फेसबुक यूज नहीं करती क्या? उसने तुरंत पूछा- क्यों? “मैंने रिक्वेस्ट भेजी है लेकिन तुमने देखी नहीं … इसलिये मुझे लगा!” मैंने कह दिया। “बहुत लोग रिक्वेस्ट करते हैं तो पता नहीं चला होगा.” ये कहकर उसने तुरंत अपना मोबाइल निकाल कर फेसबुक चालू किया और रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट किया।
मैं भी इसी बात के लिए बेसबर था। मैंने तुरंत उसे मेसेज करना शुरू किया।
पहले इधर उधर की बातें हो जाने के बाद मैंने उससे पूछा- तुम उस दिन कंचन के घर क्या कर रही थी? मैंने कंचन से जो बात कही थी वो उसे भी बोल डाली।
उस वक़्त मुझे पता चला कि कंचन ने सब बातें अलीजा को बताई थी। मैंने उससे उसका नंबर मांग लिया और अब हम रोज फोन पर बातें करने लगे।
अलीजा से मेसेज पे बात करते करते, कभी मैं सेक्सी बातें भी कर देता। कभी उसको पोर्न वीडियो भेज देता। वो भी मेरे साथ सेक्स चाट करती थी।
एक दिन मैंने उसे वीडियो कॉल के लिए मना लिया। मैंने उसे वीडियो कॉल पर अपने कपड़े उतारने को कहा। उसने पहले अपना टॉप उतारा। वो मेरे सामने अब ब्रा में थी। मुझे वीडियो कॉल पर किस दे रही थी।
कुछ देर में मैंने उसे ब्रा भी उतार देने को कहा। बहुत मना करने के बाद वो मान गयी और उसने ब्रा उतार दी। मैं उसके गोरे मम्मों को देख कर पागल हो गया। मैंने उन मम्मों को चूसने की मेरी ख्वाहिश उसे बता दी।
उस दिन मैंने मुट्ठ मार के अपना काम चलाया। लेकिन मैं उसे जल्द ही चोदना चाहता था।
मैंने कई बार अलीजा को उस बिल्डिंग में आने के लिये मनाना चाहा. लेकिन वो बिल्डिंग में नहीं आना चाहती थी। वो उस बात को नहीं मान रही थी।
मैं भी हार मानने वाला नहीं था। मैं उसे हर तरीके से मनाने की कोशिश कर रहा था लेकिन हर बार असफल था।
उससे अकेले में मिलने का मुझे कोई मौका ही नहीं मिल रहा था। हम बस वीडियो कॉल पर ही बात करते थे। कॉल पर ही कपड़े उतरी नंगी अलीजा को देख लेता और खुश हो जाता। लेकिन मेरा मुकाम तो उसे मिलकर उसकी चुत का पानी निकालना था।
एक दिन हमारे इलाके में बिजली का कुछ काम हो रहा था। जिसकी वजह से हमारी बिजली का कनेक्शन कुछ देर के लिये बंद किया गया था। ऐसे ही रात हो गयी। वैसे मुंबई में कभी लाइट जाती नहीं है इसलिए लोग इसके लिए तैयार नहीं थे। उस दिन बहुत अँधेरा दिख रहा था। लोगों ने मोमबत्ती जला रखी थी लेकिन उसमें ज्यादा उजाला नहीं मिल रहा था।
मैं उस बिल्डिंग के करीब से गुजर रहा था। इतने में मुझे अलीजा कहीं जा रही दिखी। मैंने उसे आवाज दी और पूछा तो पता चला कि उसके घर कोई नहीं है और बिजली न होने के वजह से उसे डर लग रहा है। इसलिए वो कंचन के घर जा रही थी। मैंने उसे कहा- अब तो हमें कोई नहीं देखेगा, चलो चलते है बिल्डिंग में!
लेकिन हर बार की तरह उसने मना कर दिया।
इतने में उसे याद आया कि वो कुछ चीजें घर ही भूल गयी है। उसने मुझसे पूछा- क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगे? अँधेरे में मुझे अकेले डर लग रहा है। मैं भी यही चाह रहा था। मैंने तुरंत हा कर दिया और हम अलीजा के घर पहुंच गए।
अँधेरा होने के कारण कोई भी घर के बाहर नहीं था और होता तो भी देख नहीं पाता। मैं और अलीजा घर के अंदर चले गए।
अलीजा मोबाइल के टोर्च से कुछ ढूंढने लगी। उसने कुछ देखा और झट से पीछे हटी और मुझसे लिपट गयी। मैंने पूछा- क्या हुआ? दो पल तो वो कुछ कह नहीं सकी। फिर उसने डरते हुए दबती आवाज में कहा- छिपकली थी। वो अब भी मुझसे लिपटी हुई थी।
मैं भी ऐ सेही कुछ मौके की तलाश में था। मैं एक हाथ उसकी पीठ पर ले जाकर उसे सहलाने लगा और उसे दिलासा देने लगा। फिर मैंने थोड़ा सर उठाकर उसके गले पर चूम लिया।
वो थोड़ी सी कसमसाई लेकिन अब भी वो मुझसे चिपकी हुई थी। उसके शरीर में गर्मी बढ़ रही थी। वो अहह अहह की आवाज से उसे बयाँ कर रही थी।
मैं अलीजा के गले को चूमते चूमते उसके ओंठों तक आ गया। उसके ओंठों को मेरे ओंठों में दबोच कर उन्हें चूसने लगा। प्यार के नशे में वो भी अब मेरा साथ देने लगी।
बहुत दिनों से जिस चीज का मैं इंतजार कर रहा था, वो आज मुझे मिलने वाला था। हम दोनों एक दूसरे के ओंठों को चूस चाट रहे थे। मैं कपड़ों के ऊपर से ही एक हाथ उसके उभारों पर ले गया और उन्हें हल्के हल्के दबाने लगा। वो मेरे ओंठों को और जोरो से चूसने लगी।
अलीजा अब पूरी तरह से मादक वासना में लीन हो गयी थी। उसकी चूत की प्यास अब उसकी आहों से और उसकी हरकतों से साफ झलक रही थी।
उसकी चूचियों को दबाते दबाते मैंने उसका टॉप उतार दिया। उसने सफ़ेद रंग की ब्रा पहनी हुई थी।
ज्यादा इंतजार न करते हुए मैंने उसकी ब्रा को भी उतार दिया और उसके मम्मों को आजाद कर दिया। मेरे सामने अब दो सख्त संतरे लटक रहे थे।
मैंने एक चूची को मुँह में भर लिया और उसे चूसने लगा। उसने जोर से सीईई कर के सिसकी भरी।
मैं अपनी जीभ उसकी चूची पर घुमाने लगा और एक हाथ से उसके दूसरे संतरे को मसलने लगा।
हम दोनों की सांसें तेज चल रही थी। वो मेरे चेहरे को उसके मम्मों पर जोर से दबाने लगी। मैं भी एक एक करके उसे दोनों मम्मों को चूसता और दबाता रहा. और वो जोर जोर से सी सीई सीईई करके आवाज करती रही।
मैंने उसका एक हाथ मेरे हाथ में लिया और मेरे लंड की तरफ इशारा किया।
पहले तो वो पैंट के ऊपर से ही मेरे लंड को मसलने लगी. लेकिन फिर तुरंत जोर से दबा कर वो मेरे लंड की तरफ मुड़ गयी। वो घुटनों के बल नीचे बैठ गयी।
अलीज़ा ने मेरा बेल्ट खोला और मेरी पैंट उतार कर एक तरफ रख दी। मैं अब उसके सामने अंडरवियर में खड़ा था। उसने ऐसे ही मेरे लंड को अंडरवियर के साथ मुँह में भर लिया और अपने दांतों से कटाने लगी। उसके हाथ मेरी जाँघों पर घूम रहे थे। मैं भी अपने होश खोने लगा। मैं उसके सर पर हाथ फेरने लगा।
वो तो जैसे पागल हो गयी हो … ऐसे बर्ताव कर रही थी। उसने मेरी अंडरवियर को नीचे किया और मेरा सांप उसके सामने तन कर खड़ा हुआ। मेरी अंडरवियर उसने पूरी उतारी भी नहीं थी कि उसने तुरंत मेरे लंड को मुँह में ले लिया और उसे जोर जोर से चूसने लगी।
उसने पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया जो उसके गले तक गया होगा। वो कभी लंड को पूरा अंदर लेती, कभी चाटती, कभी उसे काट देती तो कभी लंड के सुपारे को मुँह में रख कर स्ट्रॉबेरी की तरह चूसती।
इन सब खेल में वो माहिर थी और मुझे पूरे मजे दे रही थी।
जब वो मेरे लंड को जोर से मुँह में ही अंदर बाहर करने लगी तो मैंने भी मौका देख के उसके मुँह को चोदना शुरू किया। मेरा लंड उसके मुँह में तेजी से अंदर बाहर हो रहा था और वो गले से आवाज कर रही थी।
उसके मुँह को दो ही मिनट चोदने के बाद मैं उसके मुँह में झड़ गया। उसने भी सारा माल निगल लिया और मेरे लंड को फिर से चाटने लगी।
तीन चार मिनट मेरे लंड को चाटते ही वो फिर से तन कर खड़ा हो गया।
उसने खुद ही अपनी जीन्स उतारी कर फेंक दी।
मैंने उसे उठाया और पलंग पर लेटा दिया। मैंने देर न करते हुए उसकी लाल रंग की सफ़ेद फूलों वाली पैंटी उतार दी और उस पर चढ़ गया। मैंने लंड के सुपारे को उसकी चुत पर रगड़ना शुरू किया। उसके मुँह से फिर से आह निकली। उसकी चुत पानी छोड़ रही थी और मेरे लंड के स्वागत के लिये तैयार थी।
मैंने लंड को हल्के से अंदर धकेला। मेरा आधा लंड उसकी चुत में चला गया। उसने पहले भी सेक्स किया है, ये पता चलते मुझे देर नहीं लगी। लेकिन अभी उसने किसी छोटे लंड से ही काम किया था क्योंकि मेरा लंड उसकी चुत में पूरा नहीं घुस पाया।
मैं वैसे ही आधे लंड को अंदर बाहर करने लगा और कमरा आह आह आह सी सीई की आवाजों से गूंजने लगा।
कुछ देर तक उसको चोदने के बाद मैंने लंड से उसकी चूत पर जोर लगाया और जोर का धक्का मारा। उसने मुझे कस के पकड़ लिया। उसके नाख़ून मेरी पीठ पर गड़ गए। वो उम्म्ह… अहह… हय… याह… ना ना न करके चिल्लाई।
लेकिन तब तक मेरा लंड उसकी चूत को चीरते हुए अंदर चला गया था। इसी में वो झड़ गयी और मेरे लंड को गर्म पानी महसूस हुआ। मैंने उसे कस के पकड़े रखा और हल्के से लंड को बाहर लेकर एक बार फिर हल्के से अंदर डाला।
उसके मुँह से आह्ह्ह्हह अहह अह्ह्ह की आवाज निकली। लेकिन मैंने बिना रुके उसकी चूत में लंड को अंदर बाहर करना शुरू किया।
उसकी आहें निकलती रही और कुछ ही देर में वो उसके मजे लेने लगी। मैं एक हाथ से उसके मम्मे दबा रहा था और साथ ही में उसकी चुत की खुदाई कर रहा था।
अलीज़ा की चुत मेरे लंड को अंदर लेने के लिए उछलने लगी। वो कमर उठाकर मुझे साथ दे रही थी और मैं हर शॉट में स्पीड बढ़ाता चला गया। पूरे कमरे में अब आह्ह आह्ह आह और पच्च पच्छ की आवाज गूंज रही थी।
कुछ देर उसे इसी स्तिथि में चोदने के बाद हम दोनों साथ में झड़ गये।
अलीजा के चेहरे पर की ख़ुशी को वो छुपा नहीं पायी और मैं अपने मुकाम तक पहुंच गया था, इसलिए खुश था। हम दोनों ने कपड़े पहने।
अलीजा ने फिर एक बार मुझे गले लगाया और कान में धीरे से पूछा- अब खुश? मैंने कहा- आज तो खुश, लेकिन अभी बहुत कुछ बाकी है।
हम घर से बाहर निकले। बाहर देखा तो पता चला, बिजली तो कबकी आ चुकी है। हमें सेक्स करते ये बात पता ही नहीं चली।
उस दिन के बाद मैं कभी अलीजा तो कभी कंचन के साथ मजे कर लेता लेकिन दोनों को एक दूसरी के बारे में कुछ नहीं बताया।
तो दोस्तो, मेरी यह कहानी आपको कैसे लगी? मुझे [email protected] पर मेल कर के जरूर बताइये।
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