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प्रेषक : राजा बाबू
सीमा को अलवर गए हुए एक हफ्ता बीत चुका था और इस एक हफ्ते में मैंने वो नजारे देखे थे जिनकी जीवन में कभी उम्मीद नहीं की थी। पायल जैसी हसीन और जवान लड़की मुझसे चुदवायेगी, मैंने सोचा न था।
खैर अगले दिन सुबह नाश्ता करके मैं बैंक चला गया और दोपहर को जब लंच करने आया तो पहले पायल की चूत मारी फिर खाना खाया और बैंक वापस चला गया। शाम को घर आया और कपड़े उतार कर सीधे नहाने के लिए बाथरूम घुस गया।
अभी नहाया ही था कि किसी ने दरवाजे पर दस्तक दी, मैंने जल्दी से तौलिया लपेटा और दरवाजा खोलने आ गया। दरवाजा खुलते ही देखा कि मेरी सीमा डार्लिंग हाथ में मिठाई और फ्रूट से भरी थाली पकड़े खड़ी थी, जो वह अलवर से लाई थी और मेरा हिस्सा मुझे देने आई थी। मैं दरवाजा खुला छोड़कर अपने कमरे की तरफ चल दिया मेरे पीछे पीछे वो भी मेरे कमरे में आ गई, सीमा ने थाली को पलंग पर रखा और मेरे सीने से लगकर मुझे चूमने लगी। मैंने अपने दोनों हाथों से उनके चूतड़ों को दबाया और उनका गाउन कमर तक उठाकर तौलिए में से अपना लंड निकला और पैंटी के ऊपर से ही उनकी चूत पर रखकर दबा दिया।
सीमा बोली- अभी जाने दो ! राजा रात को आऊंगी, दरवाजा खुला रखना।
मूल चंद और मैं जब रात को डिनर कर रहे थे तो सीमा बार बार गुनगुना रही थी- रस्ता हमारा तकना ! दरवाजा खुल्ला रखना !
इसका अर्थ सिर्फ मैं समझ पा रहा था। खाना खाकर अपने कमरे में आया तो तुरन्त नींद आ गई। जब से सीमा और पायल की पुंगी बजानी शुरू की थी, रात को नींद खूब आती थी। रात को लगभग १२ बजे मेरी नींद खुल गई, देखा सीमा मेरे बगल में लेटी है और मुझे सहला रही थी। मैंने उसे अपनी बाहों में ले लिया, नंगा किया और अपना लंड उसके हाथ में दे दिया, उसने पहले तो अपने हाथों से लंड को सहलाया, फिर अपने मुंह में ले लिया। थोड़ी देर चूसने के बाद जब लंड बहुत टाइट हो गया तो वह लेट गई, मैं उसकी टांगों के बीच आ गया, अपना लंड उसकी चूत के होठों पर रगड़ने लगा तो बोली- राजा, देर न करो ! बहुत भूखी है यह ! अब डाल दो।
मैंने देर नहीं की, एक तकिया उसकी गांड के नीचे रखकर अपने लंड का सुपाड़ा उसकी बुर के मुंह पर रखा और एक झटके में पूरा लंड अन्दर कर दिया तो मुझे चूमने लगी। डेढ़ घंटे तक चुदवा कर वो अपने घर चली गई।
अगले दिन से पायल ने स्कूल जाना शुरू कर दिया तो लंच के समय सीमा को चोदने में कोई दिक्कत नहीं थी। अब दिक्कत थी तो सिर्फ इस बात की कि पायल नहीं चुद पा रही थी, जिस वजह से मैं तो परेशान था ही, पायल मुझसे ज्यादा परेशान थी। आप खुद सोचकर देखिये १८ साल की जवान लड़की जो ८ दिनों में ३० बार चुदी हो और अब ४ दिन से उसने लंड का दीदार भी ना किया हो, वो परेशान होगी या नहीं?
मैंने इसका भी एक रास्ता निकाला, रात को खाना खाते समय मैंने पूछा- पायल तुम्हारी पढ़ाई कैसी चल रही है?
इससे पहले कि पायल कुछ जवाब दे, सीमा बोली- बाकी सब विषयों में तो ठीक है, लेकिन इसका गणित बहुत कमजोर है, डरती हूँ कहीं फ़ेल ना हो जाए।
मैंने कहा- आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है, मैं दो महीने पढ़ा दूंगा तो ८०% से ज्यादा नंबर लाएगी। बस समस्या समय की है, उसका भी कोई रास्ता निकल आएगा।
काफी देर के विचार विमर्श के बाद तय हुआ कि रात को खाना खाने के बाद १० से ११ बजे तक पायल मुझसे गणित पढ़ा करेगी और यह काम आज से ही चालू।
मैं खाना खाकर अपने कमरे में आ गया, करीब आधे घंटे बाद पायल आई और आते ही मुझसे लिपट गई। मैंने उसे अपने से दूर करते हुए कहा- एक दो दिन धैर्य रखो, अभी हो सकता है तुम्हारे घर वाले हम पर नज़र रख रहे हों !
मैंने उसे पढाना चालू किया, लगभग ११.३० बजे सीमा आई, दरवाजा खटखटाया, मैंने तुंरत खोला।
सीमा बोली- चलो बेटी ! बहुत देर हो गई, अब अंकल को सोने दो !
पायल ने कहा- बस ये सवाल कर लूं, फिर आती हूँ !
मैंने कहा- भाभी जी आप ५ मिनट रुकिए, इसका काम हो गया है।
दूसरे दिन रात के १२ बजे तक पायल पढ़ती रही तो सीमा आई और बोली- चलो बेटी, १२ बज गए, हमें सोना भी है।
तो पायल ने कहा- आप लोग सो जाओ। मैं यहीं दीवान पर सो जाऊंगी।
मैं तपाक से बोला- यहाँ कैसे सो जाओगी, यहाँ सोना है तो कल से सोना और अपना कम्बल लेकर आना, क्योंकि मेरे पास एक ही कम्बल है।
माँ बेटी दोनों हंस दीं और चली गईं।
अगले दिन शाम को मैं बैंक से लौटा तो चाय पीने सीमा के घर चला गया, कहने लगी- पायल पास तो हो जायेगी ना?
मैंने कहा- आप बिल्कुल फ़िक्र ना करें, अगर आप ना बुलाएं तो वो शायद २ बजे तक भी मुझे ना छोड़े, कहे पढ़ाते रहिये।
सीमा बोली- आज उसे एक कम्बल दे दूँगी, जब तक पढ़े, पढ़े, उसके बाद वहीं दीवान पर सो जायेगी।
रात को खाना खाकर पायल आई, अपना कम्बल दीवान पर रखते हुए उसने मुझे शरारती नज़रों से देखा तो मैंने कहा- १२ बजे तक पढ़ो, फिर देखेंगे।
ठीक १२ बजे पायल बोली- सर, १२ बज गए आज की कोचिंग खत्म। अब आप के फीस लेने का टाइम हो गया।
मैंने ड्राइंग रूम की लाइट बंद की और पायल को गोद में उठाकर अपने बेडरूम में ले आया। उसके कपड़े उतार कर नंगा कर दिया और अपने कपड़े उतारने लगा तो बोली- मैं एक मिनट में सुसू कर के आ रही हूँ !
मैंने कहा- रुको, मैं भी चलूँगा, मुझे भी सुसू आई है !
कहने लगी- मैं आपके सामने सुसू नहीं करूंगी ! मुझे शर्म आएगी !
मैंने खुले शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा- जिस चूत में मेरा लंड लेते हुए शर्म नहीं आती उसमें से मेरे सामने सुसू करने में शर्म आती है?
मैंने उसका हाथ पकड़ा और दोनों बाथरूम में घुस गए, बाथरूम काफी बड़ा था। सुसू करने के बाद मैंने वहीं उसकी एक टांग उठाकर अपने हाथ में ली और अपने लंड का सुपाड़ा उसकी चूत पर रख दिया।
पायल कसमसाते हुए कहने लगी- जान बेड पर ले चलो।
मैंने लंड को चूत के अन्दर किया और उसी हालत में उसे बेड पर ले आया।
उस रात के बाद से मेरा टाइम टेबल सेट हो गया- दिन के १ बजे सीमा की चूत और रात के १ बजे पायल की चूत।
श्री श्री मूल चंद जी मनवानी जब पहली तारीख को किराया लेते हैं तो उन्हें मालूम ही नहीं होता कि इस किराये के बदले में मैं क्या क्या सुविधा ले रहा हूँ।
आशा है आपको मेरी कहानी पसंद आई होगी।
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