This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरे सभी पाठकों को नमस्कार, मेरी पिछली चुदाई की कहानी पुराने यार के लंड ने मजा दिया लाखों पाठकों ने पढ़ी, मुझे सैंकड़ों इमेल मिले प्रशंसकों के. धन्यवाद.
मैं फिर से अपनी जिंदगी की एक सच्ची सेक्स कहानी ले हाज़िर हुई हूँ. ये ससुर बहू सेक्स कहानी मेरे माँ बनने की है.
नए पाठकों के लिए मैं एक बार फिर से बता देती हूं कि मेरी उम्र 29 साल है. मेरी फिगर साइज 34-32-36 है. मैं पटना से हूं. मेरे पति मुझे संतुष्ट करने के लिए काफी नहीं हैं.
यह बात उन दिनों की है, जब मेरी शादी के 7 साल के बाद भी मुझे बच्चा नहीं हुआ था. सभी मुझे ताना देते थे, फिर भी मैं मन मार के सहती रहती थी. भले ही मैं पड़ोसियों से शारीरिक संबंध रखती थी, फिर भी उनसे मैं बच्चा नहीं चाहती थी.
एक बार मैं अपनी ससुराल, जहां मेरा पैतृक घर है, वहां गई थी. वहां मेरे चचिया ससुर जी रहते हैं. उनकी पत्नी का देहांत हो चुका था. उनकी बस एक बेटी है, जो शादीशुदा है. उनके दामाद का हमारी प्रॉपर्टी पर नजर रहती है. उनका इस बार की छुट्टियों में आना था.
मुझे यह मालूम था कि मेरे चचेरे ससुर जी एक नंबर के रंडी बाज हैं और इनको चूत के चक्कर में अपनी जायदाद लुटाने में समय नहीं लगेगा.
खैर … मैं अपने घर अपने पैतृक गांव गई हुई थी, तो मैं अपने खेत घूमने को चली गई. मैंने सोचा कि चल कर देखूं कि गांव में क्या-क्या हो रहा है, कौन-कौन सी फसलें लगी हुई हैं.
उस समय मौसम भी कुछ ठंडी का सा था. मैं शाल ओढ़े अपने खेत में घूम रही थी कि मुझे मकई के खेत में कुछ हलचल होती सी नजर आई.
मैंने वहां जाकर चुपके से देखा, तो ससुर जी गांव की किसी औरत को काफी तेज गति से चोद रहे थे. वो औरत अपने आपको चीखने से रोके हुए थी. साथ ही ससुर जी भी उसका मुँह अपने मुँह में दबाए हुए पूरी ताकत से उसकी चूत में लंड ठोक रहे थे.
काफी देर चूत चुदाई देखने के बाद मेरी भी वासना जाग उठी, लेकिन फिर भी मैंने अपने आपको संभाला. मैं चचेरे ससुर के लंड की ताकत देख कर हैरान हो गई थी. वो किसी मस्त अरबी घोड़े की तरह लंड को आगे पीछे कर रहे थे.
कुछ देर मुझे लगा कि अब ससुर जी अपना वीर्य निकालने वाले हैं, तो मैं झट से सामने आ गई. मुझे देख वो औरत मेरे ससुर जी को धक्का देकर हट गई, पर ससुर जी के लंड ने अपना कामरस छोड़ना शुरू कर दिया था. उनके लंड से बहुत सारी मलाई निकली.
लंड की मलाई ने मेरे दिल में बहुत से अरमान जगा दिए थे. मेरा मन तो उनका लंड चूसने का हो रहा था, मगर वो गांव की औरत उधर थी, तो इज्जत का फालूदा बन जाता इसलिए मैं मन मसोस कर वहां से चुपचाप चली आई. ससुर जी को मैंने कुछ नहीं बोला.
शाम हुई तो सबने खाना खाया. रात को मैं सोने गई. मगर मुझे बिना लंड लिए अब कहां नींद आने वाली थी. ऐसा नजारा और मस्त हथियार देखकर मेरी तो हालत खराब थी. ना जाने क्यों कुछ ही देर में मेरी चूत बिना उंगली किए खुद ही इतना पानी छोड़ने लगी कि मेरी हालत खराब होने लगी. ऐसा पहली बार हुआ था, जब बिना उंगली या लंड के मेरी चूत रस छोड़ने लगी थी.
अगले दिन मैं अपने घर वापस चली आई. अब मैं अपनी चूत में बस ससुर जी का लंड लेना चाह रही थी. शायद भगवान को भी यह भी मंजूर था. इस दिन के लिए मुझे ज्यादा इंतजार भी नहीं करना पड़ा.
एक हफ्ते बाद चचेरे ससुर जी हमारे घर आए. वैसे तो वह हमेशा आते जाते रहते थे, पर उस तरफ से कभी ख्याल नहीं आया. वो शाम को आए थे और मुझसे अपनी नज़रें नहीं मिला पा रहे थे.
मैं भी कुछ नहीं बोल पा रही थी, पर मुझे तो लंड की जरूरत थी. मेरे पति भी घर पर थे.
रात को कुछ यूं हुआ कि पति महोदय ने अपनी छोटी सी लुल्ली को मेरी चूत में डाला, दो तीन बार हिलाया और झड़ गए.
मैं जानबूझ कर उनसे झगड़ा करने लगी और इतनी जोर से बोलने लगी ताकि ससुर जी के कमरे तक आवाज चली जाए और उनको मालूम हो जाए कि मुझे पति के लंड से शान्ति नहीं मिल रही है.
जैसा मैंने सोचा था, वैसा ही हुआ. ससुर जी हमारे कमरे की तरफ चले आए.
जब मुझे अहसास हुआ कि ससुर जी आ चुके हैं, तो मैंने अपने पति से कहा- अपनी शादी को कितने साल हो गए, आप मुझे अब तक एक बच्चा नहीं दे पाए. ना जाने कितने टेस्ट करवा लिए, अब लगता है कि मुझे किसी और का बच्चा अपनी पेट में लेना होगा.
इस बात पर मेरे पति मुझसे गुस्सा होने लगे. मैंने उन्हें समझाया कि मेरा मतलब आईवीएफ विधि के द्वारा बच्चा हो सकता है और बच्चा किसी और का भी हो सकता है. किसी को नहीं मालूम रहता है कि इसमें वीर्य कौन देगा.
मेरे पति इस बात पर नाराज़ होने लगे. उन्होंने कहा- आज हमने सेक्स किया है, तो हो सकता है कि बच्चा ठहर जाए.
पर मुझे मालूम था कि इनका वीर्य इतना पतला है कि चूत से ही बह जाता है. यदि इससे कुछ होना होता, तो सात साल में न हो जाता.
मैंने कुछ नहीं कहा. मेरा काम शायद हो चुका था. मेरे चचेरे ससुर ने मेरी समस्या सुन ली थी.
सुबह पति चार दिन के लिए अपने काम से दूसरे शहर निकल गए. ससुर जी घर पर ही थे. उसी वक्त मैंने अपनी एक सहेली को फ़ोन किया. मेरे ससुर जी तब हॉल में बैठे हुए थे.
मैं सीढ़ियों से उतरते हुए फोन पर ये बोलते हुए उतरी- देखो मुझे कोई भी दिलवाओ लेकिन मेरे पेट में बच्चा होना चाहिए. यह सुन ससुर जी मेरी तरफ देखने लगे. मैंने झट से फ़ोन कट कर दिया.
ससुर जी- बेहया औरत ये सब क्या है? मैं भी गुस्से से बोली- पता नहीं किस खानदान में मेरी शादी हो गयी, पति निकम्मा निकला.
ये सब बातें असलियत में हुई हैं, जो भी मैं लिख रही हूँ.
मेरी इस बात पर मेरे ससुर जी गुस्सा हो गए. वे बोले- किस खानदान में … से तेरा क्या मतलब है? मैं बोली- वही मतलब है, जो आप समझ रहे हैं. वो मुझे गाली देकर डांटने लगे.
मैं भी बोली- अबे रंडीबाज … तू मुझे चोदना मत सिखा.
इस पर वे और गुस्सा हो गए. उन्होंने मुझे एक पकड़ लिया, गुस्से में मैंने भी उन्हें धक्का दे दिया.
अब क्या था उनका गुस्सा सातवें आसमान पर हो गया. उन्होंने मुझे पकड़ा और सोफे पर धकेल दिया.
ससुर जी गाली देते हुए कहने लगे- साली मादरचोद बहुत गर्मी है तेरी चूत में … रुक तुझे बताता हूं.
उस दिन मैं सिर्फ नाइटी में थी. मैंने अन्दर कुछ नहीं पहना था. वैसे तो ये मेरी आदत है … मगर आज मैंने जानबूझकर नंगी रहने का फैसला किया था.
सोफे पर गिरने के कारण मेरी नाइटी उठ गई, मेरी टांगें खुल गईं और चूत दिखने लगी. मैंने ऐसी अवस्था में अपनी चूत और भी ज्यादा फैला दी और उनको मेरी चूत दिखने लगी.
इससे उन्हें और आसानी हुई. उन्होंने मेरी नाइटी ऊपर कर दोनों हाथ पकड़ अपना लंड धोती से निकाला और मेरी चूत में एक झटके में ही पेल दिया.
ससुर का लंड चूत में क्या घुसा, मेरी तो आंखें ही पूरी खुल गईं, मैं जोर से चिल्ला दी. मगर वो बिना रहम किए मेरी चूत चोदने लगे. मैं थोड़ी देर चिल्लाती रही, तब तक कराहती रही, जब तक मेरी चूत ससुर जी का 9 इंच लंबा लंड लेने लायक नहीं हो गई.
उसके बाद मैं खुद कमर उठा उठा कर अपने ससुर के लंड से चुदने लगी. मेरे मुँह से मादक सिसकारियां निकलने लगीं ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
ससुर ने भी मुझे लंड से मजा लेते हुए देखा … तो और भी जोर से गालियां देते हुए मेरी चूत का कीमा बनाने में लग गए.
कामवासना में मेरे मुँह से भी आवाजें आने लगीं- आंह चोदो … और चोदो … मेरा निकलने वाला है.
ये सुनकर वो अचानक रुक गए और मुझे देखने लगे. मैंने उनसे साफ कह दिया- आप अन्दर ही निकल जाओ … मैं खुद यही चाहती थी आप मुझे चोदो … क्योंकि आपके लंड देख कर मैं आपकी दीवानी हो गयी थी. ससुर ने लंड बाहर खींचा और मुझे गोद में लेकर चूमने लगे.
ससुर- अभी इतनी जल्दी अमृत नहीं निकलने वाला है. मैंने भी कहा- अब चोदना ही है, तो आराम से कमरे में चल कर चोदिये.
इतना कह मैं उनकी गोद से उतर गई और अपनी नाइटी उतार पूरी नंगी हो गयी.
वो मुझे देखने बोले- तू तो मस्त रंडी निकली. मैं- मैं रंडी नहीं हूँ, पर आज से आपकी रंडी हूँ … मुझे आपके लंड से बच्चा चाहिए … मैं किसी और से भी चुद सकती थी, पर वो इस खानदान का नहीं होता. इसलिए आप मेरी ये इच्छा पूरी कीजिये और मैं आपकी.
मैं उनका लंड पकड़ कर अपने रूम में ले गयी और वहां पर मैंने उनका लंड चूसना शुरू कर दिया. उनके मुँह से सिसकारियां निकलने लगीं.
ससुर कहने लगे- मैंने अब तक कभी किसी से लंड नहीं चुसवाया, बस ब्लू फिल्म में ही देखता था. आज तूने मेरी इच्छा पूरी कर दी बिंदू … मैं तुझे कभी प्यासा नहीं रहने दूँगा. मैंने अपने मुँह से ससुर का लंड निकाला और कहा- आप जैसे चाहें, वैसे मुझे चोद सकते हैं. उन्होंने मुझसे बोला- क्या सच में? गांड में भी लेगी?
मैंने हां में सर हिला दिया.
उन्होंने मुझे घोड़ी बना कर चोदना शुरू कर दिया. मैं भी खुल कर बोल रही थी- और चोदिये … और जोर से … आपके भतीजे से कुछ नहीं होता … ऐसे ही चोदते रहिए.
ससुर जी भी मुझे गालियां देकर चोदने लगे- ले मादरचोदी, आज तेरी बुर फाड़ दूंगा … मेरा कोई बेटा नहीं है, पर अब तेरे पेट से मेरा बेटा होगा.
वो लगातार जोरदादर झटके मार रहे थे थे. मैं भी गांड को आगे पीछे कर करके उनका साथ दे रही.
मैंने अपना सर नीचे कर दिया, जिससे मेरी गांड और ऊपर को उठ गई. मैं जानबूझ कर गांड के छेद को खोल और बंद कर रही थी ताकि उनका ध्यान मेरी गांड के छेद पर भी पड़ जाए और वो मेरी गांड भी चोद दें.
ससुर जी मुझे चोदते हुए बोले- तेरी गांड तो बहुत प्यारी है. अब मैं इसमें लंड डाल कर भी चोदूंगा. मैं- मैं आज से सिर्फ आपकी हूँ, आपको जिस भी छेद में लंड डालना हो, डाल दीजिये … लेकिन पहले मुझे माँ बना दीजिये.
बस अब क्या था. ससुर जी की तेजस एक्सप्रेस मेरी गांड और चूत में धकाधक दौड़ती रही.
इसी तरह 25 मिनट चोदने के बाद जोरदार झटके से ससुर जी ने अपना सारा वीर्य मेरी चूत में छोड़ दिया. उनका वीर्य बहुत गाढ़ा था.
हम दोनों बिस्तर पर लेट गए. उनकी इस चुदाई के दौरान मैं 3 बार झड़ चुकी थी. मैं उनका लंड हाथ में ले कर सहलाने लगी … जिससे 5 मिनट में लंड फिर से खड़ा हो गया.
अब उन्होंने कहा- अब तेरी गांड मारूँगा. मैंने कहा- मार लो राजा.
उन्होंने मुझे उल्टा लेटाया, तो मैंने दोनों हाथों से अपनी गांड फैला दी. उन्होंने गांड के छेद में थूक डाला, अच्छे से उंगली की. ससुर ने कहा- मैंने फिल्मों में लड़की को लंड पर बैठ कर चुदते देखा है, क्या वैसा हो सकता है?
मैं मुस्कुरा दी और उन्हें बेड पर लिटा कर लंड को अपने थूक से पूरा गीला कर दिया. फिर अपनी गांड के छेद में लंड सैट करके धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी.
वो भी नीचे से झटके लगाने लगे और मेरी गांड की चुदाई करने लगे. मेरी चूचियां पकड़ कर चोदने लगे.
कोई 20 मिनट की चुदाई के बाद उन्होंने अपना लंड निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया और हुंकार भरते हुए सारा लंडरस मेरी चूत में छोड़ दिया.
मेरे ससुर जी हमारे यहां 4 दिन रहे और हम दोनों सिर्फ चुदाई में ही लगे रहे. हम दोनों ने घर में रहते हुए एक भी कपड़ा नहीं पहना.
मुझे चोदकर मेरे ससुर अपने गांव चले गए और कह गए कि मुझे फोन करना. एक महीने बाद मैंने उन्हें फोन करके बताया कि मैं माँ बनने वाली हूँ. वो काफी खुश हुए और घर आकर मेरी गांड मारी.
नौ महीने बाद ससुर के लंड से मेरी बेटी का जन्म हुआ. मैं और मेरे पति दोनों खुश थे. पति को लड़का होने की उम्मीद थी. मैंने कहा- अबकी बार लड़का हो जाएगा.
उनके जाते ही ससुर जी ने मुझे चूम लिया और खुश हो गए. मैंने ससुर जी से कहा- अभी एक हुई है दूसरी बार में फिर से कोशिश करेंगे.
उन्होंने अपनी आधी जायदाद मेरे नाम कर दी, जो मैं भी चाहती थी. आज भी मैं ससुर जी से चुदती हूँ. ये मेरी असली कहानी है. अगली बार कैसे मैं अपने ससुर और उनके दोस्त के साथ चुदी, ये बताऊँगी. आपको यह ससुर बहू सेक्स की कहानी कैसे लगी? मुझे बताएं. धन्यवाद. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000