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मेरी मामी की वासना स्टोरी में पढ़ें कि कैसे मेरी मामी ने मेरे ही बॉयफ्रेंड को पटा कर उससे चुदकर अपने जिस्म की प्यास बुझायी. मैंने लाइव चुदाई देखी मामी की!
मामी की वासना स्टोरी के पिछले भाग सड़क किनारे मैं चुद गयी यार से में आपने पढ़ा कि मेरी मामी मेरे बॉयफ्रेंड से चुदना चाह रही थी. मगर मम्मी की एक सहेली आ गयी थी तो उनकी ही वजह से पूरा खेल खराब हो गया. वरना आज कुछ होना पक्का था मामी के साथ! कुछ देर बाद सागर चला गया.
अब आगे मामी की वासना स्टोरी:
इस कहानी को लड़की की आवाज में सुनें.
अगले दिन मैंने सोचा कि क्यों न मामी को सागर से चुदवा कर लाइव चुदाई देखने का मज़ा लिया जाए।
एक दिन दोपहर में सागर घर आया तो उस टाइम मम्मी एक दुल्हन को तैयार करने गयी थी।
सपना डयूटी पर और शाम से पहले आने वाली नहीं थी। मैंने सोचा कि क्यों ना आज मामी की भी प्यास बुझवा दी जाए।
सागर मेरे कमरे में आया. हम दोनों ने पहले तो किस किया और फिर वो मुझे लिटा कर मेरे चूचे दबाने लगा.
मैंने उसको लिटा कर पैंट खोल कर कुछ देर तो उसका लन्ड चूसकर उसको गरम किया.
जब वो मुझे पेलने के लिए तैयार हो गया तो मैं बोली- अरे यार, मुझे कुछ काम से जाना है. तुम यहीं रुकना. मम्मी और सपना शाम तक आएंगे. मैं एक घंटे में आ जाऊंगी, फिर चोद लेना। इतना बोल कर मैं थोड़ी देर के बाद घर से बाहर आ गयी.
और फिर पांच मिनट बाद पीछे के दरवाज़े से अंदर घर के आकर छुप गयी.
मामी किचन में थी और सागर अपने कपड़े बदल रहा था. उसके कपड़े हमारे घर में भी कुछ रहते थे। अब सागर ने बस शॉर्ट्स पहना और शर्ट उतार दिया. वो अब नंगा था ऊपर से!
सागर बाहर किचन के तरफ बढ़ा अब मैं भी चुपके से उसके पीछे हो ली।
जब सागर किचन के बाहर पहुँचा तो मामी सिर्फ पेटीकोट और ब्लाउज में थी. वो काम करते समय साड़ी निकाल देती थी. उस टाइम उनका ब्लाउज बहुत छोटा था और पीछे से काफी खुला था।
सागर उनकी नंगी कमर और पीठ देख रहा था और उनकी गड्ढेदार नरम हिलती गांड को देख ही रहा था.
तब तक मामी पीछे पलटी तो आगे से उनके चूचों की गहराई और उनके काले निप्पल उस पीले ब्लाउज में साफ दिख रहे थे. उनका गोरा पेट और नाभि भी खुली थी।
मामी ने सागर को अंदर बुलाया और पूछा- क्या हुआ? क्या चाहिए? और मानसी कहाँ है? सागर बोला- मानसी किसी काम से गयी है, एक घंटे बाद आएगी. और मुझे प्यास लगी है।
मामी ने उसको पानी पीने को दिया. किचन में मामी काम कर रही थी और सागर उनके पूरे बदन को तड़ता हुआ उनसे बात कर रहा था।
कुछ देर बाद मामी काम खत्म करके बोली- चलो टी वी देखते हैं।
सागर मामी के साथ बाहर हाल में टीवी के सामने पड़े सोफे पर बैठ गया. टी वी चालू करके मामी की सोफे पर बैठ कर पिक्चर देखने लगी।
टीवी देखते देखते मामी धीरे धीरे सागर के तरफ खिसकती गयी और फिर एकदम उसके नंगे बदन से चिपक गयी. तो सागर ने भी अपना हाथ उनके पीछे लाकर उनके कंधे पर रख दिया. मामी उसके तरफ जानबूझकर थोड़ा सा झुककर बैठी थी जिससे उनकी बड़ी बड़ी चूचियों की गहराई सागर की दिखे. उसकी नज़र भी इसी चीज़ पर थी।
कुछ देर इसी तरह देखने के बाद दरवाज़े किसी ने खटखटाया तो अब मेरी और मामी की दोनों की एक साथ फटी की कहीं मम्मी या सपना तो नहीं आ गए। मामी उठी और थोड़ा सा ही दरवाज़ा खोल कर देखा तो बगल वाली आंटी को मम्मी से कुछ काम था. तो मामी ने बोला- अभी वो है नहीं! और वो चली गयी।
वापस आते टाइम मामी जानबूझकर अपना पैर टेबल पर फंसा कर सागर के ऊपर गिर गयी और उनका हाथ सीधे सागर के लन्ड पर पड़ा. लेकिन सागर ने उन्हें पकड़ लिया और वो नाटक करते हुए बोली कि उनका पैर हल्का सा मुड़ गया है।
सागर ने मामी का ये नाटक तुरंत समझ लिया और उनको अपने गोद पर कमर से खींच कर बिठा लिया और उनका दोनों पैर उठा कर अपने पैरों पर रख लिया. वह बोला- आप ऐसे बैठोगी तो थोड़ा आराम मिलेगा. इतना कहते हुए सागर ने उनके पेट को पकड़ लिया.
अब मामी भी गरमाने लगी थी और मुझे पक्का पता था कि अब तक सागर का लन्ड भी खड़ा हो गया हो गया।
वो दोनों कुछ देर देख ही रहे थे और अभी चुदाई का माहौल बन ही रहा था. तब तक मामी का फ़ोन बजा तो वो उठने लगी.
अबकी फिर जानबूझकर वो नाटक करते हुए खड़ी हुई. सागर भी उठा और उनको अपनी गोद में उठा लिया और उनके कमरे तक ले गया जहाँ उनका फ़ोन बज रहा था।
फोन बेड पर पड़ा था तो मामी ने उठाया. मम्मी का फोन था तो वो उनसे बात करने लगी.
अब तक सागर ने अपनी शॉर्ट उतार दिया और मामी को कस के पीछे से पकड़ लिया.
मामी एक बार को तो कामुक हो गयी और अब दूसरे ही पल सागर ने अपने दोनों हाथों को उनके बड़े बड़े चूचों पर रख कसर जैसे नीम्बू की तरह निचोड़ा. तो मामी के मुंह से एक ज़ोर की कामुक सिसकी ‘आहह हह’ मुंह से निकल गयी.
तो शायद सुधा ने पूछा- क्या हुआ? तो मामी बोली- कुछ नहीं, मेरा पैर मुड़ गया है. और अब सागर ने उन्हें पीछे से उठा कर सोफे पर ले आया।
अब वो नीचे बैठा और उनको अपने ऊपर बिठाकर मामी के कान को काटने लगा और चूसने लगा; उनके गले पर अपनी जीभ निकालकर पूरा गला चाटने लगा. मामी भी उसकी इस हरकत से बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई. उन्होंने मम्मी का फोन काट कर अलग रख दिया और उसके सीने पर निढाल होकर कामुकता भरी उफ़्फ़फ़ आहह की आवाज निकालने लगी।
सागर ने मामी को हटाया और उनको उल्टा करके सोफे पर लिटा दिया और अब वो उनकी पीठ और कमर को चूमने लगा. उसने मामी का पेट उठा कर उनका नाड़ा खोल कर एक बार में उनका पेटीकोट खींच दिया.
सागर मामी की पिंक पैंटी भी उतार कर मामी की गांड को काटने और चाटने लगा. इसके बाद उसने मामी की गांड की दरार में जैसे अपनी जीभ डाली, मामी एकदम से सिसक उठी.
मामी की उत्तेजना हम सब से शायद बहुत ज़्यादा थी जो शायद जवान होने के बाद आज पहली बार ही निकलेगी. क्योंकि मामा भी सही से मामी को चोद नहीं पाते थे. कई बार मैंने भी उनकी ये बात में मामी को मामा से झगड़ा करते सुना था. और सपना के बाद सब से ज़्यादा कुंवारी चूत मामी की ही थी।
कुछ देर सागर ने उनके गांड के छेद को चाटा. फिर उनको सीधा लिटा दिया.
अब सागर ने मामी के ऊपर सवार होकर पहले तो उनके होंठों को खूब चूसा. इसमें मामी सागर से ज़्यादा उत्तेजना से उसका साथ दे रही थी। उसने उनके रस भरे दोनों जोबन को खूब चूसा.
और फिर मामी का पेटीकोट उठा कर उसमें घुस गया और उनकी रसीली रस टपकाती चूत को अपने होंठों और जीभ से चाटने लगा।
यह सुखद अनुभव शायद मामी ने पहली बार लिया था क्योंकि इस अनुभव को पाकर उनकी कामुकता भरी ‘उफ़ हह ओह्ह फ़क आह आह आह हह उई मा आह आह’ की सिसकारियाँ पूरे घर में गूँजने लगी. मामी सागर के बाल पकड़ कर उसका सिर पूरा अपनी चूत में घुसा रही थी।
कुछ देर लाजवाब चूत चटाई के बाद मामी ने अपना सारा पानी सागर में मुंह पर छोड़ दिया. जिसको वो पहले तो पूरा पी गया और फिर उनकी चूत पूरी चाट चाट कर साफ कर दिया।
अब मामी उठी और सागर की गोद में बैठ कर उसको बहुत प्यार करने लगी और साथ ही साथ बोली- आज पहली बार किसी ने मेरी चूत चाट कर मेरा पानी पिया है. अब तक जूही के पापा के अलावा किसी ने मेरे बदन को नहीं छुआ. लेकिन तुमको देखते ही पता नहीं क्यों मेरी चूत पानी छोड़ देती है. और जब उस दिन तुम मानसी को अपना मोटा लन्ड चुसा रहे थे! वाह क्या गज़ब का लौड़ा है तुम्हारा! इतना मस्त सामान मैंने किसी का नहीं देखा. और उसके बाद तुमने उसकी जम कर चूत और गांड दोनों मारी. अब वो एक औरत हो गई है तुम्हारे लन्ड से चुद चुद कर! मुझे भी अपनी रंडी बना लो. मैं तुमको अपना सब देने को तैयार हूं।
उनकी ये बात सुन कर मुझे ये तो पता लग गया कि सागर मुझे चोदता है ये बात मामी जानती थी. और शायद खुद चुदने के चक्कर में ही उन्होंने ये बात और किसी को नहीं बताई.
खैर जो भी हो … अब मुझे घर में एक सपोर्ट मिल गया था जो मेरी मदद में रहेगा।
अब मामी ने सागर को लिटा कर पहले तो उसके पूरे बदन को चूमा और फिर उसका लौड़ा पूरा अपने मुंह में गपक गयी. फिर वो पूरा अंदर तक ले कर उसके लन्ड को चूसे जा रही थी। सागर भी आंख बंद करके अपने लन्ड चुसाई का मज़ा लेने लगा।
कुछ देर की लन्ड चुसाई के बाद सागर ने मामी का पेटीकोट और ब्लाउज दोनों उतार कर उनको पूरी नंगी कर दिया और फिर उनकी चूत पर अपना लन्ड रख कर रगड़ने लगा.
इधर मामी तड़प रही थी, सागर को बोल रही थी- मेरी जान, अब तड़पाओ मत मुझे. अपना लन्ड डालकर मेरी चूत फाड़ दो. वरना मैं मर जाऊंगी. प्लीज यार डालो अंदर! लेकिन सागर कुछ देर उनको तड़पाता रहा.
आखिर जैसे ही मामी की चूत का पानी छूटा, सागर ने एक ज़ोर के झटके में अपना पूरा लन्ड उनकी चूत में डाल दिया. और मामी एकदम दर्द से तड़प सी उठी.
लेकिन उन्होंने सागर से बोला- अब झटके मरना शुरू करो। इतने दर्द के बाद भी मामी की उतेजना दर्द से ज़्यादा हावी थी.
वो सागर के झटके झेलने लगी और उनकी मुंह से कामुक कराहने की आवाज़ उफ़ हह ओह्हआह आह आह हह आ रही थी.
सागर मामी के चूत को भोसड़ा बना रहा था और मामी भी अपने पूरे जोश में सागर का लन्ड भकाभक अपने अंदर लिए जा रही थी। बिना झड़े सागर बोला- एक बार गांड की सील तोड़कर फिर चूत मारूंगा आपकी! इस पे मामी तैयार हो गयी.
मामी को सोफे पर लिटा कर सागर ने पहले उनकी गांड चाट कर गीली की. फिर उनकी दोनों टांगों को उठा कर उनके सिर के पास दोनों हाथों से अपने कस के पकड़ लिया और मामी से गांड के छेद पर अपना लन्ड सेट करने को बोला।
मामी ने थोड़ा सा थूक लिया अपने मुँह से और सागर के लन्ड पे मल दिया. थोड़ा थूक अपनी गांड के छेद पर लगा लिया. सागर ने जैसे ही मामी की गांड के छेद पर अपना लन्ड पाया तो उसने एक ज़ोर का झटका दिया.
उसका लन्ड अब सेट हो गया उनकी गांड में! फिर सागर धीरे धीरे उनकी गांड में झटका मारता रहा. जिससे मामी को ज़्यादा दर्द हो अहसास नहीं हुआ.
इसी तरह धीरे धीरे उनकी गांड फटी और सागर का लन्ड उसमें समाता गया।
सागर का लन्ड मामी की गांड में पूरा घुसा हुआ था. सागर ने अपना वीर्य उनकी गांड में ही छोड़ दिया और उनका पैर नीचे करके उनके ऊपर ही लेट गया।
अब मामी सागर के बाल सहलाते हुए उसके चेहरे को चूमने लगी और बोली- बहुत मस्त लौड़ा है तुम्हारा! और इतने प्यार से तुमने मेरी गांड मारी कि मुझे बहुत ज़्यादा दर्द नहीं हुआ। सागर भी उनको चूमने लगा.
तभी मामी बोली- एक बात कहना चाहती हूँ तुमसे! तो सागर बोला- बताओ क्या?
मामी बोली- अगर किसी कुंवारी लड़की की सील तोड़ना हो गांड और चूत की … तो क्या तुम इतने ही प्यार से तोड़ोगे कि उसको ज़्यादा दर्द भी ना हो? सागर- किसकी तोड़ना है?
मामी- मेरी बेटी सपना की! वो हर रात अपने चूत में उंगली करती है और वो बहुत ही ज़्यादा चुदासी है। मेरी तरह उसका भी बुरा हाल है. मुझे तो तुम्हारे लन्ड का मज़ा मिल गया. लेकिन उसको अभी नहीं मिला. और जितने प्यार से तुमने मेरी गांड फ़ाड़ी है, उसकी भी इसी तरह चुदाई कर दो। सागर- ठीक है लेकिन वो मानेगी कैसे? मामी- उसकी चिंता तुम मत करो. मैं उसको मना लूंगी।
अब हम दोनों के अलावा सपना को भी मामी लन्ड का स्वाद दिलाना चाहती थी. जिसमें मुझे कोई दिक्कत नहीं थी.
अब इतनी बात के बाद सागर ने फिर से मामी को किस करके उनके दोनों दूध पिये और फिर अपना लन्ड चुसा कर खड़ा किया. और फिर उनकी चूत और गांड को खूब पेला।
अब वो दोनों बाथरूम में अपने कपड़े लेकर चले गए नहाने! तो मैं पीछे के दरवाज़े से निकलकर आगे वाले दरवाज़े पर आ गयी. मैंने दरवाजा खटखटाया तो दो मिनट बाद मामी ने आकर दरवाज़ा खोला.
मैं जब अपने कमरे में गयी तो देखा सागर मेरे बिस्तर में सो रहा था।
अब कुछ दिनों तक हम दोनों (मैं और मेरी मामी) दोनों सागर के लन्ड से मज़ा पाते रहे.
आपको यह मामी की वासना कहानी जरूर पढ़ कर मजा आया या नहीं? मुझे जरूर बताएं. [email protected]
मामी की वासना स्टोरी का अगला भाग: मेरे चोदू यार का लंड घर में सभी के लिए- 6
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