कॉलेज की लड़की से प्यार

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 झगड़े से मिली प्यारी ल़डकि कि चूत

 

दोस्तो आज की कहानी पिछले साल की है जब मैं ग्यारहवीं मे था और कैसे मैंने बुर्के वाली हिजाब ल़डकि की चुदाई की.

मैं सुमित एक छोटे कस्बों आख्तापूरी का रहने वाला हूं. मैं एक जिन्दादिली इंसान हु और मेरी हाइट 6'7" है और मेरे लंड का साइज 7’4” है, दिखने में हट्टाकट्टा व आकर्षक लगता हूँ. मैंने ग्यारहवीं के लिए गाँव के ही हाई स्कूल में दाखिला लिया था.उस समय मेरे दसवी के काफी दोस्त बने और कइयों का साथ छूट गया. उस हाई स्कूल में काफी लड़कियां थी लेकिन कोई पत नहीं रही थी.जिससे मैं काफ़ी निराश था.

मेरा दाखिला हुए अभी पांच महीने ही हुए थे.उस कॉलेज में बहुत सी ल़डकियों बुर्का पहन कर आती जिसमें एक लड़की थी जो कि मेरी सहपाठी राबिया जो बुर्के पहन कर आती थी. मैंने सुरु में उससे बात करना चाह रहा था लेकिन वह भाव ही नहीं दे रही थी.मैं अभी तक मौके की तलाश मैं था कि मुझे मौका बस मिल जाए.जब भी मैं राबिया को देखने लगता तो वो फिर अपनी नजर हटा लेती थी, जिससे हमारी बातचीत भी नहीं होती थी. वह लाइब्रेरी में अक़्सर दिख जाया करती थी.हमारी कालेज की छूटी एक बजे हो जाया करती थी. 

मैंने काफी मौके की तलाश की लेकिन जब मौका नहीं मिला तब मैंने रिस्क लेने की सोची. यू ही एक दिन जब अधिकतर लडके जा चुके थे. तब मैंने उसे बात करने के बहाने कोने में ले गया. उस दिन उसने अपना हिजाब एक तरफ कर दिया. मैंने झटसे उसकी होंठों को किस करने लगा. उसने मुझे साइड किया.उसने मुझे कहा: दूर हो जाओ. मैं समझ गया यह पटने के मूड में नहीं है .राबिया बहुत ही शर्मीली लड़की थी.वह मुझे घास भी नहीं डालती थी .मैंने उस पर से अपना ध्यान भटका लिया.कुछ दिन बाद वह हो गया जिसकी मुझे उम्मीद नहीं थी. क्लास में एक बात को लेकर मैंने खूब उसकी बेइज्जती की जलील किया मेरा साथ, मेरे मित्रों ने भी दिया. उस समय वह काले हिजाब ऊपर की हुई थी उसका चेहरा तमतमा कर लाल हो गया.उसके हिजाब के ऊपर से ही उसके कड़क दूध मुझे गर्म कर रहे थे.

 

फिर हमलोग क्लास रूम छोर कर निकल पड़े.दोपहर को दो बजे हमारी छूटी हो जाती थी. सामान्यत तीन बजे तक हमारा कॉलेज खाली हो चुका था सारे कोई जा चुके थे. मुझे कॉलेज में कुछ काम था सो मैं नहीं गया था. जब मैं क्लास से गुजारा मैंने देखा राबिया सुसुक कर रो रही थी.नीचे से उसकी पजामी दिख रही थी, उसने हिजाब के अन्दर सूट पहना हुआ था.मैं उसे शांत करने गया जैसे ही मैंने उसको छुआ वह मुझे धकेलने लगी और मुके मारने लगी और बोली: मिल गयी तसल्ली मुझे शर्मशार करके ,आखिर तुमने ऐसा क्यूँ किया आखिर…?दस मिनट तक हमारी तू-तू मैं मैं चलती रही.

फिर बोली- क्या चाहिए तुम्हें एक किस.मैं देखता रह गया.वह मेरे लबों पर अपने लब रखते हुए किस करने लगी. मैं अभी भी अवाक था , कि अभी अभी मेरे साथ क्या हुआ.कुछ देर बाद मैं उसे जोरों से पकड़ कर उसका साथ देने लगा। 

मैं उसके होंठों को ढंग से चूसने लगा जिससे उसकी ब्राउन लिपस्टिक बिखर गयी लेकिन मैं अभी भी नहीं रुका वह भी अच्छे से चूस रही थी जिससे हमारे थूक भी आदान-प्रदान हो रहे थे. हम दोनों एक दूसरे के होंठों की बहुत तेजी से चूस रहे थे। मैंने उसके हिजाब को अलग करके झट से गर्दन पकड़ कर किस करने लगा।मैंने राबिया की आँखों में चुदास देखी.  मैंने उसको बेंच पर लिटाया और कुछ देर के बाद मैंने मेंने बुर्का को ऊपर चढ़ा दिया.उसकी काली ब्रा भी उतार दी. उफ़फ्फ़फ क्या खूबसूरती से बनाया था? अब तक मेरा लंड तन कर पूरा खड़ा हो गया था और उसका गोरा बदन उसके चूचों एक दम कड़े हो चुके थे. उसके चुचे फूले हुए थे.राबिया के जिस्म की बात कुछ तो अलग थी.बड़ी कड़क आइटम थी. मैंने कहा : मैंने तुम्हारे जैसी सेक्सी हिजाबी ल़डकि नहीं देखी।यह कहते -कहते मैं उसे किस करने लगा दिया और उसके होठों को काट लिया.

मैंने उसके होठों को छोड़ा ही नहीं वह शर्माने लगी। मैने अपना हाथ आगे उनकी पैंटी में डाल दिया.वह मेरा हाथ बाहर निका लने की कोशिश कर रही थीं.उस टाइम सितारों वाली पिंक पैंटी पहनी थी. मैंने उसकी पेंटी उतारी.मैंने जैसे ही चूत पर हाथ रखा. उसकी चूत में उंगली करने लगा.वो पागल सी हो गयी.मैं अपने आपको रोक ही नहीं पाया चूत पर अपनी जीभ लगा कर चाटने लगा.

कुछ दस मिनट तक मैं उसकी शर्मगाह की पंखुड़ियों को चाटता रहा. उनकी चूत की पंखुड़ियां एकदम लाल पड़ गई थीं.मैं कुत्ते की तरह राबिया की पेशाब वाली जगह पर अपना मुँह रखकर चूत चाट रहा था . वो भी खूब मज़ा उठा रही थी। फिर उसने मेरे बाल कस के पकड़ लिए, मैं समझ गया कि ये झड़ने वाली हैं, मैं चूत चाटता रहा ‘अरे.. अरे.. ये.. क्या कर रहे हो..? मेरी पेशाब भी पी जाओगे क्या..?’और वो झड़ गई उसका सारा रस मेरे मुँह में आ गया मैंने थोड़ी पेशाब चाट लिया जो कि नमकीन लग रहा था और उसका शरीर ढीला पड़ गया।दोस्तो एक अनछुई मुस्लिम लड़की का मूत्र पुरानी शराब से ज्यादा मजा देता है।

राबिया बोली: मैं कब से तड़प रही थी ! मेरी बुर कब से एक जवां लंड को तरस रही है ! आज मेरी आग और प्यास दोनों बुझा दो ! राबिया बड़ी शौक से अपनी पूरी टांगें खोलकर मेरे लंड को अपनी चूत में लेने की कोशिश की, लेकिन आधे से ज्यादा लंड उसकी चूत में जा नहीं पा रहा था। मेरे लंड का अभी केवल सुपारा ही चुत में गया कि राबिया चिल्ला पड़ी- उईइ अम्मी मर गई आह फाड़ दी साले ने आह अल्लाह आह बचा ले! राबिया ने लंड को चूत में लिए अपनी जांघों को भींच लिया।मैंने अपना लंड बाहर निकालकर चूत पर रखा फिर से एक ज़ोर का शॉट मारा तो मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ चूत की जड़ में समा गया.अब दर्द से राबिया की चीख निकल गई- आअ ह्हअआ ह्ह्ह अम्मी उम्मा अम्मी जान कह कर चीखने लगी. मैंने उसकी चीखों की परवाह किए बिना अपना लंड आधा बाहर कर लिया कर एक ज़ोर का धक्का मारा तो मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ 5 इंच अंदर घुस गया उसकी चूत से खून टपक रहा था।.मेरा लण्ड खून में लथपथ हो चुका था पच पच की आवाजे निकलने लगी थी .वो चीखती रही , मैंने उसके मुह बंद करके उसे चोदता रहा. फिर 10 मिनट की बेरहम चुदाई के बाद जब चीखे सिसकारी में बदलने लगी तो मेरा लण्ड खून में लथपथ था .

राबिया- आहह ह्य हहह ऊईई ईईई ऊईई आहह अल्लाह मर गई … प्लीज धीरे धीरे करो सुमित!‘आहहह हहह ऊईईई ईई आहह ऊईईई …थप थप थप थप’ की आवाज से पूरा क्लास गूंजने लगा।‘आहह आहहहहह आह ऊईईई ईईईई आहह.

वह मादक आवाजें निकालने लगी थी- आह … आह सुमित चोद दो याअल्लाह अल्लाह अल्लाह मैं गई आह ’ करने लगी. मैं जोश में आकर गपागप अन्दर बाहर करने लगा. उसकी शर्मगाह से झड़ा हुआ लंड निकालने के बाद मैंने मुँह में दे दिया जिसे कुछ देर बाद उसने लंड चूस कर कड़क बना दिया.

मेरा समूचा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ सीधा अंदर तक जाना जारी रहा.वो कराहती हुई बोली-आह खुदा के लिए मुझ पर रहम करो मुझे अब दर्द के साथ जलन भी महसूस हो रही हैं. .मैं गालों पर थप्पड़ मारने लगा वो जोरों से चिल्लाने लगी. उसकी मासूम सी सकल देखकर ऐसा नहीं लगता था कि वो लंड अपनी गांड या चूत में लेने की इच्छा रखती हो।वे लगीं- आह अम्म उम्म ओह ओह अम्मी अम्म बना ले मुझे अपनी घोड़ी आह.मैं उसे रंडी समझ कर बेरहमी से चोदने लगा. 

मैं: ऐसा ही होगा हिजाबी मैं तुम्हारे मुंह में थूक दूंगा, कुतिया।राबिया: और मैं तुम्हारे चेहरे पर पाद दूंगी,साले सुमितlमैं: तुम्हारे मुँह में पेशाब कर दूँगा, राबिया कुतिया। राबिया: तो कर ना किसने माना किया है साले हरामी. मैं: तुम्हारे सफेद स्तन कुतिया के रंग में लाल हो जाएंगे।

फिर मैंने लंड निकल कर उसके ऊपर पेशाब किया जिससे उसका करीब आधा बुर्का भीग चुका था.बदले में वह मेरे चेहरे पर चूत मे उंगली करके पेशाब करने लगी. जिससे मेरा चेहरा पूरा भीग चुका था.हम दोनों पसीने से लथपथ हो गये. फच्च फच्च थपथप थपथप फच्च फच्च की आवाज आनेलगी. 

कुछ समय बाद मेरा शरीर अकड़ने लगा. राबिया की चूत में अपना पानी निकल दिया। निकालने के बाद मैंने राबिया के मुँह में दे दिया जिसे उसने चूस कर लंड को साफ़ कर दिया. तब मैंने राबिया की पैंटी से उसकी चूत साफ किये.अब तक हम अपने कपड़े पहन चुके थे ।

मेरा लंड में बहुत दर्द हो रहा था.बुरी तरीके से छिल चुका था.कई महीनों तक मैंने राबिया को हर तरह से चोद कर फिर मैंने अपने कई दोस्तों से चुदवाया उसे वह मजा दिया जिसकी वह हकदार थी. वह कहानी फिर कभी फुर्सत से सुनाऊँगा .

 

तब से लेकर आज तक मैं राबिया की हफ्ते में एक से दो बार उसकी चुदाई जरुर करता हूँ.उसकी बदन दिन पर दिन काफी गदराने लगा.

यह थी मेरी पहली कहानी तो दोस्तों कैसी लगी मेरी स्टोरी 

पढ़ कर आप मुझे जरूर बताए कि आपको अछि लगी या नहीं.

 

 

 

 

 

 

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