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चुत की प्यास की कहानी में पढ़ें कि मेरी बीवी की सहेली के मन में सेक्स को लेकर काफी इच्छायें थी जो अधूरी थी. मैंने उसकी जरूरत को समझ कर उसका साथ दिया.
साथियो, मैं राज आपको माधवी भाभी के साथ हुए सेक्स कहानी को विस्तार से लिख रहा था. चुत की प्यास की कहानी के पिछले भाग बीवी की सहेली की प्यार भरी चुदाई की में अब तक आपने पढ़ा था कि मैं भाभी की चुदाई कर चुका था और उनसे उनकी फैंटेसी पूछ रहा था.
अब आगे चुत की प्यास की कहानी:
मैंने पूछा- माधवी भाभी बोलो, कैसी लाइफ जीना चाहती हो आप! भाभी ने कहा- पहले तो मुझे भाभी भाभी कहना बंद करो … अब हम दोनों दोस्त हैं. तुम मुझे चोद भी चुके हो तो अब ये आदर सत्कार वाली भाषा सबके सामने बोलना … अकेले में तुम मुझे सिर्फ माधवी बुलाओ.
मैंने हंस कर माधवी कहा और पूछा- हां चलो … अब बताओ! भाभी- मैं बस खुश होना चाहती हूँ. ना ही मुझे विदेश घूमना है. ना ही कहीं और जाना है. बस एक कमरे में बंद हो कर अपने दिल की बात सुनना है. बिंदास रहना है … दारू पीना है. पता है राज, आज तक मैंने शराब को हाथ तक नहीं लगाया. पर अब पीना है. सिगरेट भी पीनी है. बहुत सारा सेक्स करना है. घर का कोई भी काम नहीं करना है और पूरा दिन चौबीसों घंटे नंगी रहना है … बस इतना ही चाहती हूँ. मैं सिर्फ 24 घंटे के लिए ये सब चाहती हूँ.
माधवी भाभी बोलीं तो मैंने कहा- मैं कुछ बोलूं … तुम्हारी जैसी ही मेरी भी कुछ ख्वाहिशें है. जैसा तुमने बताया कि 24 घण्टे रहने के साथ साथ बहुत कुछ करना है. ठीक वैसी ही चाहत मेरी भी है. तुम्हारे पूरे बदन पर टेटू या पेंटिंग करना है और मन भरके सेक्स करना है. तुम्हारे साथ नहाना है. और साथ में कुछ रोल प्ले भी करना है. जैसे कि राजा और नर्तकी (डांसर) में सेक्स, जिसमें मैं राजा बन कर सोफे पर बैठ कर शराब पिऊंगा और तुम मेरे सामने डांस करोगी. या फिर मैं ड्राइवर बनूंगा और तुम मेरी मालकिन बनोगी … और मैं तुम्हें लोंग ड्राइव पर ले जाऊंगा. कार के सनरूफ से दोनों को सर बाहर निकाल कर किस करना है. चलती कार में सेक्स करना है.
भाभी- क्या बात है … मजा आएगा. ये फैंटेसी हम जरूर करेंगे. पर इसके लिए एक दिन नहीं, पूरे तीन दिन चाहिए होंगे. जबकि यहां मैं एक दिन भी निकाल नहीं पा रही हूँ.
माधवी भाभी ये सब बोलते बोलते थोड़ी अपसैट हो गई थीं.
मैंने बोला- देखो माधवी … मैं तो पूरे भारत में जॉब के सिलसिले में घूमता रहता हूं. इसलिए मैं तो आराम से ये वक्त निकाल लूंगा. बस तुम कैसे टाइम निकलोगी. यही देखना है … चलो कुछ करते हैं … कोई तरीका निकालते हैं.
माधवी भाभी के लिए तीन दिन का सबसे बड़ा टेंशन था बच्चों का. उनको कहां छोड़ें? वो किसके साथ रहेंगे? अगर किसी के पास छोड़ेंगी, तो पति भी शक करेगा. परेशान करने वाले सवाल पूछेगा. कोई तो रास्ता निकालना पड़ेगा. ये कुछ ऐसे सवाल थे, जो सबको परेशान करते हैं.
पर वो कहते हैं ना कि अगर आप किसी चीज़ को शिद्दत से चाहते हो, तो पूरी कायनात उसे पूरा करने में लग जाती है.
हुआ भी वैसा ही.
भाभी के पति को एक सप्ताह के लिए कहीं बिजनेस के सिलसिले में बाहर जाना था और उसी वक्त उनके बच्चों को स्कूल से टूर पर तीन दिन के लिए जाना हुआ. पर इसमें और एक परेशानी आ गई.
माधवी के पति ने उसके साले से यानि माधवी भाभी के भाई से बात कर ली थी कि वो उन्हें आकर ले जाए.
हम लोग अहमदाबाद में रहते थे और साले साहब सूरत में रहते थे. पर जब साले साब आने वाले थे, तभी उसका फ़ोन आ गया कि वो नहीं आ पाएगा. क्योंकि उसको कुछ काम आ गया था.
भाभी ने बोला कि ओके मैं एक दिन बाद खुद ही आ जाऊँगी. आप अब मत आना. माधवी के पति ने भी ये बात मान ली.
दरअसल बात ये थी कि माधवी भाभी पहले दिन के लिए निकलने के लिए मना नहीं कर पाई थीं. दूसरे दिन के लिए वो कुछ बहाना बना लेंगी कि कुछ हेल्थ ठीक नहीं है. फिर तीसरे दिन शाम तक तो बच्चे आ जाने वाले थे.
अब तो तीन दिन तक चुदाई का भरपूर वक्त था. हम दोनों काफी खुश थे.
मैं तय वक्त पर सुबह से ही माधवी के घर पर पहुंच गया. साथ में कुछ पैक्ड फ़ूड, रेड वाइन, व्हिस्की, कोल्डड्रिंक, कुछ नाश्ता सब सामान लेकर उनके घर पहुंच गया.
कुछ दिन अब हमें दरवाजा ही नहीं खोलना था. तीन दिन न्यूड ही रहना था … तो खाने पीने का पूरा बंदोबस्त करना जरूरी था.
उन्होंने डोर ऑय से मुझे देखा और कुछ देर बाद थोड़ा सा दरवाजा खोला.
मैं दरवाजे के अन्दर गया, तो माधवी भाभी ने तुरंत दरवाजा बंद कर दिया.
उसके बाद जो मैंने देखा, वो बिल्कुल अलग ही नजारा था. माधवी ने एक भी कपड़ा नहीं पहना था … वो बिल्कुल नग्न थीं.
मैं बोला- क्या बात है माधवी. ऐसा लगता है … तुम इस दिन के लिए बहुत ही एक्साइटेड हो. बहुत जल्दी कपड़े निकाल दिए? भाभी- हां यार … एक बार ये लाइफ मिली है. सिर्फ एक बार ऐसा मौका मिला है … तो दुबारा क्यों सोचना. इस वक्त के लिए बहुत वेट किया है.
भाभी की बॉडी लैंग्वेज ये साफ बता रही थी कि वो आज बहुत खुश हैं. होती भी क्यों ना … कोई अपनी लाइफटाइम बेस्ट टाइम के लिए बेकरार क्यों ना हो.
मैंने साथ में लाए हुए सामान को उसकी सही जगह पर रखा और टीवी ऑन कर दिया. उसमें सीधी ब्लू फिल्म चालू हो गई.
माधवी भाभी ने हंस कर बताया- मैंने केबल का वायर निकाल दिया है. अब तीन दिन तक बाहर की दुनिया से बिल्कुल अलग रहना है. साथ में घर में आने जाने वाले सभी दरवाजे बंद कर दिए हैं. वाईफाई भी बंद कर दिया है. फोन भी सिर्फ पति के फ़ोन के लिए और थोड़ी सेफ्टी के लिए रखा है. बाकी भाड़ में जाए दुनिया. तीन दिन के लिए ना ही फोन का इस्तेमाल करूंगी, ना ही बाहर जाउंगी. बस जी भरके अपनी लाइफ जियूंगी … बस!
मैं- बिल्कुल … तुम्हारे जैसी लड़की मिलना बहुत मुश्किल है. इसी बहाने में तुम्हारे साथ मेरे भी सपने सजा लूंगा. लव यू माय स्वीटहार्ट.
फिर हमने 2 घण्टे तक बातें की. तब जाकर मैं भाभी को ठीक से जान पाया. दोपहर को एक बजे थोड़ी भूख लगी … तो हम दोनों ने साथ में खाना खाया. साथ में नहाये और एक बार धुंआधार चुदाई की.
सेक्स करने के बाद माधवी भाभी बोलीं- क्या बात है राज … आज तो आते ही धुंआधार सेक्स कर लिया. मैंने शायराना अंदाज़ में बोला- थोड़ा हवस भी लाजिमी है इश्क़ में मैडम … वरना शुद्ध इश्क को आप मर्दाना कमजोरी समझेंगी.
हम दोनों हंसने लगे.
हमारा मकसद स्टेप बाय स्टेप अच्छे से एन्जॉय करना था. कोई जल्दबाजी नहीं थी.
थोड़ी देर के लिए हमने आराम किया और फिर शाम को 5 बजे हमने शराब निकाली. उसने कभी शराब नहीं पी थी. उसका पहली बार था.
मैंने भाभी को रेड वाइन पीने के लिए दी और खुद व्हिस्की ली. साथ में वही स्पीकर निकाला, जहां से इस सेक्स स्टोरी की शुरूआत हुई थी. स्पीकर में लाइट म्यूजिक बजाना शुरू किया और एक अच्छा सा रूम फ्रेशनर स्प्रे कर दिया.
फिर जो सीन बना, वो बहुत ही उम्दा और रोमांटिक था. म्यूज़िक, शराब, कबाब, सुगंधित हवाएं और ऊपर से हम दोनों निर्वस्त्र. ऐसा लगता था कि बस वक्त यहीं क्यों ना थम जाए.
हम दोनों ने ड्रिंक करना शुरू किया. साथ में बहुत कुछ बातें की. गाने गाए.
शराब पीते पीते सिगरेट जलाई. भाभी का ये सब पहली बार था. वो थोड़ी सहमी सी थीं … पर उनकी आंखों में कुछ करने की तमन्ना थी.
उन्होंने सिगरेट मुँह में ली और मैंने लाइटर से जला दी. भाभी ने एक कश भरा और वो खांसने लगीं. पर भाभी ने सिगरेट नहीं छोड़ी. दो तीन बार कश लेने के बाद वो आराम से सिगरेट पीने लगीं.
मैंने भाभी को किस किया और बोला- बिगड़े हुए लोगों की दुनिया में आपका स्वागत है. दोनों इस बात पर हंसने लगे.
हम बातें कर रहे थे … साथ में दारू चल रही थी. पता ही नहीं चला कि कब हमने कई पैग खत्म कर दिए. एक मदहोशी सी छाई जा रही थी. हम बात बात में किस कर रहे थे और एक दूसरे के सभी अंगों को सहला रहे थे.
मैं- माधवी … मैं तुम्हारे दिल को महसूस करना चाहता हूँ. अगर तुम्हारे साथ शराब का नशा मिल जाए … तो बात बन जाए. ‘मतलब?’ ‘मतलब ये देखो.’
मैंने भाभी को सोफे से उठाया और प्लास्टिक की कुर्सी पर बिठा दिया. उनकी टांगें चौड़ी कर दीं और वो गाना लगा दिया.
‘बाबू जी जरा धीरे चलो!’
इस गाने में एक सीन है कि शराब जिस्म के ऊपर डालते हैं और साथ में शराब को अभिनेत्री के बदन के ऊपर से पीना होता है.
मैंने म्यूज़िक शुरू किया और साथ में माधवी भाभी के नंगे बदन पर शराब डालना शुरू कर दिया.
ठंडी शराब के कारण माधवी भाभी के बदन में एक कंपन सा आ गया. साथ में मैंने अपने होंठों से उस शराब को पीना शुरू कर दिया.
भाभी के स्तनों के ऊपर से किस करते करते शराब को पी जाना. फिर पेट के ऊपर से चाटना, फिर भाभी की चूत के ऊपर शराब डालकर किस करते हुए पीना. ये सब बहुत ही रोमांचक पल थे.
माधवी भाभी लंबी लंबी सांसें ले रही थीं और बहुत ही मादक सिसकारियां भर रही थीं. भाभी का पूरा बदन कांप रहा था.
तकरीबन दस मिनट तक भाभी की चुत को मैंने किस किया.
धीरे धीरे उनकी सिसकारियां चिल्लाने में बदल गईं और वो अपनी कमर को हिलाने लगीं. मैं समझ गया कि अब वो स्खलित होने वाली हैं.
फिर भी मैंने किस करना और चुत को चूसना जारी रखा. भाभी ने झड़ कर ढेर सारा रस निकाला और मैंने वो शराब के साथ पी लिया. साथ में सिगरेट का पीना उसमें और भी नशा बढ़ा रहा था.
मैं बहुत ही खुश हुआ और बहुत ही उत्तेजित हो गया था.
मैंने अपने मुँह पर लगा चुतरस और शराब को अपने हाथों से साफ किया और उन सब चीजों को अपने बदन पर मल दिया. साथ में जोर से चिल्लाते हुए ‘किंग-कांग ..’ की तरह अपने हाथों को बारी बारी अपने चेस्ट पर मारा. मेरे में एक अजीब तरह का पागलपन का शुमार छा गया था.
माधवी मेरी इस हरकत पर बोली- वाह मेरे किंग-कांग जियो राजा!
मैं अभी भी पागल की तरह गर्ज रहा था. मुझे अब जल्दी से पागल की तरह सेक्स करने का मन हो रहा था.
मैंने माधवी भाभी के पैरों को चौड़ा किया और उनकी चुत में एक ही बार में पूरा लंड डाल दिया. फिर उनके दोनों पैरों को अपने दोनों हाथों से पकड़कर मेरे ऊपर ले लिया.
भाभी की गोरी बांहें मेरे गले का हार बन गई थीं. उनका चिकना बदन मेरे बदन से चिपक रहा था. उनके दोनों पैर मेरे हाथों में थे. वो पूरी मेरे ऊपर सवार थीं और मैं माधवी भाभी को अपने ऊपर उठाए तेजी से चोद रहा था.
उस क्षण की याद करके लिखते हुए आज भी मेरी हालत बिगड़ी हुई है. मैं भाभी को चोदते समय की याद करके अभी भी बुरी तरह से कांप रहा हूँ और शायद आप पाठकों की हालत भी यही हो रही होगी.
मैंने भाभी को बहुत देर तक चोदना जारी रखा.
फिर मैंने उनको दीवार के सहारे खड़ा कर दिया और उनके दोनों पैरों को ऊपर करके अपने हाथों से भाभी की गांड को सहारा देकर उन्हें एक तरह से टांग लिया था और तेजी से भाभी की चुत चोदने में लगा था.
मैं किसी भी तरह से ये चाहता था कि भाभी के पैर ज़मीन पर ना पड़ पाएं. वो मेरे ऊपर ही झूलती रहें और चुदती रहें.
भाभी भी मदहोशी की हालत में अपनी चुत का भुर्ता बनवाने में लगी थीं और तेज स्वर में सीत्कार कर रही थीं.
बड़ी देर तक भाभी को चोदने के बाद में झड़ने वाला हो गया था. वो भी शायद अब तक दो बार झड़ चुकी थीं.
मैंने जोर से झटके पर झटके लगाने के साथ उनकी एक चूची को अपने मुँह में दबाया और लंड को बह जाने दिया.
मैं भाभी की चूत में ही झड़ गया और साथ में भाभी दीवार के सहारे सरकती हुई नीचे फर्श पर आ गईं. मैं भी उन्हें सहारा देते हुए नीचे छोड़ता जा रहा था.
भाभी के नीचे आते ही मैं भी वहीं फर्श पर गिर गया. हम दोनों पसीने से तरबतर थे और गिरने के बाद हम दोनों को ही अपने नंगे बदन पर ठंडा फर्श बहुत ही अच्छा लग रहा था.
हम दोनों ने एक दूसरे को प्यार से देखा, भाभी ने मेरे सर पर किसी बच्चे को दुलारने जैसा हाथ फेरा और किस करते करते कब सो गए, कुछ पता ही नहीं चला.
उस हालत में बिखरे हुए, फर्श पर नशीली हालत में हम दोनों बेसुध पड़े थे.
नेपथ्य में धीमी आवाज में बजते संगीत और हम दोनों के दिलों की तेज तेज धक धक करते दिल की आवाजों में एक अजीब ही सुकून था … जिसको शब्दों में बयान करना नामुमकिन है.
रात को तकरीबन दो बजे मेरी नींद खुली. माधवी भाभी अभी भी सो रही थीं.
मैं वॉशरूम गया और फ्रेश हो कर आ गया.
मैंने माधवी भाभी को अपने हाथों में उठाया और उनको ठीक से बेड पर आराम से सुला दिया ताकि भाभी की नींद ना खराब हो और वो आराम से सो सकें.
मैं भाभी को बिस्तर पर लिटाने के बाद वापस में ड्रॉइंगरूम में आया और सब बोतल आदि बंद कर के ठीक से रेफ्रिजरेटर में रख दीं. रूम को भी थोड़ा साफ किया और सिगरेट जला कर आराम से बैठ कर जो हुआ, उसके बारे में सोचने लगा.
भाभी की चुदाई के उन पलों को सोचने में भी बहुत रोमांच आ रहा था. तभी मुझे एक और मजेदार आइडिया आया.
मैंने अपने बैग में से स्कैच पेन, वाटर कलर, ब्रश और मेहंदी की कोन निकालीं और जहां माधवी भाभी सो रही थीं, वहां चला गया. मैं भाभी के बगल में जाकर बैठ गया. वो सीधी सोई हुई थीं. मैंने चुपचाप सब कलर निकाले और उनके मादक बदन की ओर देखा.
मैं अब माधवी भाभी के बदन पर रंग लगाने की डिज़ाइन सोच रहा था.
कुछ देर सोचा कि भाभी का जो अन्दरूनी हिस्सा है, जो कपड़ों से ढक जाएगा, उन अंगों पर मैंने मेहंदी लगाने की सोची. बाकी जो बाहरी अंग हैं, उन पर नॉन परमानेंन्ट रंगों से चित्रण किया जाए.
शुरूआत भी मैंने वैसे ही की. माधवी भाभी सीधी ही सोई हुई थीं. मैंने उनके मम्मों और निप्पल पर मेहंदी लगाना शुरू की.
उनके निप्पल के नजदीक मेहंदी का कोन रखते ही भाभी ने थोड़ी सी हरकत की. शायद उनको मेहंदी ठंडी लगी क्योंकि वो रेफ्रिजरेटर में रखी थी, इसलिए ठंडी लगी होगी. वैसे भी इतने प्यार से कोई मम्मों पर मेहंदी लगाएगा, तो कौन ना सिहर उठेगा.
पर भाभी नींद में थीं या सोने का नाटक कर रही थीं, ये तो मुझे कुछ पता नहीं था, मगर उनके चहेरे के हावभाव बता रहे थे कि उन्हें ये सब बहुत ही अच्छा लग रहा है.
दोस्तो, भाभी चुत की प्यास की कहानी में आपको कैसा लग रहा है प्लीज़ मुझे मेल करके बताएं.
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चुत की प्यास की कहानी का अगला भाग: प्यार सेक्स और चुदाई के अरमान पूरे किये- 4
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