This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
भाइयों, भाभियों एवं सभी पाठक पाठिकाओं को प्रियम का बहुत बहुत प्यार। क्षमा चाहता हूँ कि कुछ पारिवारिक जिम्मेदारियों की वजह से बहुत दिनों के बाद में अन्तर्वासना पर आपके सम्मुख एक नयी कहानी लेकर आ पाया हूँ। जो पाठक मेरे बारे में नहीं जानते हैं वो मेरी पिछली कहानी होटल में सेमिनार और कमरे में यार जरूर पढ़ें। लेकिन आगे से मेरी कोशिश रहेगी कि मैं लगातार आपके लिये लेखन करता रहूँ। आपने मुझे जो ईमेल भेजे उनके लिए तहेदिल से शुक्रिया। बस इसी प्रकार अपनी राय से मुझे आप [email protected] पर अवगत कराते रहिये।
नियमित रूप से मैं एक रात अपनी ईमेल चैक कर रहा था। एक पाठिका जिसका नाम नैना (परिवर्तित) है. उसने लिखा कि मैं देश के एक नामी गिरामी न्यूज़ चैनल की एंकर हूँ और दिल्ली में फ्लैट लेकर अपनी एक सहेली के साथ ही रहती हूँ। उसने मुझे चैनल का नाम भी बताया था लेकिन गोपनीयता के लिए मैंने चैनल का नाम यहाँ नहीं लिखा है.
उसने कहा कि अगले बुधवार को उसकी सहेली की नाईट शिफ्ट है और बुधवार को ही उसे मेरी सर्विसेज चाहिए। बस सेक्स ऐसा होना चाहिए कि मैं अगले दिन बिस्तर से ना उठ सकूँ। मैंने कहा- ठीक है, आप अपना मोबाइल नंबर और एड्रेस मुझे दे दीजिए.
उसने कहा कि मोबाइल नंबर वो नहीं दे सकती है और एड्रेस भी वो बुधवार शाम को ही ईमेल पर भेज देगी। मैंने उसे बोला- मुझे अपना एक फोटो तो भेज ही दो. तो उसने कहा- एक घंटे बाद टीवी ऑन करना और मुझे देख लेना। मैंने उसे ओके लिखकर भेजा और ईमेल बंद कर दी।
मेरे लिये ये एक सामान्य सी बात थी। मुझे मालूम था कि वो जहाँ मुझे बुलाएगी वो उसका फ्लैट नहीं होगा, जिस ईमेल से उसने मुझे मेल भेजी है वो भी उसने नई ही बनाई होगी और नंबर वो इसलिए नहीं दे रही कि हाई प्रोफाइल जॉब में होने की वजह से वो रिस्क नहीं ले सकती।
उसकी ये अपनी सोच थी जबकि मुझे इन बातों से कोई मतलब भी नहीं था। इस तरह के ईमेल अक्सर मुझे आते ही रहते हैं। कोई भी नया कस्टमर पहली बार मुझे ईमेल पर ही संपर्क कर सकता है।
अब बुधवार के लिए मैं बुक हो चुका था।
मैंने फ्रिज से एक बियर निकाली और किचन से फ्राई काजू और सलाद लेकर सोफे पर बैठ गया। बियर खत्म होते होते एक घंटा हो गया था। एक बियर और लाकर मैंने टीवी ऑन कर दिया। जाहिर था कि उस न्यूज़ चैनल के अलावा कोई और चैनल तो आज चलने वाला नहीं था।
चैनल पर चुनाव से संबंधित कोई बहस चल रही थी। अब जो चेहरा मुझे दिखाई दिया उसे देखकर यकीन करना मुश्किल था कि ये मासूम चेहरा लंड का इतना तलबगार भी हो सकता है। उम्र यही कोई 24 साल, सुर्ख गुलाबी गाल, लंबे खुले हुए बाल, आई लाइनर से सजी हुई बड़ी बड़ी आंखें।
आधे घंटे की न्यूज़ देखकर ये तो मालूम चल ही गया कि लड़की खूबसूरत जिस्म के साथ दुनिया जहान की जानकारी भी रखती है। मेरा लंड इस कमसिन कली को मसलने के लिए उफान मार रहा था।
मैंने अपना जॉकी का कच्छा और टी शर्ट उतार दी और उसकी चुदाई के सपने देखते हुए जोरदार मुठ मारी। मुठ जोरदार थी या उसकी अनदेखी चूत जोरदार थी पर नतीजा एक ही था ‘ढेर सारा माल’। इतना माल निकलने के बाद भी लंड हार मानने को तैयार नहीं था और चूत अभी तीन दिन दूर थी।
अब तो मेरी कल्पनाओं में सिर्फ उसका मखमली बदन ही घूम रहा था। मैंने सोचा कि चलो आज झांट साफ कर लेता हूँ, लड़कियों को वैसे भी ज्यादा लंबी झाँटें या बिल्कुल चिकना लंड कम पसंद आता है। लंबी झाँटे हों तो लोड़ा चूसने में लड़की को परेशानी होती है, चिकना लंड हो तो खुद को ऐसा महसूस होता है कि अंडे में से अभी अभी बच्चा निकला हो। और लड़की को एक साथ झांटों की हल्की चुभन और लंड की जोरदार चुभन बहुत पसंद होती है।
मैं ट्रिमर लेकर नंगा ही बाथरूम में घुस गया। लंड तो पूरा तना हुआ था ही जिसकी वजह से झांटों की सफाई ठीक से हो गयी।
सोने से पहले मुझे शावर लेना पसंद है। शावर लेते लेते मैंने एक बार फिर से मुठ मारी, अब जाकर लंड को थोड़ी शांति मिली।
बुधवार शाम को नैना का ईमेल मिला, सिर्फ दो लाइन की मेल में सरोजिनी नगर का पता था और रात 11 बजे मिलने का टाइम था। नौ बजे शावर लेकर अपना पसंदीदा डियोड्रेन्ट लगाकर मैं अपनी मंजिल पर निकल चुका था।
नैना के बारे में सोच कर लंड ने एक बार फिर अंगड़ाई ली। मैंने उसे थपकी देकर प्यार से समझाया कि बेटा थोड़ी देर और शांत रह, बहुत जल्दी तुझे खुराक मिलने वाली है।
फ्लैट चौथी मंजिल पर था। डोर बेल दो बार बजाने पर दरवाजा खुला। अदभुत नजारा नज़र आया, आंखें जड़ हो चुकी थीं। संगेमरमर सा बदन, बदन पर काला ट्राउज़र काली ब्रा, लंबे सिल्की खुले हुए बाल, नशीली आंखें। ऐसा लग रहा था कि अमावस की रात में बादलों के बीच से चांद निकल आया है। जितनी खूबसूरत वो टीवी पर दिखती है उससे कहीं ज्यादा मादक वो आज नजर आ रही थी।
मेरे दिल में अंदर से खुशी थी कि जिसे दुनिया टीवी पर देखती है उसे मैं आज साक्षात देख रहा हूँ। ‘अंदर नहीं आओगे?’ सितार से निकलती मधुर ध्वनि ने मेरा ध्यान भंग किया।
गला सूख रहा था मेरा। ना जाने कितनी कच्ची पक्की कलियों को मैं आज तक अपने लोड़े से कुचलकर फूल बना चुका था लेकिन इसकी बात ही अलग थी।
मैंने दरवाजा बंद किया; वो बलखाई नागिन सी चलकर मेरे सीने से लिपट गयी। उसके बदन से आने वाली खुशबू मुझे मदहोश कर रही थी।
बिना देर किए उसने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। उसकी लिपस्टिक के फ्लेवर से मेरा पूरा मुंह महक उठा। धीरे धीरे वो अपनी जीभ मेरे होठों पर फिरा रही थी। ये इशारा था कि वो अपनी जीभ मेरे मुँह के अंदर घुसाना चाहती है. मैंने भी उसकी इच्छा को ध्यान में रखते हुए अपने होंठ उसके लिए खोल दिये।
अगले पांच मिनट तक वो अपने हाथ मेरे सीने और गांड पर फिराती रही। ये सब करते हुए भी उसने अपने होंठ मेरे होठों से नहीं हटाये थे। चूसते चूसते हम दोनों की लार मुँह से निकल रही थी जिसे हम दोनों ही बीच बीच में चाटते हुए साफ करते जा रहे थे।
लड़कियों के शरीर में कुछ खास जगह होती हैं जिन पर किस करने से वो ज्यादा उत्तेजित हो जाती है; इन्हें अराउजल स्पॉट्स भी कहते हैं। इनमें से एक खास जगह है गर्दन।
अब मैंने उसे उत्तेजित करने के लिए डीप किस, निबलिंग और लिकिंग करना शुरू कर दिया। ऐसा करते ही उसका शरीर उत्तेजना के मारे कांपने लगा, उसने एक झटके से मेरी टीशर्ट उतार फैंकी। मेरी छाती के लच्छेदार बाल देखकर उसकी आँखों में वासना की चमक दिखाई दे रही थी। मेरा अनुभव कहता है कि मर्द की छाती के बाल लड़की को बहुत पसंद होते हैं।
अब मेरा लोड़ा भी तन के तंबू बना जा रहा था। अब वो अपना एक हाथ मेरी छाती के बालों पर फिरा रही थी और एक हाथ से जीन्स के ऊपर से ही मेरे लंड को ऐसे रगड़ रही थी जैसे ये लंड ना होकर अलादीन का चिराग हो।
मैंने उससे कहा- जान इसे ज्यादा मत रगड़ो, जिन्न बाहर आ जायेगा। वो भी पूरे मजे ले रही थी, बोली- ये जिन्न जब बाहर आएगा तो मैं इसे अंदर का रास्ता दिखा दूँगी। फिर ये कभी बाहर आना नहीं चाहेगा. ये कहकर वो खिलखिला कर हँस दी।
फिर वो मेरा हाथ पकड़कर बोली- चलो आओ अंदर ड्राइंग रूम में चलते हैं। पूरा ड्राइंग रूम लेमन ग्रास की खुशबू से महक रहा था और एयर कंडीशन की वजह से मुझे थोड़ी ठंड भी महसूस हो रही थी।
सुख सुविधा की हर चीज वहाँ मौजूद थी। रूम में एक सेंट्रल टेबल था जिस के ऊपर कई तरह के स्नैक्स, आइस बकेट, दो गिलास, सिगरेट, ऐश ट्रे, कॉन्डोम के पैकेट रखे हुए थे। सेंट्रल टेबल कमरे के बीच में ना होकर सोफे के आगे लगी हुई थी।
अंदर आते ही उसने मुझे वाशरूम जाने को बोला कि फ्रेश हो लीजिये तब तक मैं कुछ खाने पीने को लेकर आती हूँ।
मुझे भी बहुत जोर से मूत लग रहा था। वाशरूम ऐसा था जैसे किसी स्टार होटल में होता है। ना जाने कितने तरह के शैम्पू, फेस वॉश, हेयर रिमूवर क्रीम, ट्रिमर वहाँ तरीके से सजे हुए रखे थे। दरवाजे के पीछे उसकी कुछ चड्डियाँ टंगी हुई थीं। मैंने उन सब चड्डियों को एक एक करके सूंघा। उनमें से आती महक मुझे उत्तेजित कर रही थी।
खैर मैंने देर ना करते हुए जल्दी से पेशाब किया और अपने लंड को वहाँ रखे हैंडवाश से अच्छी तरह धो लिया।
नैना सिगरेट के कश लेती हुई मेरा ही इंतज़ार कर रही थी। मुझे देखकर उसने एक हल्की सी स्माइल दी और पास बैठने के लिए कहा।
टेबल पर अब दो बियर और एक स्कॉच की बोतल भी रखी हुई थी। “क्या लोगे?” मैंने हँसकर कहा- चूत! वो मुस्कुरा कर बोली- पूरी रात पड़ी है, पहले मूड बना लेते हैं।
साथ ही उसने मुझे हिदायत दी कि मैं उसकी पर्सनल लाइफ के बारे में कुछ ना पूछूँ। मैंने कहा- ठीक है. मैं तो बियर पियूँगा क्योंकि मैं व्हस्की या स्कॉच कम पसंद करता हूँ।
उसने मेरे लिए बियर गिलास में डाली और खुद के लिए एक छोटा पैग बनाया। पैग बनाकर वो सीधे मेरी गोदी में आकर बैठ गयी। मेरा चेहरा टेबल की तरफ था और उसका चेहरा दीवार की तरफ। हम दोनों का चेहरा इतना करीब था कि एक दूसरे की गर्म साँस महसूस कर पा रहे थे। वो मेरी आँखों में देखे जा रही थी।
अभी भी वो ब्रा और ट्रॉउजर में थी जबकि मैं सिर्फ जीन्स में था। हम दोनों एक दूसरे को देखते हुए अपने अपने गिलास खाली कर रहे थे।
सेक्स सिर्फ अपनी उत्तेजना को शांत करने का जरिया नहीं है, यह एक कला है। मेरा मानना है कि हर कलाकार अपनी कला की शुरूआत बहुत शांत होकर करता है, तमाम पड़ावों से गुजरती हुई उसकी कला का अंत जितना प्रभावी होगा देखने वाले उतना ही अधिक आनंद उठा पाएंगे। शुरुआत जितनी सधी होगी अंत उतना ही अधिक प्रभावी होगा। सेक्स की शुरुआत फोरप्ले से होनी चाहिए यानि कि बहुत धीरे धीरे अपने पार्टनर को उत्तेजित करना चाहिए। फिर अंत कडलिंग यानी पार्टनर को बांहों में भरकर होना चाहिए, तभी सेक्स कम्पलीट माना जाता है।
मैंने अपने हाथ थोड़े आगे करते हुए दो बर्फ के टुकड़े उठाये, उनमें से एक टुकड़ा मैंने अपने मुँह में डाला और नैना को किस करने लगा। दूसरा टुकड़ा मैं धीरे धीरे नैना की पीठ और गर्दन पर फिराने लगा।
वो मुझे पागलों की तरह चूमे जा रही थी। कभी बर्फ का टुकड़ा उसके मुँह में चला जाता कभी मेरे। नैना के हाथ मेरी पीठ और छाती पर सांप की तरह रेंग रहे थे। मेरे शरीर पर कई जगह उसके नाखून चुभने से दर्द हो रहा था लेकिन ये दर्द भी आज बहुत मजा दे रहा था। उसके मखमली बदन से निकलती खुशबू मुझे पागल कर रही थी। दो बदन की गर्मी से बर्फ के टुकड़े पिघल चुके थे।
अब मैंने एक झटके में उसकी ब्रा के हुक खोल दिये। मुश्किल से 32 साइज के उसके मुम्मे थे कच्चे अमरूद की तरह जो पैडेड ब्रा की वजह से 34 के नज़र आ रहे थे। साइज जो भी हो लेकिन एक बात साफ थी कि इन पर अभी तक किसी ने ठीक से हाथ साफ नहीं किया है।
उत्तेजना की वजह से उसके निप्पल खड़े हुए थे, बाहरी गोला ब्राउन रंग का था। नैना के मुम्मे इतने टाइट थे कि अगर वो बिना ब्रा के भी बाहर निकल जाए तो वो ज्यादा लटकने मटकने वाले नहीं थे।
लेकिन अभी तो असली खेल बाकी था। वो खेल जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं करी होगी। क्या है वो खेल ये मैं आपको बहुत जल्दी इस कहानी के अगले भाग में बताऊंगा। इंतज़ार करिये जल्दी ही आपके लिए कहानी का दूसरा भाग लेकर प्रस्तुत होऊंगा।
अपनी बेबाक राय मुझे जरूर भेजें। मेरी ई मेल आईडी है [email protected]
कहानी का अगला भाग: न्यूज़ एंकर के साथ बितायी रात-2
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000