This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
कहानी के पहले भाग में मैंने बताया था कि मैं अपने मामा के घर में अपनी दीदी और भाई के साथ मजे लेकर आई. भाई का लंड चूस कर मुझे बहुत मजा आया और दीदी ने मेरी चूत की डिल्डो से चुदाई की. उसके बाद मुझे घर आना पड़ा क्योंकि मेरे कॉलेज की छुट्टियां खत्म हो गई थीं
घर आने के बाद भी मैं प्रशांत और सुमन से फोन पर सेक्सी बातें करते हुए अपनी चूत में उंगली करती रहती थी. एक दिन हम तीनों फोन सेक्स कर रहे थे और मैं उत्तेजना में आकर प्रशांत को गाली दे रही थी- चोद साले मुझे … मैं तेरा लंड अंदर तक लेना चाहती हूं … मिटा दे मेरी चूत और गांड की खुजली मादरचोद!
मेरी आवाज सुनकर मेरा भाई सुनील अचानक से मेरे कमरे में आ गया और मैं घबरा गयी कि अब क्या करूं? मेरी उंगली मेरी चूत में थी जिसे मैंने झट से निकाल लिया मगर मेरे बूब्स अभी नंगे थे. मैंने देखा कि मेरा भाई मेरे बूब्स को घूर रहा था. मैंने अपने चूचों को भी कपड़े से ढक लिया.
सुनील बोला- क्या हुआ जैस्मिन … तू किसको गालियां दे रही है? मैंने कहा- कुछ नहीं भैया … वो … मैं बस … ऐसे ही! सुनील ने मेरे हाथ से फोन ले लिया और अपने कान से लगा कर सुनने लगा. उधर से सुमन और प्रशांत अभी भी सेक्सी बातें कर रहे थे.
उसने देखा तो वो दोनों कॉन्फ्रेंस पर थे. उसको समझते देर नहीं लगी कि मैं उन दोनों के साथ फोन सेक्स कर रही थी. वो बोला- ये सब क्या है? मैंने कहा- सॉरी भैया … मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगी.
वो मेरे जिस्म को घूरने लगा. मेरी जांघें और बूब्स के ऊपर का हिस्सा अभी भी नंगा ही था. वो बोला- अगर तुझे इतनी ही सेक्स की प्यास लगी थी तो मुझसे कह देती. मैं तेरे बदन की गर्मी को शांत कर देता. मैंने कहा- नहीं भैया, ऐसी बात नहीं है.
इतना कहकर मैं अपने कपड़े पहनने लगी तो उसने मेरा हाथ रोक लिया. वो बोला- चल मैं घर में सबको बता दूंगा कि तू अपने कमरे में क्या कर रही थी. मैंने कहा- नहीं भैया, मुझसे गलती हो गई. मैं फिर कभी ऐसा नहीं करूंगी. आप किसी को ये बात मत बताना. आप जो कहोगे मैं वो करने के लिए तैयार हूं. वो बोला- ठीक है, तो फिर अपने बदन से कपड़े हटा.
उसने मेरे हाथ को पकड़ कर मेरे कपड़े हटा कर एक तरफ डाल दिये. मैं अपने भाई के सामने बिल्कुल नंगी हो गई. वो मेरे बदन को घूरने लगा. मुझे शर्म आने लगी और मैं अपने भाई से नजरें नहीं मिला पा रही थी. भाई ने मेरे बदन को धीरे से स्पर्श करना शुरू किया और मेरे पूरे बदन पर हाथ फिराने लगे. फिर उसने मुझे खड़ी कर दिया और मेरे पूरे बदन को घूरने लगे. वो मेरे चारों तरफ चक्कर काट रहे थे.
मेरे जिस्म के हर अंग को ऐसे देख रहे थे जैसे कोई भूखा कुत्ता मांस के टुकड़े को देखता है. दो-तीन चक्कर मेरे चारों तरफ काटने के बाद वो मेरे पीछे की तरफ गये और मेरी गांड को दबा दिया. मेरी आह्ह निकल गई. मैं सिकुड़ कर खड़ी रही. फिर भाई ने मेरे कंधे से पकड़ कर मुझे डॉगी स्टाइल में नीचे झुका दिया और मेरी चूत को देखने लगे.
कुछ पल तक देखने के बाद उसने मेरी चूत पर हाथ रख कर उसको सहला दिया तो मैं सिसक उठी. मेरी चूत से पहले ही पानी निकल रहा था. भाई के हाथ लगाने से मेरी चूत और ज्यादा गर्म हो गई.
मेरे भाई सुनील ने मेरी गीली चूत सहलाते हुए कहा- साली, तू कब से रंडी बन गई रे? तूने बताया भी नहीं? अगर तू चाहे तो मेरे दो-तीन दोस्त भी हैं, तुझे चुदाई के साथ पैसा भी मिलेगा. मुझे भी गुस्सा आ गया और मैं बोली- साले जो करना है कर ले, मुझे क्यों सिखा रहा है. मेरी चूत पहले से ही इतनी गर्म हो रही है.
बस, फिर भाई को भी गुस्सा आ गया और उसने अपने पूरे कपड़े उतार फेंके और मेरे सामने ही नंगा हो गया. मैंने भाई का लंड देखा तो मेरी आंखें खुली रह गईं. उसका लंड बहुत दमदार था. उसको देख कर तो कोई भी लड़की उससे चूत चुदवाने के लिए तैयार हो सकती थी. मैं तो ऐसा लंड लेने के लिए बहुत तरसती रहती थी. मुझे घर में ही इतना बड़ा लंड मिल गया. फिर भाई ने मेरे मन की बात खुद ही पूरी कर दी. जब मैं भाई के लंड को घूर रही थी तो वो बोला- देख क्या रही है, चूस ले इसे!
मैं तुरंत नीचे बैठ गई और भाई के लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. उसका सात इंच का लंड मेरे मुंह में पूरा भर गया और मैं मजा लेकर उसको चूसने लगी. उसका लंड मेरे ममेरे भाई प्रशांत के लंड से भी बड़ा था. मेरी तो जैसे लॉटरी लग गई थी. मैं अपने घुटनों के बल बैठ कर जोर से भाई का लंड चूसने लगी. वो भी दो मिनट तक वहीं खड़ा रह कर अपना लंड चुसवाता रहा और फिर उसने लंड निकाल लिया.
वो पीछे जाकर बेड पर बैठ गया. मैं उसके बुलाये बिना ही उसके पास चली गई और नीचे बैठ कर उसके तने हुए लंड को फिर से मुंह में लेकर चूसने लगी. उसने मेरे बालों को पकड़ लिया और तेजी के साथ मेरे मुंह में अपने लंड के धक्के देने लगा. उसका लंड इतना बड़ा था कि मेरे मुंह में पूरा जा भी नहीं पा रहा था.
उसने मेरे सिर को अपने हाथों से अपने लंड पर दबाया हुआ था. वो तेजी के साथ मेरे मुंह को चोद रहा था. उसके हाथों की रफ्तार बढ़ती जा रही थी. बीच-बीच में वो कह रहा था- साली … आह्ह … तुझे तो जिन्दगी भर मैं अपनी रंडी बना कर रखूंगा.
उसकी बढ़ती हुई रफ्तार के साथ उसकी सांसें भी तेज होती जा रही थी. उसके पैरों की नसें पूरी तन गई थीं. उसकी आंखें मजे में बंद हो चुकी थी और वो अचानक कहने लगा- आह्ह … आई एम कमिंग … (मेरा निकल रहा है) और एकदम उसके लंड से वीर्य की धार मेरे मुंह में छूटने लगी. भाई ने अपने लंड के वीर्य से मेरे मुंह को भर दिया.
भाई का वीर्य मुझे बहुत अच्छा लगा. मुझे उसका स्वाद बहुत पसंद आ रहा था. मैंने उसके लंड से चाट-चाट कर सारा वीर्य साफ कर दिया. अब मेरा मुंह भी दुखने लगा था. वो पीछे बिस्तर पर लेट गया और उसके चेहरे पर एक मुस्कान आ गयी जैसे उसको पूरी संतुष्टि मिल गई हो.
वो बोला- तूने तो मेरे लंड को खुश कर दिया. फिर मैं उठ कर भाई के सीने पर लेट गई क्योंकि मेरी प्यास तो अभी नहीं बुझी थी. मेरी चूचियां भाई के सीने पर दब गई. मैं उसके होंठों को चूसने लगी. वो भी मेरा साथ देने लगे.
फिर सुनील ने कहा- चल, आज मैं तेरी प्यास ऐसे बुझाऊंगा जैसे किसी ने नहीं बुझाई होगी. वो चुपके से दूसरे रूम में गये और एक रस्सी और टेप लेकर आ गये. मैंने पूछा- इसका क्या करोगे भाई? वो बोला- तू चुप कर, मैं जो कर रहा हूं मुझे करने दे. कुछ देर के बाद तुझे सब कुछ पता लग जायेगा. आज तुझे इतना मजा दूंगा कि तू किसी और के पास कभी नहीं जायेगी.
उसने मुझे लेटने के लिए कहा तो मैं लेट गयी. फिर उसने मेरे मुंह पर टेप लगा दी. मेरी आवाज बंद हो गई. उसके बाद भाई ने मेरे दोनों हाथों को रस्सी से बिस्तर पर पीछे बांध दिया और मेरी टांगों को फैला कर दोनों तरफ बांध दिया. मेरी नंगी चूत मेरे भाई के सामने खुली हुई थी.
भाई एकदम से मेरे ऊपर टूट पड़े.
फिर वो जाकर फ्रिज से बर्फ लेकर आया और मेरे पूरे बदन पर चलाने लगा. मुझे इतना मजा आने लगा कि मैं बता नहीं सकती. मेरी चूत उसका लंड लेने के लिए तड़प उठी. उसने मेरी चूत के आस-पास के भागों को जोर से चूस डाला.
मछली की तरह मैं बेड पर पड़ी हुई तड़प रही थी. भाई को भी मुझे तड़पाने में मजा आ रहा था. वो मेरी चूत के दाने को हल्के से अपनी दाढ़ी लगा कर रगड़ रहा था. मैं तो जैसे पागल हो गई थी. मेरे बदन में बहुत जोर से गुदगुदी हो रही थी. साथ ही साथ मुझे बहुत ज्यादा उत्तेजना हो रही थी.
अचानक से भाई मेरे ऊपर आकर बैठ गये. उनका लंड मेरे पेट पर था. वो दोनों हाथों से मेरे चूचों को दबाने लगा और हाथों में लेकर मसलने लगा. भाई का तना हुआ लंड मेरे बूब्स के बीच में आ गया और उसने अपने लंड से मेरे बोबों को चोदना शुरू कर दिया. चूंकि मेरे चूचे काफी बड़े थे उसका लंड मेरे चूचों के अंदर छेद बना कर आगे पीछे हो रहा था. कभी कभी उसका लंड मेरे मुंह पर आकर टकरा जाता था.
उसका बदन पूरा पसीने से भीगने लगा और मेरी चूत अब चुदाई के लिए फड़फड़ाने लगी. मेरी चूत से पानी की धार बहे जा रही थी. भाई को भी मेरी तड़प महसूस हो रही थी. इसलिए उसने अपने लंड को मेरे चूचों के बीच से निकाल दिया. उसने अपने लंड को मेरी चूत पर पटकना शुरू कर दिया. उसका सात इंच का लंड मेरी चूत पर लग रहा था तो मैं एकदम से उछल जाती थी. लेकिन मेरे मुंह पर टेप लगी हुई थी.
मैं जोर से सांसें ले रही थी और मेरी सांस फूलने लगी थी. फिर भाई ने मेरी हालत को देख कर मेरे मुंह से टेप हटा दी. टेप हटाते ही मैंने भाई से कहा- चोद भोसड़ी के!
उसने तेजी से मेरी चूत को चोदना शुरू कर दिया. मेरे मुंह से अब जोर-जोर से सिसकारियां निकलने लगीं. मेरी चूत को चोदते हुए वो कभी बूब्स को मसल रहे थे तो कभी दांत से बूब्स के निप्पल को काट रहे थे. मैं गर्म होकर नीचे से अपनी गांड को उछाल कर चुदवा रही थी.
मेरे पैरों पर बंधी हुई रस्सी अब मुझे चुभने लगी थी. भाई भी मेरी चूत को चोदते हुए थकने लगा था. अचानक भाई ने जोर से लंड को मेरी चूत में दोगुनी ताकत से धकेलना शुरू कर दिया. उसका लंड मेरी बच्चेदानी पर जाकर टकराने लगा. उसके मूसल लंड को लेते हुए मेरा हाल बेहाल होने लगा लेकिन मजा भी बहुत आ रहा था.
बेड से चर्र … चर्र … की आवाज होने लगी. पूरा रूम हमारी सिसकारियों से भर गया. भाई का स्टेमिना देख कर मैं हैरान हो रही थी. मुझे लगने लगा था कि वो 3-4 लड़कियों को एक साथ खुश करने की ताकत रखता है.
उसके चोदने की रफ्तार बढ़ती जा रही थी. मेरी चूत ने न जाने कितनी बार पानी छोड़ दिया था. फिर एकदम से उसके लंड से पिचकारी छूट कर मुझे मेरी बच्चेदानी के पास महसूस होने लगी. उसने पूरा वीर्य मेरे अंदर भर दिया.
मेरे भाई से चूत चुदाई की यह कहानी मेरे मुख से सुन कर मजा लें!
https://cdn.vartoken.com/audio-stories/AV/mere-bhaiya-meri-chut-ke-sainya-2.mp3
कुछ देर तक भाई ऐसे ही मेरे ऊपर पड़ा रहा. थोड़ी देर आराम करने के बाद भाई का लंड फिर से खड़ा हो गया. उसने मेरे हाथ और पांव खोल दिये और मुझे उल्टा लिटा दिया और खुद भी अपने खड़े लंड के साथ मेरे ऊपर आकर लेट गया. उसने अपने लंड को मेरी गांड में टच किया और मेरी गर्दन को चूमने लगा. कभी-कभी मेरे कानों पर अपने दांतों से काट भी देता था. मैं उसका लंड अपनी गांड में लेने के लिए तड़प उठी.
फिर भाई ने कहा- मेरी रानी, अब मैं तेरी गांड मारूंगा.
मेरा मन तो खुद ही मेरे भाई का लंड अपनी गांड में लेने को हो रहा था. भाई ने मुझे बिस्तर में ही डॉगी बनने के लिए कहा और मैं अपनी गांड को उठा कर जैसे ही कुतिया की पोजीशन में आई तो भाई ने मेरी गांड में लंड को पेल दिया.
उसने काफी देर तक मेरी गांड की चुदाई की. मेरी गांड को दबा-दबा कर चोदा और दस मिनट के बाद फिर से अपना वीर्य मेरी गांड में निकाल दिया. उस दिन तो मेरी गांड फट ही गई दोस्तो. मुझे पहली बार गांड मरवाने में इतना मजा आया था. अब मेरा मन भाई से चूत मरवाने की बजाय गांड मरवाने को करने लगा था.
कहानी आगे भी जारी रहेगी. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000