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दोस्तो, यह कहानी मेरी सासू माँ मोहिनी के बारे में है. मोहिनी की उम्र करीब 46 साल की रही होगी. उनका फिगर 36-32-36 का था.
ये बात तब की है, जब मेरे ससुर जी को किसी काम से एक हफ्ते के लिए बाहर जाना पड़ा. उन्होंने हमें कहा कि हम उस एक हफ़्ता मोहिनी के साथ उनके घर में रुके. हम दोनों मियां बीवी अपना एक हफ्ते का समान बाँध कर उनके यहां रहने चले गए.
दोस्तो, उनका घर दो बेडरूम एक किचन और एक हॉल वाला था. जब हम वहां रहने गए, तो मेरे ससुर को स्टेशन छोड़ने के लिए मुझे जाने को कहा गया. मोहिनी अपने पति से बोलीं कि आप पहली बार मुझसे दूर एक हफ्ते के लिए जा रहे हो, तो मैं भी आपको स्टेशन छोड़ने चलूंगी.
मैंने अपनी बीवी की तरफ देखा, तो मेरी बीवी ने कहा कि मैं घर पर ही रुकूंगी. और जब तक आप लोग वापस आएंगे, तब तक मैं रात के खाने पीने की इंतजाम करूंगी. पता नहीं कि ट्रेन कितनी लेट आए.
यह सुन कर मैं, मोहिनी और मेरे ससुर हम तीनों स्टेशन के लिए निकल गए. उस दिन ट्रेन एकदम सही टाइम पर ही आई. हमने उन्हें बिठाया, तो मोहिनी का मूड थोड़ा ऑफ हो गया. क्योंकि मेरे सास ससुर दोनों कभी एक दूसरे को छोड़ कर अकेले नहीं जाते. यह पहला मौका था, जब ससुर जी को मोहिनी को छोड़ कर जाना पड़ रहा था.
खैर हम दोनों स्टेशन से निकल कर कार में बैठे, तो मोहिनी मेरे बाजू वाली सीट पर बैठ गईं.
मैंने उनका मूड ठीक करने के लिए कह दिया- क्या बात है मम्मी जी … आप तो लैला मंजनू टाइप मूड ऑफ करके बैठी हो. जबकि अब तो सही टाइम मिला है आपको कि आप अकेले हो, ऐश कर सकती हो, कोई रोकने टोकने वाला नहीं होगा. इस पर वो बोलीं- अरे बेटा अब मेरे साथ कौन ऐश करना चाहेगा. मैंने कहा- ऐसी बात नहीं है मम्मी जी … आप तो अभी भी जवान और खूबसूरत दिखती हो. अभी भी जब आप ब्लू साड़ी पहन कर बाहर निकलती हो, तो दुनिया में कोई देखे ना देखे, मगर मेरी नज़र तो आप पर से हटती ही नहीं है.
वो मेरे मुँह से ऐसी बातें सुन कर शर्मा गईं और मेरे कंधे पर एक हल्की सी चपत लगाते हुए बोलीं- क्या बात है दामाद जी … आज सासू माँ को अकेले पा कर बड़े सुर निकल रहे हैं आपके … भूल गए हो क्या कि घर में आपकी बीवी और मेरी बेटी भी है, जो हमारा इंतजार कर रही है. यह कह कर वो शरमाने लगीं.
मैंने कहा- मम्मी जी, आप हुक्म तो करो, आपकी बेटी और आपका दामाद हमेशा दोनों आपकी खिदमत में पेश रहेंगे. वैसे भी मैंने आपकी बेटी को अपने दिल की बात बता कर रखी है. तो वो बोलीं- रहने दो दामाद जी, आप तो हमेशा ही मज़ाक करते रहते हो. मैंने कहा- नहीं … आज मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूँ. अगर आपको कोई ऐतराज नहीं हो, तो मैं इसे घर चल कर प्रूव भी कर सकता हूँ. वो बोलीं- चलो देखते हैं … अब आप सीधे गाड़ी चलाओ और मुझे घर ले चलो, मुझसे अब बैठे नहीं जा रहा है. मुझे वॉशरूम जाना है … मुझे जोर से टॉयलेट आई है.
मैंने कहा कि अरे अभी तो घर बहुत दूर है … आप बीच रास्ते में ही कहीं हल्की हो लो … अभी तो बीस मिनट का रास्ता सुनसान है. मैं कहीं साइड में गाड़ी लगा देता हूँ. वो बोलीं- नहीं … मैं बाहर नहीं जाती, आप तो घर ही ले चलो.
मैं उन्हें घर ले आया. जैसे ही मैंने घर में गाड़ी पोर्च में रोकी, वो फाटक से उतर कर गेट की तरफ भागीं. उन्होंने बेल बजाई, तो मेरी बीवी ने गेट खोलने में भी देर कर दी.
उनसे कंट्रोल नहीं हो पा रहा था, तो वो बोलीं- आप थोड़ा साइड हो जाओ … और गाड़ी का गेट खोल कर आड़ लगा दो. मैं पोर्च में ही मूत लेती हूँ. मैंने कहा- इससे तो अच्छा, मैं वहां गाड़ी रोक कर करवा रहा था, तो आप भाव खा रही थीं. सासू बोलीं- अभी बकवास सुनने का टाइम नहीं है, जो बोल रही हूँ … वो करो.
तभी मेरी बीवी ने गेट खोल दिया. वो सीधे अन्दर को भागीं और बेडरूम में अन्दर अटैच टॉयलेट में घुस गईं.
मैं जब अन्दर आया, तो मेरी वाइफ बोली- आप भी चेंज कर लो और फ्रेश हो लो.
इसी जल्दबाजी के चक्कर में ना मोहिनी को होश था, ना हमें कि वो कौन से वॉशरूम में गई हैं. मैं अपने बेडरूम, जिसमें मेरी वाइफ ने बताया था, में घुस गया और अन्दर से दरवाजा लगा कर कपड़े चेंज करने लगा. मैं अपने कपड़े उतार कर सिर्फ़ अंडवियर में टॉयलेट जाने लगा. मैंने जैसे ही टॉयलेट का डोर खोला, तो वो पहले से ही खुला हुआ था. मैं देखता हूँ कि मोहिनी अपनी सलवार उतार कर कमोड की सीट पर बैठी हुई थीं. हालांकि उनकी चूत तो क्लियर नहीं दिखी, मगर उनकी गोरी जांघें दिख गईं. मैं वहीं खड़ा हो कर सब देखता रहा.
जब उनका मूतना हो गया, तो वो उठीं और जैसे ही उन्होंने मुझे देखा, तो चिल्ला दीं- अरे आप यहां क्या कर रहे हो? मैंने कहा- देख रहा था, आपको कितनी जोरों की टॉयलेट आई थी.
अभी तक कमोड को उन्होंने फ्लश नहीं किया था, तो उनकी टॉयलेट की वो भीनी सी महक आ रही थी. मैं उस महक में खोता जा रहा था. तभी उन्होंने बात करते करते अपनी सलवार बाँधी, तो मुझे उनका पेट भी दिखा.
आअहह … मैं तो अब धीरे धीरे अपने पूरे होश खोता जा रहा था. इतने में ही वो दरवाजे के पास आकर बाहर निकलने को हुईं, तो मैंने उन्हें रोक लिया और बांहों से पकड़ कर उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए. मैंने उन्हें टॉयलेट की दीवार से टिका दिया.
वो मुझसे छूटने की कोशिश करने लगीं, पर दो पाँच मिनट में उनकी कोशिश बंद हो गईं और वो मेरे स्मूच को एंजाय करने लगीं … मेरा साथ देने लगीं.
तभी मैंने अपना एक हाथ उनके मम्मों के ऊपर उनके कुर्ते के ऊपर से ही रख दिया और मम्मे को सहलाने लगा. पर तभी उन्होंने मुझे एकदम से हटा दिया और रूम का गेट खोल कर बाहर भाग गईं.
ग़लती से उन्होंने अपना दुपट्टा, जो कि मूतते समय उतारा होगा, उसे वही टंगा छोड़ कर ले जाना भूल गईं.
जैसे ही वो बाहर गईं, मेरी बीवी ने उन्हें देखा और कहा- अरे मम्मी आप इस रूम में क्या कर रही थीं. ये भी तो इसी रूम में गए हैं. वो एकदम से शर्मा कर अपने दूसरे रूम में चली गईं.
तभी मैं रूम से चेंज करके बाहर आया, तो मेरी बीवी मेरे हाव भाव देख कर समझ गई कि अन्दर कुछ गड़बड़ हुई है. उसने कहा- क्या हुआ? मैंने उसे पूरा वाकिया बता दिया. बस वो स्मूच वाली बात छोड़ दी.
वो बोली- कोई नहीं … हो जाता है … इस उम्र में उनसे कंट्रोल नहीं होता और तुमसे तो बिल्कुल ही नहीं होता. बस तुम्हें तो चूत चाहिए रहती है. फिर चाहे बीवी की हो या सास की. यह कह कर वो हंस दी.
मैंने कहा- मगर यार … अभी भी तुम्हारी माँ बहुत सेक्सी है. उनकी वो गोरी गोरी भरी हुई जांघें देख कर तो मेरा मन ही डोल गया. मेरी बीवी ने कहा- तुम रहने दो, यहां तुम्हारा कुछ नहीं होगा.
तभी मोहिनी भी अन्दर से चेंज करके आ गईं. अब वो थोड़ी नॉर्मल लग रही थीं.
फिर मेरी बीवी ने पूछा- आपका खाना लगा दूँ क्या … या आपका कुछ और मूड है? मैंने उसे आंख मारते हुए कहा- आज तो मैं दो दो सेक्सी लेडीज के साथ रात बिताऊंगा … और आज भी मेरा कुछ और मूड नहीं हो, तो धिक्कार है ऐसी जवानी पे. इस पर वो दोनों हंस दीं.
बीवी बोली- मम्मी आप खाना खा लो … ये तो अभी मूड बनाएंगे मतलब कि ड्रिंक करेंगे … फिर उसके बाद खाएंगे. मैं तभी इनके साथ ही खा लूँगी. मेरी सास बोलीं- कोई बात नहीं बेटा, ये मूड बनाएंगे … तो आज हम भी इनका साथ दे देते हैं.
यह सुन कर मेरी बीवी का मूड खराब हो गया … क्योंकि जब मैं ड्रिंक करता हूँ, तो वो भी एक दो पैग लगा लेती है. फिर उसका गर्म मूड बन जाता, उसके बाद वो बेड पर वो घमासान मचाती है कि पूरी रात नशे में हम दोनों एक दूसरे के जिस्मों में कैसे बीत जाती है, पता नहीं चलता है. मैंने उसे आंख मार कर धीरे से कहा- तू टेन्शन ना ले … मैं तेरी जुगाड़ फिट कर दूँगा.
फिर हम तीनों ड्रॉइंग रूम में बैठे. मैं सेंटर टेबल पर पैर फैला कर बैठ गया और टीवी चालू कर दिया. मेरी बीवी ने मेरे लिए एक पैग बनाया. सास अन्दर से स्नॅक्स ले आई.
तब तक मैं और मेरी बीवी जो मेरे बाजू में सोफे पर बैठी थी, वो मुझसे चिपकी हुई थी. मेरा एक हाथ उसकी टी-शर्ट के अन्दर उसके मम्मों को सहला रहा था. वो मेरा लंड अपने हाथ से सहला रही थी. ये सीन मोहिनी ने आते हुए देख लिया और वो किचन के दरवाजे पर खड़े खड़े हमें देखने लगीं.
थोड़ी देर बाद उन्होंने खाँसने की आवाज की, तो हम दोनों ठीक होकर बैठ गए.
हम दोनों तो ठीक हो गए थे, मगर मेरा लंड और बीवी के निप्पलों ने हमारी चुगली कर दी, जो बैठ ही नहीं रहे थे.
मोहिनी बोलीं- आप दोनों अपना इंतजाम बेडरूम में ही क्यों नहीं लगा लेते. आप दोनों वहां पर कंफर्टबल भी रहोगे. इस पर मैंने कहा- अरे नहीं मम्मी जी … आज तो हम आपके साथ मूड बनाने के मूड में हैं.
इस पर मेरी बीवी ने मुझे एक चपत लगा दी और मेरे गाल खींचने लगी. वो बोली- कुछ भी बोलते हो आप तो … भला अपनी सास के साथ बैठ कर मूड थोड़े बनता है. मैंने कहा- मूड तो खड़े खड़े भी बन जाता है … क्यों है ना सासू माँ..! वो हंसने लगीं.
मैंने सासू माँ से कहा- यार, ऐसे कैसे चलेगा कि महफ़िल में तीन लोग हैं, मगर पैग एक का ही चल रहा है. मेरी बीवी समझ गई.
मैंने मेरी बीवी से कहा- दो गिलास और लाओ. वो उठ कर चली गई.
मैंने अपनी सासू माँ से कहा कि आप इतनी दूर क्यों बैठी हो? वो बोलीं- नहीं आपका कोई भरोसा नहीं … मैं आपके पास बैठूं और कहीं आपने नशे में मेरी बेटी के सामने कुछ ग़लत हरकत कर दी तो! मैंने कहा- आप टेंशन मत लो, आपकी बेटी समझदार है. वो भी समझती है कि इस समय आपकी हालत क्या है. क्योंकि ससुर जी तो हमेशा पूजा पाठ में लगे रहते हैं और आप उनसे हर रात मिन्नतें करती रहती हो कि आज की रात तो कम से कम वो आपको सॅटिस्फाइ कर दें. ये सब हम दोनों ने आपके बेडरूम के बाहर से लाइव देखा और सुना है.
ये सुनकर वो एकदम से सन्न रह गईं. इतने में मेरी वाइफ दो गिलास ले आई और बोली- जानू, आज तो मेरा भी एक पैग बना दो … आज मैं अपनी माँ के साथ और पति के साथ मिल कर एंजाय करूँगी.
मेरी सास बोलीं- नहीं … मैंने कभी पी नहीं है यार. मैंने कहा- अरे सासू माँ, आप टेंशन मत लो … ये बात सिर्फ़ हम तीनों के बीच रहेगी.
मेरी वाइफ ने ही कहा- हां मम्मी, मैं आपके लिए एक लिट्ल पैग बना देती हूँ. ये कह कर उसने एक लार्ज पैग बना दिया और उसे कोल्ड ड्रिंक से भर दिया.
फिर मैंने अपनी वाइफ से कहा- जानू आज अंजाने में हमसे एक ग़लती हो गई. यह कह कर मैंने उसे बेडरूम और टॉयलेट वाले किस्से के बारे में सब बता दिया.
मैंने देखा कि मोहिनी आंखों से मुझे मना कर रही थीं कि प्लीज़ मत बताओ मगर मैंने फिर भी सब कुछ उसे बता दिया. साथ ही साथ यह भी कह दिया कि जब मम्मी जी टॉयलेट से निकलीं, तो मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ और मैंने उन्हें किस कर लिया.
मेरी वाइफ बोली- कोई बात नहीं … मगर जब तक यह बात हम तीनों के ही बीच में है, तब तक मुझे कोई प्राब्लम नहीं है. आख़िरकार ये मेरी माँ हैं और अपनी माँ को हर इंसान खुश देखना चाहता है. यह कह कर उसने अपनी माँ को गले से लगा लिया.
अब तक हम तीनों के एक एक पैग खत्म हो गए थे. मेरी वाइफ को और मोहिनी को थोड़ा नशा चढ़ने लग गया था.
अब तक मोहिनी चुप थी, मगर जैसे ही उसकी बेटी ने उन्हें गले लगाया, वो फफक कर रो पड़ीं और बोलीं- मेरी बेटी मुझे माफ़ कर दे … मुझसे कंट्रोल नहीं हुआ. मैं अपने बेटे जैसे दामाद के साथ वो सब कर बैठी, जो मुझे नहीं करना चाहिए था.
मैं उठ कर गया और मोहिनी के एक साइड में बैठ गया. एक साइड मेरी वाइफ थी और हम दोनों ने उन्हें पकड़ लिया. मैं भी मोहिनी को कंधे से पकड़ कर ढांढस बंधाने लगा- कोई बात नहीं मम्मी जी, हम समझते हैं, मैं भी जवान हूँ … आप भी काफी समय से प्यासी हो … अंजाने में ऐसी ग़लतियां हो जाया करती हैं. अब मैं ध्यान रखूंगा कि आगे से मैं भी अपने आप पर कंट्रोल रखूं ताकि आप भी अपने रास्ते से भटकें नहीं.
यह कह कर मैंने उनके आंसू पौंछे और साथ ही साथ उनके उन नर्म नर्म गालों और होंठों पर भी हाथ फिरा दिया. वो फिर से मुझे घूर कर देखने लगीं. मैंने उन्हें एक आंख मार दी. यह सब हरकतें मेरी बीवी देख रही थी और मुझे पैर मार मार कर इशारे कर रही थी कि बहुत हुई मसखरी … अब बंद करो मेरी माँ को छेड़ना.
मैंने माहौल को ज़्यादा सीरीयस होते देखा, तो कहा- अरे आप दोनों माँ बेटी भी कहां किस लफड़े में फंस गई हो, चलो चलो जल्दी जल्दी एक पैग और बनाओ और मम्मी जी का सब गम ग़लत करो. यह कहते हुए मैंने खुद अपने हाथों से दोनों के लिए एक एक लार्ज पैग और बना दिया.
मैं मोहिनी को अपने हाथों से पिलाने लगा, तो वो बोलीं- नहीं बेटा, आप दोनों एंजाय करो, मेरा मन नहीं हो रहा है. मैंने कहा- नहीं मम्मी जी, ऐसे आपको छोड़ कर तो हम दोनों एंजाय भी नहीं कर सकते.
उन्होंने मेरा मन रखने के लिए एक सिप मेरे हाथ से पी लिया. मैं और मेरी बीवी दोनों उठ कर अपनी अपनी जगह सोफे पर आ गए.
मैंने अपनी मम्मी जी से पूछा- आप ठीक हो … अब नॉर्मल हुईं कि नहीं? वो बोलीं- हां … अब मुझे ठीक लग रहा है, जिसके पास आपके जैसा दामाद हो, वो सास कब तक मूड ऑफ करके रह सकती है … थैंक्यू दामाद जी. ये कह कर वो शरमाने लगीं और उन्होंने अपनी नज़रें नीचे कर लीं.
मेरी सास की चुदास से भरी चूत चुदाई की कहानी का मजा आपको अगले भाग में मिलेगा. मुझे मेल जरूर करें. [email protected] कहानी जारी है.
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