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गे सेक्स ग्रुप स्टोरी में पढ़ें कि मैं लड़कियों जैसा हूँ. मुझे ब्रा पैंटी पहनने का शौक है. एक बार बस की भीड़ में एक लड़का मेरी गांड दबाने लगा. मुझे मजा आया.
दोस्तो, मेरा नाम अनिल है और मेरी उम्र 20 साल की है. मैं मध्यप्रदेश के देवास का रहने वाला हूँ. मेरी गे सेक्स ग्रुप स्टोरी का मजा लें.
मेरा शरीर न केवल दिखने में एकदम दुबला पतला है बल्कि ये अन्दर से भी एकदम लड़कियों जैसा ही है. मेरी बॉडी पर एक भी बाल नहीं है, बस थोड़े से बाल पैरों और जांघों पर हैं.
मुझे शुरू से ही लड़कियों की ब्रा पैंटी पहनने का शौक था. मैं कभी कभी दीदी की ब्रा पैंटी पहन लेता था और मुझे ऐसा करने में बहुत मजा आता था.
मैं ब्रा पैंटी पहनकर अपने मम्मों को दबाता था और अपनी गांड में पेन डालता था, तो मुझे बहुत ज्यादा मजा आता था. इससे मेरे मम्मे भी कुछ कुछ लड़कियों जैसे ही हो गए थे.
इसके बाद मैंने गांड में लंड तो बहुत लिए; पर मैं आज आपको अपनी एक ग्रुप सेक्स कहानी सुनाना चाहता हूँ.
हुआ यूं कि मैं एक दिन कुछ काम से देवास से इंदौर बस से जा रहा था. बस में सीट ना मिलने के कारण मुझे खड़ा ही रहना पड़ा.
धीरे धीरे बस में भीड़ बढ़ती गई और इसी के चलते मैं कब सभी के बीच में आ गया, मालूम ही न चला.
वैसे तो मैं हमेशा थोंग वाली ब्रा पैंटी पहनकर रखता था … लेकिन मैंने उस दिन ब्रा की जगह केवल समीज पहन रखी थी और नीचे पैंटी डाली हुई थी.
थोंग वाली पैंटी पहनने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह हमेशा गांड में ही घुसी रहती है … और जब चलते हैं तो इसकी रगड़न से बहुत मजा आता है.
फिर बस में भीड़ ज्यादा होने के कारण में लड़कों के बीच में आ गया था और मन ही मन में सोच रहा था कि आज कोई तगड़ा लंड मिल जाए, तो मजा आ जाए.
थोड़ी देर बाद मुझे अहसास हुआ कि कोई मेरे पीछे खड़ा है और मेरी गांड को सहला रहा है. पीछे देखा मैंने … कि एक स्मार्ट सा लड़का मुझे देख कर मुस्कुरा रहा था. मैंने भी उस लड़के को देख कर एक अच्छी सी स्माइल दे दी.
इसके बाद मैं भी अपनी गांड को उसके लंड के ऊपर घुमाने लगा. धीरे-धीरे वो भी मेरी गांड के ऊपर अपने लंड से धक्का मारने लगा था.
इसके बाद उसने मेरे कान में बोला- कहां जा रहे हो? मैंने उसकी छाती से खुद को सटाते हुए कहा- मैं इंदौर जा रही हूं … आप कहां जा रहे हो.
उसने मेरी इस बात से कि ‘मैं इंदौर जा रही हूँ.’ सुनकर लंड का जर्क दिया और बोला- हाय … मैं भी इंदौर जा रहा हूं. मैं उससे लग गई.
वो मेरी गांड की दरार में लंड रगड़कर मजा करता और देता रहा. पानी से नमी सी आ गई थी.
इसके बाद उसी ने मेरे गाल से गाल रगड़ कर बोला- मेरे रूम पर चलोगी क्या? मैंने पूछा- कहां पर है आपका रूम? उसने कहा कि बस स्टॉप के पास ही है. उधर एक रूम में हम 4 लड़के रहते हैं.
मुझे चार लंड की सुनकर लगा कि आज तो मेरी गांड को एक दो नहीं … बल्कि चार चार लंड मिलने वाले हैं.
यही सोचकर मेरी गांड मचलने लगी. उसने मेरे सीने पर हाथ फेर कर कहा- बताया नहीं? मैंने उसका हाथ अपने सीने पर दबाते हुए कहा- हां चलूंगी न!
फिर थोड़ी देर के बाद बस स्टॉप आ गया. हम दोनों बस से उतर गए.
थोड़ी देर चलने के बाद मैंने उससे कहा कि मुझे आप अपने रूम पर ले चलोगे तो वहां पर चार लोग मेरे साथ करेंगे क्या?
उसने बोला- अगर तुम चाहो तो कर सकते हैं … नहीं तो मैं अकेला ही करूंगा. मैं बोली- ठीक है, चारों को बोल देना कि मुझे आज चोद चोद कर पूरी तरह तृप्त कर दें.
वो खुश हो गया.
फिर मैंने उससे बोला- मुझे लड़कियों की ब्रा पेंटी पहन कर करवाने में बहुत मजा आता है. अभी मैंने केवल समीज पहनी है, तुम पहले मुझे ब्रा दिलाओ.
हम वहीं पर पास ही एक ब्रा पैंटी की शॉप थी वहां आ गए. हमने वहां से एक ब्रा पैंटी का थोंग वाला ब्लैक सैट खरीदा.
फिर थोड़ी बाद हम दोनों उसके रूम पर पहुंच गए.
मैंने वहां देखा कि उस कमरे में मेरी ही हम उम्र के तीन लड़के मौजूद थे. वे टोटल 4 जवां मर्द थे. उन चारों की आयु लगभग 20 से 24 साल के बीच थी.
अब वो लड़का, जो मुझे लेकर आया था. उसने उन सबसे बोला कि यह मेरा दोस्त है. ये कहते हुए शायद उसने अपने दोस्तों को आंख मार दी थी.
फिर उसने उन सभी के पास जाकर कुछ बोला तो चारों मुझे देख कर मुस्कुराने लगे.
उनमें से एक मुझसे बोला- आप चाहो, तो नहा सकती हो.
उसके मुँह से ‘नहा सकती हो ..’ सुनकर मेरे छेद में सनसनी होने लगी.
मेरा मन नहाने का हुआ तो मैं बोली- ठीक है. मैं पहले नहा ही लेती हूँ. फिर ताजगी आ जाएगी.
फिर मैं उनके वाशरूम में गई और अपने कपड़े निकाल लिए. मेरी बॉडी पर सिर्फ थोंग पैंटी और समीज थी जो मैंने पहले से पहनी हुई थी. मैंने उनको नहीं निकाला और शॉवर चालू कर दिया.
इससे मेरी गोरी बॉडी के साथ साथ मेरी पैंटी और समीज भी गीली हो गई.
मैंने साबुन लगाया और पानी से वापस अपने आपको धो लिया.
नहाने के बाद मैंने अपनी समीज और पैंटी निकाल कर अपनी गांड को भी अच्छी तरह से धोया. बॉडी को टॉवल से पौंछने के बाद मुझे याद आया कि मैंने जो ब्लैक ब्रा पैंटी का सैट लिया था, वो तो मैं बाथरूम में लाना ही भूल गई.
मैंने वाशरूम से उस लड़के को आवाज देकर कहा- सुनिए जी, जो मेरे बैग में एक पैकेट है, उसको दे दो न.
मेरी बात से बाहर एक कहकहा सा उठा और सब लौंडे मुझे चोदने के लिए गर्म हो उठे.
वो लड़का ब्रा पैंटी का पैकेट देने दरवाजे के करीब आया और मुझे देख कर मुस्कुराने लगा. बदले में मैं भी हल्का सा मुस्कुरा दी.
मैंने ब्रा पैंटी को पहना और अपने कपड़े वापस से ब्रा पैंटी के ऊपर पहन लिए.
फिर मैं उनके रूम में आई, तो देखा कि वो चारों केवल बनियान और हाफ लोवर में थे.
वे मुझे देख कर कहने लगे- आज गर्मी कुछ ज्यादा ही है. मैंने इठला कर कहा- कोई बात नहीं, हवा ले लो.
उनमें से एक लड़के ने कहा- आप भी इधर ही आ जाओ. साथ में मिल कर लेते हैं. मैं मुस्कुरा दी- हां, साथ में लेने में ही मजा आता है.
मैं उनके पास जाकर बैठ गया तो दूसरे लड़के ने कहा- अरे बीच में बैठो न यार … कहां एक तरफ बैठी हो. मैं मुस्कुराते हुए उठ कर उन चारों के बीच में जाकर बैठ गई.
अब मेरी दोनों तरफ दो दो लड़के थे.
मैंने उनसे पूछा- मुझे यहां आये हुए 45 मिनट हो गए और आपने अपना नाम तक नहीं बताया.
उन्होंने एक एक करके अपना नाम अजय राहुल दीपक और कमल बताया. राहुल वो था जो मुझे बस से इधर लेकर आया था.
इसके बाद थोड़ी देर तक सामान्य बातें हुईं.
फिर अचानक राहुल ने कहा- बस में मजा आया था कि नहीं! उसकी बात से मैं मुस्कुरा दी और ना में सर हिला दिया- पूरा मजा किधर से आता?
अजय- किस मजे की बोल रहे हो यार हमें भी तो बताओ? दीपक और कमल- हां बताओ ना यार … कैसा मजा?
फिर अजय ने कहा- गर्मी ज्यादा है यार … मैं तो लोवर उतार रहा हूँ.
उसने अपना लोअर उतारा तो अजय को देख कर बाकी तीनों लड़कों ने भी अपनी अपने लोवर उतार दिए.
दीपक ने मुझसे बोला कि आप भी उतार दो न … आपको भी तो गर्मी लग रही होगी! मैंने बोला- ठीक है.
फिर मैंने अपनी पैन्ट निकाल दी और ब्लैक थोंग पैंटी और शर्ट में आ गया.
वो चारों अंडरवियर और बनियान में आ गए थे.
कमल ने मुझे निहार कर कहा- वाओ आप तो लड़कियों की पैंटी पहनते हो. मैंने सीना उठाते हुए कहा- हां और ब्रा भी.
मेरी इस अदा पर सब हंस दिए.
दीपक ने कहा कि फिर ब्रा भी दिखाओ ना. मैंने बोला- अपने हाथ से देख लो!
मैंने इतना बोला ही था कि दीपक ने मेरी शर्ट के बटन खोल दिए. मैं पूरी तरह से ब्रा पैंटी में आ गया.
मुझे ब्रा पैंटी में देख के सब लोग गौर से देखने लग गए और सब बोलने लगे- क्या माल हो यार आप … ब्रा पैंटी में कितनी मस्त लग रही हो.
इतना सुनकर मैं उन चारों के बीच में अपने दोनों पैर चौड़े करके लेट गई.
अपने पैर चौड़े करने के बाद मैंने उनसे बोला- अब बात को घुमाओ मत … आप सबको जो करना है, कर लो.
इसके बाद सबने अपनी अपनी बनियान उतार दी.
पहले राहुल आया और मुझे किस करने लगा. अजय मेरे मम्मों को दबा रहा था. कमल मेरी बॉडी पर किस कर रहा था. दीपक मेरे पैरों पर किस कर रहा था और मैं उन चारों के बीच में अकेला तड़प रहा था.
वे जब ऐसा कर रहे थे, तो मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं तो स्वर्ग में हूं और मुझे इतना आनन्द आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता. कोई मुझे किस कर रहा था, कोई मेरी ब्रा के ऊपर से मम्मों को मसल रहा था. कोई मेरे पेट पर किस कर रहा था तो कोई मेरे पैरों पर किस कर रहा था.
उन सभी के बीच में मैं अकेली बिन पानी की मछली जैसी तड़प रही थी.
फिर अजय ने मुझे किस करते करते ही अपना अंडरवियर निकाल दिया और अपना खड़ा लंड निकाल कर मेरे हाथ में दे दिया. मैं उसके लंड को सहला रहा था और आगे पीछे कर रहा था.
अजय का लंड कम से कम 6 इंच का और ढाई इंच मोटा रहा होगा. उसका लंड इतना गर्म था कि मैं उसको मस्ती से आगे पीछे कर रहा था. मेरा मन उस लंड को मुंह में लेने का कर रहा था.
तभी दीपक ने अपना अपना अंडरवियर खिसका कर अपना लंड मेरे मुंह में डाल दिया और मैं उसे जोर जोर से चूसने लगी.
फिर उन सभी ने अपने अपने अंडरवियर पूरी तरीके से निकाल दिए और लंड लहराने लगे.
उन सभी के लंड बड़े ही मस्त कड़क और गर्म थे और उनकी सबकी साइज 6 से 8 इंच थी. सच में उन सबके लंड देखकर मुझे और ज्यादा उत्तेजना होने लगी थी मेरी गांड में खुजली बढ़ गई थी.
फिर उन सबको मैंने खड़े होने के लिए कहा. वो सब लंड हिलाते हुए खड़े हो गए और मैं ब्रा पैंटी में उन सबके बीच घुटनों पर हो गई.
अजय ने अपना लंड मेरे मुँह में घुसा दिया. कमल और राहुल ने अपना लंड मेरे दोनों हाथों में दे दिया.
एक लंड मुँह में आगे पीछे हो रहा रहा और एक एक लंड मेरे दोनों हाथों में आगे पीछे हो रहा था. दीपक अपना लंड मेरे गालों पर सहला रहा था.
ऐसा लग रहा था कि मैं पोर्न मूवी की हेरोइन हूँ और मेरे आसपास चार चार लंड थे. मुझे बिल्कुल स्वर्ग का आनन्द आ रहा था.
फिर अजय ने अपना लंड मेरे मुँह से निकाल दिया. उसके बाद दीपक ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया.
मैंने अजय से कहा- अब मुझे और मत तड़पाओ … तुम मेरी गांड चोदो.
ये सुनकर अजय एक क्रीम ले आया और अपने लंड पर क्रीम लगा कर उसने मेरी पैंटी निकाल दी.
मेरी गांड में उंगली डाल कर क्रीम अन्दर लगाई और वो नीचे लेट गया. मैं उसके लंड के ऊपर बैठ गई और एक ही बार में मैंने पूरा का पूरा लंड अपनी गांड में ले लिया.
तब मैं उसके लंड पर रंडी के जैसे कूदने लगी.
फिर कमल ने सामने से अपना लंड मेरे मुँह में डाला और मेरे मुँह को चोदने लगा. राहुल और दीपक ने अपना अपना लंड मेरे दोनों हाथों में दे दिए और मैं उन दोनों लौड़ों को जोर जोर से हिलाने लगी.
सच में मुझे इतना ज्यादा मजा आ रहा था कि मैं अपने शब्दों में बता नहीं सकती.
एक लंड गांड में, एक मुँह में और एक एक दोनों हाथों में … मुझे जैसी चुदक्कड़ के लिए ये सब एक हसीन सपना ही तो था.
मुझे एक पोर्न मूवी की याद आ गई और मैं ठीक उसी प्रकार से लंड पर उछल उछल कर गांड चुदवाने लगी.
कोई 5-7 मिनट ऐसे ही चुदने के बाद मैंने बोला- मैं थक गया हूँ … मुझे लेटा दो … या घोड़ी बना दो.
फिर उन्होंने मुझे घोड़ी बना दिया और पीछे से मेरी गांड में लंड पेल दिया गया. अब मुझे होश ही नहीं था कि मेरी गांड में किसका लंड है … और मुँह और हाथ में किसका लंड है.
मैं तो बस घोड़ी बन गया था और लंड का इंतजार कर रहा था.
तभी किसी ने एक झटके में पूरा लंड अन्दर पेल दिया. एक बंदा मेरे सामने लेट गया और उसने मेरे मुँह में लंड डाल दिया. दोनों हाथों में एक एक लंड दे दिए गए.
आप यूं भी कह सकते हो कि मैं उन चारों लंड की सुल्ताना बन गई थी.
थोड़ी देर बाद गांड में झटके तेज हो गए और गर्म गर्म वीर्य से मेरी गांड भर दी गई. वो ठंडा होने के बाद मेरी गांड पर से उतर गया.
उसके बाद दूसरा बंदा आ गया. उसने भी मेरी गांड में पूरा लंड डाल दिया और जोर जोर से चोदने लगा. उसके लम्बे लम्बे झटके मेरी गांड में अन्दर तक महसूस हो रहे थे.
मैं तो बस ‘आह्ह् अहा हम्म चोदो और मुझे चोदो … मेरी गांड को फाड़ दो … आह अपने लंड से ..’ बोल रही थी.
पूरी चुदाई के दौरान पता नहीं मैं चुदाई के नशे में जाने क्या क्या बोलता रहा था.
थोड़ी देर बाद उसके झटके तेज होने लगे. फिर अचानक से वो मेरे मुँह के पास आया और अपना लंड मुँह में डाल कर चोदने लगा. उसने 3-4 झटकों के बाद अपने लंड का पूरा पानी मेरे मुँह में डाल दिया.
अब तक दो बंदों का लंड मैंने ठंडा कर दिया था … अब दो और बचे थे.
फिर मैं नीचे लेट गया और एक बंदा मेरी ब्रा के ऊपर से ही मेरे दोनों मम्मों को दबाने लगा.
चूंकि ब्रा तो मैंने निकाली ही नहीं थी … केवल पैंटी ही निकली थी. मैं ब्रा पहनकर ही अपनी गांड चुदवा रही थी.
अब दो बंदे बचे थे, उनको भी ठंडा करना था.
एक ने मेरे मुँह में और दूसरे ने मेरी चुदी हुई गांड में पूरा लंड एक बार में ही डाल दिया और में जोर जोर से चुदवाने लगी.
अब मुझे और ज्यादा मजा आने लगा था तो मैं अपनी गांड को उठा उठा कर चुदवा रहा था.
जो लंड मुँह में था, उसे भी पूरा का पूरा मुँह में ले रहा था.
थोड़ी देर ऐसे ही चुदने के बाद दोनों की स्पीड और तेज हो गई और दोनों मेरे मुँह और गांड को जोर जोर से चोदने लगे.
मैं तो केवल ‘आ आ हाहा हम्म ..’ कर रहा था.
फिर थोड़ी देर दोनों के झटके और तेज हुए और दोनों ने अपने अपने लंड का पानी मेरी गांड में और मुँह में डाल दिया.
जैसे ही गांड में से लंड निकाला, तो वीर्य बाहर आने लगा और मुँह में जो वीर्य डाला था, उसे मैं पी गया था.
फिर मैं ऐसे ही दोनों हाथ पैर लम्बे करके लेटा रहा. वो चारों भी मेरे आसपास लेट गए.
सबके सब मेरी तारीफ कर रहे थे.
एक ने बोला- इतना मजा तो कभी नहीं आया … जितना आज तुमने हम चारों को दिया है.
थोड़ी देर आराम करने के बाद मैं नहाने चली गई. वो चारों भी वाशरूम में आ गए और वापस से मुझे वाशरूम में दबोच लिया.
उधर लगभग एक घंटे तक उन सभी मुझे बारी बारी से चोदा.
अब तक हम सब थक गए थे.
इस दमदार चुदाई के बाद मुझे उन चारों ने नहलाया और मैं नंगी ही रूम में आ गई.
बाहर आकर मैंने अपनी थोंग वाली ब्रा पहन ली. उसके ऊपर से शर्ट और पैन्ट को पहन लिया.
कुछ खाने पीने का दौर चला और मैं दुबारा से उनसे मिलने का वादा करके चली गई.
तो दोस्तो, यह थी मेरी सच्ची और पहली गे सेक्स ग्रुप स्टोरी, जिसमें चार लंड ने मुझे लगभग 8 बार चोद चोद कर तृप्त कर दिया था.
अगली बार किसी नई गांड चुदाई की कहानी के साथ मिलते हैं. आप मुझसे दोस्ती करने के लिए मेल कर सकते हैं. तब तक के लिए मेरा आप सभी को अपनी गांड उठा कर नमस्कार. धन्यवाद.
मेरी गांड फाड़ चुदाई गे सेक्स ग्रुप स्टोरी के लिए मेल करके जरूर बताइए. मेरी ईमेल आईडी है [email protected]
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