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दोस्तो, मैं प्रवीन अपनी नई स्टोरी के साथ हाजिर हूँ. यह मेरी पहली कहानी है और उम्मीद करता हूँ कि आपको ये सेक्स स्टोरी पसंद आएगी.
मैं हिसार (हरियाणा) का रहने वाला हूँ मेरी उम्र 23 साल है. मेरा लंड 7 इंच लंबा व 3 इंच मोटा है. मेरी गर्लफ्रेंड का नाम स्वरा (बदला हुआ नाम) है. वह एक खुले विचारों वाली लड़की है. उसका साइज 32-28-32 का है. दोस्तो जो मजा उसकी चुदाई में आता है, वो मजा मुझे अब तक किसी और के साथ नहीं आया. उसकी मटकती गांड किसी के भी लंड को खड़ा कर देती है. उसका रंग दूध जैसा गोरा है, वह अपने बालों को खुले रखती है, जो मुझे बहुत ही ज्यादा पसंद है.
मैंने अपनी बीए की पढ़ाई पूरी कर ली है, अब मैं अपना खुद का काम करता हूँ.
यह कहानी 7-8 महीने पहले की है. एक दिन मेरे दोस्त का फ़ोन आया, उस समय मैं घर पर था. उसने मुझे बताया कि वो अपनी गर्लफ्रेंड के साथ आज रात को बाहर कहीं रूम पे रुकेगा. उसने मुझे भी साथ आने को कहा, क्योंकि उनके साथ एक लड़की और भी थी.
मैं उससे हां कर दी. कुछ देर बाद वो आया, तो मैं भी उनके साथ गाड़ी में बैठ गया. मैंने उस दूसरी लड़की को देखा, तो पता चला कि वो स्वरा थी और मेरे कॉलेज में ही पढ़ती थी. मैंने स्वरा से हाथ मिलाया और पूजा (दोस्त की गर्लफ्रेंड) से भी हाय किया. बस हम निकल लिए. रास्ते में मैंने स्वरा से बात की. हम सब रूम पर आ पहुंचे, तब तक अंधेरा हो चुका था. उन्होंने कपड़े बदले, जो वो साथ लेकर आई थीं.
इसके बाद हम सब साथ बैठे थे और बातें कर रहे थे. साथ ही ड्रिंक पार्टी करने की बात शुरू हुई. स्वरा ने मुझसे दारू के लिए पूछा. दोस्तो, एक सुंदर लड़की दारू के लिए पूछे, तो कैसे मना कर सकते हैं. मैंने हां कर दी.
हम चारों ही पीते थे, लेकिन कभी कभी ही पीना होता था. हम सभी ने ब्लैक डॉग पीने का फैसला किया. हम चारों गाड़ी में बैठे और बाहर जाकर दारू-चखना ले लिया. साथ ही खाना भी पैक करवा लिया. इसके अलावा भी काफी दूर सामान भी ले लिया.
इसके बाद हम वापिस रूम पर आ गए.
कमरे पर आते ही हमने दारू पीनी शुरू कर दी. सबका पहला पैग सॉलिड बनाया, फिर धीरे धीरे हम चारों ने सारी बोतल खाली कर दी. स्वरा को काफी नशा हो चला था. मैं भी नशे में था. दाऊ के चखना ले लिया था, इसलिए हमने हल्का फुल्का खाना ही खाया.
मेरा दोस्त पूजा को लेकर दूसरे रूम में चला गया. अब मैं और स्वरा ही इस रूम में रह गए थे.
मैं एक सिगरेट पीने लगा. दारू का नशा और उसके बाद हाथ में सिगरेट हो तो सामने लौंडिया देख कर मूड बनने लगता है. यही हुआ, स्वरा को देख कर मेरा लंड खड़ा हो चुका था, लेकिन मैं उसकी इजाजत के बिना कुछ नहीं कर सकता था. बस उसकी चूचियों को कामुकता से देखे जा रहा था.
स्वरा भी मेरे फूले हुए लंड को देख रही थी. उसने मुझसे एक सिगरेट मांगी. मैंने उसकी तरफ डिब्बी बढ़ा दी. उसने सिगरेट जला ली और मेरे लंड की तरफ धुंआ फेंकने लगी. मैंने उसे ऐसा करते देखा, तो वो मुस्कुरा दी.
तभी उसने बताया- यार, मेरे सिर में दर्द हो रहा है. उस समय रात काफी हो चुकी थी. मैंने स्वरा से कहा- तुम लेट जाओ, मैं तुम्हारा सिर दबा देता हूँ.
स्वरा ने सिगरेट बुझा कर अपना सिर मेरी गोद में रख दिया जो सीधा मेरे लंड पे लगा. उसको भी मेरे खड़े लंड का अहसास हुआ. मैं उसका सिर दबाने लगा. साथ ही उसका सिर कुछ ज्यादा ही अपने लौड़े पर दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद उसने करवट बदली और अब उसका मुँह मेरे लंड के पास था. शायद नशे की वजह से वो होश में नहीं थी. उसकी आंखें मुंद गई थीं. मैंने उसे अपने बाजू में लिटा लिया, फिर मैं भी उसके साथ ही सो गया. मैंने हिम्मत करके उसकी चूची पर हाथ रखा, तो वो नींद में सो रही थी.
स्वरा की तरफ से कोई विरोध नहीं हुआ. तो मैं धीरे धीरे उसके चूचों को दबाने लगा. मुझे उसकी चूची दबाने में बहुत मजा आ रहा था. फिर मैंने अपना दूसरा हाथ भी उसकी छाती पर रखा, तो उसने हल्की सी सिसकारी ली.
अब उसका शरीर गर्म हुआ जा रहा था. मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर उठाया, तो वो हल्की सी हिली, जिससे मैंने उसकी टी-शर्ट को ऊपर तक कर दिया. उसकी इस हरकत से मुझे लगा कि वो अभी सोई नहीं है. इससे मुझे हिम्मत मिली और लगा कि आज तो चुत मिल कर रहेगी.
अब मैं एक हाथ से स्वरा की चूची दबा रहा था और दूसरा हाथ धीरे धीरे उसकी पैंटी के ऊपर पहुंच चुका था. उसकी पैंटी गीली हो चुकी थी, जिससे मेरे को पक्का यकीन हो गया कि वो अभी सोई नहीं थी और अपनी चुदाई करवाना चाहती थी.
मैंने अपना हाथ बेख़ौफ़ स्वरा की पैंटी के अन्दर डाल दिया और उसकी चुत के दाने को छेड़ने लगा. वो इसे सहन नहीं कर सकी और सिसकारी लेते हुए उठ गई. वो एकदम से मेरे ऊपर आ कर मेरे होंठों पर किस करने लगी.
मुझे हरा सिग्नल मिल चुका था. मैं उसे जोर से चूमने लगा. हम दोनों खुल कर किस करने लगे. चुम्मी करते करते मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे. फिर उसका हाथ सीधा मेरे लंड पे आ गया, जो अब अपने विकराल रूप में आ चुका था. वो मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर आगे पीछे करने लगी.
दोस्तो, मैंने इससे पहले सेक्स नहीं किया था. अब तक तो मैं अपने लंड को हाथ से ही हिला लेता था. मुझे आज एक लड़की के हाथ से लंड हिलाना बड़ा मजा दे रहा था.
स्वरा मेरी गर्दन पे चूम रही थी. फिर मैंने उसको नीचे लेटा कर मैं उसके ऊपर आ गया और उसे चूमने लगा. मैं उसके बाल सहलाते हुए उसके कान पे किस करने लगा, जिससे वो सिहर उठी और अपनी चुत को लंड पर दबाने लगी.
मैं उसे चूमते हुए नीचे को आ गया और स्वरा की चुत को चाटने लगा. जैसे ही मैंने जीभ को उसकी चुत पर लगाया, वो बिन पानी की मछली की तरह उछलने लगी. वह मेरे सिर को अपनी चुत में दबा रही थी.
फिर मैं 69 में घूम गया और लंड उसके मुँह के आगे कर दिया. लेकिन उसने लंड मुँह में लेने से मना कर दिया. मेरे थोड़ा जोर देने पर स्वरा ने लंड चूसना शुरू कर दिया. कुछ ही पलों बाद वो लंड को लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और साथ में हाथ से आगे पीछे करने लगी. उसकी चुत पानी छोड़ रही थी.
फिर उसने अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा- अब मुझे रहा नहीं जाता, जल्दी से अपना अन्दर डालो. मुझे और सहन नहीं हो रहा है.
मैंने भी सोचा कि लोहा गर्म है … साली को चोद ही देता हूँ.
वो टांगें खोलते हुए मेरे लंड के नीचे लेट गयी. उसने अपने पैर रंडियों के जैसे उठाते हुए हवा में फैला दिए. मैं उसके पैरों के बीच में आ गया और अब मेरा लंड चुत पर टक्कर मार रहा था. मैंने लंड हाथ में लिया और चुत पे घिसने लगा.
स्वरा अब और सहन नहीं कर पा रही थी तो उसने लंड अपने हाथ में लिया और चुत के ऊपर लगा दिया. मैंने भी हल्का सा धक्का लगा दिया. मेरे लंड का अगला हिस्सा अन्दर घुस गया.
सुपारा घुसते ही स्वरा को दर्द हुआ. वो थोड़ी ऊपर की ओर हुई, साथ ही मैंने अगला धक्का दे मारा. मेरा लंड आधे से ज्यादा चुत में जा चुका था. हालांकि स्वरा पहले से चुदी हुई थी. उसकी सील पहले ही टूट चुकी थी. फिर भी उसको दर्द हो रहा था.
अब उसने मुझे गाली देते हुए कहा- आह साले भैनचोद … आराम से कर … सारी रात बाकी है … मादरचोद जान निकाल दी भोसड़ी के.
वो दर्द से ‘आह … उआह..’ करने लगी.
मैंने लंड को आगे पीछे करना शुरू कर दिया … साथ में मैं उसकी चूची दबा रहा था. इससे उसको राहत मिली और गांड उठा कर उसने मेरा साथ दिया.
अब मैंने भी थोड़ी स्पीड बढ़ा दी. उसकी चूत कुछ ही देर में बहुत सारा पानी छोड़ चुकी थी, जिससे लंड आराम से अन्दर बाहर हो रहा था.
पहली चुदाई 3-4 मिनट तक चली, फिर मैंने अपना सारा माल उसकी चुत में ही डाल दिया. हम दोनों मस्ती में निढाल पड़े रहे.
कुछ दो मिनट बाद वो मेरे लंड को सहलाने लगी थी और मुझे दूसरी पारी खेलने के लिए तैयार कर रही थी.
दो मिनट बाद मेरा लंड फिर से तैयार हो गया था. अब मैं नीचे लेटा था और स्वरा मेरे ऊपर चढ़ी थी. उसने लंड हाथ में पकड़ा और उसमें अपनी चूत फंसा कर लंड के ऊपर बैठ गयी. देखते ही देखते उसने पूरा लंड चुत में ले लिया और ऊपर कूदने लगी.
ठप ठप की आवाज से सारा रूम गूंज रहा था. उसकी चुत से पानी निकल रहा था. फिर मैंने कुछ देर बाद उसको घोड़ी बनाया और मैं उसके पीछे आ गया. मैंने उसकी चुत में लंड डाल दिया और फिर से चुदाई शुरू कर दी.
अब वो मस्ती से बोले जा रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… जोर से करर न … जल्दी जल्दी कर … भैनचोद और तेज करर … फाड़ दे मेरी चुत को … आह … इसका भोसड़ा बना दे … और तेज चोद … मेरा होने वाला है … माँ के लौड़े थोड़ा दम्म लगा के मार.
मैं लगातार उसे चोद रहा था. तभी उसकी चुत ने गर्म पानी छोड़ दिया और वो निढाल पड़ गई. लेकिन मेरा अभी नहीं हुआ था. मैंने उसे पोजीशन बदलने को कहा.
फिर मैंने उसको दीवार के पास खड़ा किया और उसकी झुकाते हुए उसकी चुत को पीछे की ओर निकाल लिया. फिर मैंने उसकी खिलती हुई चूत में अपना लंड एकदम से डाल दिया. वो एक बार कराही, फिर उसने लंड को खा लिया और मजे लेने लगी. मैं धकापेल लंड को डाल रहा था, निकाल रहा था. उसकी गांड भी मेरे लंड की ताल पर थिरक रही थी. जोरों से चुदाई चलने लगी. मैं आँख बंद करके चूत चुदाई का मजा ले रहा था.
उसकी चूत का पानी निकलने की वजह से मेरा लंड एकदम से चूत से निकल कर उसकी गांड में घुस गया. लंड के एकदम से घुसने से उसकी चीख निकल गई. उसको इससे बहुत दर्द भी हुआ.
लेकिन लंड तो उसकी गांड में घुसता चला गया था, इसका एक कारण ये भी था कि उसकी चूत से टपकने वाला रस उसकी गांड को चिकना करता जा रहा था. इसलिए जब लंड ने गांड पर प्रहार किया, तो चिकनाई के कारण लंड उसकी गांड में घुसता चला गया.
इस वक्त मेरा लंड उसकी गांड में अन्दर तक घुस चुका था और वो दर्द से कराह रही थी.
मैंने उसकी चूची को दबाना चालू किया और आगे को मुँह करके उसके होंठों को अपने होंठों में भर लिया. मैं हाथ की उंगलियों से उसकी चूची के निप्पलों को मींजता जा रहा था. चुम्बन और निप्पल की मिंजाई से उसको राहत सी मिली और गांड के दर्द को भूलने लगी.
उसका दर्द कम होता गया.
मैंने लंड फिर से गांड से निकाला और उसकी चूत में डाल दिया. उसको मजा आने लगा … तो मैंने फिर से ताबड़तोड़ चुदाई चालू कर दी.
करीब 15 मिनट की चुदाई में वो एक बार झड़ चुकी थी. मैंने इस बार लंड बाहर निकाल लिया और हाथ से हिलाते हुए सारा वीर्य उसकी पीठ पे डाल दिया.
वो बहुत खुश थी. उसने मुझे एक बहुत लम्बी चुम्मी दी. मुझे मजा आ गया.
स्वरा बोली- वाह जनाब … तूने तो लज्जत दिला दी … इससे पहले कहां था?
मैं हंस दिया और हम दोनों ने फिर से एक बार चुदाई के अगले राउंड की तैयारी शुरू कर दी.
मैंने एक सिगरेट जलाई और उसकी तरफ धुंआ छोड़ते हुए पूछा कि पिछवाड़े की तरफ से करूं. उसने मेरे हाथ से सिगरेट ले ली और मेरे लंड पर धुंआ छोड़ते हुए हामी भर दी.
हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया. इस बार मैंने उसकी गांड से शुरुआत की. फिर चूत भी चोदी. करीब आधा घंटे की चुदाई के बाद हम दोनों नंगे ही चिपक कर सो गए.
सुबह चार बजे नींद खुल गई. उठते ही हम दोनों ने फिर एक बार सेक्स किया और फिर कपड़े पहन लिए. इसके बाद हम दोनों फिर सो गए. जब उठे सुबह के 7 बज चुके थे. मेरे दोस्त में हम दोनों को उठाया था.
हम सभी ढाबे पर गए और चाय पी और उन दोनों को वापिस छोड़ आए.
इसके बाद स्वरा और मैंने बहुत बार सेक्स किया. एक बार हमने होटल के रूम में फव्वारे के नीचे भी चुदाई का मजा किया, जो अपने आप में बहुत ही अच्छा अनुभव था.
हालांकि अब मेरी बात स्वरा से नहीं होती. मैं फिर से सिंगल हो गया हूँ. देखिये कब लंड का नसीब जागता है. दोस्तो, आपको मेरी सेक्स कहानी कैसी लगी, आप मुझे मेल कर सकते हैं. [email protected] धन्यवाद.
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