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फ्रेंड्स, मैं आपका दोस्त समीर उर्फ सनी आपके लिए एक सेक्स स्टोरी लेकर आया हूँ. अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है अगर मुझसे कोई गलती हो जाए, तो पहले ही माफी चाहता हूँ.
मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ. मैं 19 साल का गोरा-चिट्टा, जवान लड़का हूँ. मेरी लंबाई 5 फुट 9 इंच है. जिम जाने से मेरी बॉडी भी ठीक-ठाक है. मैं वैसे तो राजस्थान के करौली जिले का रहने वाला हूँ, लेकिन बारहवीं पास करने के बाद आगे की पढ़ाई के लिए मैं जयपुर आ गया.
मित्रो, मुझे मेरे बचपन में ही मुठ मारने की आदत पड़ गयी थी, जो कि मेरे एक दोस्त ने मुझे लगाई थी. उस टाइम पर मोबाइल तो हुआ नहीं करते थे, तो हम लोग सेक्सी किताबों को देख देख कर ही छत पर बैठ के मुठ मारा करते थे. फिर जैसे जैसे मेरी उम्र बढ़ती गयी, मेरी नंगी लड़कियों को देखने की इच्छा बढ़ती गयी.
मेरे घर में मेरी मां के अलावा कोई और औरत नहीं थी. तो माँ जब नहाने जाती थीं, तो मैं बाथरूम के दरवाजे की झिरी से माँ को नहाते हुए देखता था. लेकिन मुझे माँ के बड़े बड़े चूतड़ों के अलावा और कुछ नहीं दिखता था.
फिर एक दिन मैं पकड़ा गया, तो पिटा. उसके बाद मैंने माँ को देखना भी बंद कर दिया. लेकिन मैं मम्मी की पैंटी में मुठ ज़रूर मारता रहा. फिर मैं आस-पास की औरतों और लड़कियों को नहाते हुए देखने की जुगत में लगा रहता, लेकिन ढंग से कभी भी किसी लड़की को ढंग से नंगी नहीं देख पाया.
धीरे धीरे ऐसे ही समय गुज़रता गया और मुठ मार मार के मेरा लंड 6 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा हो गया. ये मेरे द्वारा नापा हुआ है, एकदम सही तरीके से.
मैंने स्कूली शिक्षा पास कर ली थी, लेकिन मैंने अब तक चूत तो क्या, किसी के चूचे तक नहीं देखे थे.
जब मुझे मोबाइल मिला, तब नंगी लड़कियों के फोटोज ओर वीडियो देख देख कर अपनी आग मिटाने लगा. मैं शुरू से लड़कों वाले स्कूल में पढ़ा था, तो मेरी किसी भी लड़की से दोस्ती तक नहीं थी और मुझे लड़कियों से बात करने में शर्म भी आती थी.
स्कूल की पढ़ाई के बाद मैंने दूसरे कॉलेज में एडमिशन ले लिया था, जिसमें लड़कियां थीं. मेरी क्लास में 10-15 लड़कियां थीं, लेकिन मैं किसी से बात नहीं करता था, क्योंकि लड़कियों से बात करने में मेरी गांड फटती थी.
अब मैं हैंडसम तो था ही, तो मुझे मेरी क्लास की लड़कियां मुझे खुद ही लाइन देती थीं, पर मैं किसी को भाव नहीं देता था. फिर मुझे कई लड़कियां फेसबुक पर रिक्वेस्ट और मैसेज सेंड करने लगीं, जिससे मेरी बात उनसे मैसेज में होने लगी.
इस तरह एक लड़की से मेरी दोस्ती धीरे धीरे बढ़ गयी. उससे बात होने पर मैंने और लड़कियों से बात करना बंद कर दिया. हमारी दोस्ती आगे बढ़ती गयी और मैंने उसे प्रोपोज़ कर दिया, वो भी झट से मान गयी. वो मुझे पहले से ही पसन्द करती थी.
हमारी मुलाकात होने लगी और मैं तो हवस की आग में जल ही रहा था. लेकिन वो मुझे किस के अलावा कुछ नहीं करने देती थी. मैंने उसे बहुत समझाया कि मुझे बस तुम्हें एक बार पूरी नंगी देखना है, मैं और कुछ नहीं करूँगा. लेकिन वो मानती नहीं थी.
ऐसे हमारे दो साल गुजर गए और मैंने अपनी क्लास पास कर ली. मैं अब तक किस के अलावा और कुछ नहीं कर पाया था.
फिर मैं आगे की पढ़ाई के लिए जयपुर आ गया और मेरा उससे ब्रेकअप हो गया.
मैंने सोचा जयपुर आकर तो खूब लड़कियां पट जाएंगी और मुझे चुदाई का सुख भी मिल जाएगा. लेकिन मेरी लड़कियों से बात न कर पाने की वजह से ऐसा कुछ नहीं हुआ और मैं हवस की आग में जलता रहा.
फिर मैंने अपना हॉस्टल छोड़ कर एक दूर के रिश्तेदार के रूम ले लिया और वहां रहने लगा. मुझे मकान मालकिन की बीवी यानि मेरी भाभी पसन्द आ गयी थीं, मैं उन्हें चोदने के सपने देखने लगा.
जब भी वो मेरे रूम में सफाई करने आतीं, तो मैं मेरा काम छोड़ कर उन्हें घूरने लग जाता. वो भी मुझे जिस तरीके से देखती थीं, उससे मुझे लगता कि उनके मन में मेरे लिए भी कुछ है.
एक दिन जब भैया घर पर नहीं थे, तो मैंने जानबूझ कर बिना कुंडी लगाए मुठ मारना शुरू कर दिया. तभी भाभी किसी काम से मेरे रूम में आईं. उन्होंने मुझे लंड हिलाते हुए देख लिया. उनका मुँह खुला का खुला रह गया और वो भाग गईं. मैं भी उनके पीछे पीछे भागा और उनसे सॉरी बोलने लगा.
मैं उनके पैरों में गिर गया- भैया को प्लीज कुछ मत बताना. वो मान गईं और उन्होंने पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रैंड नहीं है क्या? मैंने मना कर दिया, लेकिन वो मानने को तैयार ही नहीं हुईं. मैंने उनसे कहा कि आप मेरी गर्लफ्रैंड बन जाओ.
वो मेरी तरफ देख कर मुस्कुराते हुए मेरे करीब आ गईं और मेरे होंठों से होंठ मिला दिए. मैं भी उनके होंठ चूसने लगा और उनकी जीभ भी चूसने लगा. धीरे धीरे मेरे हाथ भाभी के मम्मों पर पहुंच गए. उनके चूचे 36 साइज़ के थे और बहुत ही मुलायम थे. मैं उनके मम्मों को दबाते हुए उनकी गर्दन पर किस करने लगा, जिससे उनकी सिसकारियां निकलने लगीं.
फिर मैंने उनका ब्लाउज और ब्रा को उतार दिया और उनके उरोजों पर टूट पड़ा. एक को चूसने लगा और एक को हाथ से मसलने लगा. इस तरह से बारी बारी से उनके मम्मों को चूस चूस कर लाल कर दिया. फिर मैं उनके पेट को चूमने लगा और नाभि में जीभ डालकर चाटने और भाभी मेरे बालों में उंगलियों की घुमाने लगीं.
मैंने उनकी साड़ी और पेटीकोट खोल दिया. वो अब सिर्फ पैंटी में मेरे सामने खड़ी थीं. पैंटी में से उनकी फूली हुई चूत मुझे अपनी तरफ बुला रही थी. मैंने उनकी पैंटी भी एक झटके में उतार दी. उनकी चूत पावरोटी की तरह फूल रही थी और उस पर छोटे छोटे बाल थे. चूत देख कर ऐसा लग रहा था कि अभी 3-4 दिन पहले ही झांटें साफ की हों.
मैं एकटक उनकी चूत को घूरता रहा. मैं पहली बार किसी लड़की को इतनी करीब से नंगी देख रहा था. उन्होंने मुझसे पूछा- क्या देख रहे हो … पहली बार किसी की चूत देखी है क्या?
मैं कुछ नहीं बोला और उनकी चूत चाटने लगा. मुझे चूत चाटने में बहुत मज़ा आ रहा था. मुझे चूत चाटना पसन्द भी था … मैं अक्सर चूत चटाई की ही वीडियो देखता था. भाभी के मुँह से जोर जोर से आह उह की सिसकारियां निकलने लगीं और वो मेरा सिर अपनी चूत पर दबाने लगीं. करीब 5 मिनट की चटाई के बाद वो मेरे मुँह में ही झड़ गईं और मैं उनका पानी पी गया.
अब वो मेरे कपड़े निकालने लगीं और मेरी शर्ट और बनियान निकाल कर मेरी चौड़ी छाती चूमने लगीं. फिर उन्होंने मेरा पैंट भी निकाल दिया और चड्डी के ऊपर से ही मेरा लंड सहलाने लगीं.
भाभी ने फिर मेरी चड्डी भी निकाल दी और मेरे लंड के हाथ में पकड़ कर एक दो बार ऊपर नीचे किया और मैं झड़ गया. मुझे बड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई. उन्होंने मुझसे पूछा- तुम्हारा पहली बार है क्या? तो मैंने उनको बताया कि मैंने तो आज तक किसी लड़की को नंगी तक नहीं देखा. इस पर उन्होंने कहा- कोई बात नहीं, पहली बार ऐसा होता है.
फिर उन्होंने मेरे लंड को मुँह में लेकर चूसना शुरू किया. मेरा लंड दोबारा खड़ा होने लग गया. उन्होंने थोड़ी देर लंड चूसा और बेड पर चूत खोल कर लेट गईं.
भाभी ने मुझे अपने ऊपर आने का इशारा किया. मैं उनके ऊपर चढ़ गया और लंड उनकी चुत में डालने लगा. लेकिन बार बार मेरा लंड फिसल जाता.
ये देख कर भाभी हंसने लगीं और मेरा लंड पकड़ कर अपने छेद पर रख कर बोलीं- अब धक्का मारो. मैंने एक जोरदार धक्का मारा और मेरा पूरा लंड भाभी की चूत में समा गया. भाभी की एक ज़ोरदार आह निकल गयी.
लेकिन मुझे ऐसा लगा, जैसे किसी ने मेरे लंड को छील दिया हो. दर्द के कारण मैं थोड़ी देर ऐसे ही पड़ा रहा. फिर जब कुछ दर्द कम हुआ, तो मैं धक्के मारने लगा.
फिर मैं लगातार धक्के मारता रहा, इस बीच भाभी झड़ चुकी थीं. चूंकि मैं पहले झड़ चुका था, तो दोबारा झड़ने में मुझे टाइम लगा और करीब 12 मिनट बाद मेरा झड़ने को आया.
मैंने भाभी से पूछा- कहां निकालूं? तो उन्होंने कहा कि तुम्हारा पहली बार है, तो अन्दर ही निकाल दो.
मैंने धक्कों की स्पीड तेज़ कर दी और उनकी चुत में ही झड़ गया. झड़ने के बाद मैं उनके ऊपर ही गिर गया और उनके मम्मों के ऊपर सर रखकर लेट गया.
फिर मैंने उनको उस दिन दो बार और चोदा.
उसके बाद मुझे उनको दोबारा चोदने का मौका नहीं मिला. फिर मैंने वो रूम भी छोड़ दिया और उसके बाद से अब तक मैं दोबारा मुठ मारकर अपनी हवस को शान्त कर रहा हूं.
मैंने अपने जीवन की इस सच्ची घटना को लिखने में एक भी गलत शब्द का इस्तेमाल नहीं किया है. जस का तस पूरी चुदाई की कहानी को आपके सामने रख दिया है. अब ये आप पर है कि दोस्तो कि आपको मेरी पहली सेक्स कहानी कैसी लगती है.
अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. आपके मेल मुझे प्रोत्साहित करेंगे. मेरा ईमेल है. [email protected]
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