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दोस्तो, मैं नीतीश (मेरठ से) एक बार फिर हाजिर हूं अपनी अगली कहानी को लेकर. जैसा कि मैंने पिछली कहानी प्यासी भाभी की चूत में लगाई खुशी की चाबी में आपको बताया कि था कैसे मैंने चचेरी भाभी की चूत में लंड की चाबी लगाई और भाभी को वो खोई हुई खुशी दी. उस रात मैंने भाभी के साथ शादी में सेक्स किया था लेकिन मेहमानों के होने की वजह से हम खुल कर सेक्स नहीं कर पाए थे। लेकिन अब हम दोनों को मौके की तलाश में रहते थे।
यह बात फरवरी 2016 की है। मैं उनके यहाँ गया हुआ था। एक रात को भैया और उनकी मम्मी यानि कि मेरी भाभी की सास को रात में ही एक रिश्तेदार के यहाँ जाना पड़ा क्योंकि वहाँ किसी की डेथ हो गई थी।
रात को 11:00 बजे के करीब भाभी आई और आकर मेरी रजाई में घुस गई। मुझे नहीं पता था कि घर में कोई नहीं है. इस तरह अचानक भाभी के आ जाने से मैं थोड़ा हड़बड़ा सा गया. मैं समझ रहा था कि भाभी, उनकी सास और मेरे भैया की मौजूदगी में ही मेरी रजाई में आ घुसी. मैं डर गया।
मैंने पूछा- आप यहाँ कैसे? भाभी- तेरे भाई से लड़ाई हो गई, मैं अब तेरे पास ही सोऊंगी। मैं- पागल हो क्या आप? भाभी- कुछ भी समझ ले, मैं नहीं जाने वाली। मैं- भाभी किसी को पता चला तो गड़बड़ हो जायेगी. आप यहां से जाओ। भाभी- मैं नहीं जा रही हूं। मैं यहीं रहूंगी। तेरे साथ ही सोऊंगी. जिसे जो लगे, लगने दो।
मैं उदास हो गया और डर भी रहा था तो भाभी हँसने लगी और बोली- जानेमन, घर में तेरे और मेरे अलावा कोई नहीं है. फिर भाभी ने मुझे पूरी बात बताई। भाभी मेरे साथ मजे ले रही थी. वो मुझे जान बूझ कर डरा रही थी. मुझे हल्का सा गुस्सा आ गया और मैंने उनकी चूची को बहुत जोर से भींच दिया. इस पर उनकी सिसकारी निकल गई- स्स्स … आआ … आराम से हरामी! मैं- मुझे डराती हो … आज मैं आपको कच्ची ही खा जाऊंगा। भाभी- एक तो तू मुझे ‘आप’ कहना बन्द कर और अगर खाने का इतना ही शौक है तो खा जा … रोका किसने है?
मैंने सेक्सी भाभी को चूमना चालू किया और उनकी चूचियों को दबा-दबा कर उनके कमीज के अंदर ही भुर्ता बनाने लगा। भाभी मस्ती में आ गई और जोर से सिसकारियां लेने लगी और मेरे सिर के बाल नोंचने लगी। मैं कभी उनके होंठों को तो कभी उनकी गर्दन को किस कर रहा था।
तभी उन्होंने मुझे ऊपर दूसरे कमरे में चलने के लिए कहा. ऊपर जाकर मैंने देखा कि कमरे में एक तख्त लगा हुआ था और उस पर एक गद्दा बिछा हुआ था. उसने गद्दे को नीचे डाल लिया. दूसरे कमरे में बच्चे सो रहे थे।
भाभी ने मुझे तख्त पर धक्का दिया और दरवाजा बंद करके मेरे ऊपर टूट पड़ी. वह मेरे होंठों को चूसने लगी. मैं भी भाभी को अपनी बांहों में लेकर उसके होंठों को चूसने लगा. हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूस रहे थे.
भाभी के हाथ मेरी टी-शर्ट के बटन खोलने लगे. उन्होंने बटन खोल कर मेरी टी-शर्ट निकाल दी. मेरी छाती को नंगी कर दिया. वह फिर से मेरी गर्दन को चूसने चाटने लगी. मेरी लोअर में मेरा लंड हल्ला मचा रहा था और मेरी गांड खुद ही उठ कर भाभी की चूत तक मेरे लंड को पहुंचाने की कोशिश कर रही थी मगर बीच में सलवार आ रही थी.
मैंने भाभी की गांड को उसकी सलवार के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया. मैं भाभी के चूतड़ों को जोर से भींचने लगा. मन कर रहा था सेक्सी भाभी की चूत को फाड़ ही दूं आज. भाभी आज कुछ ज्यादा ही गर्म हो रही थी. मस्ती में आकर भाभी ने मेरी छाती पर हाथ फिराना शुरू कर दिया. उनका एक हाथ मेरी छाती पर सांप की तरह सरक रहा था और दूसरा हाथ नीचे मेरी लोअर में तने लौड़े पर जाकर उसको और ज्यादा जोशीला बना रहा था.
गर्म भाभी की सेक्सी हरकतें मेरे अंदर जैसे आग लगा रही थी. वह भले ही बदन से मोटी थी लेकिन उसके अंदर सेक्स कूट-कूट कर भरा हुआ था. अब मैं भी समझ गया था कि इस भाभी को शांत करने के लिए तो कामदेव को भी अपनी सारी ताकत झोंकनी पड़ जाये. भाभी मेरे लंड को मसलते हुए उसे बार-बार अपने हाथ में लेकर दबा देती और फिर उसके टोपे को छेड़ देती थी. उसने मुझे पागल कर दिया.
अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मगर इससे पहले मैं कुछ करता भाभी ने मेरी लोअर पर हमला बोल दिया. वह मेरी लोअर पर अपने मुंह को ले गई और मेरे तने हुए लौड़े पर अपनी नाक को रख कर उसको अपनी नाक से रगड़ने लगी. आह्ह … मेरे मुंह से जोर की आहें निकलने लगी.
अगले ही पल भाभी ने मेरी लोअर को खींच दिया और मेरी जांघों को नंगी करते हुए मेरे लंड को अंडरवियर में तना हुआ छोड़ दिया. मेरा लंड जैसे पगला गया था. वह भाभी की चूत में जाने के लिए जैसे भीख मांगने लगा था मगर भाभी थी कि उस पर जरा भी दया नहीं कर रही थी.
भाभी ने मेरे अंडरवियर में तने हुए लंड पर अपने होंठ रख दिये और उसको अपने होंठों से सहलाने लगी. मैंने भाभी के सिर को पकड़ लिया और अपनी गांड को उठा-उठा कर तेजी से अपने तने हुए लंड को भाभी के मुंह पर मारने लगा. मैं बेकाबू हो गया था. मैं तो सोच रहा था कि पता नहीं भैया इस सेक्स की प्यासी भाभी के सामने कैसे टिक पाते होंगे.
कुछ देर तक मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही चूसने के बाद भाभी ने मेरे कच्छा को निकाल दिया और जैसे ही मेरा लौड़ा बाहर आया भाभी ने तुरंत उसको अपने गर्म मुंह में भर लिया. आह्ह … मैं तो मचल गया भाभी की इस हरकत से. मैंने तेजी से भाभी के मुंह को चोदना शुरू कर दिया मगर भाभी ने मेरे लंड पर दांत गड़ा दिये इसलिए मुझे रफ्तार धीमी करनी पड़ी.
फिर उसने लंड को अपने मुंह से निकाल लिया और मेरी जांघों पर लंड के आस-पास से चूमने लगी. भाभी ने मेरे हाथ पकड़ कर तख्त पर दबा लिये और मेरी गोलियों को चूमते हुए मुझे तड़पाने लगी. मैं काम की आग में जैसे जल रहा था. मैंने उसकी चूचियों को झपटने की कोशिश की मगर वो मुझसे बच जाती थी.
कुछ देर तक ऐसा ही खेल खेलने के बाद भाभी ने कहा- जनाब, अकेले ही नंगे पड़े रह कर मजा लेते रहोगे या किसी और की तरफ भी ध्यान दोगे?
मैं भाभी के ऊपर आ गया और उनके कमीज को ऊपर करते हुए उनको ब्रा में छोड़ दिया. मैंने भाभी के पेट को चूमा और फिर ब्रा पर झपट पड़ा. मैंने भाभी की ब्रा को लगभग फाड़ ही दिया था. लेकिन भाभी ने मेरे हाथ रोक लिये और मैंने आराम से उसकी ब्रा को उसके चूचों से अलग कर दिया.
भाभी के चूचे मेरे सामने नंगे हो गये थे. मैं चूचों को चूसने लगा और उसके मोटे-मोटे निप्पलों को काटने लगा. भाभी मस्ती में सिसकारी लेने लगी. मैंने दांतों का दबाव थोड़ा सा और बढ़ाया तो भाभी ने मेरे बालों को नोंच लिया. मैंने भाभी के निप्पलों को काट-काट कर लाल कर दिया.
उसके बाद मैं भाभी के चूचों को दबाते हुए नीचे की तरफ उनकी नाभि की तरफ बढ़ा. मैंने भाभी की नाभि में जीभ घुसा दी. यूं तो उसके पेट पर काफी चर्बी थी मगर भाभी के साथ मैं इतना गर्म हो चुका था मेरा इन सब बातों पर ध्यान नहीं जा रहा था. कुछ देर तक मैं भाभी की नाभि में जीभ को घुमाता रहा.
फिर मैंने भाभी की सलवार का नाड़ा खोल दिया और उसकी चूत से पैंटी को सरकाते हुए उसकी जांघों को नंगी कर दिया. भाभी की चूत ने पानी छोड़ कर उसकी चूत को आस-पास के एरिया से गीला कर दिया था. पहले मैं चूत बाहर निकल रहे पानी को चाटा तो मजा सा आया. फिर मैं भी भाभी की चूत के आस-पास वाले एरिया को किस करने लगा. कभी उसके बालों को चूस लेता तो कभी उसकी चूत की फांकों को दांतों से पकड़ कर खींच लेता.
भाभी कसमसा कर रह जाती थी. उसकी चूत से अजीब सी खुशबू आ रही थी जो मुझे अच्छी लग रही थी. मैंने भाभी की चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. भाभी सिसयाने लगी. स्स्स् … आ… राजा … बस करो … मत करो ऐसे अपनी भाभी के साथ. क्यूं तड़पा रहे हो मुझे मेरे जानू … मगर भाभी की चूत में उंगली करके मैं भाभी को तड़पाने का आनंद लेता रहा. भाभी ने कुछ देर तो मुझसे मिन्नतें कीं लेकिन जब मैंने उसकी बात नहीं मानी तो उसने मेरे गाल पर एक चांटा जड़ दिया. बोली- हरामी, आज ही जान निकालेगा क्या मेरी चूत को चाट कर. इसको चोद भी दे अब. फिर मुझे भी भाभी की चूत पर गुस्सा आ गया.
मैंने अपनी गर्म जीभ भाभी की जलती हुई भट्टी में रख कर अंदर घुसा दी तो भाभी सिहर उठी. उसने मेरे मुंह को अपनी चूत में घुसाने के लिए पूरा जोर लगा दिया. मेरी नाक से सांस लेने में भी मुझे परेशानी होने लगी लेकिन भाभी ने कस कर मुझे दबाया हुआ था. मैंने भाभी की चूत में जीभ को अंदर-बाहर करना चालू रखा. मैंने जोर लगाकर खुद को भाभी के हाथों के चंगुल से छुड़वाया तो मेरी सांस फूल गई थी. उसकी चूत की गुफा में बहुत अंधेरा था मगर उसको चाट कर जो नमकीन स्वाद आया उसका मजा भी अलग ही था.
मेरा लौड़ा भी पूरे ताव में था और भाभी की चूत भी पूरी गर्म हो चुकी थी. दोनों के बदन नंगे थे और अब चुदाई के लिए पल भर का इंतजार भी नहीं हो पा रहा था. भाभी बार-बार मुझे अपने ऊपर खींच रही थी. मैं भाभी की बेचैनी समझ रहा था और मेरी हालत भी कुछ ऐसी ही थी.
मैंने अपने गर्म लंड को भाभी की भट्टी में घुसा दिया और उसके चूचों को अपने हाथ में भर उसकी चूत को पेलने लगा. भाभी गांड उठा उठा कर मेरा लंड लेने लगी. धक्के दोनों तरफ से बराबर के लगने लगे. आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआह … करते हुए हम दोनों ही चुदाई का मजा लेने लगे.
पहली बार जब भाभी को शादी वाले दिन चोदा था तो इतना मजा नहीं आया था मगर आज जब भाभी पूरी नंगी थी और मैं भी पूरा नंगा था तो चुदाई का मजा भी अलग ही आ रहा था. मैं जोर जोर से भाभी की चूत को पेलने में लगा हुआ था और भाभी भी अपनी चूत को उछाल-उछाल कर मेरे लंड का पूरा जोश निचोड़ने की कोशिश कर रही थी.
दस मिनट में ही इस गर्मागर्म चुदाई का क्लाइमेक्स करीब आ पहुंचा. मेरे लौड़े से लावा फूटने को था मगर भाभी के बारे में अभी कुछ नहीं पता नहीं लग रहा था कि उसकी चूत का फव्वारा अभी कितनी देर में बाहर आकर गिरेगा. मैंने भाभी की चूत को चोदना जारी रखा.
उसकी सिसकारियाँ हर पल बढ़ती जा रही थीं. इधर मेरे लंड के अंदर वीर्य को रोके हुए बुरा हाल हो चुका था और वो किसी भी पल बाहर आकर भाभी की चूत में भरने के अंदर ही अंदर लहर बनकर उछल रहा था. मैंने पूरी ताकत से भाभी की चूत में दो धक्के लगाए और मेरा वीर्य उछल कर बाहर आने लगा.
जैसे ही मेरे लंड से पहली पिचकारी निकली भाभी की चूत ने भी अपना फव्वारा छोड़ना शुरू कर दिया. आह … होह्… हम्म … आह्ह्ह्ह … करते हुए हम दोनों ही झड़ने लगे. भाभी दो मिनट में ही ढीली पड़ने लगी और मैं भी भाभी की चूत में अपना लावा उड़ेल कर उसके ऊपर गिर पड़ा. मजा आ गया दोस्तो.
उस दिन भाभी को मैंने रात भर नंगी करके ही चोदा. हमारी चुदाई के चार राउंड हुए. चारों ही राउंड में भाभी का जोश देखने लायक था. उसकी चूत मेरे लंड के रस को हर बार अपने अंदर ही पी जाती थी. लगता था कि भाभी चूत बहुत दिनों से प्यासी थी. मैं भी उसको चोद कर बिल्कुल खाली हो गया था. फिर उसके बाद मैंने भाभी की गांड भी मारी लेकिन वह कहानी मैं आपको फिर कभी बताऊंगा.
इस कहानी पर अपनी राय देने के लिए आप नीचे दिये गये मेल आई-डी का प्रयोग कर सकते हैं. इसके अलावा अपनी प्रतिक्रिया देने के लिए कमेंट बॉक्स का प्रयोग भी करें. मैं जल्दी ही सेक्सी भाभी की गांड चुदाई की कहानी लेकर फिर से वापस आऊंगा. तब तक के लिए आप चूतों का रस पीते रहिये और गर्मी की प्यास बुझाते रहिये. [email protected]
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