This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
जो कहानी मैं आप लोगों को सुनाने जा रहा हूं वह केवल एक कहानी नहीं है बल्कि एक सच्चाई है. मैं आज आपको अपनी बुआ की कहानी बताऊंगा जो मेरे ताऊ जी के साथ हुई एक सच्ची घटना है. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको अपनी बुआ और ताऊ जी के बारे में कुछ बता देना चाहता हूँ. मेरी बुआ एक सुन्दर और नॉर्मल हाइट की लड़की है. उनकी उम्र 32 साल है. मेरे ताऊ जी जिनकी उम्र 48 साल की है वो रंग के गोरे, शरीर के लम्बे और सेहतमंद इंसान हैं.
कुछ दिन पहले मैं अपने गांव गया हुआ था. जब मैं घर पहुंचा तो मैंने अपनी बुआ और अपनी याई को घर में पाया. कुछ देर के बाद मेरे ताऊ जी भी आ पहुंचे. मेरे जाने से पहले वो बाहर गये हुए थे. जिस दिन मैं पहुंचा था वो भी उसी दिन पहुंचे थे.
दोपहर का खाना खाने के बाद ताऊ जी घर की छत पर बने ऊपर वाले कमरे में आराम कर रहे थे. बुआ भी उनके पास ही बैठ कर बात कर रही थी. ताऊ जी ने मुझे आवाज लगाई और मुझसे पानी लाने के लिए कहा. मैं पानी लेने जाने लगा तो उन्होंने कहा- अभी रहने दे, मैं बाद में मंगवा लूंगा.
मैं नीचे जाने लगा और जब सीढ़ियों से उतर रहा था तो मुझे ऊपर वाले कमरे का दरवाजा बंद होने की आवाज सुनाई दी. मेरे मन में शक सा पैदा हो गया क्योंकि बुआ जी भी उसी कमरे में थी. मैंने सोचा कि एक बार पता तो करूं कि आखिर माजरा क्या है.
मैं चुपके से चलकर ऊपर वाले कमरे की तरफ बढ़ा. खिड़की की झिर्री से मैंने धीरे से अंदर झांक कर देखा तो बेड पर बुआ जी लेटी हुई थी और ताऊ जी अपना कुर्ता निकाल रहे थे. बुआ जी ताऊ जी को कुर्ता निकालते हुए देख रही थी. उनका ध्यान इस तरफ नहीं था कि कोई उन्हें बाहर से देख भी रहा है.
ताऊ जी ने अपना कुर्ता निकाल दिया और उनकी छाती नग्न हो गई. उसके बाद उन्होंने बेड पर लेटी हुई बुआ को सलवार खोलने के लिए कहा. बुआ ने सलवार का नाड़ा खोल दिया और सलवार को नीचे सरका कर अपनी कच्छी को भी नीचे कर लिया. मुझे बेड पर लेटी हुई बुआ की चूत दिखाई दे रही थी.
ताऊजी ने पास ही रखी हुई तेल की शीशी उठाई और अपनी हथेली पर थोड़ा सा तेल लगा कर बुआ की चूत पर मलने लगे. जैसे ही ताऊ जी ने बुआ की चूत पर तेल मलना शुरू किया तो बुआ ने अपनी आंखें बंद कर ली. ऐसा लग रहा था कि जैसे ताऊ जी के हाथ के छूने से उनको बहुत ज्यादा मजा आ रहा है.
जब ताऊ जी ने अच्छी तरह से बुआ की चूत पर तेल मल दिया तो वो उठ कर खड़े हो गये. उनकी लुंगी में तने हुए लंड ने उनकी लुंगी को ऊपर उठा दिया था. फिर ताऊ जी ने अपनी लुंगी खोल दी और फिर अपना कच्छा भी निकाल दिया. उनका लंड आठ इंच के करीब की लम्बाई का था. मोटाई भी 2 इंच के करीब थी. उनका लौड़ा पूरी तरह से तनाव में आ गया था.
अपने लंड को अपने हाथ में लेकर ताऊ जी ने बुआ को हिला कर दिखाया तो बुआ मुस्कुराने लगी और बोली- बहुत दिनों बाद आज इस औजार से मुझे प्यास बुझाने का मौका मिला है. ताऊ जी बोले- हां, तुम्हारी चूत के लिए मेरा ये लंड भी काफी टाइम से तरस गया था.
उसके बाद ताऊ जी ने दोबारा से तेल की शीशी से थोड़ा तेल निकाला और अपने लंड पर मल लिया. फिर उन्होंने कुछ बूंदें तेल की अपनी हथेली पर डालीं और फिर बुआ की चूत में उंगली करने लगे. वो बार-बार बुआ की चूत में तेल लगाकर उंगली कर रहे थे. बुआ को मजा आने लगा.
बुआ अपने सूट के ऊपर से अपने चूचों को धीरे-धीरे दबाने लगी. लेकिन वह मुंह से बिल्कुल भी आवाज नहीं कर रही थी. जब कई मिनट तक ताऊ जी ने बुआ की चूत में तेल लगी उंगली चला ली तो उन्होंने बेड पर आकर बुआ की जांघों को चौड़ी कर दिया. बुआ ने घुटने हल्के से मोड़ लिये और उनकी चूत सामने की तरफ खुल सी गई.
ताऊ जी ने अपना लंड बुआ की चूत पर लगाया तो बुआ ने उनका लंड अपने हाथ में पकड़ लिया. फिर बुआ ने अपनी चूत को अपने हाथ से फैलाया और इसी बीच ताऊ जी ने लंड को उनकी चूत में अंदर धकेलना शुरू कर दिया. अगले एक मिनट के अंदर ही ताऊ जी ने बुआ की चूत पर लंड लगाकर उसको पूरा चूत में उतार दिया. वो बोले- चला गया क्या पूरा? बुआ बोली- हाँ पूरा चला गया है.
इतना सुनते ही ताऊ जी बुआ के ऊपर लेट गये और अपनी कमर को चलाने लगे. ताऊ के चूतड़ मेरे ठीक सामने थे और उनके नीचे बुआ की चूत में जाता हुआ लंड भी मुझे दिखाई दे रहा था. बुआ के मुंह से अब कसमसाहट भरी आनंद की आवाजें निकलने लगीं. उम्म्ह… अहह… हय… याह… स्स्स … हय … करते हुए बुआ जी ताऊ के लंड को अपनी चूत में आराम से लेने लगी. ताऊ जी भी बुआ की जांघों के बीच में अपनी गांड चला कर उसकी चूत में अच्छी तरह से लंड पेल रहे थे. उनके मोटे लंड के हर झटके के साथ बुआ के मुंह से एक कामुक आह्ह निकल रही थी.
पांच मिनट की चुदाई के बाद ताऊजी ने बुआ के कमीज को भी निकलवा दिया. मेरे सामने ताऊ जी की गांड थी इसलिए मुझे बुआ के चूचे दिखाई नहीं दे रहे थे. दो मिनट के बाद ताऊ ने बुआ को साइड में घुमा दिया. अब बुआ के चूचे मुझे उनकी छाती पर तने हुए दिखाई दिये.
मेरे ताऊ ने मेरी बुआ के चूचों को अपने दोनों हाथों में भर कर दबा दिया. फिर उन्होंने चूचों पर अपने होंठ कस दिये और चूचों को चूसने लगे. बुआ जी की टांगें और चौड़ी होकर फैल गईं. उन्होंने ताऊ जी की नंगी गांड पर अपने पैर लपेट लिये और पूरा का पूरा लंड अपनी चूत में लेने लगी. ताऊ जी मेरी बुआ के चूचों को चूसते हुए कमर चला कर उनकी चूत मार रहे थे.
ये नजारा देख कर मेरी हालत भी खराब हो गई थी. मेरा लंड भी तन कर पागल हो चुका था. बुआ इतनी मस्ती से चुद रही थी कि किसी बुड्ढे का लंड भी उनकी चुदाई को देखकर जोश में आ जाये.
उसके बाद ताऊ जी ने बुआ के होंठों पर अपने होंठ रखे और तेजी के साथ कमर चलाते हुए बुआ की चूत मारने लगे. वो बोले- मजा आ रहा है? बुआ बोली- हां, और डालो, बहुत मजा आ रहा है. आह्ह … पूरा डाल कर चोदो.
ताऊ ने बुआ की टांगों को अपने हाथों से थोड़ा और फैलाया और फिर तेज-तेज जोश भरे धक्के लगाने लगे. मैं हैरान था कि ताऊ जी इस उम्र में भी एक जवान प्यासी चूत की प्यास इतने अच्छे तरीके से बुझा रहे हैं. अगर मैं ताऊ की जगह होता तो कब का झड़ गया होता.
मैं ये सब बाहर खड़ा होकर देख रहा था. मैंने अपने लंड को अपनी पैंट के ऊपर से सहलाना शुरू कर दिया था. मन कर रहा था कि इनकी चुदाई को देख कर यहीं पर मुट्ठ मार लूं लेकिन किसी के आने का डर था इसलिए मैं बस चुदाई के नजारे के मजे ले रहा था.
कुछ देर तक ताऊ जी ने बुआ जी की मस्त चुदाई की और फिर ताऊ जी की सांस थोड़ी भारी हो गई तो वो बेड पर लेट गये. उसके बाद बुआ उठी और ताऊ जी के खड़े हुए लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
ताऊ जी नीचे लेटे हुए थे. बुआ ने ताऊ के लंड को एक-दो बार हिलाया और फिर उसको मुंह में लेकर चूसने लगी. ताऊ जी का लंड जबरदस्त टाइट था. फिर उन्होंने बुआ को उनके ऊपर आने को कहा तो बुआ मेरे ताऊ जी के खड़े लंड को हाथ में लेकर उनके लंड पर बैठते हुए लंड को चूत के मुंह पर सेट करने लगी.
लंड को चूत पर सेट करके बुआ ने अपना पूरा वजन ताऊ जी के लंड पर धीरे-धीरे छोड़ना शुरू कर दिया और ताऊ का लंड लेटे हुए ही बुआ की चूत में उतरने लगा. आह्ह … जब पूरा लंड चला गया तो बुआ के मुंह से एक आवाज निकली ‘स्सस … आआ …’
पूरा लंड चूत में लेकर बुआ ने ताऊ के लंड पर उछलना शुरू कर दिया. बुआ के चूचे भी हवा में उछल रहे थे. ताऊ जी ने बुआ की कमर को थाम लिया था और उनकी कमर को पकड़ कर वो उनकी चूत को अपने लंड पर धकेल रहे थे. फच-फच करता हुआ लंड बुआ की चूत चोद रहा था.
कुछ देर तक बुआ उनके लंड पर बैठ कर ऐसे ही उछलती रही. उसके बाद बुआ ने अपने चूचे ताऊ के मुंह पर ले जाकर रखते हुए उनकी छाती पर लेट गई. ताऊ जी बुआ के चूचों को चूसने लगे और पीछे से उनका लंड चूत को पेलता रहा.
बुआ भी अपनी गांड को चला-चला कर उनका लंड अपनी चूत में ले रही थी. कुछ देर दोनों ने इसी पोज में चुदाई की. फिर बुआ ने ताऊ के होंठों को चूसा काफी देर तक. चुदाई अभी रुकी हुई थी लेकिन उनका लंड चूत में ही था. इस विराम के बाद दोबारा से ताऊ ने उनकी चूत में लंड पेलना शुरू कर दिया.
फिर ताऊ जी का माल निकलने की तैयारी पर आ गया था शायद इसलिए उन्होंने बुआ को नीचे लेटने के लिए कहा. अब बुआ नीचे आ गई थी और ताऊ जी उनकी टांगों को अपने हाथ में पकड़ कर अपने कंधों पर रखवा लिया और लंड को चूत पर सेट करके फिर से अंदर घुसा दिया.
अब ताऊ जी दोगुनी स्पीड से बुआ की चूत को चोदने लगे. उनके धक्के इस बार काफी दमदार लग रहे थे और बुआ की चूत में दर्द होने लगा था. वो पूरे जोश के साथ धक्का लगाते और पूरा लंड बुआ की चूत में घुस कर ताऊ की जांघें बुआ की जांघों से टकरा जाती और फट्ट की आवाज होती.
इसी तरह फट्ट-फट्ट की आवाज करते हुए ताऊ ने बुआ की चूत को पांच मिनट तक चोदा और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. ताऊ जी घुटनों के बल हो गये और बुआ ताऊ जी के लंड के नीचे मुंह लाकर अपने होंठों को खोल कर बैठ गयी.
ताऊ जी ने अपने लंड को हिलाना शुरू किया और तेजी से लंड की मुट्ठ मारने लगे. बुआ जी मेरे ताऊ की गांड को पकड़ कर दबा रही थी और उनका माल बाहर निकलवाने में मदद कर रही थी. दो मिनट तक तेजी से लंड को हिलाने के बाद ताऊ के मुंह से जोर की आह्ह निकली और मोटे लंड से वीर्य की पिचकारी बुआ के मुंह पर गिरने लगी. पिचकारी पर पिचकारी छूटने लगी और सारा माल बुआ के होंठों पर गिरने लगा. बुआ ने अपनी जीभ से सारा माल मुंह के अंदर कर लिया और फिर लंड को ही मुंह में भर लिया. ताऊ जी शांत हो गये. पूरा लंड झाड़ने के बाद वो बुआ के ऊपर ही गिर गये. दो-तीन मिनट तक दोनों एक-दूसरे के ऊपर लेटे रहे. फिर उन्होंने अपने-अपने कपड़े पहन लिये और मैं वहां खिसक लिया.
इतनी मस्त चुदाई को देखने के बाद मेरे मन में सेक्स का तूफान सा उठ गया था. मैंने भी बाथरूम में जाकर बुआ और ताऊ जी की चुदाई के सीन को याद करके मुट्ठ मारनी शुरू कर दी. मैं तेजी से अपने लंड को हिलाने लगा. दो-तीन मिनट में ही मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी और मैं भी शांत हो गया.
उनकी चुदाई देखने के बाद मेरा मन भी सेक्स करने को मचल गया था. लेकिन मेरे पास चूत का कोई बंदोबस्त नहीं था. उसके बाद इसी तरह एक दिन और मैंने बुआ और ताऊ जी की मस्त चुदाई देखी. मुझे नहीं पता वो दोनों कब से इस तरह एक-दूसरे की प्यास बुझा रहे थे लेकिन दोनों के अंदर सेक्स जैसे कूट-कूट कर भरा हुआ है.
मेरी बुआ मेरे ताऊ के लंड की दीवानी सी लगी मुझे और ताऊ का मूसल लंड भी बुआ की चूत चोदने के लिए हमेशा तैयार मालूम होता था. उसके बाद मैं अपने घर वापस आ गया. लेकिन बुआ और ताऊ जी की वो चुदाई मुझे जब भी याद आती है मेरा लंड तन कर जैसे फटने को हो जाता है.
दोस्तो, आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? अगर कहानी आपको पसंद आई हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में कमेंट करके जरूर बताना. मुझे अच्छा लगेगा और मैं आप लोगों के लिए कोई और किस्सा या घटना लेकर वापस आऊंगा.
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000