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दोस्तो, आपकी कोमल फिर से हाज़िर है अपनी इस कहानी के अगले और अंतिम भाग के साथ.
पिछले भाग में आपने पढ़ा कि कैसे जोन्स ने मेरी चुत और गांड की बैंड बजा दी थी.
फिर मैं बाहर स्वीमिंग पूल के किनारे टहलने लगी. नौकर मुझे देख रहा था तो मैंने उससे थोड़ी बात की.
इतने में पीछे से जोन्स आके मुझसे लिपट गया. मैंने देखा तो वो पूरा नंगा था. मैं सोच में पड़ गई कि क्या ये मुझे यहीं चोदने वाला है. इतने में उसने मेरी नाईटी निकाल दी और मुझे उठा कर पूल में फेंक दिया. वो खुद भी पूल में आ गया और मेरे साथ मस्ती करने लगा, कभी दूध दबाता कभी चुत में उंगली करता. मैं भी उसके साथ अब खुल के एन्जॉय कर रही थी.
काफी देर पूल में मस्ती करने के बाद हम दोनों पूल से निकले और उसने मुझे वहीं पास में रखी लम्बी सी कुर्सी में लिटा दिया और मेरी चुत चाटने लगा. मैं भी काफी मजा लेने लगी और उसका साथ देने लगी. फिर मैंने भी उसका लंड चूसा.
बाद में उसने वहीं घास में मुझे घोड़ी बना दिया और चोदने लगा. मुझे अब काफी मजा आ रहा था, मैं भी जोर जोर से सिसकारी ले रही थी- स्स्स्स आअह्ह सिससीईई ईईइ अआ आआ ह्ह्ह!
कुछ देर बाद उसने लंड बाहर निकाला और मेरी गांड को चाटने लगा. मुझे कुछ अज़ीब लगा मैं सोच में पड़ गई कि ‘क्या ये अब फिर मेरी गांड मारने वाला है?’ मेरी सोच सही साबित हुई, उसने गांड की छेद में अपना थूक लगाया. मैं बोली- नो नो नो! और उठ गई.
उसने मुझे पकड़ के घास में लिटा दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। अपने सीने से मेरी पीठ को दबा के अपने दोनों हाथ से मेरी गांड को फैला के लंड छेद में लगाया और अंदर डालने लगा. मुझे फिर से बेइंतहा दर्द शुरु हो गया जैसे जैसे लंड अंदर जाता गया मेरी चीख तेज होती गई. मगर वो जालिम नहीं रुका और पूरा का पूरा लंड मेरी गांड में उतार दिया और दनादन चुदाई करने लगा.
अचानक मेरी नज़र घर के छत पर गई घर का नौकर किशोर वहाँ से मुझे चुदते देख रहा था. मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी.
10 मिनट मेरी गांड चोदने के बाद उसने अपना माल मेरी चुत में भर दिया और उठ कर अंदर चला गया. मैं कुछ देर इसी तरह लेटी रही, फिर कुछ देर बाद उठी मुझे बहुत दर्द हो रहा था. मैंने अपनी नाईटी पहनी और अन्दर चली गई.
अंदर देखा तो जोन्स तैयार होकर कहीं जा रहा था. मैंने चैन की सांस ली कि ‘चलो ये जा तो रहा है. नहीं तो ये 2 दिन रुकने वाला था.’ उसने मुझे बॉय कहा और अपना सामान लेकर चला गया.
मैंने बॉस को फ़ोन लगाया और उनको बता दिया कि जोन्स चला गया है. तो बॉस ने कहा- हां उसको जरूरी काम था तो वो चला गया है. अब तुम भी फ्री हो, घर जा सकती हो.
लेकिन मेरी हालत अच्छी नहीं थी तो मैंने बॉस से कहा- क्या मैं यहाँ आज रुककर आराम कर लूं? तो वो बोले- हां, जितना आराम करना है, कर सकती हो, कोई प्रोब्लम नहीं. मैं फोन काट के वहीं बिस्तर पे लेट गई.
मैं वही बैडरूम में लेटी रही और थकावट के कारण मुझे कब नींद आ गई पता नहीं चला. पूरा दिन मैं सोती रही, शाम को करीब 6 बजे मेरी नींद खुली. मेरी गांड का दर्द अब ठीक था मगर मेरी कमर बहुत तेज़ दर्द कर रही थी.
मैं उठकर बाथरूम गई और फ्रेश होकर अपनी चड्डी ब्रा और नाईटी पहनी. कमर बहुत तेज दर्द कर रही थी, समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ मैं! मैं नीचे गई और किशोर को बुलाया, चाय के लिए कहा. फिर वहीं बैठ के चाय पी.
तभी मुझे ख्याल आया कि क्यों न इसकी बीवी को बुला कर कमर की मालिश करवा लूं. मैंने किशोर को बुलाया और कहा- जरा अपनी बीवी को भेजना, कुछ काम है. तो वो बोला- मेमसाब कैसी बात करती हैं आप? मैं यहाँ अकेला रहता हूँ. मेरा पूरा परिवार गांव में रहता है. फिर भी बताइये अगर कुछ काम है तो?
मैं उठी और बोली- रहने दो, सब ठीक है. और जाने लगी.
मेरी हालत देख वो बोला- मेमसाब, कोई परेशानी है तो बताइये, शायद मैं आपकी कोई मदद कर सकूँ! तो मैं बोली- मेरी कमर में बहुत दर्द है. इसलिए पूछ रही थी कि तुम्हारी बीवी को … कि आकर मालिश कर देती। किशोर बोला- मेमसाब अगर आप को बुरा न लगे तो मैं कर सकता हूँ. क्योंकि आप काफी तकलीफ में दिख रही हैं.
मैंने सोचा कि ये मुझे नंगी चुदती तो देख ही चुका है, इससे क्या शर्म करूँ … मेरी हेल्प ही हो जाएगी. तो मैं बोली- ठीक है, तुम खाना बना लो, खाना खाने के बाद रूम में आ जाना.
9 बजे मैंने खाना खाया और रूम में चली गई. कुछ देर बाद किशोर हाथ में एक कटोरी लेकर रूम में आया. मैंने पूछा- ये क्या है? “मेमसाब, इसमें गर्म तेल है, इससे आपको आराम मिलेगा.” मैं बोली- ठीक है!
मैंने उस वक्त नाईटी और अन्दर ब्रा पैन्टी पहनी थी. मैं पेट के बल लेट गई और वो मेरे पास खड़ा हो गया पर कुछ नहीं कर रहा था. मैं बोली- क्या हुआ? मैं समझ गई कि वो थोड़ा शर्मा रहा था. तो मैंने खुद अपनी नाईटी उठा दी.
उसने मेरी गोरी गोरी कमर पर गर्म तेल लगाया और अपने काम्पते हाथ से मालिश करने लगा. मैंने पूछा- तुम्हारे हाथ काम्प क्यों रहे हैं? तुम शर्माओ मत … खुल के मालिश करो. और वो करने लगा.
उस वक्त उसने हाफ लोवर और बनियान पहना हुआ था. किशोर मेरी कमर को अच्छे से मालिश कर रहा था. मैं बोली- थोड़ा मेरी पीठ में भी करना. तो वह करने लगा.
पर मेरी ब्रा के कारण हाथ खुल कर नहीं चल रहा था तो मैं बोली- ब्रा का हुक खोल लो, क्यों शरमा रहे हो. तो वो बोला- नहीं नहीं मेमसाब, ऐसा नहीं है. और उसने मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. मेरी पूरी पीठ पर गर्म गर्म तेल लगा के मालिश करने लगा. मुझे काफी अच्छा लगने लगा.
अचानक मेरी नजर उसके लोवर पर पड़ी, उसका तो लंड खड़ा हो चुका था. और हो भी क्यों न … इतना मस्त गोरा बदन देख कर तो किसी का भी खड़ा हो जाता.
मैं थोड़ी मस्ती के मूड में आ गई और सोचा कि क्यों ना इसको और परेशान करूँ. मैंने अपने हाथ से अपनी चड्डी नीचे सरका दी और बोली- जरा यहाँ भी कर दो प्लीज! मुझे बहुत आराम मिल रहा है. ऐसा सुन के लगता था कि उसका हौसला कुछ बढ़ गया और उसने मेरे चूतड़ों के ऊपर तेल लगाया और मालिश करने लगा. वो जान बूझ के मेरी गांड को बार बार फैला रहा था और छेद देख रहा था.
उसका लंड ऐसा लग रहा था कि पैन्ट फाड़ के बाहर आ जायेगा. उसने हाथ में थोड़ा तेल लिया और एक हाथ गांड की दरार के बीच में घुसा दिया और मेरी चुत तक तेल लगाने लगा. उसके ऐसा करने से मेरी तो हालत ख़राब होने लगी, मेरे मुँह से सिसकरी निकलने लगी- आआआ अह्ह्ह् ऊऊऊ उह्ह्ह! और मेरे जिस्म अपने आप हिलौरें मारने लगा.
उसने मेरी चड्डी पूरी उतार दी और मेरी जांघों तक अपने हाथ फिराना शुरु कर दिया. मैं भी समझ गई कि ये भी अब गर्म हो गया है. मैंने सोचा कि ये कहीं मुझे चोदने न लगे. मगर वो इतनी हिम्मत तो नहीं ही करेगा.
मैंने उससे खुल के पूछ लिया- तुम अपनी बीवी को यहाँ क्यों नहीं रखते? तो वो बोला- क्या करूँ मेमसाब, आप तो जानती हैं कि यहाँ क्या क्या होता है. ऐसे में अपने परिवार को यहाँ रखना क्या ठीक रहेगा? मैं बोली- तो तुम्हारा मन नहीं करता क्या ये सब देख कर? “क्या मेमसाब?” उसने हिचकिचाते हुए बोला. “वही जो तुम आज ऊपर छत से देख रहे थे?” “क्या करूँ मेमसाब, नजर पड़ गई थी.”
वो बोला- एक बात पूछूँ मेमसाब … आपको अगर बुरा न लगे तो? “हां हां पूछो?” मैं बोली. “आप ये सब क्यों करती हैं?” “क्या करूँ … मेरी मज़बूरी ही है।”
फिर मैं बोली- तुमने बताया नहीं कि क्या तुम्हारा मन नहीं करता? तो वो डरते हुए बोला- करता तो है मेमसाब, पर क्या करूँ, जब गांव जाता हूँ, तभी कुछ होता है.
मैंने उससे मजाक में पूछा- मुझे चोदने का मन है? “नहीं नहीं मेमसाब, ऐसा मैं सोच भी नहीं सकता!” वो डर के बोला. “तो तुम्हारा टाईट क्यों हो गया?” “वो तो होगा ही … आप इतनी सुन्दर जो हैं.”
मैंने सोचा कि क्यों न आज इसकी किस्मत खोल दूँ. आज तक इसने मेरी जैसी लड़की तो चोदी नहीं होगी. ये भी गर्म हो चुका है और मैं भी! मैं खुल के बोली- आज तुमको मौका देती हूँ, चोद लो चोदना है तो! वो बोला- नहीं नहीं मेमसाब, ऐसा मत बोलो. अगर साहब को पता लगा तो मेरी नौकरी चली जायेगी. “अरे ऐसे कैसे नौकरी चली जायेगी? ना तुम किसी को बताना और न मैं बताऊँगी.”
वो बिल्कुल शांत था. मैंने उसके तरफ देखी और पलट गई और अपने सारे कपड़े उतार दिए. अब तो उसे भी रहा नहीं जा रहा था, वो तुरंत बोला- पक्का न मेमसाब? किसी को पता नहीं चलेगा? मैं बोली- हां पक्का!
इतने में वो मेरे पास आ गया. वो थोड़ा डर रहा था. मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपने ऊपर खींच लिया. अब तो वो भी अपने डर को भूलकर मुझपर टूट पड़ा और सीधा मेरे दूध में हमला बोल दिया, अपने हाथ से मेरे दोनों दूध को मस्त मसलने लगा.
उसके हाथ बहुत कठोर थे. शायद वो मेहनत का काम करता था इसलिए! मेरे मुलायम दूध को बहुत मस्त तरह से मसल रहा था और चूम रहा था.
फिर उसने मेरे पूरे जिस्म को चूमना चाटना शुरू कर दिया, मैं भी उसका पूरा साथ देने लगी.
कुछ देर बाद वो भी नंगा हो गया. उसका लंड मस्त था करीब 6 इंच का था और अच्छा खासा मोटा था. उसने फिर मेरी चुत चाटना चालू कर दिया. मेरे मुहँ से अह्ह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आअह … और करो … मजा आ रहा है … आह! उसने चाट चाट कर मेरी पूरी चुत साफ़ कर दी.
फिर वो मेरे ऊपर आ गया और अपना लंड को चुत में लगा के धक्का मारा, एक बार में ही लंड पूरा अंदर चला गया. मैं बस आह्ह्ह् कर के रह गई. मुझे बहुत मजा मिल रहा था. वो भी पूरे जोश में था और दनादन चुदाई करता जा रहा था. हम दोनों के मुँह से बस आअह आअह की आवाज आ रही थी.
हम दोनों ही पसीना पसीना हो चुके थे, वो बिना रुके बिना थके लगातार बस चोदे जा रहा था. मुझे भी इतना मजा मिल रहा था कि मैं अपनी गांड उठा के उसका साथ दे रही थी.
करीब 10 मिनट में मैं झड़ गई और मेरे बाद उसने भी अपना पानी मेरी जवान चुत में छोड़ दिया.
हम दोनों बिस्तर में लेट गए, दोनों ही पसीने से तर थे. उसने मुझसे कहा- तुम मेरे लिए किसी परी से कम नहीं हो! अपनी पूरी जिंदगी में मैं तुम्हारी जैसी लड़की को नहीं चोद पाता. मैं बोली- मजा आया कि नहीं? “बहुत मजा आया!”
कुछ देर बाद उसने कहा- क्या मैं तुमको और चोद सकता हूँ? मैं बोली- क्यों नहीं … आज पूरी रात मैं तुम्हारे लिए हूँ, जितना चोदना है चोद लो. उसने मुझे उस रात 4 बार चोदा और 2 बार मेरी गांड भी मारी.
फिर मैं सुबह 11 बजे तैयार होकर अपने घर चली गई. मगर जाने से पहले उसने मुझसे वादा लिया कि रात वाली बात कभी किसी से न कहूँ. मैंने भी उसे कह दिया- जब भी मेरी जरूरत हो तो बता देना, मैं आ जाया करुँगी. और अपना फोन नम्बर दे दिया. वो और भी ज्यादा खुश हो गया.
दोस्तो, मेरी कहानी आप लोगों को कैसी लगी, मुझे मेल करके जरूर बताना ताकि मैं अपनी और भी कहानी आप लोगों तक अन्तर्वासना सेक्स स्टोरी साईट के जरिये भेजती रहूँ. आप सब की जानू कोमल [email protected]
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