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आंटी की चूत की कहानी में पढ़ें कि मैंने बुआ की नौकरी लगवायी दोस्त की फैक्ट्री में. बुआ मुझसे चुदती थी. मेरा दोस्त भी बुआ को चोदना चाहता था.
नमस्कार दोस्तो, मैं आपका राज शर्मा, आपका स्वागत करता हूं हिन्दी सैक्स कहानी पर।
पिछली स्टोरी विधवा बुआ को चोदा उसी के घर में में आपको बता चुका हूं कैसे मैंने अपनी विधवा बुआ को चोदा और उसकी मदद की।
आपका ज्यादा समय न लेते हुए अब मैं कहानी पर आता हूं।
दोस्तो, मेरी बुआ की नौकरी मैंने अपने दोस्त से बोलकर मानेसर में कपड़े की कंपनी में लगवा दी।
एक दिन बुआ का फोन आया- राज अब मैं नौकरी पर जाने लगी हूँ, वहां मेरी सेटिंग ठीक हो गई है। अब तू किसी दिन मानेसर आ जा मुझे मिलने! मैंने बोला- ठीक है बुआ, मैं किसी दिन आता हूं।
शनिवार को मेरा ऑफ़ था तो मैंने बुआ को फोन किया कि मैं शनिवार को आऊंगा. पर वो बोली- शनिवार को मेरी तो ड्यूटी है।
मैंने कहा- मेरे दोस्त से मेरी बात हो गई है. वो बोल रहा है कि कोई बात नहीं वो देख लेगा।
तो मैं दस बजे मानेसर पहुंच गया. बुआ के बच्चे स्कूल जा चुके थे।
मैं जैसे ही उसके रूम पहुंचा बुआ को देखकर चौंक गया। बुआ के मस्त भरे और उठे हुए मम्मे और गदराई गांड। मेरा लंड एकदम से गर्म होने लगा.
आज बुआ ऐसे तैयार थी जैसे सुहागरात की दुल्हन हो। होंठों पर लिपस्टिक और आंखों में काजल, पैरों में पायल। अब मेरा लौड़ा खड़ा होने लगा और बुआ को चोदने का मन हो गया।
मैं अंदर आ गया और गेट बंद कर दिया।
मैंने बुआ को बिस्तर पर पटक दिया और उसके कपड़े उतारने लगा.
उसने नई जालीदार ब्रा पैन्टी पहनी थी और आज चूत में एक भी बाल नहीं था। मतलब बुआ ने भतीजे से चूत चुदाई की तैयारी कर रखी थी.
मुझे वासना का नशा चढ़ने लगा और मैंने बुआ को पूरी नंगी कर दिया. मैं उसके चूचे दबाने लगा और होंठों को चूसने लगा।
बुआ ने मेरी पैंट खोलकर नीचे कर दी और अंडरवियर में हाथ डालकर मेरा लंड बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी।
मैंने बुआ की चूत में उंगली घुसा दी और अंदर-बाहर करने लगा. उसकी सिसकारियां निकलने लगी और बुआ तेज़ तेज़ मेरे लंड को हिलाने लगी।
अब मैं खड़ा हुआ.
बुआ ने मुझे भी पूरा नंगा कर दिया और मेरे लौड़े को मुंह में लेकर गपागप गपागप चूसने लगी।
अब उसके दोनों मम्मे मेरे सामने थे. मैं मसलने लगा वो लंड को लोलीपॉप के जैसे चूस रही थी। मैं झटके मार के मुंह चोदने लगा, वो गले तक लंड को ले जाती।
अब मैंने उसे उठाकर बिस्तर में लिटा दिया और उसकी चिकनी चूत को चाटने लगा. मैंने अपनी जीभ को बुआ की चूत में घुसा दिया और अंदर बाहर करने लगा।
बुआ की सिसकारियों की आवाज तेज होने लगी.
मैं जीभ को चूत में घुसा देता फिर निकाल कर घुसा देता।
अब बुआ मेरा सर चूत में दबाने लगी मैं तेज़ तेज़ चूसने लगा।
बुआ की सांसें तेज हो गई और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। मैंने उसकी चूत को चाट कर साफ़ कर दिया।
अब मैं उसके ऊपर आ गया और लन्ड को उसके मुंह में डाल कर ऊपर नीचे करने लगा।
थोड़ी देर बाद मैंने अपना लौड़ा बुआ की मखमली चूत में घुसा दिया. वो ‘ऊईईई ईईई उईई ईईई सीईई ईईईई मर गई … मर गई राज … आहह हहह …’ करने लगी.
मैं लंड को अंदर बाहर करने लगा और लंड की रफ्तार बढ़ा दी।
मेरे झटकों से उसकी सिसकारी निकल पड़ी. आहह ओहह हमम्म आह हहांह आहह करके वो मेरा लंड लेने लगी। मैं उसके होठों को, मम्मों को चूसने लगा और झटके मारने लगा।
अब बुआ भी गर्म हो गई- राज आहह हहह चोदो मुझे! और चोदो! आहह फ़ाड़ दे अपनी बुआ की फुद्दी! आह हहह! मेरा भतीजा मुझे चोद रहा है आह उम्म्ह हहह और तेज़ और तेज़! अब मैं जोश में आ गया और उसको घोड़ी बनाया और लंड घुसा के चोदने लगा।
मैं उसके ऊपर आ कर घोड़े के जैसे तेज़ तेज़ झटके मारने लगा. मेरा लौड़ा बच्चादानी में टकराने लगा और उसकी चीख निकलने लगी- राज, मैं मर जाऊंगी … मेरी चूत फट जायेगी उम्मआह आहह अहह ओह!
मैं बुआ की चूत में झटके पे झटके लगाने लगा. उसकी चीख अब सिसकारियों में बदल गई और वो गांड को आगे पीछे करने लगी।
अब चूत लंड का घमासान युद्ध होने लगा और दोनों की सिसकारियां तेज़ हो गई।
मैंने उसकी चूत से लंड निकाल लिया और मैं नीचे लेट गया वो मेरे लंड पर बैठ गई।
मेरा लंड सट से बुआ की चूत में घुस गया और वो लंड पर उछल उछल कर अपनी गांड पटकने लगी। वो चूत से लंड को चोदने लगी मैं उसके मम्मे दबाने लगा। लंड सटासट सटासट अंदर बाहर होने लगा।
अब उसकी चूत लंड को कसने लगी. मैंने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी.
अब उसने लंड को चूत में पूरा जकड़ लिया और पानी छोड़ दिया. मेरा लंड चूत के अंदर गीला हो चुका था।
फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज से चूत का पानी बाहर आने लगा।
मैंने लंड निकाल लिया और उसे उठाया. वो लंड को चूसने लगी और साफ कर दिया।
मैंने उसे उठाकर बिस्तर पर गिरा दिया और उसकी टांगें चौड़ी कर दी और लंड को दोबारा एक झटके में चूत के अंदर घुसा दिया. फिर पूरी रफ्तार से मैं अपनी बुआ चोदने लगा। लंड सट सट अंदर बाहर होने लगा।
मैं लंड को अंदर बाहर अंदर बाहर करने लगा उसने अपने दोनों पैर मेरी कमर पर लपेट लिया।
अब मैं और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा। बुआ की चूचियों को दबाने लगा और झटके मारने लगा।
मैं उसकी चूत को अपने लौड़े से ऐसे चोद रहा था जैसे कोई कुत्ता कुत्ती चोद रहा हो।
पूरे कमरे में दोनों की चुदाई की आवाज आ रही थी।
अब मैं अब झड़ने वाला था मैंने अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और तेज़ी से झटके मारने लगा.
मेरे लौड़े से वीर्य की धार निकल पड़ी और उसकी चूत को भर दिया। हम दोनों बुआ भतीजा पसीने से लथपथ हो गये. मैं उसके ऊपर लेट गया।
थोड़ी देर बाद दोनों अलग-अलग हुए उसने लंड को चूस कर साफ़ कर दिया। हम दोनों चुदाई से बहुत खुश थे।
तभी मेरे दोस्त का फोन आया, बोला- तुम कहां हो राज़? मैंने बोला- बुआ को कुछ काम था तो बुआ के घर आया था।
वो बोला- भाई मुझे भी तुमसे एक काम है. करोगे क्या? मैंने कहा- भाई तूने मेरा काम किया है. बोल क्या काम है?
वो बोला- जाने दे भाई … टू बुरा मान जाएगा। मैंने कहा- नहीं, तू मेरा भाई है. तेरे लिए तो जान हाजिर है।
वो बोला- पहले वादा करो कि तुम मेरा काम करोगे और गुस्सा नहीं होगा। मैंने कहा- हां वादा रहा। बोल क्या काम है।
वो बोला- भाई, मैं तेरी बुआ को कंपनी में जब देखता हूं तो मेरा लौड़ा खड़ा हो जाता है। उसकी आंखें, होंठ, गांड, भरी भरी चूचियां देखकर मैं रोज मुट्ठी मारता हूं. मुझसे एक बार उसकी चुदाई करवा दे. तेरा जिंदगी भर अहसान रहेगा। मैंने कहा- भाई, मैं बात करूंगा. वो बोला- तूने वादा किया है. याद रखना।
मैं चुप हो गया फोन काट दिया. बुआ बोली- राज क्या हुआ? मैं बोला- कुछ नहीं।
वो बोली- राज, तुम मुझसे कुछ मत छिपाओ. बोलो क्या बात है? मैंने कहा- एक परेशानी है. बुआ बोली- राज, तुमने मेरी हैल्प की है. बोलो मैं तुम्हारे काम आ सकती हूं क्या? मैंने कहा- ठीक है. तो वादा करो कि तुम मेरी हैल्प करोगी. वो बोली- हां वादा रहा।
मैंने उसे गले लगा लिया और उसकी पीठ सहलाने लगा और उसके कान में बोला- मेरा दोस्त तुम्हें चोदना चाहता है. मैंने उससे वादा किया है। वो बोली- राज उसने अगर किसी को बता दिया तो मैं बदनाम हो जाऊँगी।
मैंने कहा- मुझ पर भरोसा है तो बोलो? वो बोली- राज, तुम जो कहोगे, मैं करूंगी।
मैंने दोस्त को फोन किया और पता बताया बोला- जल्दी आ जा!
बुआ को मैंने ब्रा पैन्टी पहना दी। बुआ ने चादर ओढ़ ली.
दस मिनट में मेरा दोस्त आ गया। उसे अंदर करके मैंने गेट बंद कर दिया।
बुआ उसे देखकर शरमा गई.
मैंने उससे बोला- भाई वादा कर कि ये बात हम तीनों तक ही रहेगी? उसने वादा किया।
मैंने बुआ को इशारा किया. वो बोली- सर, बिस्तर पर आ जाओ। मेरा दोस्त बोला- मुझे सर मत बोलो, सुनील बोलो।
सुनील ने बुआ के होंठों को चूसना शुरु कर दिया और बुआ ने उसकी पैन्ट खोल दी।
उसने मेरी बुआ की ब्रा उतार दी और चूचियों को मसलने लगा. बुआ ने मेरे दोस्त का लंड बाहर निकाल लिया और हिलाने लगी।
दोनों जाने पूरे नंगे हो गए और 69 की पोजीशन में आ गए।
थोड़ी देर बाद बुआ के ऊपर आकर सुनील ने लंड को चूत में घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा. बुआ आह उम्मह हहह करके चिल्लाने लगी.
मैं अपने लौड़े को मुंह में डाल कर चोदने लगा.
अब बुआ को दोनों चोदने लगे। सुनील ऐसे चोद रहा था जैसे बुआ कहीं भागी जा रही थी। इधर मैं लन्ड को गले तक डाल रहा था।
बुआ आज दो दो लंड एक साथ ले रही थी।
मैंने अपना लंड बुआ के मुंह से निकाल लिया और सुनील ने बुआ को घोड़ी बना दिया. फिर बुआ की नंगी गान्ड पर हाथ से थप्पड़ मार मार के लाल कर दी.
और एक झटके में बुआ की चूत में लन्ड घुसा दिया. फिर तेज़ तेज़ झटके मारने लगा।
मैं बुआ के सामने खड़ा हो गया. उसने लंड को मुंह में ले लिया और लोलीपॉप के जैसे चूसने लगी।
सुनील ने लंड को चौथे गियर में डाल दिया और सटासट सटासट लंड अंदर बाहर करने लगा। बुआ मेरे लौड़े को जोश में आकर चूसने लगी और गांड आगे पीछे करने लगी। मैं भी उसकी चूचियों को दबाने लगा।
थोड़ी देर बाद मेरे लौड़े ने पानी छोड़ दिया. बुआ गट गट करके सारी मलाई पी गई और मेरे लंड को चूस कर साफ़ कर दिया। मैं साइड में लेट गया और उन दोनों की चुदाई देखने लगा।
सुनील ने बुआ को बिस्तर पर लिटा दिया और उसकी टांगों को चौड़ा कर के लंड को अंदर तक घुसा दिया।
मेरा दोस्त मेरी बुआ को चोद रहा था और बोला- मैंने पहले दिन से आपको चोदने का मन बना लिया था. पर मुट्ठी मार कर काम चला रहा था। राज़ थैंक्स यार! और उसने झटकों की रफ्तार बढ़ा दी।
बुआ- सुनील आहह चोदो मुझे … आह हह उम्महह … आज अपनी प्यास बुझा लो। तुम कंपनी में मेरा ख्याल रखो. मैं तुम्हारा और तुम्हारे लौड़े का ख्याल रखूंगी। पर यह बात किसी को पता नहीं चलनी चाहिए.
वो बोला- बबली जी, यह बात किसी को पता नहीं चलेगी। और वो मेरी बुआ की चूत में झटके पे झटके मारने लगा.
अब वे दोनों ही चुदाई का पूरा मज़ा लेने लगे और चिल्ला चिल्ला कर चुदाई करने लगे।
बुआ की चीख निकल पड़ी और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। सुनील के लंड से फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज आने लगी।
उसने बुआ के पैर ऊपर करके चुदाई शुरू कर दी। अब उसका लौड़ा अन्दर तक जाने लगा और झटके से बुआ की चीखें तेज़ हो गई।
थोड़ी देर बाद झटकों के साथ ही सुनील ने पानी छोड़ दिया और चूत में अंदर तक घुसा दिया और बुआ के ऊपर लेट गया।
सुनील थोड़ी देर बाद उठा और लंड को साफ़ कर के कपड़े पहन कर बोला- कंपनी में काम है, मैं निकलता हूं. और वो चला गया.
उसके बाद मैंने एक बार फिर बुआ को जमकर चोदा और शाम को अपने रूम आ गया।
उसके बाद बुआ ने सुनील से बहुत बार चुदाई कराई और आज बुआ लाइन में काम देखती है। दोस्तो, कहानी पसंद आयी होगी. कमेन्ट जरूर करें! [email protected]
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