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एक दिन लंच के बाद मैं टीवी देखते हुए सोफे पर बैठी थी. मैं बोर हो रही थी और मुझे नींद भी नहीं आ रही थी. शायद गर्मी बहुत अधिक होने की वजह से ऐसा हो रहा था. पंखे से भी गर्म ही हवा आ रही थी. पसीने की वजह से बग़लों में ब्लाउज और जांघों के बीच पैंटी चिपक कर बैठ गई थी.
तभी मेरे मोबाइल की रिंग बजी, देखा तो मेरे पति नितिन का कॉल था. “नीतू शाम के खाने की तैयारी शुरू तो नहीं की ना?” “नहीं तो, क्यों?” “आज शर्मा सर ने घर पर खाने को बुलाया है.” “क्यों … किस लिए?” मैं बगलों को खुजाते हुए बोली. मैं इस गर्मी से तंग आ गयी थी.
“कुछ नहीं … बस यूं ही, बहुत दिन हुए गेट टुगेदर नहीं हुआ, इसलिए.” “अच्छा … गेट टुगेदर … और कौन कौन आने वाला है?” “उन्होंने तो कुछ बताया नहीं … शायद वो उनकी पत्नी और हम दोनों ही रहेंगे.” “बस हम दोनों, बड़ी प्राइवेट पार्टी लगती है.” “तुम्हें तो पता ही है, शर्मा सर मुझे कितना मानते हैं.”
नितिन की आवाज से साफ़ लग रहा था कि उनके घर जाने के लिए वो एकदम उत्सुक था. मुझे भी किचन के काम से आज रात के लिए मुक्ति मिलने वाली थी तो मैंने खुश होकर कहा- ओके, मैं तैयार हूँ … ऊई माँ. अब खुजली जांघों के बीच होने लगी थी.
“क्या हुआ मेरे जानू को?” “कुछ नहीं यार … मैं तो पसीने से तंग आ गयी हूँ … सब जगह चिप चिप हो रहा है … कपड़े भी पूरे गीले हो गए हैं.” “जान एक काम करो ना … तुम पूरे कपड़े उतार क्यों नहीं देती … और फिर मुझे याद करके चालू हो जाओ … हा हा हा …” “तुम्हें मस्ती सूझ रही है … खुद तो एसी में बैठे हो … और मुझे नंगी बैठने को बोल रहे हो … और क्या करूँ नंगी हो कर? तुम आओगे क्या अभी?” “काश आ पाता … पर वर्क लोड बहुत है न … तुम अपनी उंगलियों को ही मेरा लंड समझ कर मिला दो न अपनी मुनिया से.” “बहुत हो गयी शैतानी.”
नितिन को मेरे शरीर के प्रति आकर्षण बहुत ज्यादा है … और हो भी क्यों न. पूरे पांच फिट पांच इंच की मेरी हाइट, मेरी 34-26-34 के फिगर से भरी हुई साइज, लंबी नाक, गुलाबी होंठ. एकदम हॉट माल हूँ मैं. नितिन तो पूरा फिदा है मुझ पर. वो जब भी घर पर रहता है, उसका मेरे बूब्स दबाना, गांड पर हाथ लगाना चालू ही रहता है. बस पीरियड्स के चार पांच दिन में ही मुझे थोड़ा आराम मिलता है, नहीं तो मेरी रोज चुदाई होना पक्की होती थी.
“ओके स्वीटहार्ट … शाम को नहाकर फ्रेश ही रहना!”
इस सबको लिखने का आशय ये कि हमारी लाइफ भी अच्छी चल रही थी. बाहर खाने को जाना, फिल्म्स देखना बाहर घूमना चलता ही रहता था. इसका असर हमेशा हमारे मंथली बजट पर पड़ता, इसलिए नितिन हमेशा कमाई बढ़ाने के लिए प्रयास करता रहता था. मुझे भी इस ऐशोआराम की इतनी आदत पड़ गयी थी कि अब काम करने की सोचने से भी डर लगने लगा था.
“नीतू आज शाम को तुम एकदम खास दिखनी चाहिए … शर्मा जी की पत्नी पर कड़क इम्प्रैशन पड़ना चाहिए..” इस बात को फिर से दोहराते हुए नितिन ने फ़ोन बंद किया. मिसेस शर्मा पर क्यों इम्प्रैशन जमाना? ये नितिन भी ना कुछ भी बोलते रहता है. पर मैंने भी ठान लिया था … मिसेस शर्मा पर ऐसा इम्प्रैशन जमाऊँगी के मुझे देखते ही वो सन्न रह जाएगी.
नितिन का फ़ोन होने के बाद मैं बैडरूम में जाकर सो गई. दो घंटे बाद नींद खुली, तो देखा दोपहर के तीन बज गए थे. नितिन को आने में अभी वक्त था, इसलिए तैयार होने के लिए मेरे पास बहुत टाइम था.
मैं आईने के सामने खड़ी हुई, घर में मैं अकेली ही थी, इसलिए किसी से शर्माने की कोई बात ही नहीं थी. मैंने अपना पल्लू नीचे ढलक जाने दिया. मेरी हर सांस के साथ मेरे उन्नत स्तन ऊपर नीचे हो रहे थे. मेरा हर ब्लाउज डीप गले का ही होता है, इस वजह से स्तनों के बीच की घाटी साफ साफ दिख रही थी. मैंने अपने कंधों को और करीब लाते हुए उसे और गहरी बना ली. मेरे बदन पर से पसीना भी अब तक सूख गया था, पर उसकी बदबू अभी तक नहीं गयी थी. पार्टी से पहले इस बदबू को हटाना जरूरी था. मेकअप का पूरा सामान ड्रेसिंग टेबल पर ही रखा था.
मैंने अपना ब्लाउज उतार दिया, ब्रा मेरे मम्मों पर कस कर बैठी थी. वैसे तो मुझे ब्रा पहनने की जरूरत ही नहीं है, बिना ब्रा के ही मेरी चूचियां तन कर खड़ी रहती हैं. नितिन को भी मेरा ब्रा पहनना पसंद नहीं था. पर आजाद मम्मे रखने का मतलब था, मर्दों को खुली दावत … इसलिए मैंने ब्रा पहनना तय किया.
अब कोई मर्द कमरे में नहीं था, तो मैंने अपनी ब्रा उतार दी. मेरे पके हुए आम अब आजाद हो गए, उनके ऊपर के चॉकलेटी रंग के निप्पल अंगूर की तरह दिख रहे थे. मैं अपने शरीर पर के इन कामुक अंगों को छेड़ने लगी, तो उसका परिणाम तुरंत मेरी जांघों के बीच होने लगा. मैं भी मस्त होकर अपनी दोनों जांघें एक दूसरे पर रगड़ कर चुत के होंठों को एक दूसरे पर रगड़ने लगी. अगर इस वक्त नितिन मेरे पास होता, तो उससे मेरी मुनिया का अच्छे से रगड़ना हो जाता.
मम्मों के नीचे सरकते हुए मेरा हाथ मेरी नाभि को सहलाने लगा. मेरी चुत इसी मौके का इंतजार कर रही थी कि कब मेरा हाथ साड़ी के अन्दर घुसकर उसे सहलाये. पर जैसे ही मेरा हाथ मेरी साड़ी के अन्दर घुसा, चुत पर उगे हुए हल्के हल्के बालों ने मेरा रास्ता रोक दिया.
नितिन को शरीर पर बाल बिल्कुल अच्छे नहीं लगते थे, इसलिए मैं अपनी चुत और बग़लों को साफ रखती थी. वैसे तो मुझे भी मेरे चिकने बदन को नितिन की जीभ से सहलवाना अच्छा लगता है. अब बाल चुभने लगे थे, तो शेविंग का ख्याल भी आ गया.
मैंने अपना शेविंग किट ली और गर्म पानी ले लिया.
“डार्लिंग … हो गयी क्या तैयारी?” अचानक पीछे से नितिन की आवाज आयी. उसके पास भी घर की एक चाबी थी, उसी से वह अन्दर आ गया था. “नहीं … अभी शेविंग ही करने जा रही थी.” “अच्छा हुआ मैं आ गया.”
अपने कपड़े उतारते हुए नितिन बोला- लाओ मैं अच्छे से शेविंग कर दूँगा … आज तुम पिंक साड़ी और मैचिंग स्लीवलैस ब्लाउज पहनो … बॉस की वाइफ पर जम कर इम्प्रेशन पड़ना चाहिए. “ये तुम बार बार क्यों बॉस की बीवी पर इम्प्रेशन की बात कर रहे हो?” मैं आईने में खुद को देखकर बोली. “क्योंकि मेरे बॉस हमेशा उनकी तारीफ करते रहते हैं.” कपड़े उतारते वक्त नितिन बोला.
मैंने उसकी तरफ देखा. तो नितिन आगे कहने लगा- आज उनको दिखाना है कि मेरी बीवी भी कुछ कम नहीं है.
मेरी तारीफ सुनकर मैं मुस्कुराई, फिर पलटकर उसकी फ्रेंची में हाथ डाल कर उसके लंड को पकड़ लिया. अपनी एड़ियां ऊपर करके उसे एक किस किया और बोली- जाने से पहले एक क्विकी करेंगे क्या? “नहीं डार्लिंग … मुझे नींद आ जायेगी … रात को आने के बाद आराम से करेंगे.” मेरे नितम्ब सहलाते हुए नितिन बोला.
उसका नितम्ब सहलाना मेरी जांघों में आग लगा रहा था, पर मुझे जो चाहिए था, वह रिस्पांस मुझे नहीं मिल रहा था. मैंने उसे कस कर गले लगाया, तो मेरे निप्पल उसकी छाती में गड़ गए. मैं उसके लंड को मसलने लगी. मुझे तो चाहिए था कि नितिन मुझे वहीं लिटा दे और मेरी गर्म चुत में अपना लंड डाल दे.
“सस्स्स … क्यों तड़पा रहे हो?” मैं सेक्सी आवाज में बोली- चोदो न मुझे! “डार्लिंग … करेंगे ना आने के बाद … तुम चाहती हो, तो शेविंग के बाद चुत को अच्छे से चूस देता हूं … तुम भी खुश और मुझे भी थकान नहीं होगी.”
अगले पांच दस मिनट में नितिन ने मेरे पूरे बदन के बाल साफ करके मुझे पूरा चिकना बना दिया, मुझे बहुत हल्का सा लग रहा था. नितिन ने मेरी चुत पर एक गहरा चुम्बन किया, फिर अपनी जीभ का कमाल दिखाते हुए दो मिनट में ही मुझे झड़ा दिया.
अब नितिन बोला- डार्लिंग अब जल्दी से तैयार हो जाओ … मैं भी अपनी तैयारी कर लेता हूँ.
मैंने भी तैयार होकर जाने से पहले आखरी बार आईने में देखा, मैं तो जैसे गुलाब की कली बन गयी थी, बदन पर पिंक शिफॉन की नाभि दिखाती हुई साड़ी, ऊपर पिंक गहरे गले का ब्लाउज, अन्दर पिंक कलर की पैंटी, माथे पर पिंक कलर की छोटी सी बिंदी और मेरे नाजुक होंठों पर पिंक कलर की लिपस्टिक.
मैं ब्रा पहनना चाहती थी, पर नितिन ने मना कर दिया. मेरा रूप देख कर नितिन ने इरादा बदला और मुझे बांहों में भर लिया, पर मैंने उसे रोका, नहीं तो बहुत देर हो जाती.
दस मिनट मैं हम दोनों शर्मा सर के घर पहुंच गए. घर का दरवाजा भी उन्होंने ही खोला. मुझे देखकर वह खुशी से मुस्कुराए. “वेलकम, चार्मिंग लेडी …” वह हाथ मिलाते हुए बोले. मैं पहली बार उन्हें देख रही थी, कोई भी पहली बार देखे, तो इम्प्रेस हो जाये ऐसी उनकी पर्सनालिटी थी. छह फिट की हाइट और कसरती बदन, चौड़ा सीना और सपाट पेट की वजह से वह अपनी उम्र से ज्यादा यंग दिख रहे थे.
“नितिन और नीतू, तुम दोनों पहली बार मेरे घर आए हो, मैं बहुत खुश हूं और उतना ही दुखी भी.” गिलास में पानी भरते हुए शर्मा सर बोले.
“सर दुख किस बात का?” नितिन ने पूछा. “आज मुझे अकेले ही तुम्हारा स्वागत करना पड़ रहा है, सुनीता अपने भाई के बेटे की शादी की तैयारी करने गयी है. उसका तो मन रुककर आपसे मिलने का था, पर शादी की डेट भी नजदीक आ रही है और काम बहुत ज्यादा है.” “कोई बात नहीं … अगली बार मुलाकात हो जाएगी मैडम से.” मैं पानी पीते हुए बोली. “हां अब तो आना जाना लगा ही रहेगा … प्लीज बी कंफरटेबल.”
ये कहकर शर्मा सर किचन में चले गए और आते वक्त एक ट्रॉली लेकर आए. उसमें दो गिलास भरे हुए थे, शायद व्हिस्की थी. तीन डिशेस थीं, जिसमें वेफर, काजू, चिकन लॉलीपॉप थे और एक आइस बकेट थी. उन्होंने पूरी तैयारी कर ली थी, पर मैं उनकी वाइफ न होने से थोड़ी ऑकवर्ड महसूस कर रही थी.
“नीतू आज हमें ड्रिंक लेने की इजाजत दो, आज नितिन को एक गुड न्यूज देनी है … चलेगा ना?” उन्होंने पूछा. नितिन अक्सर ड्रिंक्स लेता है, इसलिए मैंने भी परमिशन दे दी, मैं उस गुड न्यूज के बारे में ही सोच रही थी.
“गुड … तुम भी ड्रिंक्स लोगी?” “नहीं सर … नीतू हार्ड ड्रिंक नहीं लेती … उसे बियर पसंद है.” नितिन गिलास उठाते हुए बोला. “गुड … फ्रिज मैं बियर के कैन है … मैं लेकर आता हूं.” कहकर वे फिर से किचन में चले गए.
मैंने नितिन की तरफ ग़ुस्से से देखा … मैं बियर लेती थी, पर उसके बॉस के सामने मैं बियर लेने में ऑकवर्ड महसूस कर रही थी और उनकी मिसेज भी नहीं थी.
“डार्लिंग … आज उनकी मर्जी रखो … वह बहुत अच्छी न्यूज़ देने वाले हैं.” “कौन सी न्यूज़?” “मेरे प्रमोशन की …”
उसकी बात सुनकर ही मैं रोमांचित हो गयी और मेरा टेंशन भी थोड़ा कम हो गया. प्रमोशन के साथ उसके सैलरी में भी बड़ा इजाफा होने वाला था, जिससे मैं अपने पसंद की शॉपिंग कर सकती थी. इसलिए उसके प्रमोशन की हिंट मिलते ही मैं बहुत खुश हो गयी. नितिन और शर्मा सर के साथ सेलिब्रेशन में मैं उनका साथ देने लगी.
शर्मा सर ने मुझे बियर का कैन दिया उसे मैंने बड़े बियर गिलास मैं खाली किया और फिर तीनों ने चियर्स किया. वेफर और चिकन लॉलीपॉप के साथ बियर अपने आप अपना जादू चलाने लगी थी. शर्मा सर ने भी डायरेक्टली नितिन के प्रमोशन पर बातें करनी शुरू कर दीं.
पर मैंने एक बात नोटिस की कि वह लगातार मुझे ही देखे जा रहे थे.
नितिन की बात सुनकर उसके बॉस की बीवी को इम्प्रेस करने के लिए जो कपड़े पहने थे, उससे मैं बहुत ही अनकम्फ़र्टेबल महसूस कर रही थी. एक तो मिसेज शर्मा नहीं थीं … और शर्मा सर लगातार मुझे देखे जा रहे थे. नेट के पल्लू के अन्दर से मेरा ब्लाउज दिख रहा था, ब्लाउज भी गहरे गले का, पतले कपड़े का था, शायद ब्लाउज में से मेरे निप्पल का शेप भी शर्मा सर को दिख रहा होगा. शर्मा सर लगातार मेरे सीने को देख रहे थे. नितिन को भी यह सब समझ रहा था, पर वो जानबूझ कर ये सब इग्नोर कर रहा था. मुझे तो बहुत शर्म आ रही थी, पर मन में अलग ही उत्तेजना पैदा हो रही थी.
नितिन और शर्मा सर ने अपने अपने गिलास खत्म किये, मैंने भी अपना गिलास खत्म किया.
बियर का पूरा कैन खत्म करने के बाद जो होना था, वो ही हुआ. मुझे जोर से सुसु आ गयी और मेरी बेचैनी बढ़ने लगी. शर्मा सर जो मुझे ही देखे जा रहे थे, मुझे बैचैन देख कर पूछा- तुम्हें कुछ चाहिए क्या?
अब उनको क्या बताती, पास मैं बैठे नितिन को मैंने कान में बोला, तो वो अपने लिए व्हिस्की का तीसरा गिलास भरते हुए हंसने लगा और अपने हाथ की उंगली ऊपर करके शर्मा सर को दिखाई. मुझे तो नितिन पर बहुत गुस्सा आ रहा था, पर शर्मा सर बिल्कुल शांत थे. वो अपनी जगह से उठे और मुझे उनके पीछे चलने को बोला. वो मुझे वाशरूम तक ले गए और वाशरूम के दरवाजे पर खड़े होकर अपना हाथ आगे किया और बोले.
“दो…” मेरे चेहरे पर बड़ा सा प्रश्नचिन्ह था- दूँ? क्या दूँ सर?” “तुम सुसु करने जा रही हो ना … तो तुम्हारी पैंटी उतारकर कर दो … नहीं तो पैंटी पर सुसु की बूंदें गिर जाएंगी और बाद में गंध आने लगेगी … पर मुझे वह गंध बहुत अच्छी लगती है … मेरे डिपार्टमेंट के सभी जूनियर्स की वाइफ की वो गंध में ले चुका हूं … बस तुम ही बाकी थी.
उनकी अजीब डिमांड सुनकर क्या करूँ मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था. मुझे गुस्सा भी बहुत आ रहा था, पर नितिन के बॉस होने की वजह से ग़ुस्से पर काबू करना पड़ रहा था. उनकी बात सुनकर सिर्फ मुस्कुराते हुए उनकी बात टालने की सोची और बाथरूम के अन्दर जाने लगी.
तभी शर्मा सर ने अपना हाथ मेरे कंधे पर रखा. ये कुछ ज्यादा ही हो रहा था- सर, आप यह क्या कर रहे हो? “निकाली नहीं अभी तक?” उन्होंने शांति से पूछा. “सर बहुत हो गया … मैं नितिन को बताऊंगी.” “बोल दो … वो तो पहले ही तीन पैग मार कर आउट हो गया है … अगर होश में होता, तो भी कुछ नहीं बोलता … वो खुद ही तो तुम्हें मेरे लिए लेकर आया है. उसे पता था कि मेरी वाइफ मायके चली गई है.”
मेरी आंखें फ़ैल गई थीं.
आगे क्या होगा? इस बात के लिए आपको मेरे साथ अन्तर्वासना पर बने रहना भर है.
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कहानी का अगला भाग: पति का प्रमोशन-2
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