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प्रिय दोस्तो, मेरा नाम प्रवीण है. मैं राजस्थान के जयपुर का रहने वाला हूँ. मैं एक 24 साल का कुंवारा लड़का हूँ. मेरा लंड 7 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. मेरी अब तक कोई गर्ल फ्रेंड नहीं थी. मैं अन्तर्वासना का बहुत पुराना पाठक हूँ. इधर यह मेरी पहली कहानी है, इसलिए कोई भूल दिखे, तो मुझे माफ़ कर देना.
यह बात है जब मैं अपने कॉलेज के आखिरी साल में था. उस समय मैं एक लड़की से बहुत प्यार करता था. उसका नाम रिया (नाम बदला है) था. वैसे हमारे बीच बातें तो होती थीं … लेकिन मैंने कभी उससे कभी सेक्सी बातें नहीं की थीं. वो मुझे अपने साथ पढ़ने वाला एक दोस्त ही समझती थी.
एक दिन मैं उससे व्हाटसैप पर ऐसे ही कॉलेज की बातें कर रहा था. बातों बातों में मैंने उससे पूछा- तुम्हारा कोई बॉयफ्रेंड है क्या? उसने कहा- आज तक ऐसा कोई मिला ही नहीं, जिसे मैं अपना बॉयफ्रेंड बना सकूँ. मैंने उससे पूछा- तुम्हें कैसा लड़का पसंद है? उसने कहा- जो मुझे सबसे ज्यादा प्यार करे और मेरी हर ख्वाहिश को पूरी करे. जो लड़कियों को सम्मान देता हो और किसी तरह का व्यसन ना करता हो.
मैंने ‘ठीक है..’ कह कर अपना व्हाट्सएप्प बंद कर दिया. मैं सोचने लगा कि मैं ऐसा क्या करूं जिससे वो मुझे प्यार करने लगे.
मैंने उस से 3-4 दिन तक बात नहीं की. फिर एक दिन उसका मैसेज आया. वो बोली- क्या कर रहे हो प्रवीण? मैंने कहा- कुछ नहीं … बस किसी बात पर ध्यान लगा रहा था. उसने कहा- किस बात पर ध्यान लगा रहे थे … और क्या बात है, आजकल तुम मुझसे बात ही नहीं कर रहे हो. मैंने कहा- वो तो बस ऐसे ही. रिया मुझे तुमसे कुछ कहना है. लेकिन सोच रहा था कि कैसे कहूँ? उसने मजाक में कहा- कैसे क्या, अपने मुँह से ही कह दो.
मैंने उससे कहा कि मैं सीरियस बात कर रहा हूँ यार … और तुम हो कि मजाक कर मूड में बैठी हो. उसने कहा- ठीक है सॉरी … बोलो क्या बात है? मैंने कहा- तुम्हें बुरा तो नहीं लगेगा ना? उसने कहा- बुरी लगने वाली बात होगी, तो बुरी तो लगेगी ही ना. मैंने कहा- ठीक है … तो फिर रहने दो. उसने कहा- अच्छा ठीक है, चलो बताओ. मैंने कहा- मुझे एक लड़की से प्यार हो गया है. तो उसने बनावटी खुश हो कर कहा- बधाई हो … कौन है यार वो खुशनसीब?
मैंने कहा- पहले तो तुम ये बताओ कि मैं तुम्हें लगता कैसा हूँ? क्योंकि मैं जिससे प्यार करता हूँ, उसको मैंने अभी तक प्रपोज़ नहीं किया है, इसलिए एक बार तुम से एडवाइस लेना चाहता हूँ. तो उसने कहा कि तुम तो बहुत अच्छे लगते हो यार … तुम्हें देख कर तो कोई भी लड़की मना नहीं करेगी. जो भी कुछ तुम्हारे मन में हो, वो उस लड़की से सच्ची सच्ची कह देना. जो होगा वो देखा जाएगा. अब जल्दी से बताओ कि वो लड़की है कौन? मैंने बड़ी हिम्मत करके उससे कहा- वो और कोई नहीं … तुम ही हो यार.
सच बता रहा हूँ दोस्तो, मेरी ये कहते हुए बहुत फट रही थी.
थोड़ी देर तो उसने कुछ नहीं कहा, लेकिन थोड़ी देर बाद उसका रिप्लाई आया कि मैं कल शाम को तुमसे मिलना चाहती हूँ. मुझे बहुत डर लगा रहा था कि अब क्या होगा? मेरे मन में बहुत ही अजीब अजीब ख्याल आ रहे थे कि कहीं वो अपने पापा को ये सब ना बता दे … या फिर किसी से मेरी कुटाई पिटाई न करवा दे. मुझे सच में बहुत डर लग रहा था. अजीब अजीब से ख्याल आ रहे थे.
फिर दूसरे दिन वो शाम को 5 बजे मुझसे गार्डन में मिलने आई. आते ही उसने मुझे एक चांटा जड़ दिया. मैं तो नीचे मुँह करके खड़ा रहा. उसने कहा- आज तेरे को टाइम मिला … आई लव यू बोलने का! मैंने हतप्रभ होते हुए दबे स्वर में कहा- क्या मतलब? मुझे कुछ समझ में नहीं आया. तो उसने कहा- जब से तुम कॉलेज में आए हो, मैं तो तब से तुम्हें प्यार करती हूँ. लेकिन सोच रही थी कि न जाने तुम कब मुझे प्रपोज़ करोगे? मैंने अपना गाल सहलाते हुए कहा- सॉरी यार … लेकिन मुझे बहुत डर लगता था कि कहीं तुम्हें बुरा ना लग जाए.
उसने मेरे गाल पर हाथ फेरते हुए कहा- सॉरी हनी, मैंने तुम पर हाथ उठा दिया. लेकिन कल जब तुमने मुझसे कहा कि तुमको किसी से प्यार हो गया है, तो मुझे उस वक्त आग लग गई थी. तुमको मुझसे कोई कैसे छीन सकती थी. चलो कोई बात नहीं, लेकिन तुम्हें देर करने की अभी एक सजा और मिलेगी. क्या तुम तैयार हो इस सजा के लिए? मैंने उसको अपनी बांहों में लेते हुए चूमा और कहा कि हां मैं कोई भी सजा भुगतने को तैयार हूँ. उसने कहा- मैं आज रात तुम्हारे साथ डिनर पर चलूंगी. मैंने कहा- क्यों नहीं यार जरूर … डिनर टाइम तो वैसे भी हो चला है.
अब तक 7 बज चुके थे.
वो एक पल के लिए चुप हुई, तो मैंने उससे कहा- अभी चलना है या थोड़ी देर बाद? उसने कहा- कुछ देर के बाद में चलते हैं ना … और आज मेरे घर पर कोई नहीं है तो आराम से चलते हैं. तुम्हें तो कोई काम नहीं है ना? मैं बोला- नहीं यार, मैं तो यहाँ अकेला ही रहता हूँ.
फिर हम 9 बजे तक इधर उधर घूमे, शॉपिंग की, कुछ मस्ती की. बाद में एक होटल में खाना खाने घुस गए.
खाना खाने के बाद उसने मुझसे पूछा- तुम कहाँ रहते हो? मैंने कहा- एक हॉस्टल में. वो बोली- आज तुम मेरे यहाँ चलो, मैं भी घर पर अकेली ही हूँ.
पहले तो मैंने मना कर दिया, पर फिर उसके दबाव देने पर मैं उसके साथ जाने के लिए तैयार हो गया.
हम दोनों उसके घर पर गए. हम जैसे ही उसके घर के अन्दर गए, तो उसने मुझे पीछे से कस के पकड़ लिया. उसने मुझसे कहा- यार प्रवीण, मुझे तुम्हारा इन्तजार करते करते तीन साल हो गए. मैं तीन साल से तुम्हारे प्यार की प्यासी हूँ … प्लीज प्रवीण आज मेरी प्यास बुझा दो.
दोस्तो, मुझे तो इसी दिन का ही इन्तजार था. मैं भी उसको पकड़ कर किस करने लगा. उसको उसके बेडरूम में ले गया. मैंने उसके सारे कपड़े उतार दिए और उसने मेरे. हम दोनों एक दूसरे से एकदम चिपक कर बस प्रेमालाप में खोए हुए थे. मुझे उसका स्पर्श इस वक्त एक जबरदस्त सुकून दे रहा था. जिसमें मुझे कोई वासना जैसा भाव नहीं मिल रहा था, बल्कि ऐसा लग रहा था कि मेरे जिगर का टुकड़ा मेरे साथ हो.
उधर दूसरी तरफ रिया की भावना वासना से लिप्त थी. वो बहुत गर्म हो चुकी थी और कह रही थी- प्लीज प्रवीण अब चोद दो, घुसा दो अपना लंड मेरी चूत में. मैंने देखा कि उसकी पैंटी सामने से गीली हो रही थी. मैंने भी आव देखा ना ताव … उसे चुदाई की पोजीशन में चित लिटाया तो रिया भी अपनी टांगें फैला कर चूत खोल कर लंड के इन्तजार में लेट गई. मैंने लंड हाथ में लेकर उसकी चूत की फांकों में लगाया और सुपारा सैट करके अन्दर घुसा दिया.
सील पैक होने की वजह से उसकी चूत में से खून निकलने लगा. वो चिल्लाने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने उसका मुँह अपने हाथ से दबा दिया. मैं कुछ देर तक लंड डाले यूं ही रुका रहा. फिर उसने अपनी गांड हिला कर इशारा किया … तो मैंने बाकी का लंड उसकी चूत में पेल दिया. उसकी आंख से आंसू टपक पड़े.
अब मैं धीरे धीरे अपना लंड आगे पीछे करने लगा. उसको भी खूब मजा आ रहा था. वो पूरे जोश में आ गयी थी और कुछ बड़बड़ा रही थी. वो कहे जा रही थी- आह और जोर से चोदो.
दस मिनट धकापेल चुदाई के बाद मैंने उसकी चूत से लंड निकालने का सोचा तो वो समझ गई थी, उसने मुझसे कहा- बाहर नहीं निकलना … मुझे अन्दर ही तुम्हारा स्पर्श चाहिए. मैंने बिंदास उसकी चूत में धक्के मारे और उसकी चूत में ही झड़ गया.
उसकी चूत चोदने के बाद कुछ देर हमने आराम किया, हम बातें करते रहे.
फिर मैंने कहा- चल अब तेरी गांड मारूँगा. उसने कहा- नहीं यार गांड में नहीं … सुना है बहुत दर्द होता है. पहले तो वो थोड़ी देर जिद करती रही. फिर मैंने थोड़ा दबाव दिया, तो वो गांड मरवाने के लिए तैयार हो गयी.
मैंने उसको घुटनों के बल बैठने को कहा. वो बैठ गयी, मैंने थोड़ा तेल अपने हाथ पर लेकर उसकी गांड पर लगाया. उसकी गांड के छेद में अपनी एक उंगली डाली. वो एकदम से चिहुंक गई. मैंने धीरे धीरे उसकी गांड को ढीला किया. फिर दो उंगलियों से गांड को और ढीला किया. उसे इस बात के लिए तैयार कर लिया कि वो लंड घुसने के समय गांड का छल्ला न कसे.
उसकी गांड ने भी लंड के लिए हामी भर दी थी. अब मैंने उसकी गांड के छेद पर अपना लंड टिका कर हल्के से धक्का मारा, तो उसकी चीख निकल गयी. मैंने उसका मुँह दबा लिया और फिर अपना उतना सा लंड ही आगे-पीछे करने लगा. कुछ देर बाद मोटे लंड को जज्ब करने के बाद गांड और ढीली हुई तो मैंने अपना आधे से ज्यादा लंड अन्दर पेल दिया. उसको दर्द हो रहा था, तो मैं उसकी चूचियों को मसलने लगा, उसकी चूत में उंगली करने लगा जिससे वो मस्त हो गई.
और इसी बीच मैंने अपना पूरा लंड कब उसकी गांड में ठूंस दिया, उसे इस बात का अहसास ही नहीं हुआ. वो मस्ती से गांड में लंड लेने लगी. करीब 15 मिनट की गांड चुदाई के बाद मेरा पानी निकलने वाला था.
मैंने उससे कहा- इस बार रस कहाँ निकालूँ? उसने कहा- मेरे मुँह में निकालो, मैं तुम्हारा पानी चखना चाहती हूँ.
मैंने उसे सीधा किया और अपना पूरा लंड निकाल कर एक रूमाल से पौंछ कर उसके मुँह में दे दिया. मैंने मेरे लंड का पानी उसके मुँह में निकाल दिया. वो मेरा पूरा पानी पी गयी. उसने मेरे लंड को चाट चाट कर पूरा साफ़ कर दिया.
हम दोनों एक दूसरे से काफी तृप्त हो गए थे. कुछ देर उसके साथ बिताने के बाद मैं उसके घर से निकल आया.
अब हमें जब भी इच्छा होती, तो हम दोनों चुदाई कर लेते.
मैंने करीब 3 साल तक उसके साथ सम्बन्ध बनाये रखे. तीन साल बाद उसकी शादी हो गयी. अब जब भी वो मुझे मिलती है, हम एक किस तो जरूर लेते हैं. मौका मिला तो कभी कभी चुदाई भी कर लेते हैं.
दोस्तो, आपको मेरी ये चुदाई की कहानी कैसी लगी, कमेंट जरूर कीजिएगा. [email protected]
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