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मेरे दोस्तो, मेरा नाम विशु है. मैं आपके लिए एक नई कहानी लेकर आया हूँ. यह कहानी मेरी खुद की ही आपबीती है जो मेरी गर्लफ्रेंड के साथ हुई थी. कहानी शुरू करने से पहले मैं आपको अपने बारे में बता देता हूँ. मैं लखनऊ का रहने वाला हूँ और इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा हूँ। मेरी उम्र 23 साल है.
मेरी गर्लफ्रेंड का नाम सीमा (बदला हुआ) है. यह कहानी तब की है जब वह मुंबई शहर में रहती थी. जब मैं उससे मिला तो वह मुझे बहुत हॉट लगी. वह दिखने में ऐसी है कि किसी का भी दिल करेगा कि उसके साथ सेक्स हो जाये. मैं सेमेस्टर परीक्षा के बाद मुंबई घूमने गया हुआ था. वहाँ पर जाकर मैं अपनी गर्लफ्रेंड से मिला.
जब मैं मुंबई में था तो मैं उसके घर गया हुआ था. मैं उसकी फैमिली से भी मिला. उसकी माँ ने मुझे बैठने के लिए कहा और सीमा मेरे लिए पानी लेने चली गई. जब वह पानी लेकर आई तो मैं उसी को देख रहा था. वह बहुत ही मस्त लग रही थी. उसने आने के बाद मुझसे ढेर सारी बातें की.
उसके बाद उन्होंने मुझसे कहा- विशु बेटा आज तुम यहीं रुक जाना और हमारे साथ ही खाना खा लेना. अगर तुम चाहो तो रात को हमारे साथ ही रुक सकते हो. तुम रात को हमारे साथ रुक जाना और सुबह चले जाना. मैंने रात को सीमा के घर रुकने के लिए मना कर दिया. मगर मैंने खाना खाने के लिए हाँ कर दी.
रात में सब लोग साथ में खाने लगे और बातें होने लगीं. बात घूमने पर चल पड़ी तो सीमा की माँ ने कहा- मुंबई में किसी के पास टाइम ही नहीं है बाहर घूमने के लिए. हम लोग तो कहीं बाहर भी नहीं घूमने जा पाते हैं. सीमा कहने लगी कि उसका भी बहुत मन कर रहा है घूमने के लिए. सीमा की माँ ने कह दिया कि कल तुम विशु के साथ घूमने के लिए चली जाना.
उन दिनों सीमा की भी छुट्टियाँ चल रही थीं. अगले दिन मैं और सीमा पूरा दिन साथ में घूमते रहे. मुझे पता चला कि सीमा का इससे पहले कोई बॉयफ्रेंड नहीं था. सीमा किसी को भी आसानी से भाव नहीं देती थी. मैंने सीमा पर लाइन मारना शुरू कर दिया. शाम को जब हम दोनों घर आए घर में मैंने सीमा के साथ आइस क्रीम खाई. कुछ देर तक हम दोनों बातें करते रहे और मैं सीमा को घर छोड़ कर अपने भाई के पास चला गया.
हम दोनों ने अगले दिन भी साथ में काफी वक्त बिताया. उससे अगले दिन सीमा ने फोन किया कि घर पर कोई नहीं है. मैं जल्दी से सीमा के घर पहुंच गया. हम दोनों के बीच में बातें शुरू हुई ही थी कि उसकी माँ आ गई. उस दिन मैं सीमा के साथ कुछ नहीं कर पाया. उसके बाद मैं लखनऊ वापस आ गया.
लखनऊ आने के बाद सीमा से मेरी व्हाट्स एप पर बात होती रही. कुछ दिनों के बाद सीमा ने मुझे प्रपोज कर दिया. मैं बहुत खुश हो गया और उससे मिलने के लिए तड़पने लगा. मगर सीमा मुंबई में थी और मैं लखनऊ में. हम दोनों मिल नहीं सकते थे. सीमा ने मुझे मुंबई आने के लिए कहा मगर मुझे अपने घर पर काफी काम था इसलिए मैं वहाँ नहीं जा सकता था. कुछ दिनों के बाद पता चला कि सीमा गाँव आ रही है अपने चचेरे भाई की शादी में. मैं यह सुनकर काफी खुश हो गया.
सीमा जब मुंबई से आई तो वह अपने पापा के गांव वाले घर में रुकी हुई थी. मैं घर पर अकेला था और मेरे घर वाले बाहर गये हुए थे. सीमा भी मुझसे मिलना चाहती थी. इसलिए मैं बाइक लेकर निकल गया और पहले सीमा के घर ही गया. मैं उसके माँ-पापा से मिला और सीमा को अपनी दीदी के घर ले जाने के लिए कहा. पहले तो उसकी माँ ने मना कर दिया मगर बाद में वह मान गयी. मैं सीमा को दीदी के घर ले जाने लगा और काफी खुश भी था.
सीमा मेरे पीछे ही बाइक पर बैठी हुई थी. उसका बदन मेरे बदन से चिपका हुआ था. मैं थोड़ी ही देर में दीदी के घर पहुंच गया. दीदी हम दोनों को देख कर काफी खुश हो गई. हम घर में अंदर गए और पानी वगैरह पीने के बाद यहाँ वहाँ की बात करने लगे. कुछ देर के बाद दीदी का बेटा यानि कि मेरा भांजा भी आ गया. मैंने उसको चॉकलेट दी और वह उसको लेकर फिर से बाहर भाग गया. दीदी किचन में नाश्ता बनाने के लिए चली गयी.
अब कमरे में मेरे और सीमा के अलावा कोई भी नहीं था. सीमा मेरे पास आकर बैठ गई. मुझसे प्यार भरी बातें करने लगी. तभी उसने एक चॉकलेट लिया और खाने लगी. उसने आधा चॉकलेट अपने मुंह में पकड़ा और मेरे होंठों के पास आ गई. मैं उसका इशारा समझ गया. मैंने चॉकलेट को अपने होंठों में पकड़ लिया और उसको किस करने लगा. मुझे बहुत मजा आ रहा था दोस्तो. मगर साथ में डर भी लग रहा था कि कहीं दीदी न आ जाये. दो मिनट के बाद ही दीदी ने आवाज लगायी और मैं उनके पास जाकर पूछने लगा कि कोई काम तो नहीं था?
दीदी ने बताया कि वह उनके बेटे को आवाज लगा रही थी. मैं वापस से सीमा के पास आ गया. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे मगर कुछ ही देर के बाद दीदी के आने की आहट सुनाई दी तो हम दोनों अलग होकर बैठ गये.
मैं और सीमा साथ में नाश्ता करने लगे. उसके बाद हम दीदी के घर से निकल गये. रास्ते में सीमा ने कहा कि वह मेरे घर चलना चाहती थी. मैं भी यही चाहता था कि सीमा रात को भी मेरे साथ ही रहे. मैंने उसके घर जाकर उसके माँ-पापा से बात की मगर उऩ्होंने मना कर दिया. हम दोनों उदास हो गये. दो दिन के बाद सीमा अपनी दादी के साथ मेरे घर पर आ गयी. मैं उसको देखते ही खुश हो गया. जो उस दिन नहीं हो सका था वह आज होने वाला था. मैंने सीमा को नाश्ता करवाया. उसके बाद सब लोग आपस की बातों में बिजी हो गये.
रात का खाना खाने के बाद मेरी माँ ने सीमा से उनके हाथ में मेंहदी लगाने के लिए कहा. सीमा मेरी छोटी बहन के साथ मिल कर मेरी माँ के हाथ में मेंहदी लगाने लगी. मेंहदी लगाने के बाद वह मेरी छोटी बहन के साथ सोने के लिए चली गई.
मैं अपने कमरे में मूवी देख रहा था. थोड़ी देर के बाद जब मेरी छोटी बहन सो गयी तो सीमा मेरे कमरे में आयी और मेरे बेड पर सो गयी. मैंने भी अपना लैपटॉप बंद कर दिया. साथ में सीमा लेटी हुई थी इस कारण से मुझे अपने आप पर कंट्रोल करना बहुत मुश्किल हो रहा था. मैं सीमा के साथ में लेट गया तो सीमा ने लेटने के तुरंत बाद ही मुझे किस करना शुरू कर दिया. कुछ देर तक हम ऐसे ही एक दूसरे के होंठों को चूसते रहे. उसके बाद मैंने सीमा के बूब्स पर हाथ लगा दिया. एक बार तो उसने मेरे हाथ को हटाया मगर उसके बाद उसने मुझे ऐसा करने से नहीं रोका.
उसके बूब्स बहुत ही टाइट थे और मैं उनको खूब जोर से दबा रहा था. चूचों को अपने हाथ में लेकर रगड़ रहा था. सीमा के मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकल रही थीं. उसके बाद मैं धीरे-धीरे उसकी नाभि की तरफ बढ़ा. दोस्तो, मुझे औरतों की नाभि बहुत पसंद है. मैंने धीरे से सीमा की नाभि पर किस किया. मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर रख दिया. मैं उसके पजामे के ऊपर से ही उसकी चूत को रगड़ने लगा. उसने फिर से मेरा हाथ हटाने की कोशिश की मगर अब मुझसे रुका नहीं जा रहा था. मेरे अंदर काम वासना की अग्नि भड़क चुकी थी.
कुछ ही पल के बाद मैंने सीमा के पजामे के नाड़े को अपने हाथों से खींच कर खोल दिया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके पजामे को नीचे सरकाने की कोशिश की मगर वह अभी पजामा उतारने के लिए तैयार नहीं थी. वह बार-बार मेरे हाथ को रोकते हुए अपने पजामे को ऊपर की तरफ खींचने की कोशिश कर रही थी. फिर मैंने दोबारा से उसके होंठों को अपने होंठों में लेकर जोर से किस करना शुरू कर दिया. मैं सीमा को सेक्स की हद तक गर्म कर देना चाहता था.
कुछ देर उसके होंठों को चूसने के बाद मैंने उसके बूब्स को फिर से दबाया और अचानक से उसके पजामे को खींच कर नीचे कर दिया. मैंने देखा कि सीमा ने पजामे के नीचे से लाल रंग की चड्डी पहनी हुई थी. उसकी गोरी जांघों के ऊपर वह लाल चड्डी ऐसी लग रही थी जैसे किसी बाग में गुलाब का फूल खिला हुआ है. मैंने उसके पजामे को उसकी टांगों से अलग कर दिया और उसको उतार कर एक तरफ फेंक दिया.
अब मुझसे एक पल का भी इंतजार नहीं हो रहा था. मैं उसकी चड्डी को खींचने लगा और वह रोकने लगी. इसी खींचा-तान में उसकी चड्डी फट गई और उसकी गुलाबी चूत नंगी हो गई. उसकी गुलाबी चूत को देख कर मैंने उसको किस कर दिया. मैंने उसकी टांगों को चौड़ी कर दिया और उसकी चूत पर अपने होंठ रख दिये. सीमा के मुंह से सिसकारी निकलने लगी.
मैंने अपने कपड़े भी उतार दिये थे और मेरा लंड खड़ा था. मैंने अपने लंड को सीमा की तरफ कर दिया और मेरा लंड उसके मुंह के पास जा पहुंचा. सीमा ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया और नीचे से मैं उसकी चूत को चाटने लगा. कुछ ही देर में सीमा की चूत से पानी झड़ने लगा जिसको मैं अपनी जीभ से चाटने लगा. उसकी चूत का पानी मुझे बहुत टेस्टी लगा. सीमा मेरे लंड को चूस कर मेरा पानी निकालने की कोशिश कर रही थी. उसने मेरे लंड को दांत से काट दिया. मुझे थोड़ा दर्द हुआ उम्म्ह… अहह… हय… याह… मगर मजा भी आया.
मेरे लंड में अभी भी दर्द हो रहा था. मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा. फिर मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसके चूचों पर एक बार फिर से टूट पड़ा. मेरा लंड उसकी चूत पर जाकर रगड़ने लगा था. मेरा लंड उसकी चूत में जाने के लिए मचल रहा था. मगर अभी भी मेरे लंड में दर्द हो रहा था. मैंने अबकी बार अपना बदला लेने के बारे में सोचा. मैंने उसकी चूत को सहलाते हुए अपने लंड का एक झटका उसकी चूत में दे दिया. मेरा लंड उसकी चूत में आधा ही जा सका. वह चिल्ला उठी. उसको दर्द होने लगा.
मगर मैं अब लंड डाल चुका था और मेरा बाहर निकालने का बिल्कुल भी मन नहीं कर रहा था. उसकी चूत में लंड को डाल कर मुझे इतना मजा आ रहा था कि मैं बता नहीं सकता. सीमा का दर्द कम नहीं हो रहा था और मैंने इसी बीच एक और झटका उसकी चूत में दे दिया. उसकी चूत में पूरा लंड चला गया और वह तड़पने लगी. उसने मुझे पीछे धकेल दिया और मेरा लंड अपनी चूत से बाहर निकलवा दिया. मैंने सीमा को नॉर्मल करने के लिए उसको पानी पिलाया और खुद भी थोड़ा सा पानी पी लिया.
कुछ देर के बाद सीमा जब नॉर्मल हो गई तो मैं उसके ऊपर लेट कर फिर से उसको किस करने लगा. मेरा लंड फिर से खड़ा हो चुका था. अब की बार मैंने धीरे-धीरे लंड को उसकी चूत में डालना शुरू किया. उसको ज्यादा दर्द नहीं हुआ. अब मुझे समझ में आया कि सीमा की यह पहली चुदाई थी इसलिए मुझे इतनी जोर से लंड नहीं डालना चाहिए था. पहली चुदाई के कारण ही उसकी चूत से खून भी निकल आया था.
मगर अबकी बार मैं धीरे-धीरे ही लंड को अंदर ले कर जा रहा था. धीरे-धीरे करते हुए मैंने लंड को पूरा उसकी चूत में डाल दिया और मैंने उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया. कुछ देर के बाद सीमा को चुदाई का मजा आने लगा. मेरा खड़ा हुआ लंड उसकी चूत की चुदाई कर रहा था और हम दोनों ही मजे ले रहे थे. कुछ देर के बाद सीमा खुद बोलने लगी कि और तेज करो. बहुत मजा आ रहा है मुझे. आह्ह … इस्स … ओह्ह … बहुत मजा आ रहा है. मैं उसकी चूत की चुदाई का मजा ले रहा था और सीमा मेरे लंड से चुदाई का मजा ले रही थी.
कुछ देर के बाद मैं झड़ने ही वाला था. मैंने अपने लंड को और ज्यादा तेज गति के साथ सीमा की चूत के अंदर और बाहर करना शुरू कर दिया. सीमा के मुंह से आने वाली आवाजें अब पूरे कमरे में गूंजने लगी थी. मैंने सोचा कि अगर छोटी बहन को पता लग गया तो मुसीबत हो जायेगी. मैंने सीमा के होंठों पर अपने होंठों को रख दिया और सीमा के होंठों को चूसते हुए उसको बांहों में पकड़ कर उसकी चूत को पेलने लगा. इससे सीमा के मुंह से आने वाली कामुक आवाजें अंदर ही दब गई.
मेरी छाती उसके चूचों पर जाकर धक्का दे रही थी. मेरी छाती उसके चूचों को दबा रही थी और उसकी जांघों पर मेरी जांघों के टकरा जाने के कारण फट्ट फट्ट की आवाज हो रही थी. उसके होंठों को चूसते हुए जल्दी ही मैं अपने चरम पर पहुंचने वाला था. अगर मैं उसके होंठों को चूसना शुरू न करता तो मैं उसकी चुदाई अभी पांच मिनट और ज्यादा कर सकता था. मगर उसके चूचे और होंठ बहुत ही सेक्सी थी और जल्दी ही मेरा पानी निकलने वाला था. मैंने सीमा की चूत से अपने लंड को बाहर निकाल लिया. मैंने उसको अपनी तरफ खींच कर उसके मुंह में अपना लंड डाल दिया और उसके मुंह को चोदने लगा. वह मेरे गीले लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. उसके बाद कुछ ही धक्के मुंह में गये होंगे कि मेरे लंड ने पानी को उसके मुंह में छोड़ दिया. सीमा मेरे सारे पानी को पी गई. उसके बाद हम दोनों कुछ देर तक लेटे रहे.
मैंने दोबारा से उसके चूचों को छेड़ना शुरू किया मगर अब वह उठने लगी. मैंने घड़ी में टाइम देखा तो टाइम बहुत ज्यादा हो चुका था. सीमा ने उठ कर अपने कपड़े वापस पहन लिये. मगर उसकी चड्डी फट चुकी थी. उसने अपनी फटी हुई चड्डी को वहीं पर छोड़ दिया. सीमा उठ कर वापस मेरी छोटी बहन के रूम में चली गयी.
सीमा के मेरी छोटी बहन के रूम में जाने के बाद भी मेरी प्यास शांत नहीं हुई थी. मगर सीमा तो जा चुकी थी. मैंने उसकी फटी हुई चड्डी को उठा लिया और उसको हाथ लगा कर देखा तो वह गीली लग रही थी. मैंने उसकी चड्डी को अपने मुंह के पास ले जाकर सूंघा तो उससे उसकी चूत के पानी की खुशबू आ रही थी. मैंने अपने लंड को उसकी चूत की खुशबू लेकर सहलाना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने अपने लंड को हिलाया और मुट्ठ मारी. मैंने उसकी चड्डी में ही दोबारा से वीर्य निकाल दिया और उसके बाद मैं भी सो गया.
दोस्तो, यह थी मेरी गर्लफ्रेंड के साथ मेरी पहली चुदाई. आपको मेरी कहानी कैसी लगी, इस बारे में आप मुझे मेल करके जरूर बतायें. मैंने अपनी मेल आई-डी नीचे दी हुई है. [email protected]
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