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दोस्तो, मेरा नाम है चार्ली! मैं कोल्हापुर, महाराष्ट्र का रहने वाला हूँ. अभी-अभी मैंने बी.ई. पास किया है और ये मेरी अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज़ पर पहली कहानी है. मुझे विश्वास है कि आप इस कहानी को बेहद पसंद करेंगे. तो दोस्तो, पहले मैं आपको मेरे बारे में बता दूँ. मेरी हाइट लगभग 6 फीट की है और मेरी बॉडी भी ठीक-ठाक है. बात करें मेरे लण्ड की तो वो 6.5″ लंबा और 2.5″ मोटा है.
बात कुछ समय पहले की ही है। मैं एक ऐसी कंपनी में जॉब कर रहा हूँ जहाँ पर मैं स्टूडेंट्स की काउन्सलिंग करता हूँ, जिससे बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद हो जाए। ऐसे में मुझे हर दिन 2 अलग-अलग बच्चों के घर पर जाना पड़ता था और उनकी पढ़ाई में हेल्प करनी पड़ती थी। तो ऐसे ही मैं एक दिन एक बच्चे के घर पर गया जिसका नाम ऋषि था। जो अभी पांचवी कक्षा में था और उसके घर पर उसकी माँ ही थी। जब मैं उनके घर पर गया और डोरबेल बजायी तो एक साँवली-सी पर बहुत तीखे नैन-नक़्श वाली औरत ने दरवाज़ा खोला। उस औरत को देख कर तो मानो ऐसा लग रहा था कि ऊपर वाले ने उसको बहुत ही ज्यादा फुरसत में बनाया है.
बस कमी इस बात की थी उसका रंग थोड़ा काला था. इसके अलावा उसके हुस्न में कहीं कोई कमी मुझे नहीं दिखाई दी. मैं उसको वैसे ही देखते हुए खड़ा हुआ था कि उसकी आवाज ने मुझे ख़्यालों से बाहर निकाला। जब मैंने उनको अपना परिचय करवाया तो उन्होंने मुझे अंदर बुलाया। जब मैंने उनसे पूछा तो उन्होंने बताया कि उनके हस्बेंड बाहर देश में जॉब करते हैं और वो अपने बेटे के साथ अकेली ही रहती हैं। उनका नाम संजना था। उनका घर वैसे तो बहुत ही ज्यादा बड़ा था और घर में ऐसी किसी चीज की कोई कमी मुझे कहीं पर भी नजर नहीं आ रही थी. उसके घर में लगभग हर तरह की सुविधा थी. वैसे जब हस्बैंड बाहर के देश में जॉब करते हैं तो घर में सुख-सुविधाओं का होना कोई हैरानी की बात नहीं थी मेरे लिए. घर पर हर एक चीज़ बहुत अच्छे से सज़ा कर रखी हुई थी। जब मैंने सन्जना की तारीफ की तो वह थोड़ा शरमा गई।
मैंने उनको और उनके बेटे को अच्छी तरह से सब पढ़ाई के बारे में बताया तो वो मुझे शुक्रिया कहने लगी कि मैंने उनके बेटे की हेल्प की और मुझसे बार-बार वापस आने की ज़िद करने लगी. वह कहने लगी कि आपके आने से मेरा बेटा पढ़ने भी लगेगा और मुझे भी कम्पनी मिल जायेगी। वैसे तो हमारी कंपनी का रूल है कि हम किसी भी पेरेंट्स को अपना मोबइल नंबर नहीं देते पर मैंने उनको अपना व्हाट्सऐप वाला नंबर दे दिया और उन्होंने सेव कर लिया।
अगले एक हफ्ते तक उसका कुछ कॉल नहीं आया पर उसके बाद उनका कॉल आया। ये कोई अलग नंबर था तो मैंने दो-तीन मिसकॉल होने के बाद उनका फोन उठाया। तो उन्होंने मुझे शाम में उनके घर पर आने के लिए बोला और कहा कि एक प्रॉब्लम है और उनको मेरी हेल्प चाहिए।
मैं जब शाम को उनके घर गया तो उनके साथ उनकी और एक सहेली थी शीना, जो शादीशुदा थी, उनका किसी के साथ अफ़ेयर चल रहा था और वो लड़का अब उन्हें ब्लैकमेल कर रहा था। मैंने उनको अच्छे से समझाया और उस लड़के को अपने एक पुलिस वाले दोस्त की मदद से बहुत कुछ बोल दिया और धमकी भी दी कि इसके बाद वह शीना को तंग ना करे वरना उसको जेल में डाल देंगे।
जब मैं फिर से उनके घर पर आया तो शीना ने मुझे एकदम से गले लगाया और शुक्रिया कहा। मैंने भी बस स्माइल दी और फिर कुछ यहाँ वहां की बातें करके मैं वहां से अपने घर चला आया। जब शीना मुझे गले लगा रही थी तो संजना बहुत उदास दिखी। रात में जब मुझे संजना ने फोन किया तो बताया कि मैं शीना के साथ ऐसे फिर से गले ना लगूँ और वो अच्छी लड़की नहीं है। नए लड़कों का इस्तेमाल करती है और ऐसे प्रॉब्लम में फंस जाती है। तो जितना मैं उस से दूर रह सकता हूँ, रहा करूँ। मुझे उसकी बातों में कुछ अलग ही महसूस हो रहा था जैसे वो ये दिखाना चाह रही हो कि मैं उसके अलावा किसी और पर ध्यान न दूँ.
पहले तो मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया पर उनका रोज़ किसी न किसी बहाने से मुझे मेसेज करना या कॉल करना, यह सब कुछ अजीब ही था। ऐसे ही एक महीना बीत गया।
एक दिन मुझे संजना ने कॉल किया और रात में अपने घर पर बुलाया। मैं अपना दिन का पूरा काम ख़त्म कर के उनके घर रात में 8 बजे पहुँच गया। मुझे लगा था कि उनका बेटा ऋषि दरवाजे को खोलेगा पर जैसे ही मैंने बेल बजायी तो संजना ने ही दरवाजा खोला। जैसे ही दरवाजा खुला मैं तो बस संजना को देखता ही रह गया। उस वक़्त वो ब्लैक कलर की नाईटी में थी जो बस उसके घुटनों तक ही थी और स्लीव भी नहीं थे। उसको इस रूप में देख कर ही मेरा लण्ड पूरी तरह से अपने आकार में आ गया था। उस नाइटी में उसके मम्मे बहुत ही ज्यादा मस्त लग रहे थे और बाहर आने को बेताब लग रहे थे। नीचे उसकी मखमली जाँघें तो मानो ऐसी लग रही थी कि अभी अभी दूध से नहा कर निकली हो और उनको मक्खन में तराशा गया हो। मेरा मन कर रहा था कि वहीं पर पटक-पटक कर उसकी चूत का भुर्ता बना दूँ, उसके जिस्म को पूरी तरह से नोंच लूँ पर फिर भी मैंने अपने आप को काबू में रखा। आप सोच सकते हो कि जब कोई इतनी खूबसूरत बला आपके सामने हो वो भी इस अवतार में तो आप अपने आपको कैसे संभाल पाओगे??
जैसे ही मैं अन्दर गया तो संजना ने दरवाज़ा बंद कर दिया। मैं थोड़ा दुविधा में था कि इसने दरवाजा बंद क्यूँ किया होगा? मेरी इस परेशानी को समझते हुए संजना ने कहा कि बाहर से लोग आते-जाते रहते हैं इसलिए अच्छा है कि दरवाजा बंद ही रहे। ये बात कहती हुई वह मुझे सोफ़े के पास ले गयी और मेरे बिलकुल नजदीक मुझसे सट कर बैठ गयी जिस से उसके जिस्म की गंध मेरी नाक में घुस कर मुझे और मदहोश बना रही थी।
मेरा तो गला जैसे सूख सा गया तो मैंने उस से पानी माँगा। जब वह पानी लेने जा रही थी तब अपनी गांड कुछ ज्यादा ही मटका कर चल रही थी जिस से मेरे लण्ड में उफ़ान मच गया और वो अपने आप ही बड़ा होने लगा। जब संजना पानी लेकर आई और पानी देने के लिए नीचे झुकी तो उसके रस भरे मम्मे बाहर निकल कर आ गए जिस से मुझे समझ आ गया कि उसने ब्रा नहीं पहनी है।
मैं यह देखते-देखते वहीं पर ठहरा सा रह गया और मेरा लण्ड तो मानो अभी फट के संजना के मुँह में जाने को बेताब होने वाला था। संजना ने मेरे लण्ड की तरफ देखा और मुस्कुरा दी और सीधे हाथ से पानी का ग्लास बाजू में रख कर मेरी गोद में आकर बैठ गयी और मेरे लबों को चूमने लगी। यह सब कुछ इतने जल्दी में हुआ कि मुझे कुछ सोचने समझने का मौक़ा तक नहीं मिला।
मैं कुछ देर में सँभला और फिर उसका साथ देने लगा। उसके नर्म-गर्म होंठ अब मेरे होंठों में धंस रहे थे। मैं अपने हाथों पर कंट्रोल नहीं रख पा रहा था और मेरे हाथ उसके मम्मों और गाँड को बारी-बारी से निचोड़ रहे थे। लगभग 20 मिनट तक मैं ऐसे ही बैठा था और वो बस मुझे यही कहती रही- मैं तुमसे बहुत प्यार करने लगी हूँ चार्ली, आज मुझे अपनी रखैल बना दो, मैं ज़िंदगी भर तुम्हारी रखैल बन कर रहूँगी, मुझे कभी भी अपने से अलग मत करना, मुझे आज अपने आप में ऐसे घुसा लो कि कभी हम अलग न हो पाएं.
उसकी ये सब बातें मुझे उसको चोदने के लिये उकसा रही थी। मेरा लण्ड तो मानो अब बस फट ही जाने को बेताब था जो इस वक्त संजना की चूत पर चुभ रहा था जिस से उसकी चूत भी गीली हो रही थी और उसका गीलापन मेरे लण्ड पर भी दिखाई दे रहा था। अब मुझसे और उस से भी सब्र करना बहुत ही ज्यादा मुश्किल हो रहा था। मैं उसके मम्मों को ऐसी बेताबी से भींच रहा था कि मुझे ये पहली और आखरी बार मिलेंगे।
तब मैंने खुद उसको उसी हालत में गोद में उठाया तो वो भी अपने पैर मेरी कमर में फंसा कर मेरी गोद में बैठ गई। तो मैं उसको उसके बेडरूम में ले गया। जैसे ही मैंने बेडरूम का दरवाजा खोला तो देखा कि पूरे बेड पर फूल बिखरे हुए थे और रूम के अंदर ऐसी खुशबू फ़ैली थी कि मैं तो बस सन्न रह गया।
मैंने जब संजना से पूछा तो उसने बताया- ये तो बस तुम्हारे लिए ही किया है मेरे राजा। बस चाहती थी कि तुम आज मेरी सारी तमन्नाएं पूरी कर दो। इसलिए ये नाईटी भी आज ही ख़रीदी थी और ये सब तुम्हारे लिए ही किया है मैंने मेरी जान। अब बस मेरी आग बुझा दो मेरे राजा। आज से मैंने तुमको ही अपना पति मान लिया है। प्लीज मुझे चोद दो मेरे मालिक.
उसकी ये बातें सुन कर मुझे उस पर बहुत प्यार आया और मैंने उसको जम के किस कर दिया जिसका साथ उसने भी मुझे किस करके दिया। अब उसको मैंने सीधे से बेड पर पटक दिया और उसके सारे कपड़े उतार के फ़ेंक दिए। अब वो बस पैंटी में रह गयी थी जो पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मैं उसको इस हालत में देख कर बहुत खुश हुआ और उसके मम्मे दबाने लगा। वो सिसकारी लेने लगी। उसकी सिसकारियाँ मुझे और भी मदहोश बना रही थीं।
तभी मैंने उसकी नाभि पर चूम लिया और उसने कस के ज़ोर से मुझे अपने से चिपका लिया और आह्ह … आह्ह करती हुई झड़ने लग गई। उसके ऐसे पकड़ने से मेरे कपड़ों के अंदर तक उसके नाख़ून घुस गए। मुझे उससे दर्द भी हुआ पर उसका जंगली स्वभाव देख के मुझे उस पर प्यार भी आने लगा।
झड़ने के बाद उसने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और मेरे कपड़े भी उतार दिये। उसने मेरी बनियान और अंडरवियर को खींच के फाड़ ही दिया था। फिर अपना सिर मेरे सीने पर रख कर लेट गयी। उसकी साँसें अभी भी बहुत तेज़ चल रही थीं। करीब 10 मिनट के बाद उसने खुद नीचे झुक कर मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और ज़ोर से चूसने लगी। मैंने इसी अवस्था में उसके नर्म-नर्म बोबों को पकड़ कर कस कर मसलना शुरू किया।
उसकी चूत फ़िर से गीली होने लगी थी और वो अपने एक हाथ से अपनी चूत के दाने को रगड़ रही थी। मैंने उससे कहा कि वह अपनी गांड में भी उंगली करे तो वो अपने दोनों हाथों से अपनी चूत और अपनी गांड में उंगली करने लगी। शायद उसने ऐसा पहली बार किया था तो उसका मूत निकल गया। उसने लंड चूसना छोड़ के मूत की तरफ देखा और शर्मा गयी।
मैंने उससे पूछा कि क्या वो मेरी एक फैंटसी को पूरा करेगी? तो उसने कहा- जो चाहो वो करवा लो मेरे राजा। यह पूरा जिस्म बस अब तुम्हारे लिये ही है। इसके साथ जो चाहो कर लो। मैंने उसको बोला- जो अभी तुमने मूत दिया है उसी मूत में गिरा कर मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ और तुम्हें तुम्हारा ही मूत पिलाना है और फिर मेरा भी। क्या तुम ऐसा करने के लिए तैयार हो?
मेरा बस इतना कहना था कि वो खुद बोली- जान … मेरी तो बरसों से ये तमन्ना थी कि मुझे कोई मर्द अपना मूत पिलाए और मुझे अपने मूत से नहला दे और मुझे एक कुतिया की तरह ज़मीन पर रगड़ कर मुझे अपने ही मूत में चोदे। आज तुमने मेरी बरसों की मुराद पूरी कर दी। तुम जो बोलो वो मैं करुँगी जानू. यह बोल कर उसने ख़ुद से अपने बालों को मेरे हाथ में पकड़ा दिया और मुझे बाल खींचने का इशारा किया। जैसे ही मैंने उसके बाल खींचे वैसे ही उसकी आह … निकल गयी। मैंने भी देर न करते हुए उसको ज़मीन पर धकेल दिया तो वो अपनी जुबान को बाहर निकालते हुए अपना मूत चाटने लग गई.
जब कुछ मूत उसने चाट लिया तो मैंने उसकी गांड पर जोर से चपत मारी जिस से वो नीचे गिर गई। नीचे गिरते ही उसने मेरी तरफ देखा तो मैंने उसको एक फ्लाइंग किस दी तो उसने जवाब में ऐसे किया कि जैसे वो मेरा लंड चाट रही हो नीचे से ऊपर तक। फिर मैंने उसको बोला कि जान मैं अब तुम्हारी चूत को चूसूंगा. तब तक तुम अपने मूत में अपने ब्रेस्ट को दबाओ और अपना मूत चाटो लो. मेरे ऐसा कहने पर उसने जवाब में कहा- जो हुक्म मेरे मालिक। और बस मेरी चूत ही नहीं मेरी गांड भी चाटो न मेरे राजा … मुझे अच्छा लगेगा, अगर तुम ऐसे करोगे तो। और जब भी तुम मेरी गांड पर चपत मारते हो तब बहुत अच्छा लगता है तो प्लीज और मारो मेरी गांड पर।
मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह लगा दिया तो उसकी एक तीख़ी सी आह … निकल गयी और वो जम कर अपने बोबे मसलने लगी और कुतिया की तरह अपने मूत को चाटने लगी. इसी के साथ अपनी चूत को मेरे मुँह पर मारने लगी। मैंने भी उसकी चूत और गांड चाटनी शुरू कर दी तो उसकी चूत फ़िर से पनिया गयी। देखते ही देखते वो फ़िर से झड़ने के करीब पहुंच गयी और फिर जोर से चीख़ के झड़ गयी।
इस बार वो इतना झड़ी कि मेरा मुँह उसके रस से भर गया। जब उसने मेरी तरफ देखा तो पता नहीं इतना ज्यादा झड़ने के बाद भी उसके अंदर कहां से हिम्मत आयी और वो मेरे मुँह को प्यार से चाटने लगी। मैं अपने मुँह पर उसकी जुबान महसूस कर सकता था। ये मेरे लिए एक नया एहसास था जो आज मुझे मिला था।
हम दोनों की आखें जैसी ही मिलीं तो वो मुझे देख के शर्मा गयी। लेकिन उसमें पता नहीं कितने दिनों की प्यास थी जो उसने फौरन मेरे लंड को चूसना शुरु कर दिया और बिना बताये अपने आप ही चूत और गांड में उंगलियों को डालने लगी जैसा मुझे पसंद था। चूसते वक्त वो मेरा पूरा लंड गले तक ले लेती जिससे मुझे और मज़ा आता और मेरे मुंह से एक लम्बी आह … निकल जाती थी।
थोड़ी देर की चुसाई के बाद मैंने खुद उससे कहा- जान अब आ जाओ, असली खेल शुरू करते हैं। इतना कहने की ही देर थी कि वो सीधे लेटते हुए बोली- हाँ मेरे राजा, मैं तो कब से यही चाहती थी पर ये भी लग रहा था कि तुम्हारी कोई ख्वाहिश अधूरी न रहे इसलिए कुछ नहीं बोला मैंने।
इस बात पर मैंने उसे किस किया और अपने लंड को उसकी चूत के छेद के पास ले गया। वो खुद अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत के छेद पर टिकाने लगी और मेरी गांड पर हाथ लगा कर अपनी सहमति दिखा दी। फिर मैंने किस करना छोड़ कर उसके बोबे पकड़ लिए और एक करारा झटका लगा दिया जिससे मेरा लंड पूरी तरह उसकी चूत में समा गया।
वो इतना जोर से चीखी कि मुझे लगा कि पड़ोसी भी उस आवाज़ को सुन चुके होंगे। थोड़ी देर उसके बोबे भींचने के बाद उसने खुद अपनी गांड हिलाना शुरू किया। फिर इधर से मेरे धक्के भी तेज़ होने लगे। वो हर तरह की आवाज़ें निकाल कर मुझे और उकसा रही थी। साथ ही मेरी गांड पर सहला रही थी और मेरी पीठ को भी सहला रही थी।
लगभग 10 मिनट बाद वो झड़ गयी लेकिन उसने मुझे रुकने से मना कर दिया लेकिन फिर मैंने भी धक्के जारी रखे। थोड़ी देर बाद उसे घोड़ी बना कर पेलने लगा। हर शॉट पर वो और ज्यादा चिल्लाती और मैं दूसरा शॉट तगड़ा मार देता। मैंने उसके बाल पकड़ कर उसकी चूत को चोदना शुरू किया तो मानो ऐसे लग रहा था कि मैं सच में घोड़ी चला रहा हूँ।
जब इस हालत में वो झड़ी तो उसकी हालत पतली हो चुकी थी पर मुझसे कुछ नहीं बोली। मैं समझ गया कि इसे आराम की जरूरत है तो मैंने चोदना बंद करके उसके दूध पीने शुरू कर दिए। जब वो फ़िरसे मूड में आ गयी तो मैंने उसे हवा में उठा कर अपने लंड को उसकी चूत में डाला। वो भी मज़े से हवा में धक्के खा रही थी। और मुझे हर धक्के के साथ उकसा रही थी। फिर उसने कमान संभालते हुए मुझे बेड पर धकेल दिया और खुद मेरे लंड पर बैठ गई और कूदने लगी।
हम दोनों एक दूसरे का साथ देते-देते करीब 45 मिनट तक लगे रहे। आखिर में मेरे लंड ने उसकी चूत के कई बार झड़ने के बाद इस बार मरे लंड ने भी उसके साथ ही जवाब दे दिया और हम दोनों साथ-साथ झड़ने लगे।
संजना बुरी तरह से थक चुकी थी. मेरा स्टेमिना तो बहुत ज्यादा था लेकिन उसकी गंदी चुदाई करते-करते मैं भी काफी थकान महसूस करने लगा था. बहुत दिनों के बाद मुझे इतनी गर्म औरत के साथ चुदाई करने का मौका मिला था. एक बात तो मुझे यहाँ पर समझ में आ ही गई थी कि संजना के अंदर यह चुदास शीना को गले लगाने के बाद ही जागी है.
इसलिए संजना नहीं चाहती थी कि मैं शीना से बात करूँ या उसके आस-पास रहूँ. इसकी एक वजह उसका सांवला रंग भी हो सकता था. संजना देखने में बहुत ही सुंदर थी मगर उसका रंग सांवला होने की वजह से अपने आप को शीना से ऊपर रखना चाहती थी. इसलिए दूसरी ही मुलाकात में वह मेरे साथ चुदाई करने के लिए तैयार हो गई थी. संजना थक कर गिर गई थी और मैं भी उसके नंगे चूचों के ऊपर ही थक कर गिर गया था. हम दोनों की ही सांसें काफी तेज चल रही थीं.
सेक्स और हवस की प्यास बुझाते-बुझाते समय जल्दी से बीत गया. चालू संजना को चोदते हुए रात तेजी से गुजर गई. इस चुदाई के खेल में हमें वक़्त का ध्यान ही नहीं रहा और हम दोनों थक कर सो गए। जब उठे और वक़्त देखा तो पता चला कि सुबह के 5 बज रहे थे। अब उसके बेटे के उठ जाने का वक़्त हो चुका था तो उसने मुझे जाने को बोला। मैंने भी वक़्त की नज़ाकत को समझते हुए जाना ही उचित समझा। पर जैसे ही मैं तैयार हुआ तो उसने मुझे कहीं से 20 हज़ार रुपये लाकर दिए और कहा- “ये तुम्हारी पहली बक्शीश है मेरे राजा। रख लो मेरी तरफ से तोहफा समझ कर। अगर तुमने मना किया तो तुम्हें मेरी कसम है।
इसके आगे मैं कुछ कह नहीं सका और चुपचाप वो पैसे रख लिए। जब मैं निकल रहा था तो उसने फ़िर से मुझे पकड़ कर किस किया और कहा- मेरे मालिक, जब भी आपको अपनी इस रांड की जरूरत हो तब याद कर लेना और हाँ, अगली बार जब भी तुमको बुलाऊँ तब प्लीज़ मना मत करना और आ जाना। अगली बार आपकी थाली में अपनी गांड को परोस कर रखूँगी। इतना कह कर उसने मुझे किस किया। मैंने उससे विदा ली और अपने घर चला आया।
आज भी हम दोनों चुदाई का रिश्ता निभाते हैं। वो आज भी हर ख्वाहिश पूरी करती है मेरी। उसने तो मुझे अपने पति से भी ऊपर की जगह दे दी है। करवाचौथ के वक़्त भी सबसे पहले मेरा ही मुँह देख कर अपना व्रत खोलती है। मैं भी उसे कभी परेशानी नहीं होने देता और जब भी उसका मन होता है मैं उसकी सेवा में हाजिर हो जाता हूँ। उसका हर तरह से ख्याल रखता हूँ। अगली कहानी में मैं आपको बताऊँगा कि मैंने चालू संजना की गांड की चुदाई कैसे की. इसके अलावा यह भी बताऊंगा कि कैसे मैंने संजना की दोस्त शीना के साथ सेक्स की शुरूआत की और शीना के साथ ही थ्रीसम की शुरुआत कैसे हुई वो भी लिखूंगा। मेरी अगली कहानी के लिए आपको थोड़ा इंतजार करना होगा.
कहानी के बारे में अपनी राय, सुझाव जरूर मुझे मेल करें. एक बात और भी पाठकों से कहना चाहता हूँ कि कुछ लोग मुझसे लड़कियों से मिलवाने की बात करते हैं तो उनको बता दूँ कि मैं कोई दलाल नहीं हूँ। मैं इस मामले में आपकी कोई मदद नहीं कर सकता। इसी के साथ आपसे विदा लेता हूँ. आपका अपना चार्ली। धन्यवाद। [email protected]
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