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यारो, मेरा नाम सनी है और मैं बिलासपुर, छत्तीसगढ़ का रहने वाला हूं. आप सभी ने मेरी पिछली कहानी दोस्त की बहन की चूत चोद दी को बहुत पसंद किया और बहुत से पाठकों के मेल भी आए। मैं इस कहानी को अब आगे भी बताना चाहता हूँ.
तो जैसा कि आपने पढ़ा कि कैसे मैंने अपने दोस्त की बहन की चूत चोद दी थी और उसके बाद मेरा उसके साथ अफेयर शुरू हो गया. गुंजन और मेरा यह अफेयर लगभग पांच साल तक चला. फिर एक दिन मुझे वह बात पता चली जिसके बारे में मैंने कभी नहीं सोचा था. मुझे कहीं से पता लग गया कि वह मेरे अलावा किसी और के साथ भी चक्कर चला रही है. जब मैंने इस बात की पड़ताल की तो मेरे पैरों के नीचे से जमीन हिलने लगी. जिसके साथ उसका चक्कर चल रहा था वह कोई और नहीं बल्कि मेरा ही भाई था. मैं अपने भाई पर बहुत भरोसा करता था. गुंजन के बारे में भी मैंने कभी यह उम्मीद नहीं की थी. मगर उन दोनों ने मिलकर मुझे धोखा दिया. मुझे जब उन दोनों के अफेयर की बात पता लगी तो मुझे बहुत बड़ा सदमा लगा.
मैं अपने भाई को अपनी जान से भी ज्यादा प्यार करता था. मगर उसी ने गुंजन के साथ मिलकर मुझे धोखा दे दिया, यह बात मुझसे बर्दाश्त नहीं हुई और मैंने सदमे में आकर ज़हर पीकर अपनी जान देने की कोशिश कर डाली. मगर होनी को कुछ और ही मंजूर था. मैं ज़हर पीने के बाद भी बच गया.
उसके बाद मैं हमेशा ही उदास रहने लगा था. न किसी से बात करता था और न ही कहीं बाहर निकलता था. मैं अपनी ही दुनिया में रहने लगा था. मेरे दोस्तों को जब मेरी हालत के बारे में पता लगा तो उन्होंने मुझे संभालने की कोशिश की. मेरे दोस्तों ने मुझे बहुत समझाया मगर मेरे दिल से मेरे साथ हुआ धोखा निकल ही नहीं रहा था.
मेरे एक दोस्त, जिसका नाम आर्यन था, को मेरी बहुत चिंता रहती थी. वह मेरी हालत नहीं देख पा रहा था. मेरी हालत में सुधार लाने के लिए उसने मुझे एक दूसरी लड़की का नंबर दे दिया. उस लड़की का नाम रीना (बदला हुआ) था. रीना एक मस्त और बहुत ही खुले विचारों वाली लड़की थी. आर्यन ने मुझे बताया कि उसको रईस लड़के बहुत पसंद आते हैं जो उसको कार की सवारी करवा सकें, उसको शॉपिंग करवा सकें. वह अपने घर से दूर अंबिकापुर में रहती थी और वहाँ पर रह कर वह पढ़ाई कर रही थी. मगर साथ ही जिंदगी के मजे भी खूब ले रही थी.
रीना काफी चुलबुली-सी, दुबली-पतली फिगर वाली लड़की थी. जब उससे मेरी बात हुई तो मैंने उसको अपने बारे में बताया. रीना ने बताया कि वह मेरे बारे में बहुत कुछ जानती है. आर्यन ने उसको मेरे बारे में काफी कुछ बता दिया था.
धीरे-धीरे हम दोनों की रोज ही बातें होने लगीं. फिर उसने मेरी फोटो मांगी. मैंने अपनी फोटो भेज दी. कुछ दिन तक हम दोनों का ऐसे ही चला. बातें करते-करते मैं भी अब नॉर्मल होने लगा था. फिर एक दिन मैंने उससे मिलने के लिए बोल दिया. उसने कहा कि मुझे उससे मिलने के लिए अंबिकापुर आना पड़ेगा.
उसके हाँ करते ही मैं और मेरा दोस्त आर्यन दोनों ही जाने के लिए तैयार होने लगे. अगले ही दिन हमारी ट्रेन थी. हम ट्रेन से रवाना हुए और सुबह अंबिकापुर पहुंच गए. वहाँ पर हमारा एक और दोस्त था जो कि अंबिकापुर में रह कर ही पॉलिटेक्नीक कर रहा था. मैं और आर्यन दोनों ही पहले अपने उस दोस्त के पास गए. उसके रूम पर जाकर हमने बहुत सारी बातें कीं. उसके बाद मैं और आर्यन तैयार होने लगे. तैयार होकर हमने रीना को फोन कर दिया. रीना भी हमसे मिलने के लिए बेताब सी दिखाई दे रही थी.
उसके बाद मैंने अपने दोस्त की बाइक उठाई और बाइक लेकर रीना के द्वारा बताई गई जगह पर पहुंच गया. वहाँ पर पहुंच कर मैंने रीना को फोन किया. कुछ देर के बाद रीना वहाँ पर पहुंच गई. जब मैंने उसको देखा तो वह टाइट जींस और टॉप पहन कर आई थी. वह चल कर पास आई और पूछने लगी- इतने गौर से क्या देख रहे हो? मैं ऐसे ही उसको देखता जा रहा था. मैं चुपचाप खड़ा था और बस रीना को एकटक देखता ही जा रहा था. वह बाइक पर बैठ गई और मुझसे चलने के लिए कहा.
मगर मैं अंबिकापुर के बारे में ज्यादा कुछ जानता नहीं था. वह पीछे बैठी हुई थी और रास्ता बताती जा रही थी. कुछ देर चलने के बाद हम दोनों एक गार्डन में पहुंच गए. वहाँ पर ज्यादातर लड़का-लड़की के जोड़े ही दिखाई दे रहे थे. मैं समझ गया कि रीना मुझे लव प्वाइंट पर लेकर आई है. हम दोनों एक कोने में अपनी जगह लेकर बैठ गए. फिर हम दोनों के बीच में बातें शुरू हुई और जल्दी ही वक्त बीतने लगा. रीना के साथ बातें करते हुए मुझे वक्त का पता भी नहीं चला. मैं उसको छूना चाह रहा था मगर अभी इतनी हिम्मत नहीं हो रही थी. फिर मैंने हिम्मत करके उसके गाल पर एक किस कर दिया.
मैंने डरते डरते किस किया था कि कहीं यह बुरा न मान जाए. मगर रीना ने कुछ भी नहीं कहा. मुझे अब ग्रीन सिग्नल मिल गया था. मैंने उसको दोबारा फिर से अपनी बांहों में कस कर टाइट तरीके से हग करते हुए फिर से किस कर दिया. इस बार रीना भी मेरे किस के बदले में किस करने लगी. जल्दी ही हम दोनों एक दूसरे के होंठों को चूसने लगे. कभी मैं उसके गाल पर चुम्बन दे देता तो कभी उसकी गर्दन पर चूम लेता. मगर कुछ ही पल के बाद रीना ने कहा- चलो, अब देर हो रही है. अभी के लिए इतना ही बहुत है. हमें अब चलना चाहिए, नहीं तो देर हो जाएगी. मैंने कहा- ठीक है, मगर तुम कल मिलोगी न? रीना ने कहा- मैं तुम्हें फोन पर बता दूँगी.
उसके बाद हम दोनों पार्क से बाहर निकलने लगे. वहाँ पर लड़के-लड़कियाँ यहाँ-वहाँ कोने में छिपे हुए चूमने-चाटने में लगे हुए थे. उन सब को देखकर मेरा लंड तो वहीं पर खड़ा होने लगा था. मेरी पैंट में अलग से दिखाई देने लगा था. इसलिए मैंने अपनी शर्ट को पैंट से बाहर निकाल लिया ताकि रीना की नजर पैंट में खड़े मेरे लंड पर न पड़ जाए. उसके बाद हम दोनों बाइक पर बैठे और मैंने रीना को उसके रूम तक छोड़ दिया. फिर मैं अपने रूम पर चला गया. रात को खाना खाने के बाद रीना को कॉल किया तो हम दोनों फिर से बातें करने लगे. दिन में जो किसिंग हुई उसके बारे में भी बात हो रही थी.
मैंने कहा- रीना, तुम कल यहीँ मेरे दोस्त के रूम पर ही आ आओ. कहीं बाहर घूमने से तो अच्छा है हम दोनों रूम पर ही कुछ वक्त बिता लेंगे. रीना मेरी बात जल्दी से मान गई.
रात को उसके बारे में सोच कर मेरा लंड खड़ा हो गया था. मैंने उसके चूचों के बारे में सोचा तो मेरा हाथ मेरे लंड पर अपने आप ही चला गया. मैं अपने अंडरवियर में हाथ डालकर लंड को सहलाने लगा. रीना के चूचे मेरे ख्यालों में नंगे हो गए थे. जैसे-जैसे मैं लंड को सहलाता जा रहा था रीना के बदन के कपड़े भी उतरते जा रहे थे. मेरे हाथ की स्पीड बढ़ गई थी और रीना मेरे ख्यालों में पैंटी में थी. जब मैंने उसकी पैंटी को उतारा तो उसकी चूत के बारे में सोचकर मेरे लंड ने वीर्य छोड़ दिया. मैं अंडरवियर के अंदर ही वीर्य निकाल कर पड़ा रहा. मुझे उसके बाद गहरी नींद आ गई और सुबह ही मेरी आंख खुली.
जब मैं उठा तो मेरा दोस्त कॉलेज जा चुका था. आर्यन को मैंने अंबिकापुर में घूमने के लिए भेज दिया. सुबह रीना का फोन आया और उसने कहा कि वह 15 मिनट में पहुंचने वाली है. मैं जल्दी से नहाया और फटाक से कपड़े पहन कर उसको लेने के लिए चला गया.
रीना के साथ मैं रूम पर वापस आ गया. आने के बाद मैंने दरवाजे को अंदर से लॉक कर दिया. उससे पूछा- रीना, तुम कुछ ठंडा या गर्म लेना चाहोगी क्या? वह बोली- मैं तो ठंडा ही पीना पसंद करती हूँ. मैंने पूछा- कोल्ड ड्रिंक या बीयर? वह बोली- अगर बीयर है तो बीयर ले आओ.
मैंने फ्रिज में देखा तो तीन बीयर रखी हुई थी. मैंने उसमें से दो बीयर उठा ली और हम दोनों साथ में पीने बैठ गए. मैंने पहला गिलास भी खत्म नहीं किया था मगर रीना दूसरे गिलास को भरने लगी थी.
देखते ही देखते वह डेढ़ बोतल बीयर अकेले ही पी गई. मेरे हिस्से में केवल आधी बोतल बीयर ही आई थी. मैं उसकी बगल में जाकर बैठ गया. रीना को बीयर चढ़ गई थी. वह मेरे कंधे पर सिर रख कर बात करने लगी. मैंने धीरे से उसके माथे पर किस कर दिया. उसने मेरे किस का कोई रेस्पोन्स नहीं दिया. उसके बाद मैंने रीना को अपनी बांहों में भर लिया. वह शायद नशे में थी, लेकिन उसने मुझे अपनी बांहों में भर लिया था. उसके बाद मैंने उसके चेहरे को ऊपर किया और उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और उनको चूसने लगा.
रीना की सांसें धीरे-धीरे तेज होना शुरू हो गईं. रीना ने भी मेरे होंठों को अच्छी तरह से चूसना शुरू कर दिया. मैंने एक हाथ से उसकी चूचियों को उसके कपड़ों के ऊपर से ही दबाना शुरू कर दिया. इन्हीं चूचियों के बारे में सोच कर मैंने कल रात को अपने लंड की मुट्ठ मारी थी. आज इन चूचियों को मैं अपने हाथों से रीयल में दबा रहा था. यह सोचकर मेरा लंड तन गया था. उसके बाद मैंने रीना की जींस पर उसकी चूत के ऊपर वाली जगह पर अपनी उंगली से सहलाना शुरू कर दिया. मेरी उंगली उसकी जींस में से ही उसकी चूत में जाने का रास्ता खोजती हुई धंसने लगी. रीना की हल्की हल्की आह्ह … निकलना शुरू हो गई थी.
मेरा जोश अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा था. मैं उसकी जींस के ऊपर से ही उसकी चूत में उंगली करता रहा. मुझे तो बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था उसकी चूत को छेड़ने और सहलाने में. साथ ही रीना भी कसमसाने लगी थी. मैं रुकने के मूड में नहीं था. उसके बाद मैंने उसकी जींस के बटन को खोल दिया और उसकी जींस को नीचे सरका दिया. अब रीना केवल टॉप और कच्छी में रह गई थी. उसकी कच्छी आधी भीग गई थी. मैं उसकी भीगी हुई कच्छी पर उंगली फिराने लगा. मैंने नीचे मुंह ले जाकर उसकी कच्छी को गीली जगह से सूंघा तो उसकी खुशबू मुझे मदहोश करने लगी. मैंने उसी वक्त उसकी कच्छी को निकाल दिया और उसकी चूत को नंगी कर दिया. उसके बाद मैं उसकी चूत को चाटने लगा.
जब मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया तो उसकी कामुक आवाजें निकलने लगी. अब वह मेरे सिर को दबाने लगी. वह तेजी से गर्म होती जा रही थी और मेरे सिर को अपनी चूत में दबाती ही जा रही थी. उसकी चूत ने अब पानी छोड़ना शुरू कर दिया. उसके बाद मैंने रीना की चूत में अपनी जीभ पूरी तरह से नुकीली करके अंदर डाल दी और उसकी सिसकारी निकल गई. मैंने उसकी चूत में जीभ को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और रीना पागल होने लगी. वह तड़पने लगी और मचलने लगी. कुछ ही देर में उसकी चूत ने ढेर सारा पानी छोड़ दिया. मैं समझ गया कि रीना झड़कर शांत हो गई है. मगर मेरा लंड तो गर्म तप रहा था. मैं अपने लंड को कैसे शांत करूं ये सोचने लगा. उसके बाद मैं अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा और घुटनों के बल रीना के सामने खड़ा हो गया.
मेरा लंड रीना के मुंह के सामने ही बिल्कुल सीध में था. मैंने रीना को अपना लंड चूसने का इशारा किया. उसके बाद रीना ने मुझे खड़ा होने के लिए कहा और वह खुद घुटनों पर आ गई. वह घुटनों पर खड़ी होकर मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी. उसके कोमल हाथों में जाकर मेरा लंड और ज्यादा तन गया. उसके बाद रीना ने मेरे लंड के टोपे को पीछे खिसका कर अपने मखमली होंठों को मेरे लंड के टोपे पर लगा कर छूआ तो मेरी सिसकारी निकल गई. आह्ह … उम्म … रीना के होंठों के चुम्बन में गजब का जादू था. मैं तो पागल सा हो गया. उसके बाद रीना ने मेरे लंड को आधी लंबाई तक अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगी.
वह मेरे लंड को लॉलीपोप की तरह चूस रही थी. मैं तो जन्नत की सैर कर रहा था. जिस तरह से वह मेरे लंड को चूस रही थी उससे तो साफ पता चल रहा था कि वह एक पुरानी खिलाड़ी है. धीरे-धीरे मेरे लंड को वह अपने गले तक उतारने लगी. उसके होंठ मेरे टट्टों को छूने लगे थे. कुछ देर तक मुझे लंड चुसाई का मजा देकर उसने मेरे लंड को अपने मुंह से बाहर निकाल लिया और अपनी टांगों को फैला कर वहीं बिस्तर पर लेट गई.
मैं समझ गया कि अब यह फिर से गर्म हो चुकी है और मेरे लंड को अपनी चूत में डलवाने के लिए बेताब है. मैंने उसकी दोनों टांगों को दोनों तरफ से पकड़ कर और ज्यादा फैला दिया. फिर अपने एक हाथ से अपने लंड को पकड़ लिया और दूसरे हाथ से उसके पैर को पकड़ कर मैंने अपना लंड उसकी चूत के मुंह पर रख दिया और मैं रीना के ऊपर लेटता चला गया. लेटते हुए मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में समाने लगा.
जब आधा लंड चूत में घुस गया तो मैंने हल्का सा धक्का दिया और पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया. लंड पूरा घुसते वह उचक गई. वह छटपटाने लगी. मगर मैंने उसके होंठों को अपने होंठों से दबा लिया और उसके होंठों को चूसने लगा. कुछ देर के बाद रीना खुद ही अपनी गांड को नीचे से उठाने लगी. मैं समझ गया कि लंड उसकी चूत में जाकर सेट हो गया है. अब मैंने चुदाई करने की तैयारी कर दी और उसकी चूत में धीरे-धीरे लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया. रीना मेरे होंठों को चूसते हुए मेरी पीठ को सहला रही थी.
धीरे-धीरे मैंने अपने धक्कों की गति बढ़ा दी. जैसे जैसे लंड उसकी चूत की चुदाई कर रहा था मेरे अंदर का जोश बढ़ने लगा था और रीना का मजा भी ज्यादा होता जा रहा था. कुछ देर तक चुदाई करने के बाद मैंने उसकी चूत से लंड को बाहर निकाल लिया. उसने पूछा- क्या हुआ?
मैंने कहा- मैं तुम्हें घोड़ी की पोजीशन में चोदना चाहता हूँ. वह मेरी तरफ देखकर मुस्कराने लगी और उठकर घोड़ी की पोजीशन में आ गई. मैंने धीरे से उसकी चूत में लंड को धक्का दे कर उसकी पीठ पर लेटते हुए उसके चूचों को पकड़ लिया और उसकी चूत को चोदने लगा. मुझे इस पोजीशन में चूत चुदाई करने में बहुत मजा आता था. मैं उसके चूचों के निप्पलों को ब्रा के ऊपर से ही मसलते हुए उसकी चूत को जोर से चोद रहा था. मैंने धीरे से अपनी गति तेज कर दी और पूरा कमरा हम दोनों की कामुक सिसकारियों से भर गया. हम दोनों ही चुदाई का बहुत ज्यादा मजा ले रहे थे. गुंजन की बेवफाई के बाद मुझे बहुत दिनों के बाद चूत चोदने को मिली थी जो मेरे दिल को खुश कर रही थी.
लगभग पंद्रह-बीस मिनट की चुदाई के बाद रीना का बदन फिर से अकड़ने लगा. मेरे लंड पर गीला सा पदार्थ महसूस हुआ और मैं समझ गया कि वह दोबारा से झड़ चुकी है. उसके बाद मैंने अपने धक्कों की स्पीड तेज कर दी और वह चिल्लाने लगी. अब मैं भी जल्दी ही झड़ने वाला था. जब मेरा माल उसकी चूत में गिरने को हो गया तो मैंने लंड को बाहर निकाल लिया और बाहर निकालते ही रीना ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया. वह मेरे लंड को जोर से चूसने लगी. उसकी चूत के रस से भीग कर मेरा लंड बिल्कुल चिकना हो गया था.
कुछ ही देर में मैंने अपने लंड से वीर्य की पिचकारी उसके मुंह में गिरानी शुरू कर दी. वह मेरे सारे वीर्य को बूंद-बूंद करके पी गयी. हम दोनों उसके बाद वहीं बिस्तर पड़े रहे और फिर थकान उतरने के बाद नहाने के लिए बाथरूम में चले गये. नहाते हुए रीना ने मेरा लंड फिर से खड़ा कर दिया और मैंने शॉवर के नीचे ही उसकी चुदाई का दूसरा राउंड शुरू कर दिया.
बाथरूम में उसको चोदने के बाद हम बुरे तरीके से थक गए थे. उसके बाद रीना ने कपड़े पहन लिये और वापस जाने के लिए कहने लगी. अब तक मेरे दोस्तों के आने का टाइम भी हो गया था. मेरा कॉलेज का दोस्त भी वापस आने वाला था और आर्यन भी जल्दी ही वापस आने वाला था. मैंने रीना को बाहर तक छोड़ दिया और अपने रूम पर पहुंच कर उसने मुझे फोन किया कि वह सही सलामत अपने रूम पर पहुंच गई है. मैं जब वापस आया तो तब तक आर्यन भी रूम पर लौट आया था. आर्यन मुझे देख कर स्माइल करने लगा. वह समझ गया था कि मेरा काम हो गया है.
उसके बाद मैं और आर्यन वापस अपने शहर बिलासपुर में आ गए. अगली बार मैं आपको बताऊंगा कि मैंने रीना को बिलासपुर में ही बुला लिया. वहाँ पर बुलाकर मैंने कैसे उसकी चुदाई की वह सब अगली कहानी में आप लोगों को सुनाऊंगा. मगर गुंजन की बेवफाई के बाद रीना की चुदाई करने से मेरा दिल हल्का हो गया.
मेरे दोस्तो, इस कहानी के बारे में आप मुझे जरूर बताना कि आपको यह कहानी पसंद आई या नहीं. मैंने अपना मेल-आईडी नीचे दिया हुआ है. मुझे आपकी प्रतिक्रियाओं का इंतजार रहेगा. धन्यवाद. [email protected]
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