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मेरे प्रिय दोस्तो, मेरा नाम रेनिश है, मैं गुजरात के अहमदाबाद सिटी में रहता हूँ. हिंदी सेक्स कहानी की दुनिया की सबसे बड़ी और पसंद की जाने वाली साईट अन्तर्वासना पर ये मेरी पहली कहानी है. यह सच्ची घटना मेरी और मेरी गर्लफ्रेंड की है. आगे बढ़ने से पहले मैं आपको मेरे बारे में बता दूँ. मैं एक सिंपल सा लड़का हूँ और एकदम फिट हूँ. मेरे लंड का साइज़ 7 इंच है और इसकी मोटाई 3 इंच है.
ये बात करीब 3 साल पहले की है जब मैंने अपनी पहली गर्लफ्रेंड बनाई थी, उसका नाम हिनल था. वो एकदम दुबली पतली और बहुत ही खूबसूरत थी. उसके जिस्म का सबसे बड़ा आकर्षण उसके समोसे से तने हुए मम्मे थे. उसके मम्मों का साइज़ अभी 28 इंच का ही था. उसका रंग एकदम दूध में एक चुटकी सिंदूर मिला दो, ऐसा गोरा था.
मैं और हिनल एक दूसरे से घंटों बात करते रहते थे और लगभग रोज ही मिलते थे. हम दोनों साथ में कभी मूवी देखने जाते, तो कभी गार्डन में बैठ कर अपने प्यार को परवान चढ़ाते रहते. इस तरह हम दोनों कोशिश करते कि हर बार नई नई जगह पर मिलें.
एक दिन की बात है, उसके घर पर कोई नहीं था, तो उसने मुझे कॉल किया और बोला कि आज रात को मेरे घर पर कोई नहीं है, तो हम कहीं बाहर चलें. मैंने भी बोल दिया कि हां हम 8 बजे मिलेंगे और खाना भी बाहर खा लेंगे.
हमने जैसा तय किया था, उस टाइम पर हम दोनों मिले और हमने एक होटल में जाकर खाना खाया. उसके बाद रात के दस बज गए तो मैंने उससे बोला कि हम कोई होटल में चलते हैं, वहां पर बैठ कर बात करेंगे. वो तो मानो पहले से ही राजी थी. मैंने एक होटल को फोन लगाया और उससे रूम खाली होने की स्थिति जानी. बुकिंग की बात पर मेरी गर्ल फ्रेंड बोली उधर ही चल कर बुक कर लेना.
हम दोनों होटल पहुंचे और वहां पर हमने रूम बुक किया. अपने बुक किये हुए कमरे में हम अन्दर जाकर बैठ गए और बात करने लगे. वो मेरे बहुत ही करीब बैठी थी. थोड़ी देर बात करते करते मैंने उसके हाथ को पकड़ लिया और उसके हाथ को सहलाने लगा. उसने इस बात का कोई एतराज़ नहीं किया, तो मुझे लगा कि आज काम बन जाएगा.
मैं बिस्तर पर अधलेटा सा हो गया और वो मेरे बगल में आकर बैठ गई. वो मुझसे बहुत ही ज्यादा चिपक कर बात कर रही थी. तभी मैंने अपना एक हाथ उसके कंधे पर रखा और वहां पर उसकी ब्रा की पट्टी से खेलने लगा. जब उसने कुछ नहीं बोला तो मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने उसके गले पे अपना हाथ फेरना चालू किया.
इस पर वो अपनी आंखें बंद करके मज़ा लेने लगी. वो आंखें बंद करके बहुत ही मासूम सी लग रही थी. मुझे उस पर बहुत प्यार आ रहा था. तो मैंने उसके माथे पे किस कर लिया. उसने भी अपने चेहरे को नीचे कर दिया. मैंने अपने दोनों हाथों से उसके चेहरे को पकड़ा और ऊपर किया. उसने आंखें खोल दी और वो मुझे यूं देखते हुए शरमाने लगी.
मैंने हल्का सा उसको खींचा तो मुझसे लिपट गई. उसके मेरे सीने से चिपकते ही मेरे दिल को जीवन में इतना सुकून मिला और ऐसा लगा मानो यही प्यार की मंजिल है. थोड़ी देर ऐसे ही चिपके रहने के बाद मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरना चालू किया और धीरे धीरे उसकी टी-शर्ट को ऊपर करता गया.
वो एकाएक मुझसे अलग हुई और बाथरूम में चली गई. जब वो वापिस आई, तब मैं भी उठ कर बाथरूम के दरवाजे पर खड़ा हो गया था. उसने बाहर के लिए कदम रखा और वहीं से उसको अपनी गोद में उठाया, वो भी मुझे देख कर बड़े प्यार से लपक कर मुझसे लिपट कर मेरी गोद में चढ़ गई. मैं उसे चूमने लगा और वो भी मेरे चुम्बनों का मजा लेने लगी.
मैंने उसे बेड पर लिटा दिया और मैं उसके बाजू में ही लेट गया. फिर मैं अपना एक हाथ उसके माथे पर से फिराते हुए उसके होंठों पर ले गया और होंठों के आसपास फिराने लगा, इससे वो इतनी उत्तेजित हो गई कि उसने अपने हाथों से मेरे सिर को पकड़ कर अपने पास खींच लिया और किस करने लगी. मुझसे भी कंट्रोल नहीं हुआ और मैं भी उसे किस करने लगा.
थोड़ी देर तक हम एक दूसरे को किस करते रहे. कभी वो मेरे होंठों को चूमती, तो कभी मैं उसके होंठों को! कभी कभी तो वो मेरी जीभ को अपने अन्दर लेकर चूसने लगती, इससे मुझे भी बड़ा मजा आ रहा था.
वो मेरे होंठों को बड़ी मस्ती से चूस रही थी, तो मैं भी देर ना करते हुए अपने एक हाथ को उसके मम्मों के पास ले गया. मैंने पहली बार बिस्तर पर उसके दूध को हौले से दबा दिया, तो उसने मेरे होंठों को काट लिया. बस मैं उसके दूध मसलता रहा और मुझे चूमती और चूसती रही.
फिर मैंने उसको अलग किया और सीधा लेटा दिया. मैं उसके बाजू में करवट लेकर लेट गया. उसकी नजरें मेरी आंखों को ही देख रही थीं. मैं उसके होंठों से हाथ को नीचे ले गया और उसके गले पर फिराने लगा. वो सिहर रही थी.
मैं धीरे धीरे नीचे अपने हाथ को उसके मम्मों पर ले गया और एक चूची को दबाने लगा. उसने अपनी पीठ उठाते हुए मेरे इस एक्शन को सहारा दिया, जैसे वो कह रही हो कि पूरी चूची को मसल दो.
अगले ही पल मैंने उसकी टी-शर्ट निकाल दिया. उसने भी अपनी टी-शर्ट निकलवाने में मेरा साथ दिया. मैंने देखा कि उसने अपनी चुचियों को एक काले रंग की छोटी सी ब्रा से ढका हुआ था. मैंने ब्रा के ऊपर से ही उसके मम्मों को दबाना चालू कर दिया. मैं एक चूची को दबाता और दूसरी चूची को ब्रा के ऊपर से ही किस करने लगता.
वो तो बस अपनी आंखें बंद करके लेटी थी और चूचियों को मिंजवाने का मज़ा ले रही थी. मैं उसके पेट पर किस करने लगा और उसकी नाभि के अन्दर अपनी जीभ डाल कर फिराने लगा. नाभि में मेरी नुकीली जीभ के स्पर्श से वो एकदम से चिहुंक उठी और अपने दोनों हाथ से मेरे सिर को पकड़ लिया. वो मेरे सर को अपनी नाभि पर दबाने लगी. मैं भी उसकी नाभि को चाटने लगा.
जब उसकी पकड़ कुछ ढीली हुई, तो मैंने उसकी पैन्ट का बटन खोल दिया. उसने अपने दोनों हाथ से अपने पैन्ट को पकड़ लिया और नीचे जाने से रोकते हुए मुझे मना करने लगी. मेरे समझाने पर वो मान गई और मैंने उसकी पैन्ट को उतार दिया. अब सिर्फ वो काले रंग की ब्रा और पैंटी में थी.
वो लेटी हुई कंबल को खींच रही थी, शायद उसको मेरे सामने पहली बार नंगी होने में शर्म आ रही थी. मैंने कम्बल को दूर फेंक दिया और उसके पैरों पर किस करते हुए जांघों पर आ गया. मैं अपने होंठों से उसकी नर्म और मुलायम जांघों को सहलाने लगा. आगे बढ़ते हुए जैसे ही मैं उसकी बुर के पास आया, तो मैंने पहले उसकी बुर पर पेंटी के ऊपर से ही हाथ फेरा. उसने मेरे हाथ को पकड़ लिया और सरसराते हुए मुझसे बोली- मुझको तो नंगी कर दिया, तुम अपने कपड़े नहीं उतारोगे? मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए कहा- तुम खुद ही नंगा कर दो ना.
उसने भी देरी ना करते हुए मेरे शर्ट के बटन खोल दिए और मेरी शर्ट को उतार कर मेरे सीने पर किस करने लगी. फिर उसने मुझे खड़ा किया और मेरी पैन्ट को भी उतार दिया. अब मैं भी सिर्फ चड्डी में था. वो खड़ी होकर मुझसे लिपट गई. हम दोनों एक दूसरे को किस करने लगे. मैंने उसके पीछे हाथ डाल कर उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को अलग कर दिया. फिर मैंने उसको अपनी गोद में उठा लिया और उसे लेकर पास पड़े सोफे पर बैठ गया. वो मेरी गोद में मेरे मुँह के सामने मुँह करके बैठी थी.
उसके मम्मे मेरे मुँह के पास थे. मैंने भी उसके एक दूध को चूसना शुरू कर दिया और दूसरी चूची को दबाने लगा. वो भी कामुक हो गई और अपने दोनों हाथों से मेरे सिर को अपने मम्मों पर दबाने लगी. साथ ही मादक आवाजें करने लगी- आह … और जोर से चूसो रेनिश … आज इसका सारा दूध पी जाओ … आआह … प्लीज़ फ़क मी रेनिश … और जोर से!
थोड़ी देर मम्मों को चूसने के बाद मैं उसको बेड पे ले आया और उसकी पैंटी के ऊपर से बुर को सहलाने लगा. पैंटी के ऊपर से ही उसकी बुर पर किस करने लगा और अपनी उंगली डालने लगा.
मैंने कुछ देर में ही उसकी पैंटी को भी उतार दिया और उसकी नंगी बुर पर किस करने लगा.
उसने भी मेरी चड्डी को उतार दिया और लंड को दबाने लगी. मैंने देरी ना करते हुए उसको अपने दोनों पैरों के बीच में ले लिया और उसके होंठों पर लंड टच करने लगा. वो भी समझ गई और उसने झट से लंड को मुँह में अन्दर तक ले लिया और चूसने लगी. वो कभी पूरा लंड अन्दर ले लेती, तो कभी टोपे पर अपनी जीभ फिराती. हम दोनों इस वक्त 69 की पोजीशन में थे, तो इधर नीचे से मैं उसकी बुर के अन्दर अपनी जीभ डाल रहा था, कभी उंगली कर रहा था.
कुछ ही देर में हम दोनों इस कदर उत्तेजित हो गए कि हम दोनों ने पानी छोड़ दिया. मैंने अपना पानी उसके मुँह में डाल दिया, तो वो सारा का सारा पानी पी गई और उसका पानी मैं पी गया. हम दोनों एक दूसरे को हग करके लेट गए.
उसने कुछ ही पलों बाद मेरे लंड को फिर से पकड़ लिया और सहलाने लगी. उसके गर्म हाथों का स्पर्श पाकर मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया. वो चुदासी सी हो गई थी और बोलने लगी- प्लीज रेनिश मुझको चोद डालो … मैं कब से तड़प रही हूँ तुम्हारे लंड के लिए … प्लीज रेनिश फ़क मी!
मुझे भी चुदाई का भूत सवार था, तो मैंने भी देरी न करते हुए उसके दोनों पैरों को फैला दिया और उसकी कमसिन बुर पर लंड सैट करने लगा. मैं उसकी बुर की फांकों में लंड को फिराते हुए उसको गर्म किये जा रहा था और वो हद से ज्यादा चुदासी हो उठी थी.
उसने अपने हाथ से मेरे लंड को पकड़ा और बुर के अन्दर डालने लगी. फिर मैंने भी एक धक्का लगाया और थोड़ा सा लंड अन्दर चला गया. लंड बुर के अन्दर क्या घुसा, उसकी चीख निकल गई उम्म्ह… अहह… हय… याह… मैंने झट से उसके होंठ पे अपने होंठ रख दिए और बिना देरी किए दूसरा धक्का भी लगा दिया. जिससे मेरा आधे से ज्यादा लंड चुत के अन्दर चला गया. वो चिल्लाने को हुई लेकिन होंठ बंद होने से उसकी आवाज घुट गई. उसकी आंखों से आंसू निकल आए.
थोड़ी देर मैं वैसे ही उसके ऊपर पड़ा रहा जब वो कुछ नॉर्मल हुई, तब मैंने एक और धक्का मारा, तो मेरा पूरा लंड अन्दर जा चुका था. उसकी बुर से खून निकल रहा था, वो थोड़ी सी बेहोश सी हो गई थी. मैं उसकी हालत देख कर एकदम से घबरा गया. मैंने पास रखी पानी की बॉटल से उस पर थोड़ा पानी डाला, तो वो होश में आई और रोने लगी.
मुझे भी समझ आ गया कि यह दर्द सील टूटने का है और लंड निकालने का मतलब है कि दुबारा इसकी बुर कभी नहीं मिलेगी. मैं यूं ही उसे चूमता रहा और चूची सहलाता रहा. मेरा लंड उसकी बुर की जड़ तक फंसा हुआ था.
थोड़ी देर बाद जब उसे अच्छा लगा तो उसने नीचे से थोड़ा सा कमर को उठाते हुए धक्का सा लगाया. अब मैंने भी धक्के लगाने शुरू कर दिए. थोड़ी देर ऐसे ही चोदने से उसके पैरों में दर्द होने लगा, तो मैंने उसको घोड़ी बनने को कहा. वो घोड़ी बन गई और मैंने पीछे से उसकी बुर में लंड डाल दिया. एकदम से लंड पेलने के कारण उसकी चीख निकल गई और वो बोलने लगी- थोड़ा धीरे!
जब मेरा लंड उसकी बुर में सैट हो गया तब वो भी गांड को धकेलते हुए धक्के देने लगी. अब वो मस्ती में बोलने लगी- ऊऊहह … उम्म … उह्ह्ह् … और तेज रेनिश … आह्ह्ह्ह्ह … और तेज … आज मेरी बुर का भोसड़ा बना दो … मैं हमेशा तुझसे ही चुदवाऊँगी … प्लीज़ और तेज़ ऊऊह्ह … आआह … घमासान चुदाई चलने लगी थी. मैं भी उसको कुतिया बनाए हुए उसकी समोसे जैसी चूचियों को बैंगन जैसी बनाने में तुला हुआ था. जबरदस्त तरीके से उसकी चुचियों को भीच कर उसकी बुर में धक्के लगाए जा रहा था.
इस दौरान वो दो बार झड़ चुकी थी. थोड़ी देर बाद जब मेरा निकलने वाला था, तब मैंने उससे पूछा- कहां निकालूँ? उसने कहा- आह … अन्दर ही निकाल दो.
मैं उसको सीधा लेटा दिया और पैरों को पकड़ कर बुर में धक्के लगाने लगा. यही कुछ 25-30 धक्कों के साथ ही मेरा रस निकल गया और मैंने उसकी बुर में रस डाल दिया और उसके ऊपर लेट गया.
थोड़ी देर ऐसे ही पड़े रहने के बाद जब मैंने टाइम देखा तो रात के 3 बज गए थे. हम दोनों ही इस चुदाई से इतना अधिक थक चुके थे कि हमें होश ही नहीं रहा कि हम दोनों आपस में नंगे चिपके हुए ही कब सो गए. ऐसे ही लेटे हुए हम दोनों को गहरी नींद आ गई.
जब सुबह उठे तो 9 बज गए थे और बेडशीट को देखा तो वो पूरी खून से गीली हो गई थी. उसके बाद मैंने बाथरूम में जाकर खुद को साफ़ किया और हिनल को उठाया. जब वो उठी तो मैंने उसको गुडमॉर्निंग कहते हुए किस किया. वो जैसे ही फ्रेश होने के लिए खड़ी हुई तो उसको नीचे बुर में बहुत दर्द हो रहा था. वो चल ही नहीं पा रही थी. मैंने उसे गोद में उठाया और बाथरूम तक ले गया. उसको मैंने फ्रेश किया और उसको शावर के नीचे खड़ा कर दिया. हम दोनों नहाने लगे. वहां पर भी मैंने एक बार फिर से उसको चोदा. उसके बाद उसको उसके घर पर छोड़ दिया.
इसके बाद जब भी हम दोनों को मौका मिलता, तब हम सेक्स कर लेते. एक बार मैंने उसके घर जाकर उसकी गांड भी मारी थी, वो सेक्स कहानी भी लिखूंगा, पर पहले आप अपनी राय जरूर देना कि आपको ये कहानी कैसी लगी.
आपको कहानी पसंद आई या नहीं, प्लीज़ मुझे मेल करना. आपका अपना रेनिश. [email protected]
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