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दोस्तो, मेरा नाम यश है, मैं नैनीताल, उत्तराखंड से हूँ व कालेज के फाईनल ईयर में हूँ. मेरी उम्र 21 साल है, हाईट 5′ 9″ है. मेरा रंग सांवला व सेक्सी है, लंड पोरा नपा हुआ 7 इंच लम्बा व 4 इंच गोलाई लिए हुए है. मेरी छाती चौड़ी है व मैं कसरती शरीर का मालिक हूँ. मैं अन्तर्वासना का पिछले 7 साल से फैन हूँ.
मित्रो, यह मेरी पहली चोदन कहानी है, यह घटना 6 महीने पहले की है, जब मेरे पड़ोस की मीतू दीदी ने मुझे अपने लैपटॉप में नई विंडो डालने के लिए बुलाया. मीतू दी की उम्र 28 साल है व उनकी शादी नहीं हुई है. वो अभी पी.एचडी कर रही हैं. दी की हाईट 5’2″ की है, उनका रंग बहुत गोरा है व 34-28-36 का फिगर है, जिसे देख कर किसी का भी लंड सलामी देने लगे. उनके मुम्मे एकदम गोल शेप में है और गांड बाहर को निकली हुई है.
मीतू दी के घर में बस वो और उनके मम्मी पापा रहते हैं. उनका भाई बाहर जॉब करता है. मेरा उनसे हल्का फुल्का मजाक चलता रहता है जिसमें व्यस्क चुटकुले भी शामिल होते हैं, जो हम दोनों अक्सर चैट पर करते रहते हैं.
मैं एक दिन उनके घर गया और उनसे कुछ बातें हुईं, फ़िर मैं अपना काम करने लगा. हम दोनों बैठे थे और कुछ देर बाद मीतू दी पानी लेने गईं तो मैं उनका फोन देखने लगा. दोस्तो, ये मेरा शौक है, मैं लोगों के फोन देखना पसंद करता हूँ. अब तक मेरे मन में मीतू दी के लिए कुछ गलत नहीं था, पर मैंने देखा कि उनके फोन में तो गजब का पोर्न कलेक्शन था. ये देख कर मेरा लंड उसी टाईम खड़ा होने लग गया. फिर मैंने फोन साईड में रखा व अपने तने हुए लंड को ठीक करके बैठ गया.
तभी मीतू दी आईं और हमने कुछ बातें की. मैंने उनसे पोर्न के बारे में कुछ नहीं बोला. कुछ देर संगीत पर उनसे चर्चा की और उनसे कुछ गजलें अपने मोबाइल में लेकर अपने घर आ गया. पर आते वक्त मैंने मन में सोच लिया था कि इनकी चूत का रस जरूर पियूंगा.
शाम को मीतू दी का मैसेज आया- गजल कैसी लगी? मैं- गजल तो अच्छी थी पर… मीतू- पर क्या? मैं- गजल से ज्यादा तो आपके फोन में वीडियो मस्त थीं. मीतू- कौन सी वीडियो? मैं- वही.. जो कलेक्शन था. मीतू- कमीने.. तूने मेरा फोन चैक करा था? मैं- अरे आप मुझसे मांग लेतीं, मेरे पास तो खजाना भरा पड़ा है. मीतू- चुप कर.. तू किसी को बताना मत.. और मुझे कुछ नहीं चाहिये.. ओके!
मैंने जरा खुल कर कहा- देखो जो आपको चाहिये, वो मैं दे सकता हूँ, मैं आपकी प्यास भी बुझा सकता हूँ. मीतू- नहीं मुझे कुछ नहीं चाहिए. यह बोलकर वह ऑफ़लाइन हो गईं. फिर कुछ दिनों तक मेरी उनसे बात नहीं हुई व मुझे अपने अरमानों पर पानी फिरता हुआ दिखा.
फिर एक दिन उनका मैसेज आया कि उनके लैपटॉप में एंटी वायरस डालना है. मीतू- ओय सुन.. मुझे अपने लैपटॉप में एंटी वाइरस डालना है. मैं- ठीक है.. कल आ जाऊँगा. मीतू- वाइरस आ गया है यार.. मैंने सारा डाटा पेन ड्राइव में कॉपी कर दिया है मैं- सारा मतलब कलेक्शन भी? मीतू- नहीं.. मैं ऐसी चीजें लेपी में नहीं रखती.. बस फोन में ही..
फ़िर मुझे लगा कि आज तो दी की आवाज बड़ी सॉफ्ट लग रही है और वो कलेक्शन के नाम पर मुझसे भड़की भी नहीं हैं. इसका मतलब शायद कुछ हो सकता है. ये समझते हुए तो मैंने फिर से ट्राई मारा. मैं- अच्छा आपको उस कलेक्शन में क्या पसंद है? मीतू दी खुल कर कहने लगीं- मुझे सब अच्छा लगता है. मैं- फ़िर भी कुछ तो फेवरिट होगा? मीतू- सब बढ़िया है.. तू बता तुझे कौन सा पसंद आता है. ‘मतलब?’ “अबे मतलब न पूछ, जो पूछना चाह रही हूँ, वो खुल कर बता. लड़की के साथ जब लड़का बिस्तर में होता है, तब उसमें तुझे ज्यादा देखना क्या पसंद है?” दी ने अब भी चुदाई वगैरह जैसे शब्द नहीं बोले थे.
तो मैंने फिर एक बार उंगली की- अच्छा मतलब आप बिस्तर में जब लड़का लड़की सेक्स करते हैं, तब की पूछ रही हैं? ‘अबे भोसड़ी के लंड चूत के खेल में तुझे सबसे ज्यादा क्या पसंद आता है, ले अब बोल, मैंने खुल कर बोल दिया.’ मुझे समझ आ गया कि आज दी की चुत कुलबुला रही है सो मैंने खुल कर कहा- मुझे तो लंड चुसवाने वाला सीन मस्त लगता है. मीतू- छी.. कितना गंदा लगता है वो सब. मैं- मुझे तो लंड चुसवाना पसंद है, आप तो बताओ आपको किस में मजा आता है? मीतू- जब घोड़ी बना के पीछे से चोदता है ना.. मुझे वो पसंद है.
मैं- अच्छा तो आप घोड़ी बन के चुदवाती हो.. हा हा हा … मीतू- चुप रह साले.. अब तू मार खाएगा. मैं- अच्छा बताओ दी.. आपने सेक्स किया है? मैंने सीधा तीर मारा. मीतू- नहीं रे पागल. मैं- ठीक है कल आऊँगा, आपकी उसमें वो डालने के लिये.. हा हा हा … मीतू- हाँ कल डालना आराम से.. ही ही ही … मैं- दी.. आपका साइज़ क्या है? मीतू- कौन सा साइज़.. मैंने कभी खुद को नापा नहीं. मैं- अरे आपकी ब्रा का साइज़ पूछ रहा हूँ. मीतू- अरे वो.. वो तो 34 है. मैं- वाऊव, आपके इतने बड़े चूचे हैं.
दोस्तो, उनके बूब्स काफी बड़े लगते हैं और ऐसा लगता है, जैसे हमेशा उनके टॉप से बाहर आना चाहते हों. दी- हां इतने बड़े हैं. मैंने फ़िर बोला- चलो कल आपके बड़े बड़े बूब्स का नजारा तो देखने को मिलेगा. मीतू- तू उस दिन भी मेरे बूब्स देख रहा था ना? मैं- हां अब हैं ही इतने बड़े, तो नजर तो जाएगी ही न! मीतू- कल नहीं देख पाएगा, क्योंकि मैं नया टॉप लायी हूँ.. उसका गला ऊपर तक बंद है. मैं- मुझे सब दिख जाएगा. मीतू- नहीं दिखेंगे.. लगी शर्त! मैं- हां लग गयी और अगर दिख गए तो? मीतू- तो तू मेरे बूब्स को टच कर सकता है. मैं- ओके शर्त मंजूर … लेकिन थोड़े प्रेस भी करूँगा. मीतू- ओके कर लेना.
फ़िर मैंने उस टाइम मुठ मारी और सो गया. अगले दिन शाम के टाइम मैं मीतू दी के घर गया, क्योंकि शाम के टाइम उनके पापा मार्केट जाते थे और माँ घूमने जाती थीं, तो मुझे मालूम था कि घर पर उस टाइम वो अकेली होंगी. इस समय मैं उनके साथ कुछ भी कर पाऊँगा.
लेकिन जब मैं उनके घर गया तो देखा आंटी जी घर पर ही थीं. मेरे मन में एक ही गुस्से भरी आवाज़ आयी ‘हटट्ट्ट् भोसड़ी काआआ.. साला लंड का नसीब ही गांडू है.’ फ़िर मैं मन मसोस कर मीतू दी के बगल में बैठ कर एंटी वाइरस डालने लगा.
उन्होंने बंद गले की जगह पर एक डीप नेक वाला टॉप पहन रखा था, जिसमें उनके आधे मम्मों का नजारा और बीच की लकीर दिख रही थी. मुझे समझ आ गया कि दी को मजा लेना है. उनके मम्मों को देख कर मेरा लंड खड़ा होने लगा, जिसे मीतू दी ने मेरे लोवर के बाहर से देख लिया. आँख से हल्का इशारा हुआ और मैंने हॉर्न बजाने का इशारा किया तो दी ने हंस कर सर हिला दिया. मैंने आगे हाथ बढ़ा कर दूध दबाने को सोचा तो दी ने पीछे हट कर रुकने का इशारा किया.
मैंने सवालिया नजरों से देखा तो दी ने कहा- तू मैसेज पर बात करना. फ़िर कुछ देर बाद मैं अपना काम करके वापिस अपने घर आ गया. अब रात हुई और मैंने मीतू दी को मैसेज किया- शर्त तो मैं जीत गया बताओ कब आऊं मुम्मे दबाने? मीतू- दम है साले तो अभी आ जा.. मैं ऊपर वाले रूम में हूँ. मैं- सच में आ जाऊँ क्या? मीतू- आ सकता है.. तो आ जा.
उनकी छत और हमारी छत आपस में मिली हुई हैं तो मैं छत के रास्ते उनके रूम में जा सकता था. मैं दबे पैर छत की ओर चल पड़ा और फ़िर मैंने आराम से पहुंच कर उनके रूम का डोर खटखटाया. उन्होंने झट से दरवाजा खोल दिया.
रूम के अन्दर जाते ही मैंने उन्हें दबोच लिया और उनके बड़े से मम्मों को दबाने लगा और मेरा 7 इंच का लंड लोहे की रॉड बनने लगा. उनके बूबे पकड़ते ही मुझे ऐसा लगा जैसे कि मुझे कोई खजाना मिल गया हो. फ़िर मैंने उनका टॉप उतार दिया और देखा उन्होंने ब्रा नहीं पहनी थी. मैं इतने बड़े मुम्मे देख कर पागल हो रहा था. अब मैं उनके 34 इंच के मुलायम मम्मों को चूसने लगा था. मीतू दी भी सीत्कार करने लगीं- आह्ह यश आराम से कर.. आह्ह्ह्ह्ह..
फ़िर वो मेरा लंड पकड़ कर हिलाने लगीं. मैंने भी झट से लंड बाहर निकाल के उनके हाथ में रख दिया. वो लम्बा लंड देख कर घबरा कर बोलीं- बाप रे इतना बड़ा.. ये तो मेरी चूत का भोसड़ा बना देगा. फ़िर मैंने बोला- मीतू दी मुँह में लो ना? तो वो बोलीं- मीतू दी मत बोल … रंडी बोल मुझे रंडी. यह कह कर उन्होंने मेरे लंड के टोपे पर अपने होंठ फिराए. उसी वक्त मैंने उनका एक दूध इतनी जोर से भींचा कि उनकी आह निकल गई और जैसे ही उनका मुँह खुला, मैंने लंड उनके मुँह में पेल दिया.
दी की आवाज बंद हो गई और वे मेरा लंड चूसने लगीं. मैंने अपना लंड उनके गले तक डाल दिया और लंड चुसवाने का मजा लेने लगा. दो मिनट में ही मेरा पारा चढ़ गया और मैं चिल्लाने लगा- आह.. चूस साली रंडी आह्ह्ह्ह आह्ह्ह्ह चुससस.. भेंन की लौड़ी लंड चूस मादरचोदी.. दी भी मेरे टट्टे सहलाते हुए लंड अपने गले तक चूस रही थीं.
कुछ देर बाद मैंने लंड बाहर खींच लिया और उनको पूरा नंगा करके उनको चित्त लिटा दिया और उनकी चूत में अपना लंड रगड़ने लगा. दी बोलीं- धीरे पेलना. जैसे ही मैंने लंड अन्दर डाला वो धीरे से आह्ह्ह करने लगीं, उनकी चूत थोड़ी फटी थी, शायद वो पहले भी चुद चुकी थीं.
फ़िर मैंने लंड पेला और झटके मारने शुरू कर दिए. दो पल बाद ही वो जोर जोर से गालियां दे कर बोलने लगीं- हां चोद मुझे.. आह्ह्ह्ह फाड़ दे मेरी चूत आज बना ले अपनी रंडी.. आह यश फक मी हार्ड ऊह्ह आह्ह्ह.. मैं तेज तेज झटके मारने लगा. कुछ देर बाद दी बोलीं- मुझे कुतिया बना कर चोद.
मैंने लंड बाहर निकाला तो दी झट से घोड़ी बन गईं और मैंने पीछे से लंड पेला और चोदना चालू कर दिया. मन उनकी पीठ पर चढ़ कर उनके नीचे हाथ डाल कर चूचों को मसल मसल कर लंड के झटके दे रहा था. दी को बड़ी राहत सी मिल रही थी और मुझे तो तरन्नुम मिल रही थी. कुछ देर दी को कुतिया बना कर चोदने के बाद मेरा माल निकल गया.
हम दोनों चिपक कर लेटे रहे, वो खुश लग रही थीं, वो बोलीं- पहली बार इतना मजा आया है. मैंने उस रात उन्हें 2 बार और चोदा और उनकी गांड भी मारी और सुबह होने से पहले अपने घर वापिस आ गया.
अब मैं उन्हें चोदते रहता हूँ और शायद उनकी शादी तक उन्हें चोदता रहूँ. दोस्तो आपको यह चोदन कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करके ज़रूर बताएं. [email protected]
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