This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
घमासान चुदाई के कारण मेरा मुंह पूरी तरह खुल गया और अब आ … आ… आह … आह … की लगातार आवाज़ निकल रही थी। तभी उसने अपनी एक बड़ी उंगली मेरी गांड में पेल दी तो मुझे जन्नत मिल गयी और हम बहुत ज़ोर से झड़े। इस पोज़ में घोड़े ने अपना माल मेरी फुद्दी के बहुत अंदर निकाला जिसकी गर्मी पाकर आपकी जट्टी धन्य हो गई।
ढिल्लों ने हांफते हुए मेरी बगल में लेट कर कहा- कमाल की घोड़ी है यार तू … तुझे अपना पूरा ज़ोर लगा कर पेला, मज़ा आ गया। बड़ी करारी फुद्दी है तेरी! और हां तेरी गांड भी मेरी है, लेकिन उसका उद्घाटन अगली बार!
अपनी तारीफ सुन कर मैं बहुत खुश हुई और उससे कहा- देखता जा ढिल्लों, तेरी इस जवान घोड़ी में बहुत ताकत है, बस तू मोर्चे पर डटे रहना, मैं तो हिल हिल के चुदूँगी तेरे से … मेरी फुद्दी में आग है आग, और वो सिर्फ तू ही बुझा सकता है अब जैसे कि इस बार बुझाई, थैंक्यू यार तेरा, बड़ी टिका के मारी है जट्टी की।
एक बार फिर बुरी तरह चुदने के बाद मैं निढाल हो कर बेड पर लेट गई। इतनी रूह से मेरी फुद्दी कभी किसी ने नहीं मारी थी और ऊपर से मुझे विहस्की का भरपूर नशा था। रात के 11 बज चुके थे और अब मेरी आँखों में नींद उतरने लगी थी इसीलिए मैं आँखें बंद करके चादर ऊपर तान कर लेट गई। आंखें बंद की तो कमरा घूम रहा था क्योंकि मैंने पहले कभी इतनी दारू नहीं पी थी।
ढिल्लों अब भी थोड़ी थोड़ी दारू पी रहा था और इसी तरह वो बाथरूम में घुस कर नहा कर आया। तभी उसने मुझे बुलाया- ओये रूपिंदर, नींद आ रही है? चल उठा कर नहा ले, कुछ खाया भी नहीं तुमने, मैं मंगवाता हूँ कुछ खाने के लिए, चल उठ जा। मेरा उठने का न तो मूड था और न ही हिम्मत थी- नहीं ढिल्लों, बस मुझे सोना है, बहुत नींद आ रही है, बड़ी ज़्यादा पिला दी तूने, कमरा घूम रहा है।
ढिल्लों को मेरी हालत का अंदाज़ा था, शाम पांच बजे से वो मुझे लगातार दारू पिला रहा था और 3 बार मुझे हब्शियों की तरह चोद चुका था। उसे पता था कि अब मुझे किस चीज़ की ज़रूरत है, इसीलिए उसने काली अफीम की एक बड़ी गोली बना के मुझे दी और मुझसे कहा- ये खा ले, दारू का नशा, नींद और थकावट सब उतर जाएगा और इसकी जगह जोश आ जाएगा। मैंने उससे गोली ली और पानी के गटक ली।
इसी दौरान उसने चिकन आर्डर किया और अपनी किसी गर्लफ्रैंड से 15-20 मिनट बातें करता रहा। जब मैंने उसे उसकी गर्लफ्रैंड के बारे में पूछा तो उसने बताया- सुंदर तो काफी है, फिगर भी अच्छा है, मगर मैंने बहुत कोशिश की, आधा ही अंदर ले पाती है। एक बार मैं इसे अपने फार्महाउस पे गया था, नशा भी काफी दिया, मगर जब मैंने दो-तीन बार ज़बरदस्ती पेल दिया तो उसने मेरी बाँह पर बुरी तरह काट लिया और नीचे से निकल कर कमरे से बाहर नंगी ही दौड़ गई। मेरे सभी दोस्त बाहर बैठे पार्टी कर रहे थे। उन्होंने उसे कपड़े वगैरा दिए और घर छोड़ कर आये। इसकी वजह से मुझे अपने दोस्तों से बहुत गालियां सुनने को मिलीं। मैंने इसे बहुत पैसे खिलाये हैं, अब ये मुझसे चुदना भी नहीं चाहती और उल्टा प्यार का बहाना बना कर पैसे भी मांगती है। इसके जैसे ही कई औरतें मेरे लौड़े को बर्दाश्त न करके भाग खड़ी हुईं है। मैंने इसका कारण अपने एक डॉक्टर दोस्त से पूछा तो उसने बताया कि आम तौर पर औरतों की योनि की गहराई 7-8 इंच ही होती है जिसके कारण वो 6-7 इंच से ज़्यादा नहीं ले पाती लेकिन बहुत कम औरतों की फुद्दी की गहराई 11-12 इंच से भी ज़्यादा होती है, उन्हें बड़े लौड़ों से ही मज़ा मिलता है, जैसे कि तू। जब तूने मुझे अपनी सारी कहानी बताई थी तो मैं समझ गया था कि तुझे बड़े लौड़े की ज़रूरत है, इसीलिए तू कई मर्द बदल चुकी है। और एक बात सच बताऊं तो मुझे भी तेरे जैसी औरत की ही ज़रूरत थी जिसे मैं अपने पूरे जोश से ठोक सकूँ। वैसे तू अगर कुंवारी होती तो शायद मैं तुझसे शादी भी कर लेता। मगर अब तू काफी आगे निकल चुकी है और शायद सेक्स के मामले में तू मुझसे भी आगे निकल जाए। मुझसे मिल कर तू अब एक बेलगाम घोड़ी बन चुकी है और सारे रिकॉर्ड तोड़ कर ही तू दम लेगी।
मैं ढिल्लों की बातें सुन कर बहुत हैरान हुई और मैंने उसे जवाब दिया- नहीं ढिल्लों मेरी जान, मुझे जो चाहिए था, मिल गया। अब मैं सिर्फ तेरी गुलाम हूँ, मुझे किसी की ज़रूरत नहीं है सच में। ढिल्लों ने बस इतना ही कहा- चलो देखते हैं कि मैं तुझ जैसी घोड़ी की कितनी देर तक सवारी कर सकता हूँ।
20-25 मिनट के बाद अफीम ने अपना असर दिखाया। दारू का नशा उतर और थकावट एकदम काफूर हो गई। मैंने खुद को बहुत तरोताज़ा महसूस किया और अच्छी तरह से गर्म पानी से नहा कर आई। अभी नहाकर बाहर निकली ही थी कि आते ही ढिल्लों फुद्दी में दो उंगलियां डाल कर स्मूच करने लगा। अब मुझमें जोश था, मैंने उसका पूरा साथ दिया और उसमें मगन हो गयी। इसी तरह एक दूसरे में घुसे हुए हम बेड पर गिरे और मैं उसके हर एक अंग को चाटने लगी। इसके बदले में वो भी ऊपर से नीचे तक मेरा अंग अंग चाटने लगा। मेरे दोनों मम्में उसने बड़ी महारत से चाटे और पिए।
तभी वो मेरे मम्मों के बीच में से चाटते चाटते मेरी नाभि से हुए मेरी फुद्दी तक पहुंचा और उसे बुरी तरह चाटते हुए पीने लगा। मैं उसकी इस हरकत से कमान की तरह टेढ़ी हो रही थी। लेकिन अब मैं बिना चुदे झड़ना नहीं चाहती थी, इसलिए मैंने उसे हल्का सा धक्का दिया और एक झटके से उसकी अंडरवियर निकाल कर उसका 10 इंच लंबा लौड़ा रूह से चाटने लगी। जितना मेरे मुँह में जा सकता था मैं ले रही थी।
पता नहीं क्यों … मुझे उसका लंड इतना अच्छा लग रहा था कि जी करता था कि रात भर चूसती ही रहूं। मैं जब सब कुछ भूल कर उसका लौड़ा अलग तरीकों से 15-20 चूमती चाटती रही तो ढिल्लों ने हैरान होकर कहा- बहुत पसंद आ गया लगता मेरा हथियार, छोड़ ही नहीं रही? मुझे ऐसा लगा जैसे मुझे एकदम किसी ने नींद से जगा दिया हो। मुझे अपनी इस हरकत से थोड़ी शर्मिंदगी महसूस हुई और मैं बस मुस्कुरा दी।
उसने मेरी फुद्दी में हाथ लगा कर चेक किया और बोला- तैयार है तू, आ जा फिर।
यह कहकर उसने दो तकिए मेरी गांड के नीचे रखे और फुद्दी ऊपर को बुलंद करके अपने लौड़े को 8-10 बार ऊपर से नीचे तक फुद्दी और गांड पर रगड़ा। तभी उसने मेरी टाँगें अपनी बाहों में लीं और मेरी तह लगा कर एक झटका मारा और आधा लौड़ा यानि 5-6 इंच फुद्दी के अंदर उतार दिया। मुझे बेहद तसल्ली का अहसास हुआ और मेरी मुंह से निकला- हाय ओए एएए…
इसके बाद उसने 10-15 घस्से इसी तरह मारे मगर पूरा अंदर नहीं डाला; मैंने खीझ कर ढिल्लों से कहा- पूरा डाल अंदर ढिल्लों, आधे से काम नहीं चलता अब। ढिल्लों बोला- मैं यही सुनना चाहता था! और हंस पड़ा।
इसके बाद उसने बुरी तरह से अपना पूरा जोर लगा कर 8-10 ऐसे तूफानी घस्से मारे कि मेरे वजूद का कच्चा मकान ढह ढेरी होकर बिखर गया। जब वो तेज़ी से लौड़ा जड़ अंदर पेलता तो मेरी फुद्दी भी 2-3 इंच अंदर को लौड़े के साथ ही भिंच जाती थी और जब उसी स्पीड से लौड़ा बाहर निकालता तो फुद्दी भी कुछ इंच तक साथ ही बाहर निकल आती थी। मुझे यह पता था कि अगर ढिल्लों इसी तरह 10-12 दिन तक मुझे चोद दे तो फुद्दी की बुनियाद ढह-ढेरी कर देगा और मांस को बाहर लटका देगा।
खैर इसी तरह जब उसने और 5-10 मिनट मुझे ठोका तो मैं धन्य हो गयी और एक अजीब सी बेसबरी और जोश में आकर मैंने पूरे ज़ोर से होठों में होंठ और फुद्दी में लौड़ा लिए हुए ही एक पटखनी लगा कर उसके ऊपर आ गयी। ढिल्लों ने थोड़ा हैरान होकर कहा- बल्ले नी घोड़ीए, दिखा दे फिर अपनी ताकत, थक गई तो बता देना।
अब आलम यह था कि मैं उसके ऊपर थी, उसका लौड़ा मेरी फुद्दी में जड़ तक घुसा हुआ था, मेरा मुंह उसके मुंह में और मेरे बड़े बड़े मम्में उसकी छाती पर लगे हुए थे। शायद यह अफीम का नशा था कि 3 बार कसाइयों की तरह चुदने के बाद भी मुझमें इतना जोश था।
खैर अब मैं 10-12 उसे स्मूच करते करते हल्के हल्के घस्से मारती रही। तभी मुझे लगने लगा कि मैं झड़ने वाली हूँ तो मैंने घस्से तेज़ कर दिए। चूंकि स्मूच करते करते मैं ज़्यादा तेज़ घस्से नहीं मार सकती थी इसीलिए मैंने उसके होठों से होंठ अलग किए और अपने हाथ उसकी छाती पर रख कर पूरे ज़ोरों से अपनी फुद्दी को उसके लौड़े पर मारने लगी।
जब मैं उसका पूरा 10 इंच का लौड़ा टोपे तक बाहर निकाल कर फिर फुद्दी के अंदर ठोकती तो मेरे मुंह से निकलता ‘हाय…’ और इसी तरह मैं 10-15 मिनट में मैं काफी लंबे और ज़बरदस्त घस्से मारती चली गई। अजीब बात है कि मुझे ऐसा लग रहा था कि मैं अभी झड़ी, अभी झड़ी, लेकिन मैं झड़ नहीं पा रही थी, शायद ये अफीम का नशा था। लेकिन आनंद की सभी सीमाएं टूट चुकी थी। अब मैं थकने लगी थी, मैं चाहती तो ढिल्लों को ऊपर आने के लिए बोल सकती थी लेकिन अबकी बार मैं ड्राइवर सीट पर झड़ना चाहती थी। इसीलिए मैंने अपनी पूरी ताकत इकठ्ठी की और उसके लौड़े पर ज़ोर ज़ोर से उछलने लगी। बेड का बेहद महँगा गद्दा भी पूरी शिद्दत से मेरा साथ देने लगा और जब मैं उछल कर नीचे आ रही होती तो ढिल्लों का लौड़ा उसी गति से ऊपर जाता और जब फुद्दी और लौड़े का पूरी बेरहमी से मिलन होता तो ‘फड़ाच… फड़ाच… फड़ाच…’ की आवाज़ आती।
अपनी मर्ज़ी से उसका हलब्बी लौड़ा धुन्नी तक इस अंदाज़ से अंदर लेने में मुझे ढिल्लों पर एक बड़ी जीत लग रही थी। अब मुझे एहसास हो गया था कि अब मैं ढिल्लों को बराबर की होकर मिल सकती हूँ और जब इतने तगड़े जवान को कोई मेरे जैसे बराबर की औरत मिलती तो जो सेक्स होता है, वो बहुत शक्तिशाली और बुलंद होता है। हमारे बीच अब यही हो रहा था।
जब मैं इस तरह से रबड़ की गेंद की तरह उसके ऊपर उछलने लगी तो ढिल्लों हैरान होकर बोला- बड़ी खतरनाक औरत हो, सोंह रब्ब दी, ढिल्लों के लौड़े के ऊपर इस तरह कोई नहीं उछली थी, तेरे जितनी आग नहीं देखी किसी में, क्या खाती हो? मैं कुछ नहीं बोली और वहशियों की तरह पागल होकर कर उसके लौड़े पर उछलती रही। मेरे इस प्रचंड रूप के सामने ढिल्लों जैसे पहलवान भी समय से पहले हार मान गया और फुद्दी के अंदर ही झड़ने लगा और उसके मुंह से निकला- जान ले ली जट्टीये, कमाल की औरत हो, हाय, हाय, हाय।
जब उसका ढेर सारा वीरज मेरे अंदर निकला तो मुझे फुद्दी के बहुत अंदर तक गर्मी महसूस हुई जो मुझे बहुत शानदार लगी और मैं भी उसके बाद 8-10 प्रचंड घस्से मार कर झड़ने लगी.
दोस्तो, मेरे मुंह से बहुत चीखों के रूप में यह ये आवाज़ निकली थी- हाय… हाय ढिल्लों मर गई गई … हाय मां … ढिल्लों! इस तरह बहुत खतरनाक तरीके से हांफते-हांफते मैं ढिल्लों से ऊपर गिर पड़ी। न तो मुझमें कुछ बोलने की हिम्मत थी न ही हिलने तक की। मैंने अपनी सारी कसरें खुद इस तरह चुदाई करके निकाल की थीं। 10-12 सालों से ये डींगें मारने वाली रूपिंदर की जिसकी कोई तसल्ली नहीं करा सकता था, आज एक जट्ट के ऊपर ऊपर पूरी टाँगें खोल कर लेटी हुई थी और जिसमें अब इतनी हिम्मत भी नहीं थी कि पलटी मार कर उसकी बगल में लेट जाए।
3-4 बार इतने ज़ोर-शोर से ठुकने के बाद मेरा हाल बहुत बिगड़ चुका था। दोस्तो, मैं वो बन-ठन कर आई रूपिंदर नहीं रही थी। मेरे बाल ऐसे बिखर गए थे, जैसे पिछले 1-2 महीनों से कंघी न की गयी हो, आंखों के नीचे काले घेरे बन गए थे, मुंह हल्का सा खुल गया था।
दोस्तो आपकी रूपिंदर का बाजा अच्छी तरह बजाया जा चुका था। फुद्दी का हाल तो आपको पता ही होगा। फिर भी बता देती हूं कि मेरी कुदरती तौर पर हल्की सी फूली हुई सफेद फुद्दी का मुंह अब पूरी तरह खुल चुका था और उसे बंद होने के लिए 1-2 हफ्तों की ज़रूरत थी। फुद्दी फट तो गई थी लेकिन मैं पहले ही काफी चुदी होने के कारण ज़्यादा हल्का सा ही निशान था। इसके अलावा अंदर जाने वाला रास्ता अब और खुल गया था। ढिल्लों के हलब्बी लौड़े ने फुद्दी का दाना थोड़ा बाहर को सरका दिया था।
जब मैं कुछ देर बाद उठ कर बाथरूम में गई तो मेरी चाल में एकदम बहुत फर्क आ गया था, यानि कि बहुत मतवाली हो गई थी। बहुत ज़्यादा चुदने वाली औरतों की चाल में ये चीज़ अक्सर देखी जा सकती है।
खैर तभी ढिल्लों का आर्डर किया हुआ चिकन आया और हम हल्की हल्की दारू पीते हुए खाने लगे और एक दूसरे से बातें करते लगे।
कहानी जारी रहेगी आपकी घोड़ी रूपिंदर कौर [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000