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हैलो फ्रेंडज़, मैं अभिमन्यु अपनी सेक्स स्टोरी ले कर आया हूँ, जिसमें मैंने एक लड़की के साथ ना चाहते हुए सेक्स किया. यदि ना करता तो सच में बहुत पछताता भी, सो जब उसके साथ सेक्स किया तो मज़ा भी बहुत आया.
कहानी शुरू करूँ, उससे पहले मैं आपको अपने बारे में कुछ बता दूँ. मेरी हाइट 5 फीट 5 इंच है. मेरा लिंग 6 इंच लम्बा और 2.5 इंच मोटा है. जिस लड़की के साथ सेक्स हुआ, उसका फिगर नॉर्मल ही था. बस यूं समझ लीजिए कि उसका फिगर 28-28-30 का था, जो नॉर्मल ही होता है. आप इस फिगर से उस लड़की के बारे में जान ही गए होंगे कि वो बहुत स्लिम थी. वो गोरी तो थी, लेकिन मुझे पसंद नहीं थी. उसके चेहरे में वो बात नहीं थी कि मेरा मन हो कि मैं उसको चोदूँ. लेकिन जब सेक्स का भूत चढ़ जाए ना.. तो आप जानते ही हैं कि सामने तब कोई भी हो, काली गोरी, बूढ़ी या जवान.. आदमी खुद को रोक ही नहीं पाता है. बस वही मेरे साथ हुआ और उसको चोद बैठा.
यह बात तब की है, जब मैं यूपी में ही अपने चाचा के घर पर था गाँव में… मैं अपने रूम में सोया हुआ था. कुछ देर बाद उठा तो घर वाले नम्बर पर एक कॉल आई. मैंने वो कॉल नहीं उठाई और रिसीवर चाची को दे दिया. मैं नहाने चला गया.
जब नहा कर आया तो चाची बोलीं- तैयार हो जाओ और शहर के स्टेशन पर चले जाओ, मेरी सहेली की लड़की सिमरन आई है. उसके एग्जाम हैं, वो 20 दिन तक यहीं रह कर अपने एग्जाम देगी. अभी वो स्टेशन पर पहुंच गई है. मैंने कहा- चाची मैं उसको पहचानूंगा कैसे? चाची बोली- उसने ग्रीन टॉप और ब्लू जीन्स डाली हुई है.
मैं घर से निकल गया और बहुत खुश था कि कोई लड़की हमारे घर आ रही है, वो भी 20 दिन तक रहेगी. मैं इतना खुश था कि उसको इमेजिन करने लगा. वो मस्त तो होगी ही, उसके बड़े बड़े बूब्स भी होंगे.. उसको कुछ ही दिन में पटा लूँगा और उसके साथ भी सेक्स करूँगा.
ये सब सोचते हुए मैं स्टेशन आ गया और उसको ढूँढने लगा. एक लड़की ग्रीन टॉप और ब्लू जीन्स में दिखाई दी, वो सिमरन ही थी. उसको देख कर मेरे सारे सपने टूट गए. क्योंकि उसके चेहरे में वो बात नहीं थी, वो गोरी तो थी लेकिन ठीक ठाक ही थी, उसके बूब्स भी छोटे छोटे थे.. नींबू जैसे.
मैं उदास हो गया और उदास होकर ही उसको बुझे मन से आवाज दे कर बुलाया. वो हंसते हुए मेरे करीब आई और हम दोनों ने हैलो हाय की. फिर हम दोनों बाहर आ गए, वो मेरी बाइक पर बैठ गई. हम दोनों घर आ गए. उसका नाम सिमरन था और निक नेम सिमी था.
घर आने के बाद मैं रूम में गया और वो फ्रेश होने मतलब नहाने चली गई. हमारा घर चूंकि गाँव में है और आप सब जानते ही हैं कि गाँव में कोई पर्मानेंट बाथरूम नहीं होता है. तो हमारे घर में पीछे एक बड़ा सा आँगन है, जहां नल लगा हुआ है. वहीं सब काम होता है. नहाना, धोना, कपड़ा धोना सब कुछ.. और सब काम वहां होने की वजह से ही वहां दरवाजा भी नहीं है.
उसका नहाना हो रहा था और मैं रूम से बाहर निकल कर मुँह धोने के लिए पीछे के आंगन के नल पर चला गया. जैसे ही मैं उधर गया, मेरे होश उड़ गए. उसकी पीठ मेरी तरफ थी. वो पूरी नंगी थी. ट्यूबलाईट की रोशनी में उसका बदन दूध जैसा चमक रहा था. मैं एकदम शॉक हो गया.
तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ी और उसने खुद को तौलिए से ढक लिया.
मैं आँगन से बाहर आ गया. वो नहा कर आई तो मैं भी कमरे से बाहर निकला. मैंने उससे सॉरी बोला और कहा कि मुझे नहीं पता था कि आप नहा रही हो. वो बोली- कोई बात नहीं.. हो जाता है.. इट्स ओके.
अब उसका वो बदन मेरी आंखों के सामने घूम रहा था. अब मेरा मन उसको चोदने को कर रहा था. मैंने सोच लिया था कि अब इसको चोद कर ही रहूँगा.
कुछ देर बाद हम दोनों ने खाना खाया. फिर रात हुई सो हम दोनों सो गए. मैं उसके बारे में सोचता रहा और कब सो गया, पता ही नहीं लगा.
अगली सुबह ही उसका पहला एग्जाम था. मैं घर पर खाली बैठा रहता था और घर में बस चाचा, चाची एक बहन थे, बाकी सब लोग दिल्ली में थे. मैं यहां कुछ दिन रहने आया था. तो चाचा के कहने पर मैं उसको बाइक से ले कर एग्जाम दिलवाने निकल गया. एग्जाम सेंटर शहर में घर से दस किलोमीटर दूर था और बीच में कहीं कहीं रास्ता सही नहीं था.. मतलब बहुत स्पीड ब्रेकर थे. सो मैंने तुरंत मस्ती करने का दिमाग चलाया. वो शहर की लड़की थी, सो जैसे लड़के बाइक पर बैठते हैं, वो वैसे ही बैठ गई थी.
मैंने सुबह ही बाइक धोई थी और प्लान के मुताबिक बाइक की सीट पर बाइक शाइनर लगाया था, जिससे जो भी बैठा हो, वो जरा से ब्रेक या धचके में आगे की तरफ फिसल जाता है. वही हुआ, मैंने स्पीड ब्रेकर पर ज़ोर से ब्रेक मारी और वो मुझसे चिपक गई.
वो मुस्कराई और बोली- धीरे जी. मैंने सॉरी कहा, वो बोली- इट्स ओके.
वो और पीछे को हो गई. फिर आगे गए तो 2 और 3 बार ऐसा ही हुआ, वो भी मेरी हरकत को कुछ कुछ समझ ही गई. वो हर बार ऐसी स्थिति आती तो हंस रही थी.
फिर हम दोनों एग्जाम सेंटर आ गए. वो एग्जाम देने अन्दर चली गई, मैं बाहर था.
एग्जाम का समय पूरा हुआ तो वो बाहर आई और हम दोनों घर को निकल आए.
इस बार वो खुद मुझसे चिपक कर बैठी थी. ब्रेक लगाने से उसके चूचे मेरी पीठ से दब रहे थे. वो मुझसे और ज्यादा चिपक कर बैठ गई. मैं भी अपनी पीठ को जानबूझ के ऊपर नीचे करने लगा. इससे उसके मम्मे रगड़ने लगे, मैं समझ रहा था कि मैं ही हरामी हूँ. लेकिन वो भी चालू थी, वो जब भी कुछ पूछती तो अपना मुँह सामने तक ले आती और अपने मम्मों को मेरी पीठ पर दबा देती. इससे मुझको भी मज़ा आ रहा था.
फिर हम घर आ गए.. अब उसका एग्जाम 2 दिन बाद था और मुझको अगले दिन शाम को एक फ्रेंड की शादी में जाना था. सो मैं सुबह तो मैच खेलने चला गया. मेरा मोबाइल घर पर ही रह गया था. फिर दो घंटा बाद जब मैं आया तो आते ही नहाया और तैयार होकर घर से निकलने लगा.
मैंने उस टाइम एक लाइट ब्राउन पैंट ब्लैक शर्ट, ब्लैक शू पहने थे. चाची बोलीं- अरे वाह बेटा, बहुत हैंडसम लग रहे हो. वो भी चाची की बात सुनकर मज़ाक में बोली- हां आंटी, आज तो ये हॉट लग रहा है.. कहीं किसी को जला ना दे.
चाची हंसती हुई अन्दर रसोई में चली गईं. मैं सिम्मी के पास गया और बोला- थैंक्स.. बच के रहना.. कहीं तुम ना जल जाना. वो मुस्करा दी.
मैं घर से निकल गया. कुछ समय बाद शादी में पहुंचा और खाना खा कर दोस्त के रूम में उसके बेड पर लेटा हुआ था. तभी एक कॉल आया.. कोई लड़की थी. मैंने कहा- कौन? वो बोली- पहचान कौन? मैं बोला- जो भी हो.. नाम बताओ मैं नहीं जानता कि तुम कौन हो, नाम बताओ आप. वो लड़की बोली- मैं सिमरन हूँ जी.
मैंने कहा- हां बोलो.. क्या बात है इतनी रात को कॉल क्यों किया है.. सब ठीक है ना.. और मेरा नम्बर कहां से मिला? वो बोली कि जब तुम मैच खेलने गए थे, तब ले लिया था. मैं बोला- अच्छा लेकिन ये ऐसे किसी का नम्बर लेना ग़लत है. वो बोली- तुम भी तो ग़लत करते हो. मैंने कहा कि मैंने क्या किया? वो बोली- बाइक पर जो बार बार ब्रेक मारते हो.. मैं सब समझती हूँ कि तुम ऐसा क्यों कर रहे थे? उसकी बात पर मैं हंसने लगा. वो भी खिलखिलाने लगी.
वो बोली- अभी.. आई लव यू. मैं उसके मुँह से ये सुनकर शॉक हो गया और बोला- क्या सही में तुम मुझको लव करती हो? वो बोली- यस.. और अब जल्दी घर आओ.. मेरा मन नहीं लग रहा है, मैं सोने जा रही हूँ.. यही बोलना था, गुड नाइट. मैंने कहा- लव यू टू.. मैं कल सुबह आ रहा हूँ.. गुड नाइट.
उसकी दिल खुश कर देने वाली बातों से मुझे अजीब सी गुदगुदी सी हो रही थी. कुछ देर बाद मैं सो गया.
सुबह होते में वहां से निकल गया. मैं बहुत खुश था. मैं घर गया तो देखा कि वो भी बहुत खुश थी. मैं रूम में गया वो भी आ गई और उसने मुझको हग कर लिया. मैंने भी उसको हग किया और किस की.
मैंने उसको कहा- अब जाओ.. अभी सब हैं.. कल एग्जाम के बाद साथ में सोया जाएगा.
वो मान गई और सारा दिन जब टाइम मिला, उसने किस किया, मैंने भी उसको हग किया.
अगले दिन एग्जाम दे कर वो और मैं घर आए तो मालूम हुआ कि चाचा किसी की शादी में गए थे और चाची और बहन बगल के घर में शादी थी, वहां जा रही थीं चाची बोलीं- हम दोनों शादी में जा रहे हैं.. अब पड़ोस का मामला है तो हम दोनों को उधर ही रुकना पड़ेगा. हम सुबह आएंगे.
चाची चल दीं, बहन भी उनके साथ चली गई. चाची जाते वक्त सिमरन से बोलीं- कल तुम्हारा एग्जाम है, सो टाइम से ख़ाना खा कर सो जाना. इतना कह कर वो चली गईं.
उनके जाते मैंने गेट बंद किया, रूम के पर्दे गिरा दिए. सब जगह चैक किया और एक दूसरे से लिपट गए. हमने खूब किस किए. फिर हम दोनों ने खाना खाया और मैंने उससे कहा- मैं सोने जा रहा हूँ. वो बोली- मैं भी साथ सोऊंगी. मैंने कहा- ओके आओ.. लेकिन मेरे साथ सो नहीं पाओगी. वो बोली- सोना कौन चाहता है.
उसने हंस कर आंख मार दी.
हम दोनों रूम में आ गए, वो मुझसे लिपट गई और किस करने लगी. मैंने भी उसको खूब किस किया और मम्मों को दबाता रहा था. उसके चूचे अभी छोटे थे लेकिन मज़ा आ रहा था. करीब 20 मिनट तक किस और मम्मों को दबाने के बाद वो काफी गरम हो गई. उसके चूचे टाइट और थोड़े बड़े हो गए.
मैंने उसकी टी-शर्ट निकाली और पजामा भी खींच दिया. फिर ब्रा और पेंटी भी उतार दी. वो क्या मस्त परी लग रही थी, गोरी गोरी दूध जैसी.. उसके चूचे ब्रा से बाहर आ कर और भी बड़े लग रहे थे. मैंने एक बूब को मुँह में लिया और खूब चूसा. उसकी चुत पर कोई बाल नहीं थी. एकदम गोरी चुत थी. फिर 5 मिनट बूब चूसने के बाद उसने मुझको भी नंगा किया और मेरा लंड पकड़ लिया.
वो लंड सहलाते हुए बोली- बहुत मस्त है ये. मैंने कहा- मस्त है तो मुँह में ले लो. उसको जैसे इसी बात का इन्तजार था. उसने अगले ही पल लंड को अपने मुँह में डाला और चूसने लगी.
दस मिनट लंड चुसाने के बाद मैंने उसको बेड पर लिटा दिया और उसकी टाँगें खोल कर उसकी चुत को फैला दिया. फिर अपनी जीभ अन्दर पेल दी. वो तड़प उठी और मेरे सर को चुत में ज़ोर से दबाने लगी. कुछ मिनट तक मैंने उसकी चुत को बहुत चूसा. वो तभी अकड़ गई और उसका पानी निकलने लगा. मैं उसका नमकीन अमृत पी गया.
उसने फिर लंड को मुँह में ले के 5 मिनट चूसा और बोली- अब ना सताओ और डाल दो मेरी चुत में इसको. मैंने उसकी टाँगें खोलीं और टांगों को अपने कंधे पर रख के बिना तेल लगाए.. बस थोड़ा थूक लगा कर लंड सैट कर दिया. बाकी उसकी चुत तो गीली थी ही. मैंने ज़ोर का झटका मारा, उसकी चुत में मेरा लंड एक इंच घुस गया. वो चिल्ला उठी, जिसकी मैंने परवाह ना की. फिर मैंने एक धक्का और मारा. अब मेरा लंड 4 इंच अन्दर चला गया.
वो दर्द से चिल्लाने और रोने लगी.. बोली- जल्दी से निकालो बाहर.. बहुत दर्द हो रहा है. मैंने कहा- ओके निकलता हूँ.
मैंने धीरे धीरे लंड बाहर निकालने का नाटक किया और जैसे ही लंड 3 इंच बाहर आया, मैंने एक और धक्का मार कर पूरा लंड उसकी चुत में पेल दिया.
वो इस बार बेहोश सी हो गई. मैंने उसको किस किया और पास रखे पानी के ग्लास से मुँह पर पानी डाला.
उसको होश आया तो वो रोने लगी और बोली- तुम तो बहुत जालिम हो जी. मैंने कहा- बिना दर्द के लंड अन्दर जाता ही नहीं.
फिर मैंने धीरे धीरे धक्का लगाने शुरू किए. उसकी चुत से खून निकल रहा था मैंने परवाह नहीं की. उसकी चूत कुंवारी थी. उसको अभी भी दर्द हो रहा था तो मैं अब धीरे धीरे उसको चोद रहा था. अब उसको भी मज़ा आने लगा और बोली- थोड़ा ज़ोर से चोदो.
मैंने इतना सुनते ही स्पीड बढ़ा दी और उसको ज़ोर ज़ोर से चोदने लगा. धकापेल चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. वो भी अब तक दो बार झड़ चुकी थी. फिर मैंने उसकी चुत को साफ किया. उसे खुले में ले जाकर नहलाया और फिर से हम दोनों बेड पर आ गए. मैंने उसको दवा दी ताकि उसे दर्द ना हो.
उस रात उसको मैंने दो बार चोदा. अगले दिन उसका एग्जाम था तो ज़्यादा कुछ नहीं किया. उसके बाद वो 20 दिन के बजाए एक महीने तक रही और मुझसे लगभग रोज ही दो-तीन बार चुदती रही. जब तक वो रही रोज़ उसको चोद चोद कर उसकी चुत का भोसड़ा बना दिया था.
इस बीच मैंने उसकी गांड भी मारी, वो कैसे मारी.. ये अगली सेक्स स्टोरी में बताऊंगा.
तो दोस्तो मेरी ये हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, ज़रूर बताना. मेरी मेल आईडी है. [email protected]
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