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अन्तर्वासना के प्रिय पाठकों को आपके अपने आशिक राहुल की तरफ से बहुत सारा प्यार! एक लम्बे अरसे के बाद आज फिर से आप सभी के सामने प्रस्तुत हूँ अपनी नई सच्ची, रोमांटिक और उत्तेजक कहानी के साथ। तो बढ़ते हैं अपनी कहानी की ओर…
जैसा कि आप सभी जानते है दोस्तो, मैं दिल्ली में गेस्ट टीचर के तौर पर कार्य कर रहा था लेकिन मई में हमें रिलीव कर दिया गया जिसकी वजह से मैं अपने घर हरियाणा में वापिस आ गया। मेरी पिछली कहानियों में आपने पढ़ा था कि कैसे मैंने मेरी मामी के साथ चुदाई की थी पर मामी की लड़की के साथ मेरी चुदाई की हसरत अभी बाकी रह गयी थी। यह कहानी मेरे और मेरी मामी की लड़की के बीच हुए सेक्स की उत्तेजक कथा है।
जैसे ही मैं दिल्ली से वापिस आया तो मेरा मन अब घर पर नहीं लग रहा था इसलिए मैंने मामा के घर जाने का फैसला किया। मुझे वहां देखते ही सभी बहुत खुश थे। मामी खुश थी क्यूंकि उनकी भी प्यासी चूत को अब लंड मिलने की आस हो गयी थी। मैं खुश इसलिए भी ज्यादा था क्यूंकि मैं पूरा इरादा बनाकर आया था कि इस बार मामी के साथ साथ मुझे अपनी जवान होती बहन की उफनती जवानी को चखना है।
मेरी बहन के बारे में आपको थोड़ा बतला देता हूँ। उसका नाम हम कोमल रख लेते हैं क्योंकि उसका असली नाम मैं बताना नहीं चाहूँगा. कोमल एकदम अपने नाम की तरह ही कोमल बदन की मालकिन है, हाइट यही कोई 5 फुट 4 इंच, फिगर ऐसा कि सोये हुए लंड में आग लगा दे। उसके 30 इंच के दूधिया बूब्स, 28 की पतली लचकती कमर और 32 की प्यारी गोल मटकती हुई गांड जो दिल को मोह ले। उसके गुलाबी होंठ ऐसे जिन्हें देखकर दिल करे कि उम्र बीत जाये पर हर लम्हा इसके लबों का अमृत पान करता रहूँ।
तो दोस्तो, इस बार मैं कई दिन का प्लान बनाकर गया था वहां रुकने का। पहला दिन ऐसे ही बीत गया सबसे बातें करने में और पुराने किस्से सुनने सुनाने में, हंसी मजाक छेड़खानियों में।
अगले दिन मामी की दोनों बेटी अपनी किसी सहेली के साथ मार्किट गयी थी तो पीछे से मामी और मुझे मौका मिला कई महीनों की अपने तन की प्यास बुझाने का… तो हमने पूरे मन से चुदाई करके एक दूसरे के अरमानों को पूरा किया। लेकिन यह कहानी मैं मेरे और मेरी मामी की बेटी के बारे में लिख रहा हूँ इसलिए उसी ओर बढ़ता हूँ दोस्तो!
शाम को कोमल मुझे अपने साथ स्कूटी पर बैठकर मार्किट घुमाने ले गयी। मैं स्कूटी चला रहा था और वो पीछे बैठी हुई थी। उसने एक बार मुझे मामी के साथ सेक्स करते हुए शायद देख लिया था जैसा पिछली कहानी में मैंने बताया था आपको। और फिर मैंने कैसे गलती से उसके बूब्स को भी छू लिया था रात के अँधेरे में।
तो इन सब बातों का असर यह था दोस्तो, कि वो आज मुझसे कुछ चिपक कर बैठी हुई थी। और कहते हैं ना जब आप किसी चूत को दिल से चोदना चाहो तो सारी कायनात उसे आपके लंड से चुदवाने में लग जाती है।
उस दिन अचानक बारिश होने लगी काफी तेज… और हम घर से काफी दूर आये हुए थे मार्किट में तो दोनों पूरी तरह से भीग चुके थे। उसने पीले रंग का एक पतला सा टॉप पहना हुआ था जो बारिश में भीगने की वजह से पूरी तरह से गीला होकर उसके बदन से एकदम चिपक चुका था। अब उसके मनमोहक चूचे अपने आकार में बाहर आ चुके थे जिन्हें वो मेरी पीठ में अच्छे से दबा रही थी। उसके बूब्स के निप्पल एकदम कड़क हो चुके थे जिनका एहसास मुझे मेरी पीठ पर हो रहा था।
उसने एक हाथ मेरे पेट पर रखा हुआ था। ब्रेक के हर झटके के साथ उसके बूब्स और जोर से वो मेरी पीठ में दबा देती थी। इन सब हरकतों से मेरे लंडराज भी अपने आकार में आने लगे थे। एक बार झटके के उसका हाथ छिटककर मेरे लंड पर आ गया था। मुझे पूरा यकीन होने लगा था कि इस बार मुझे अपनी प्यारी सेक्सी बहन की चूत चाटने और चोदने का मौका ज़रूर मिलेगा।
जैसे ही हम घर पहुंचे तो मैंने उसे ऊपर से नीचे तक घूर के देखा तो उसने मुझे एक कातिल स्माइल दी और अन्दर जाने लगी।
मामी ने हम दोनों को कपड़े बदलने को बोला तो हम दोनों ऊपर वाले रूम की तरफ की गये। उसने बोला- भैया पहले मैं चेंज करके आऊँगी, फिर आप करना।
जब मैं कपड़े बदलने गया तो मैंने देखा उसकी गीली ब्रा और पैंटी वहीं पड़ी थी, उसने अपनी पैंटी को जानबूझकर ऊपर रखा हुआ था। मैंने उसकी पैंटी को पहले अच्छे से सूँघा और फिर अपने लंड से उसमें मुठ मारकर अपने रस उसी में डाल दिया।
फिर जब वो अपने कपड़े सुखाकर आई तो मेरी तरफ घूर के देख रही थी और फिर स्माइल करने लगी। मुझे भी पूरा यकीन था कि अब ये मुझसे चुदने को पूरी तरह से तैयार है तो मैं आज रात का मौका किसी भी हाल में नहीं छोड़ने वाला था।
मैं पहले से ही नींद की कुछ गोलियां अपने साथ लेकर आया हुआ जो रात में मैंने बड़ी चालाकी से मामी और दूसरी बहन के दूध में मिला दी थी। अब सिर्फ आज रात हम दोनों ही जागने वाले थे या यूँ कहूँ कि हम भाई बहन की सुहागरात में दखल देने वाला कोई नहीं था।
रात में हम सब एक कमरे ही सोये हुए थे। हमने बिस्तर नीचे ही लगा लिए थे, सबसे उधर मामी फिर उनकी छोटी लड़की फिर बड़ी लड़की (कोमल) और फिर मैं।
जल्दी ही नींद की गोली ने अपना असर दिखाया और वो दोनों बातें करती करती एकदम सो गयी। अब सिर्फ कोमल और मैं ही जाग रहे थे। वो बहुत धीरे धीरे बात कर रही थी मुझसे… पर मुझे पता था कि अब हम कुछ भी कर लें पर ये नहीं उठने वाले बीच में।
मैंने धीरे से अपने पैर से कोमल के पैर को सहलाना शुरू कर दिया। उसने कोई प्रतिक्रिया तो नहीं दी पर मुझसे बात करती रही।
मैंने एक हाथ उसके सर के ऊपर से ले जाकर उसके कंधे पर रखा और हल्के हल्के से उसके कंधे को सहलाने लगा। उसने मेरी तरफ अपनी कातिल नज़र डाली और मुस्कराने लगी। इधर मेरे हाथों ने अपना करतब दिखाना शुरू कर दिया। मैंने हौले हौले से अपनी उंगलियां उसके गले पर फिरानी शुरू कर दी। उसकी साँसें एकदम तेज हो रही थी, वो बस अपनी कातिल निगाहों से मुझे देखे जा रही रही थी।
जैसे ही मैंने अपने हाथ को हल्के से उसके टॉप के अन्दर डाला और उसके राईट साइड वाले बूब्स के निप्पल पर अपनी उंगली फिराई तो उसे ऐसा लगा जैसे वो किसी हसीन ख्वाब से बाहर आई। उसने मेरा हाथ पकड़ा और बाहर करते हुए अपनी मम्मी और बहन की तरफ इशारा किया कि वो देख लेंगे।
मैंने उसके होंठों पर उंगली रखी और उसके कान में कहा कि वो दूसरे रूम में आ जाये मेरे पीछे और डरे नहीं बिल्कुल भी… क्यूंकि ये नहीं उठेंगी, मैंने इन्हें नींद की दवाई दी हुई है। वो एकदम भौचक्की सी रह गयी। पर मेरे जाने के बाद कुछ मिनट में वो भी मेरे पीछे दूसरे रूम में आई और आते ही सवालों की झड़ी लगा दी मुझ पर।
दोस्तो, आज एक ख़ास बात बताता हूँ किसी लड़की को कभी चुप करना हो तो उसके होंठों पर किस करने से बेहतर तरीका कोई नहीं हो सकता। अत: मैंने भी खड़े खड़े ही एकदम से उसके होंठों को अपने लबों की गिरफ्त में ले लिया। एक बार तो उसकी आँखें बड़ी हो गयी पर फिर धीरे धीरे वो भी हमारी पहली किस के रोमांच में खोने लगी। साँसें उखड़ने तक हम दोनों एक दूसरे के लबों को ऐसे ही चूसते रहे।
जब किस करके हम अलग हुए तो मैंने उसे कहा- मेरी प्यारी बहना, सब कुछ मैंने आज तुमको प्यार करने के लिए किया है… तुम आज अपने इस भाई को प्यार करने का मौका दो। और बिल्कुल भी डरने की जरूरत नहीं है, मैंने सब कुछ पूरी तरह से सोच समझ कर किया है। तुम बस आज खुद को मुझे सौंप दो। मैं तुम्हे बहुत पसंद करता हूँ और तुमको जी भरकर प्यार करना चाहता हूँ.
तो वो सीधे मेरे गले लग गयी और कहने लगी- भैया, मैं भी आपको बहुत पसंद करती हूँ, और जब आपने मेरे लिए इतना कुछ किया है तो मैं आपको कैसे निराश कर सकती हूँ। ऐसा कहकर वो मुझे बेतहाशा चूमने लगी मेरे गालों पर, माथे पर, गले पर और फिर एक लम्बी स्मूच की हमने।
मैंने उसे बिस्तर पर बैठाया और किस करते हुए उसके बूब्स को पहले टॉप के ऊपर से ही दबाने लगा, फिर मैं उसका टॉप निकलने लगा तो उसने साथ दिया। हुस्न की वो परी मेरे सामने अपने बेशकीमती बूब्स को एक काली ब्रा में कैद करके बैठी थी। मैंने फ़ौरन उसके बूब्स को उसकी ब्रा से आज़ाद कर दिया और बारी बारी से उसके बूब्स को जमकर चूसा। उसके कड़क निप्पल को दांतों में हल्के हल्के भींच कर खूब खींचा। उसकी सिसकारियों में माहौल को बहुत रोमांटिक और हॉट बना दिया था।
फिर उसे बेड पर लिटाकर मैंने उसके पेट नाभि को चूमते हुए उसकी चूत की तरफ बढ़ना शुरू किया। उसके पजामे और पैंटी को एक ही बार में निकाल दिया मैंने। वो हुस्न परी मेरे सामने एकदम नंगी हो चुकी थी।
मैं उसके पैरों को चूमते हुए उसकी चूत तक पहुँच गया। एकदम चिकनी गोरी सी चूत जिस पर एक भी बाल नहीं था, हल्की हल्की गीली होने की वजह से एकदम चमक रही थी। मैं सीधा उसकी चूत चूसने, चाटने लगा। मेरी ममेरी बहन के मुख से तेज सिसकारियाँ निकलने लगी ‘ऊह्ह्ह्ह माम्माह्महम महाम्हम्ह्मः…’ मैंने जी भरकर उसकी चूत को चाटा और अपनी जीभ से उसकी चूत चुदाई भी की, उसके कामरस का फव्वारा मेरे मुख पर ही छुट पड़ा।
उसके बाद मैंने उसे अपने 8 इंची लंडराज के दर्शन कराए और उसे चूसने को कहा। उसने बिना किसी नखरे के मेरे लंड को अच्छे से चूसा।
उसके बाद शुरू हुआ दौर हमारी पहली चुदाई का… मैं किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहता था इसलिए मैंने पहले ही कंडोम पहन लिया, उसे सीधे लिटाकर मैंने अपनी बहन के दोनों पैरों को ऊपर किया जिससे मेरी बहन की चूत खुलकर सामने आ गयी। फिर मैंने अपना लंड उसकी चिकनी चूत पर रखा, उसने मेरे लंड को अपनी चूत के मुख्य द्वार पर सेट किया और पहले ही झटके में आधा लंड अन्दर प्रवेश कर गया।
उसकी चीख निकल गयी तो कुछ सेकंड्स के लिए मैं रुका पर फिर तेज़ी से झटके मारने शुरू किये। वो भी पूरी तरह से मेरा साथ दे रही थी। उसके चूचों को चूसते हुए मैंने अपने झटकों में तेजी लानी शुरू की। कुछ देर में हम दोनों का कामरस बह निकला।
फिर उस रात हमने कई बार चुदाई की अलग अलग तरह से। कभी वो नीचे… कभी मैं नीचे।
उसकी गोल मटकती गांड को अगले दिन मौका पाकर मारने का वादा लिया मैंने उस से। फिर हम दोनों 4 घंटे साथ बिताने के बाद चुपचाप आकर वैसे ही एकसाथ लेट गये जैसे कुछ हुआ ही नहीं।
तो दोस्तो, यह थी मेरी मामी की बेटी के साथ मेरे पहले सेक्स की सच्ची सुखद घटना। दोस्तो, मैं कई दिन रुका था वहां तो कई और भी किस्से हैं जो मैं आगे बताता जाऊंगा।
आशा करता हूँ कि आप सबको मेरी बहन की चूत चुदाई की स्टोरी पसंद आई होगी और हमेशा की तरह आप सबका प्यार ईमेल पर मिलेगा। दोस्तों मैंने अपनी नई ईमेल आईडी बनाई है जिस पर आप सभी मुझसे संपर्क कर सकते हैं।
मेरी ईमेल आईडी है [email protected] अन्तर्वासना के जरिये जितने दोस्त मिले और जितना प्यार जिंदगी में पाया और लुटाया है उन सबके लिए इस बड़े प्लेटफ़ॉर्म का हमेशा दिल से शुक्रिया करता रहूँगा।
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