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हॉट टीचर सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मुझे दो अध्यापकों ने एक साथ कैसे चोदा. कोचिंग क्लास में मेरे टीचर की नजर मेरे ऊपर थी. एक दूसरे टीचर को मैं पसंद करने लगी थी.
मेरे प्यारे प्यारे दोस्तो, मैं अन्तर्वासना की सेक्स कहानियों को बहुत पसंद करती आयी हूँ. इसी लिए आज मैं अपनी दूसरी भूल हॉट टीचर सेक्स स्टोरी को आप लोगों के साथ शेयर करना चाहती हूँ.
मेरी पहली कहानी मेरी चुत की चुदाई कार में को आप लोगों ने बहुत पसंद किया और मुझे आपके ढेरों मैसेज मिले.
अपने नए साथियों को मैं पहले अपने बारे में फिर से बता देती हूँ. मेरा नाम मीना है और मैं 24 वर्ष की कुंवारी लड़की हूँ. मेरी फिगर का साईज 32-28-36 है व ऊंचाई 5 फुट 1 इंच है. मैंने नर्सिंग की पढ़ाई की हुई है. मैं शहडोल के एक निजी अस्पताल में नौकरी करती थी.
शहडोल में मैं बार-बार अपने भाई दीपक से चुद चुकी हूँ. उससे आगे चुदने की आशंका में मैंने अपने बॉय फ्रेंड डॉक्टर आशू को बताया तो उसने मुझे रायपुर में बुला लिया और वहाँ एक कोचिंग सेंटर में मुझे सरकारी जॉब के लिए परीक्षा की तैयारी में लगा दिया.
उधर के माहौल में मुझे ढलने के लिए कुछ दिन लगे. चूंकि मेरी बेसिक जानकारी डॉक्टर आशु के कारण अच्छी थी. तो कोचिंग क्लास में सब अच्छा चल रहा था.
दोस्तो, मेरी क्लास में एक राज सर हैं, जो पढ़ाई तो अच्छी कराते हैं. लेकिन उनका ध्यान बीच बीच में मेरे उभारों पर आ जाता था. क्योंकि मैं सबसे सामने बैठती थी. वो मुझे अच्छे नियत के नहीं लगते थे, इसलिए मैं उनपर कभी ध्यान नहीं देती थी. उनके अलावा एक सर और थे सुदेश … वे भी मुझे पढ़ाते थे.
सुदेश सर एक साफ दिल के शिक्षक थे और बहुत फ्रेंडली नेचर के होने के कारण मैं उनसे बहुत क्लोज हो गयी. सुदेश सर मानो अब मुझे ही देख कर पढ़ाने लगे थे. मुझे उनका यूं देखना अच्छा भी लगने लगा था.
ऐसा होता है कि कोई कोई की नजरें अच्छी लगती हैं और किसी की नजरों से नफरत सी होने लगती है.
एक दिन सुदेश सर ने क्लास से एक प्रश्न पूछा और बोले- जो इसका सही उत्तर देगा … मैं उसे आज बाहर डिनर पर ले जाऊंगा. इत्तेफाक से मुझे प्रश्न का उत्तर पता था और मैंने फट से जवाब दे दिया. सुदेश सर ने सारी क्लास के सामने मेरी बड़ी तारीफ़ की. इससे मुझे बड़ा अच्छा लगा.
क्लास खत्म होने के बाद सर ने मुझे पास के होटल में 8 बजे खाने बुलाया. तो मैं खुश हो गयी.
मैं शाम के 8 बजने का इंतजार करने लगी. मैं सुदेश सर से इतनी अधिक थी कि बता ही नहीं सकती.
शाम 7 बजे से ही मैं तैयार होने लगी. उस दिन मैंने एक टाईट लैगी के साथ खुल गले वाली कुर्ती पहनी थी, जिसमें से मेरे उभार बाहर से ही साफ़ दिखाई पड़ रहे थे.
ठीक 8 बजे मैं होटल पहुंच गयी और सर को देखने लगी. मगर सर तो वहां पहले से ही मेरे इंतजार में आ चुके थे. उन्होंने मुझे आवाज दी. मैंने उन्हें देख कर खुश हो गयी. अब हम दोनों टेबल पर आमने सामने बैठ गए थे.
उसी समय सर की नजरें मेरे मम्मों को देखने लगीं. मैंने सर से पूछा- क्या हुआ सर … कुछ गलत है क्या? मुझे समझ तो आ रहा था, तब भी मैंने उनका ध्यान बंटाने के लिए ऐसा पूछा था.
सुदेश सर- कुछ नहीं मीना … आज आप बहुत सुंदर लग रही हो और ध्यान आकर्षित कराने वाली हो. मैंने कहा- क्यों मजाक करते हो सर … मुझमें ऐसा कुछ भी नहीं है.
सुदेश सर मेरी बात पर हंस पड़े और इतने में वेटर आ गया. हम दोनों की बात खत्म हो गई. वेटर से सर से खाने का आर्डर लिया और चला गया.
सर फिर से मेरे जिस्म की तारीफ करने लगे और बोले- मैंने कभी इतने गौर से तुम्हें देखा ही नहीं था. मैंने कहा कि आप कभी गौर करते ही नहीं थे.
कुछ देर में ही खाना आ गया और हम खाना खाने लगे. खाना होने के बाद सर ने बिल पेमेंट किया और मुझे छोड़ने के लिए बोले, तो मैं राजी हो गयी.
मेरे रूम तक पहुंचा कर सर ने पूछा- खाना कैसा लगा, आपने बताया नहीं. मैंने कहा- खाना आपके हाथ का बना होता और आपके हाथ से खाने मिलता तो अच्छा लगता.
सर को मेरा इशारा तुरंत समझ आ गया और उन्होंने कसके मेरा हाथ पकड़ कर कहा कि आगे ऐसा ही होगा. मैं मुस्कुरा दी और सर चले गए.
दो दिन तक सामान्य क्लास चलती रही और सर की तरफ से मुझे कोई संकेत नहीं मिला, तो मुझे लगा सर कुछ नाराज हो गए हैं शायद.
मैंने क्लास के बाद उनसे पूछा- आप मुझसे नाराज हैं क्या? उन्होंने कहा कि मैं आपको घर बुलाना चाहता हूँ खाने पर … लेकिन बोल नहीं पा रहा हूँ. मैं हंसते हुए बोली- तो सर इसमें हिचक कैसी … जब आप बोलोगे, मैं आ जाऊंगी. ये सुन सर खुशी खुशी बोले- तो ठीक है आज ही आ जाओ आप. मैंने भी हामी भर दी.
मैं 7 बजे ही सर के घर चली गयी. सर अकेले रहते थे, लेकिन उनका रूम बड़ा साफ सुथरा था. सर ने मुझे अपने कमरे के बेडरूम में बैठने के लिए बोला. सर का बेडरूम एसी चलने के कारण बहुत ठंडा था.
सर मेरे आने से पहले ही खाना बना चुके थे. तो वे मेरे साथ बैठ कर बातें करने लगे. उस दिन मैं पिंक शर्ट और जींस में बहुत हॉट लग रही थी, इसलिए सर का ध्यान बार बार मेरे उभारों पर जा रहा था.
आखिर सर ने बोल ही दिया कि मीना आज तुम बहुत हॉट लग रही हो और मन कर रहा कि तुम्हें खा जाऊं. मैं मुस्कुरा दी, तो सर में हिम्मत आ गई और उन्होंने मेरा हाथ थाम कर अपनी ओर खींच लिया.
मैंने कहा- सर, ये आप क्या कर रहे हैं. उन्होंने लरजती आवाज में बोला- मीना आज मुझे मत रोको, मैं तुम्हारे दिन रात सपने देखता आया हूँ.
उनके मुँह से ये सुन कर मैं फिर से मुस्कुरा दी. तो सर एकदम से एक्टिव हो गए और वे मुझे अपनी बांहों में लेकर पागलों की तरह चूमने लगे.
अब मैं भी गर्म हो गयी थी और उनका साथ देने लगी. काफी दिन से लंड नहीं मिला था, तो मुझे भी चुदास चढ़ रही थी.
सर ने मेरी शर्ट के बटन खोल कर उसे मेरे बदन से अलग कर दिया. अन्दर मैं काले रंग की ब्रा में उनके सामने थी. मेरे उभारों को देख वो पागल से हो गए और मेरे उभारों को मसल मसल कर मजे लेने लगे.
कुछ देर बाद सर ने मेरी ब्रा और जींस पैंटी आदि को उतार फेंका. अब मैं उनके सामने पूरी नंगी थी.
सर एकदम पागलों की तरह मेरे होंठों को, मम्मों को, कानों को चूमते हुए नीचे आ गए और मेरी चुत चाटने लगे.
मैं सिर्फ मादक सिसकारियां ले रही थी- आह्ह ओह्ह आह्ह सुदेश! पागल हो गयी थी मैं!
फिर सुदेश सर ने 69 पॉजिशन में आकर अपने लंड को मेरे मुँह में डाल दिया. अब मैं भी लंड चूस कर सुदेश सर को मजे दे रही थी. सुदेश सर का लंड बहुत मोटा था, जिसे मुँह में लेना मुझे अच्छा लग रहा था.
कुछ देर की लंड चुत की चुसाई से सुदेश बहुत गर्म हो गए थे. मुझे भी सर का लंड चुत में लेने का दिल करने लगा था.
सर ने मुझे चित लेटाया और मेरे पैरों को फैला दिया. फिर अपने लंड में थूक लगा कर मेरी चुत फाड़ने की तैयारी करने लगे. पहले तो सर मेरी चूत की फांकों में लंड को रगड़ने लगे.
मैं मदहोशी में सिसकारियां ले रही थी. मुझे कहीं न कहीं हल्का सा डर भी था कि इतना मोटा लंड कहीं मेरी चूत फाड़ न दे.
आखिर सुदेश सर ने एक जोर का एक झटका दे दिया, तो उनका आधा लंड अन्दर घुस गया. मैं एकदम से चिल्ला उठी. सर रुक गए और मेरी चूचियों को चूसने लगे. फिर सर ने दो झटकों में पूरा अन्दर घुस गया. लंड पूरा अन्दर घुसा, तो मैं चिल्ला उठी.
सर ने मेरे होंठों को चूमते हुए जोर जोर के झटके देने लगे. मैं पानी पानी हो गयी थी … क्योंकि मेरी ऐसी चुदाई आज तक किसी ने नहीं की थी. मैं भी अब अपनी कमर हिला हिला कर सुदेश सर की मदद करने लगी. मैं जल्द ही झड़ गयी, लेकिन सुदेश सर मुझे चोदते ही रहे.
सुदेश सर ने अब मुझे डॉगी स्टाईल में आने का कहा. मैं झट से उठ कर कुतिया बन गई और सर मेरे पीछे से लंड पेल कर मेरी चुत चोदने लगे. उनका लंड मुझे अपनी चुत में पिस्टन की तरह चलता हुआ महसूस हो रहा था. चूंकि मैं एक बार झड़ चुकी थी तो मुझे अब कुछ ज्यादा ही मजा आने लगा था. तभी सर ने आगे हाथ लाकर मेरे मम्मों को पकड़ लिया और मम्मों को मसलते हुए जोरों के झटके देने लगे.
लगभग आधे घण्टे तक मेरी चुत चोदने के बाद वो भी शांत हो गए. सर ने मुझे अपनी बांहों में सुला लिया और हम दोनों लम्बी लम्बी सांसें लेते हुए मुस्कुराने लगे.
करीब पांच मिनट बाद सर के घर की घंटी बजी, तो सर ने मुझे साईड कर दिया और खुद एक तौलिया लपेट कर दरवाजा खोलने चल दिए.
जब बहुत देर तक सुदेश वापस नहीं आए तो मैंने एक आवाज लगा ही दी- सुदेश … क्या हुआ … कौन आया था?
तभी बेडरूम का दरवाजा खुला तो मैंने समझा सर आए हैं. मैंने आंखें खोलीं और क्या देखती हूँ कि सामने राज सर खड़े हैं. उन्हें देख कर मैं चौंक गयी और समझ गयी कि ये इन दोनों का कोई प्लान था.
उसी समय पीछे से सुदेश सर आए और बोले कि मीना राज आपसे कुछ बात करना चाहते हैं. आप दोनों बातें करो, तब तक मैं खाना गर्म करता हूँ. मैं कुछ नहीं बोली.
तो राज सर मेरे करीब आकर बैठ गए. मैंने पूछा- क्या बात करनी है आपको? राज सर ने कुछ देर तक मुझे देखा, फिर मेरे कम्बल को एक झटके में फेंक दिया. अब मैं पूरी नंगी उनके सामने थी, तो मैंने अपने हाथों से अपने उभार ढकने की नामुमकिन कोशिश की.
राज सर भूखे शेर की तरह अपने कपड़े हटाने लगे. उन्होंने खुद को नंगा किया और मुझपर टूट पड़े. मैं बस उन्हें किसी तरह से झेल रही थी.
राज सर बोले- मीना, मेरे लंड में क्या कांटे लगे हैं … एक बार मन से मेरे लंड को लेकर तो देखो … मजा न आए तो कहना.
मैं अब तक समझ गई थी कि आज राज सर भी मुझे चोद कर ही मानेंगे. तो मैंने भी मन बना लिया और विरोध करना छोड़ दिया.
सर से चूम चूम कर मुझे फिर से गर्म कर दिया और अपने लंड को मेरे मुँह में डाल कर लंड चूसने को बोलने लगे.
राज सर का लंड वाकयी बहुत लम्बा था … जिसके कारण मुझे पूरा लंड लेने में उबकाई सी भी आ रही थी.
मैंने कहा- अब रहने दो सर. तो राज सर ने भी ज्यादा समय नहीं लिया और मुझे अपनी गोद में बैठा कर अपने लंड को मेरी नाजुक चूत में बेदर्दी से डाल दिया.
फिर वो मेरे मम्मों को चूसते हुए बोले कि मीना मैं तुम्हें पाने के लिए न जाने कब से तड़प रहा था. इसलिए सुदेश के साथ तुम्हें चोदने का हमारा प्लान बन गया था.
मैं अब तक मादक सिसकारियां लेने लगी थी. आज सर का लंड मेरी बच्चेदानी तक चोट मार रहा था.
फिर राज सर ने मुझे गोद में उठा कर चोदना शुरू कर दिया और मुझे उछाल उछाल कर चोदने लगे. मेरे दूध राज सर के सीने से रगड़ खा रहे थे और मैं गिरने के डर से राज को कसके पकड़ी हुयी थी.
कोई दस मिनट की चुदाई के बाद राज सर झड़ने वाले थे, तो उन्होंने मुझे वापस चित लेटाया और अपनी बांहों में भरके जोरों के झटके मारने लगे. मेरी टांगें भी हवा में उठ गई थीं. मुझे भी झड़ने की सीमा करीब दिख रही थी. तभी राज सर ने लंड से पिचकारियां देनी शुरू कर दीं और वो झड़ कर मेरे ऊपर ही ढेर हो गए.
फिर हम दोनों उठे, राज सर ने आवाज दी, तो सुदेश खाना लेकर अन्दर आ गए.
कमरे में आए तो राज सर ने कहा- अरे यार, कुछ गला तो तर कराओ.
सुदेश सर ने हंसते हुए एक अलमारी से व्हिस्की की बोतल और तीन गिलास निकाले. फिर हम तीनों ने साथ में दो दो पैग लिए. इसके बाद हमने साथ में ही खाना खाया.
खाने के बाद कुछ देर टीवी देखा. फिर अचानक दोनों मुझे एक साथ सहलाने लगे. राज सर मेरे मम्मों को चूसने लगे और सुदेश पीठ चूमने लगे. मेरे गर्म होने के बाद सुदेश सर चित लेट गए और मुझे ऊपर आने को बोले. मैं भी व्हिस्की के दो पैग लेने के बाद मस्त हो गई थी और मुझे अपनी चुत गांड में खुजली होने लगी थी.
मैंने सुदेश सर के लंड को पकड़ अपनी चुत में डाल कर बैठ गयी, तो सुदेश सर ने मुझे खींच कर अपनी बांहों में ऐसे भरा कि मेरी गांड उठ गयी. पीछे से राज सर ने मुझसे चिपक कर अपने लम्बे लंड को मेरी गांड में डाल दिया. एक साथ दो लंड से मैं दर्द से चिल्ला उठी.
सुदेश सर मेरे होंठों को चूमने लगे. अब सुदेश सर मेरी चुत चोद रहे थे और राज सर पीछे से मेरी गांड में झटके मारने में लगे थे. वैसे तो मैं गांड मरवा चुकी थी लेकिन आज पहली बार एक साथ दो लंड अपनी गांड और चुत में एक साथ ले रही थी.
करीब आधा घंटे तक मुझे दोनों छेदों में चोदने के बाद वे दोनों शांत हुए.
उनके हटने के बाद मेरी जान में जान आयी और हम तीनों एक एक पैग लेकर साथ में सो गए.
सुबह मैं वापस अपने कमरे पर चल दी.
दोस्तों अब सुदेश सर अब मुझे फिर से बुलाना चाहते हैं. मेरे बॉयफ्रेंड डॉक्टर आशु को ये बात पता नहीं है. जब उन्हें पता चलेगा, तो क्या होगा, मैं ये सोच कर डर रही हूँ.
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