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अन्तर्वासना के पाठको, आप सबको विशाल का नमस्कार। यह मेरी पहली कहानी है तो कोई भूल हो तो क्षमा कर देना।
जैसे कि मैंने आपको बताया मेरा नाम विशाल है, मैं गुजरात में रहता हूं। मेरी उम्र 19 साल की है। मेरा 7 इंच लम्बा लंड किसी भी चूत की गर्मी बुझाने के लिए काफी है। यह कहानी मेरी ममेरी भाभी के साथ हुई चुदाई पर आधारित है। तो अब सब लौंडे अपने अपने लवडे को पकड़ कर बैठ जाएं और सब लड़कियां एक एक खीरा अपने पास रख लें। बात तब की है जब मैं अपने मामा के यहां गया था। मामा के परिवार में मामी, मेरा भाई, भाभी और उनकी एक प्यारी सी बेटी है। मैं थोड़ा शर्मिला लड़का था इसलिए भाभी से पहले बहुत कम बात करता था।
मेरी भाभी के बारे में थोड़ा बता दूँ। भाभी एक गजब की फिगर की मल्लिका हैं और उनका हुस्न भी किसी को भी आकर्षित करने के लिए काफी है। उनका फिगर 36-30-36 का है । वो जब भी चलती हैं तो उनकी मटकती गांड देखकर मेरा लंड खड़ा हो जाता है।
मेरे मामा की फैक्ट्री है तो मामा और भाई सुबह चले जाते हैं और दोपहर को खाना खाने के लिए आते हैं और फिर से चले जाते हैं. फिर रात को लेट करीब दस ग्यारह बजे के आसपास आते हैं। एक दिन की बात है मामा और मामी किसी काम के लिए मेरे नाना के यहां गांव गए थे और अपनी पोती को भी साथ ले गए थे। घर में सिर्फ भाई भाभी और मैं हम तीन ही बचे थे।
उस दिन सुबह को भाई जल्दी फैक्ट्री पर चले गए था। वैकेशन के चलते मैं सुबह देर से उठता था। उस दिन जब मेरी नींद खुली तो मेरा उस्ताद अपनी मस्ती में खड़ा था, मैं नींद में उसे मसल रहा था।
लेकिन मुझे पता नहीं था कि भाभी वहीं बाजू में खड़ी खड़ी मेरी हरकतें देख रही थी. जब मेरी आंख खुली तो मैंने भाभी को मेरा लंड शॉर्ट्स के ऊपर से घूरता पाया। जब हमारी आंख मिली तो मैंने तुरंत अपना हाथ हटा लिए, लेकिन भाभी मेरी ओर देखकर हंसने लगी और वो वहां से चली गई।
भाभी जब भी झाड़ू पौंछा लगाती तो मैं उनके गहरे गले के टॉप में से उनके बड़े बड़े मम्मे घूरता। उस दिन मैं सोफ़ा पर बैठ कर अपने फोन में कुछ कर रहा था, तभी भाभी आ गई और मेरे पास बैठ गई। हम ऐसे ही बात करने लगे, तभी भाभी ने पूछा- आपकी कोई गर्लफ्रेंड है या नहीं? तो मैंने मना कर दिया और फिर हम बातों में मशगूल हो गए।
एक दिन बाद जब भाभी झाड़ू लगा रही थी तब मैं उनके मम्मे घूरे जा रहा था, तभी भाभी ने मुझे पकड़ लिया और कहा- अब तो देवर जी, आप कोई लड़की ढूंढ ही लीजिए। भाभी की इस बात से मैं झेंप गया।
बाद में मैं पढ़ने ऊपर के रूम में चला गया क्यूंकि छुट्टी के बाद मेरे एग्जाम स्टार्ट होने वाले थे। भाभी ऊपर रूम में अपना काम निपटा कर आई और बोली- मैं मार्केट जा रही हूं कुछ सामान लेने के लिए! मैंने कहा- ठीक है।
मार्केट से आने के बाद भाभी नहाने के लिए चली गई। नहाने के बाद वो नीचे टीवी देखने चली गई। उस वक्त मुझे शरारत सूझी। मैं चुपके से भाभी के कमरे में गया जो ऊपर के माले पर ही था और वहां जा के भाभी की पेंटी और ब्रा ले ली और उसे मैं सूंघने लगा। कमाल की खुश्बू आ रही थी भाभी की पेंटी से।
पैंटी पर मैंने देखा कि कुछ चिपचिपा लगा हुआ था। वो भाभी का कामरस था। मैं उसे चाटने लगा। थोड़ा खारा स्वाद था मगर मस्त था।
इस सब चक्कर में मैंने अपना खड़ा लंड शॉर्ट्स में से बाहर निकाला और ब्रा उस पर लपेट के मुठ मारने लगा और पेंटी भी चाट रहा था. मुझे दरवाजा बंद करने का खयाल नहीं आया और तभी भाभी आ गई, उन्होंने मुझे इस हालत में देखा और जोर से बोली- क्या कर रहे हो यह तुम? मैं डर गया और भाभी से माफी मांगने लगा.
लेकिन मेरी सोच से उलट भाभी मेरे करीब आई और अचानक से मेरा लौड़ा चूसने लगी। भाभी के इस अचानक वार के लिए मैं तैयार नहीं था। पहली बार किसी लड़की ने मेरा लौड़ा मुंह में लिया था तो पूरे शरीर में अचानक से करेंट दौड़ गया। मैं आंखें बंद करके मजे ले रहा था। भाभी गपागाप मेरा लंड चूसे जा रही थी। दोस्तो, उस अहसास को शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
दस पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद मैं झड़ गया और भाभी मेरा सारा रस गटक गई, चूस चूस कर उन्होंने मेरा सारा माल खाली कर दिया।
मेरा माल पीने के बाद भाभी बोली- देवर जी, आपका लंड तो बहुत ही मस्त है और माल भी टेस्टी है। भाभी ने इतना बोल लिया कि नीचे से दरवाज़े की बेल बजी। भाभी बोली- लगता है तुम्हारे भैया आ गए! और अपने आप को ठीक करके वह वहां से निकल गई।
बाद में भैया मुझे खाने के लिए आवाज दी तो मैं नीचे चला गया। हम तीनों ने खाना खाया और भैया खाना खाने के बाद पंद्रह-बीस मिनट में फैक्ट्री लिए निकल गए। बाद में भाभी वाशबेसिन में बर्तन साफ करने लगी। मैं पानी पीने के बहाने किचन में गया और भाभी को पीछे से पकड़ लिया। भाभी ने इस हरकत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी इसलिए मैंने अपना लौड़ा भाभी की गांड की दरार में घुसा दिया और घिसने लगा। मैंने मेरे हाथ भाभी के बड़े बड़े स्तनों पर रख दिये और उन्हें दबाने और मसलने लगा।
भाभी बोली- क्यों देवर जी, पहले तो शरमाते थे और अब सब शर्म निकल गई? तो मैंने कहा- ये सब आपका ही किया-धरा है। इस बात से भाभी हंसने लगी और कहा- जाइए ऊपर रूम में… मैं अभी काम खत्म करके आती हूं. तो मैं मन मार के ऊपर चला गया।
करीब दस मिनट बाद भाभी आई। उनके आते ही मैंने उन पर हमला कर दिया और उन्हें किस करने लगा। भाभी भी मेरा पूरा साथ दे रही थी। मैं किस करते करते उनके मम्मे मसलने लगा. तभी भाभी ने अपनी जीभ मेरे मुंह में घुसा दी तो मैं भी उसे चूसने लगा।
किस करते करते मैं उनके कुर्ते के अंदर हाथ डाल कर मम्मे दबाने लगा। अब मैंने भाभी का कुर्ता उतार दिया। कुर्ता उतरते ही उनके 36 इंच साइज़ के बड़े बड़े मम्मे मेरे सामने थे। मैं उन पर टूट पड़ा, एक को हाथ से दबाता और एक को मुंह से चूसता रहा। बड़े और नर्म नर्म मम्मे चूस कर मज़ा आ गया। तकरीबन 15 मिनट तक मैं मम्मे चूसता रहा।
अब बारी उनकी नाभि की थी। अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ पढ़ कर मुझे यह पता लग गया था कि औरतें नाभि और गर्दन पर किस करने से बहुत जल्दी गर्म होती हैं। मैं नाभि पर और उनके नरम पेट पर किस करने लगा। किस करते करते मैंने अपना एक हाथ उनकी सलवार में घुसा दिया और पैंटी के ऊपर से ही चूत को सहलाने लगा।
फिर मैं अचानक खड़ा हुआ और फटाक से उनकी सलवार को खींच कर उतार दिया। अब भाभी मेरे सामने सिर्फ़ पैंटी में पड़ी थी। आह दोस्तो क्या नज़ारा था। तभी भाभी बोली- ये तो नाइंसाफी है देवर जी, मुझे नंगी करके आप खुद कपड़ों में हैं. तो मैंने कहा कि आप खुद उतार दीजिए। तब भाभी खड़ी हुई और मुझे किस करने लगी।
किस करते करते मेरा टीशर्ट उतार दिया और मुझे बेड पर धकेल दिया। अब अधनंगी भाभी मेरे ऊपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी। उनकी चूत सीधे मेरे लंड पर थी तो वो भी खड़ा हो गया था। किस करते करते वो नीचे की तरफ आगे बढ़ी और मेरे शॉर्ट्स उतार दिए। अब मैं सिर्फ चड्डी में था और भाभी सिर्फ़ पैंटी में। चड्डी को मेरा लंड खड़ा करके तम्बू बना रहा था, यह देखकर भाभी बोली- आप के छोटे उस्ताद तो बहुत बड़े हैं।
उसके बाद भाभी ने मेरी चड्डी को खींच कर निकाल दिया और वो मेरा लंड चूसने लगी। उनके मुंह से आवाजें आ रही थी।
तभी मैंने भाभी के सर को पकड़ लिया और नीचे से धक्के देने लगा। दस-पंद्रह मिनट की चुसाई के बाद में जब मैं झड़ने को आया तो मैंने भाभी का सर अपने हाथों से लंड पर दबा दिया और एक धक्का दिया तो मेरा लंड सीधा उनके गले में रुका और मैंने अपना माल भाभी के मुंह में झाड़ दिया और भाभी मजे से सारा माल पी गई।
अब मेरी बारी थी। भाभी को मैंने बेड पर धकेल दिया और उनकी नर्म और चिकनी जांघों को सहलाने और चूमने लगा। धीरे धीरे मैं ऊपर बढ़ता गया और बाद में पेंटी के ऊपर से ही भाभी की चूत चाटने लगा और मौका देखते ही जब भाभी ने अपनी गांड ऊपर की तो फटाक से पेंटी को निकाल दिया।
अब भाभी मेरे सामने बिल्कुल नंगी पड़ी थी। मैं भाभी की जांघों के पास आया और उनकी चूत निहारने लगा। उनकी चूत क्लीन शेव्ड थी और बड़े होंठों के साथ गुलाबी थी। मैं पागलों की तरह चूत चाटने लगा।
इसी बीच मैंने अपनी पूरी जीभ उनकी चूत के अन्दर डाल दी और भाभी आहें भरने लगी- हाँ चाटो विशाल अपनी भाभी की चूत और जोर से। और मेरा सर अपनी चूत पर दबाने लगी।
थोड़ी देर की चुसाई और चटाई के बाद भाभी अपने चरम पर पहुंच गई और झड़ने लगी। मैं सारा पानी चाट कर पी गया नमकीन थोड़ा खट्टा स्वाद था भाभी के पानी का।
अब हम फिर किस करने लगे। किस करते करते भाभी मेरे लंड और टट्टे सहलाने लगी। सहलाते सहलाते उन्होंने मेरे लंड को फिर से खडा कर लिया।
मैं फिर से नीचे आ गया और भाभी की चूत में उंगली करने लगा। भाभी की सिसकारियां निकलने लगी उम्म्ह… अहह… हय… याह… और कहने लगी- मुझसे अब रहा नहीं जाता, चोद दो अपनी भाभी को। तो मैंने भाभी की टांगों को फैलाया और उनकी चूत पर लंड का टोपा घिसने लगा।
भाभी और तड़पने लगी और कहने लगी- अब नहीं रहा जाता, प्लीज़ चोद दो मुझे। तो मैंने छेद पर लण्ड टिका कर धक्का दिया, एक बार में अपना पूरा 7 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा लंड चूत में घुसा दिया। भाभी चीखने लगीं- मार डाला तूने विशाल… एक झटके में कोई इतना बड़ा लंड डालता है?
कुछ पल रुकने के बाद मैं भाभी को चोदने लगा, धीरे धीरे अपने धक्कों की गति बढ़ा दी और भाभी भी सिसकारियां लेते लेते बड़बड़ा रही थी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह ह्ह… जोर से चोदो अपनी भाभी को… आह्ह… उम्म्म।
पंद्रह मिनट की धक्का पेल चुदाई के बाद मैं झड़ने को हुआ तो भाभी को बताया. तो भाभी ने कहा- अन्दर ही झाड़ दो! मैं जोर जोर से धक्के लगाने लगा, तभी भाभी का पानी फूट पड़ा और उसकी गर्मी से मैं भी झड़ने लगा। झड़ने के बाद में भाभी के पास ही लेट गया और उनके मम्मों से खेलने लगा।
भाभी को मैंने पूछा- आज सुबह आपने एकदम से मेरा लंड क्यों मुंह में ले लिया था? तो उन्होंने कहा- मैं बहुत दिनों से देख रही थी कि आप मेरे मम्मे और गांड को ताड़ते थे और मुझे भी चेंज के लिए नया लंड चाहिए था. पर आप रहे बहुत शर्मीले, इसलिए मुझे पता था कि आप तो कोई पहल नहीं करेंगे, इसलिए मैंने आपके लंड पर हमला कर दिया।
इस बात पर मैं भी मजाक के मूड में बोला- भाभी, आपकी इस सर्जिकल स्ट्राइक से तो मेरा लंड ढेर हो गया। और हम दोनों हसने लगे।
बाद में मेरा फिर से मूड बनने लगा तो भाभी को कहा- भाभी, एक और राउंड हो जाए!! तो भाभी ने भी बात पर हामी भर दी।
मैंने एक बार और भाभी की तरह तरह की पोजिशन में चुदाई की।
इसके बाद तो जैसे हमारे बीच चुदाई का सिलसिला शुरू हुआ और अब भी मैं जब अपने मामा के घर जाता हूं तो कम से कम एक बार तो भाभी की चुदाई करता ही हूं। दोस्तो, मेरी यह कहानी कैसी लगी यह मुझे मेल करके जरूर बताना। आपका दोस्त विशाल। [email protected]
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