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मेरी पिछली कहानी डॉक्टरनी के साथ पहाड़ी पर मस्ती में आपने पढ़ा कि कैसे मेडिकल कॉलेज में एक डॉक्टरनी से मेरी दोस्ती हुई और हमने दो साल तक पति पत्नी की भांति चुत चुदाई का सुख भोगा. अब आगे:
करीब छह माह बाद प्रियंका की शादी का कार्ड मिला, शादी दिल्ली के पञ्चतारा होटल ला मेरिडियन से हो रही थी।
प्रियंका तीन दिन पहले ही दिल्ली पहुँच गई थी और होटल ला मेरिडियन में ही ठहरी हुई थी। उनके माता-पिता और रिश्तेदार शादी वाले दिन ही बारह बजे तक आयेंगे। उन्होंने मुझे भी बुला लिया, उनके बगल वाला सुईट मेरे लिए बुक था. मैं शादी के दो दिन पहले छुट्टी लेकर अपनी कार से ही दिल्ली 11 बजे दिन में पहुँच गया।
जैसे ही मैं अपने सुईट में पहुँचा, प्रियंका थोड़ी देर बाद पहुँची और मेरे गले लग कर रोने लगी। मैंने उनके बालों को सहलाते हुए चुप कराया। अलग होकर जब मैंने उन्हें देखा तो देखता ही रह गया; उनके चेहरे और शरीर में निखार आ गया था, स्तन, कमर और चूतड़ का आकार बढ़ गया था।
मुझे याद है कि मैंने उन दो साल में बीसियों तीसियों बार उसकी गांड मारी होगी। बाद में तो वो गांड ही ज्यादा मरवाती थी।
वो बोली- कहाँ खो गए हो? मुझे पहले नहीं देखा है क्या? “देखा तो है लेकिन जीन्स और टीशर्ट में पहली बार देख रहा हूँ!” वो बोली- झूठे… ये तेरा तो दिया जीन्स और टॉप है, तुम्हारे जाने के बाद इसे बहुत कम पहनती थी।
मैंने पूछा- शादी से दो दिन पहले मुझे यहाँ क्यों बुलाया है? “तुम्हें याद होगा कि मुझे तुझसे कुछ लेना था इसलिए बुलाया है।” “स्वार्थी कहीं की… लेना है तो बुला लिया… जब सर्दियों में चार दिन के लिए शिमला जाना था तो नहीं आई?” वो बोली- मैं क्या करती! और अपनी जीन्स को खोलने लगी.
मैंने बीच में ही रोकते हुए उसे बोला अभी से ही शुरू हो गई रुको। बोली- डफर… मैं चुदने के लिए नहीं, कुछ दिखाने के लिए खोल रही हूँ। हमेशा उसी का नशा चढ़ा रहता है क्या तुझे? मैं बोला- नशा चढ़ाया किसने? “देखो मेरी जांघ पर एक छोटा सा जख्म आ गया था जिसके कारण चलना फिरना मुश्किल हो रहा था. इसलिए नहीं आई. नहीं तो शिमला में एक बार फिर से तुम्हारे साथ गिरती हुई बर्फ के बीच चुदने मजा कहाँ छोड़ने वाली थी।
हम दोनों एक साथ वाशरूम में जाकर फ्रेश हुए और मैंने उसके स्तन और बुर को खूब चूसा, फिर पहले गांड की बीस मिनट तक… फिर बुर की लम्बी चुदाई की.
स्नान करने के बाद एक ही तौलिये से एक दूसरे के अंगों को पौंछा, फिर बेड पर एक दूसरे की बांहों में सो गये।
हमारी नींद करीब शाम को चार बजे खुली, हम दोनों ने चाय पी और मैं वाशरूम में फ्रेश हो जैसे ही बाहर निकाला, उसने मेरे लिंग को हाथ में लिया और मुँह में डालकर चूसने लगी।
मेरा लिंग जो शिथिल था, अब जग गया। इस बार प्रियंका बड़े ही भयंकर तरीके से लिंग को चूस रही थी, उसके दांतों का अहसास लिंग पर हो रहा था, जीभ का भी ज्यादा इस्तेमाल वो कर रही थी, लेकिन मैंने सोच लिया था कि इनके मुँह में तो आज नहीं छूटना हैं।
आधे घंटे की लिंग चुसाई से लिंग फूल गया था जो उसके मुँह नहीं समा पा रहा था। आखिर थक कर प्रियंका बोली- राज तुम्हारा छूट क्यों नहीं रहा है? मैं तुम्हारे लण्ड का रस पीना चाह रही हूँ. मैं बोला- तुम्हारी चूत चोदने के बाद पूरा रस पिलाऊँगा।
फिर क्या था… वो एकदम से बिस्तर पर बिछ गई और बांहों को फैला कर बोली- आ जाओ! मैंने अपने लिंग को उनकी चूत की दोनों फांकों के बीच रख कर एक जोरदार धक्का दिया कि उनकी आँखों से आँसू निकल आये, बोली- जान निकाल लोगे क्या? क्या हो गया है आज तुझे? बड़ी बेरहमी से मेरी चुदाई कर रहे हो?
तकरीबन दस आसन बदलकर मैंने उनकी मैराथन चुदाई की. अब वे कराहने लगी तो मैं लिंग को चूत से निकालकर उनकी गांड में डालने लगा। उनकी सूखी गांड में ही लिंग डालकर चोदने लगा तो फिर उनकी हालत खराब होने लगी.
तो लिंग को उनकी गांड से निकालकर वाशरूम में जाकर बढ़िया से धोया और लाकर उनके मुख में दे दिया तथा अपने एक हाथ से लिंग को सहलाने लगा। इतने में प्रियंका मेरा हाथ हटाकर अपने दोनों हाथों से लिंग को आगे पीछे करते हुए लिंग के सुपारे को चूसने लगी।
मैं उनके उतावलेपन को देखकर अपना धैर्य खो बैठा और प्रियंका मेरे लिंग से निकले सारे बीज को साफ कर गई, फिर मेरे ऊपर निढाल होकर गिर पड़ी।
उनकी नजर दीवार पर लगी घड़ी पर गई तो शाम के छह बजे रहे थे, बोली- यार राज, कुछ खरीदारी करनी है और डिजाइनर के यहाँ से शादी का जोड़ा भी लाना है। वो बोल रही थी तो उनके चेहरे पर मुझे पीड़ा की लकीर दिखाई पड़ी, मैंने पूछा- क्या हुआ प्रियंका? तो बोली- यार, तेरे लण्ड को चूसते चूसते मेरा मुँह में दर्द हो रहा है, बुर और गांड का तो तूने भुरता बना ही दिया है। देखो बुर साली लाल हो गई है, जलन भी हो रही है।
मैंने वहीं उन्हें लेटाकर उनकी चूत पर लिंग और चेहरे को हाथों में लेकर सहलाया तथा दोनों होठों को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा और लिंग को उनकी चूत पर रगड़ने लगा। फिर उनके स्तनों को बारी बारी से चूसने लगा। वे सिसकारियां और आहें भरने लगी, मेरा लिंग फिर खड़ा हो गया तो मैंने प्रियंका की दर्द कर रही चूत पर अपना लंड सेट किया, उनकी चूत पूरी गीली थी… यानि चुदने के लिए बिल्कुल ही तैयार। मैंने धीरे से धक्का लगाया और पूरा लिंग उनकी चूत का गहराई तक समा गया। वो अपनी कमर उठा उठा कर मेरे धक्के का साथ देने लगी। उनके चेहरे पर पीड़ा और संतोष की मिली जुली प्रतिक्रिया दिख रही थी। उनके स्खलित होने के साथ मैं भी हो गया।
उसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए और मैंने फिर उनके यौन अंगों को चूमा।
सात बजे हम दोनों होटल से खरीदारी के लिए निकले तो वो बोली- टैक्सी ले लेती हूँ, सही रहेगा। मैं बोला- जरूरत नहीं है, कार लेकर आया हूँ।
प्रियंका इस समय काफी सुंदर दिख रही थी, उन्होंने मेरे लाये हुए लहंगे को पहन रखा था.
तब तक ड्राइवर गाड़ी लेकर आ गया। हम दोनों कनॉट प्लेस की तरफ निकल पड़े, जरूरी खरीदारी की, डिजाइनर के यहाँ से उनकी शादी का जोड़ा लिया। करीब 10 बजे रात तक हम दोनों होटल पहुँचे, कमरे में ही खाना मँगाकर खाया।
थोड़ी देर टेरिस पर टहलने के बाद कमरे मे हम दोनों आये और उन्हें अपनी बाहों में लेकर सोफे पर बैठ गया, फिर अपनी गोद में उनका सर लेकर आँखों में आंखें डालकर बातें करने लगा। ऐसा लग रहा था कि जन्मों जन्मों की प्यास आज बुझ रही हो।
एकाएक प्रियंका बोल उठी- अब मेरा बुर नहीं फाड़ोगे? चोदो ना… मुझे तुमसे तुम्हारी यादगार के लिए एक बच्चा चाहिए। आज और कल की रात तक का समय तुम्हारे पास है, जितना मर्जी हो, बुरी तरह मुझे रौंद दो। पत्नी नहीं, एक रंडी की तरह चोदो कि एक माह तक मेरी चुदने की इच्छा ना हो। मेरी गांड और बुर को इतना चोदो की खून निकल आये।
मैं बोला- आइसक्रीम खाने की इच्छा हो रही है जान। तो मैंने वेनिला और चोको क्रीम आइसक्रीम का ऑर्डर दिया, आइसक्रीम आने के बाद प्रियंका उठी और मेरे शरीर के सारे कपड़े हटाकर मुझे जन्मजात नंगा कर दिया और खुद भी हो गई। इतने अधिकार से कभी मेरी पत्नी ने भी मेरे साथ कुछ नहीं किया होगा।
उन्होंने आधी आइसक्रीम मेरे लिंग पर डाल दी और जीभ से चाटने, खाने लगी। मैं भी अपनी वैनिला उनके स्तन पर डालकर चाटने चूसने लगा.
बड़ा ही सुखद अहसास… सेक्स का आनन्द हम दोनों उठा रहे थे.
उसके बाद हम दोनों 69 की अवस्था में आ गये, मैंने पूरी आईसक्रीम उनकी चूत पर डाल दी, जीभ चूत के अंदर डाल कर चूत के साथ आइसक्रीम को खाने लगा, बीच बीच में चूत के दाने को भी लेकर अपने ओष्ठ से दबा डालता था, पकड़ लेता था तो उनकी आहें निकल जाती थी।
मैंने दो बार उनकी चूत का रस को पीया और अब मेरा भी होने वाला था। प्रियंका इस बार खुद अपने मुँह की गहराई तक मेरे लिंग को ले रही थी। मेरा पानी की धार जब छूटी तो वो इसके लिए तैयार नहीं थी, लिंग उनके गले में फंस गया, सारा पानी सीधे उनके गले में चल गया और वो उसे गटकने में कामयाब भी रही.
फिर वो उठी, मैं सोफे पर बैठा हुआ था तो मेरे निढाल लिंग को ही अपनी चूत की दोनों फांकों के बीच में लेकर बैठ गई और ऊपर नीचे होने लगी। मैंने उनके बाल को सहलाते हुए पूछा- क्या हुआ है तुझे आज? मेरा सारा आज तुम निचोड़ लोगी क्या? तो वो मेरे सीने पर अपना सर रखकर रोने लगी, बोली- मैं तुम्हारे बगैर मैं जी नहीं पाऊँगी। अब भी समय है, तुम्हारी पत्नी के साथ ही मैं तुझे स्वीकार करती हूँ, मैं तुम्हारी रखैल बनकर रहने को तैयार हूँ, लेकिन मैं तुम्हारे साथ रहूँगी। मैं तुझे अपना पति मान चुकी हूँ, तुम्हारे नाम का सिन्दूर माथे पर बिंदी के रूप में लगाती हूँ।
“जान, मैं सब जानता और समझता हूँ लेकिन मैं अपनी पत्नी जो कम पढ़ी लिखी है, उसे छोड़ नहीं सकता। उसे लगेगा कि मैंने उसे इसलिए छोड़ दिया क्योंकि वो मेरे लायक नहीं थी। मैं अपने घर… समाज को क्या जबाब दूँगा।”
बहुत समझाने के बाद मानी कि जब मेरी इच्छा होगी मैं तुम्हारे साथ आकर रह सकती हूँ। मैं बोला- ठीक है।
फिर क्या… मैराथन चुदाई का नया दौर शुरू हो गया, वो उछल उछल कर मेरा लिंग चूत में ले रही थी।
करीब चार बजे भोर में जाकर सोई लेकिन मैंने एक बार भी नहीं पानी छोड़ा, मैं रूक रूक कर एनर्जी ड्रिंक लेता रहा। चार बजे उसे हचक के चोदा और सारा पानी उनकी चूत में डाल दिया, वैसे ही चूत में लिंग डाले सो गया।
सुबह करीब ग्यारह बजे नींद खुली तो देखा कि प्रियंका अभी भी गहरी नींद में सोई हुई हैं, उनका चेहरा एकदम से निश्छल और चहरे पर एक तेज चमक रहा था, उनके ओष्ठ में आइसक्रीम और मेरे बीज के सूखे कण लगे हुए थे। स्तन पर दांत और हाथों के अंगुलियों के निशान पड़े थे।
मैंने उनके ओष्ठ, स्तन और चूत को बारी बारी से चूमे, फिर बाथरूम को चला गया, फिर कॉफी बनाकर पी।
मैं सोफे पर अखबार के पन्ने उलट रहा था तो वो उठकर आई, मुझे चूमकर ‘आई लव यू…’ बोली फिर फ्रेश होने चली गई।
फ्रेश होकर आई तो मैंने पूछा- कैसा महसूस हो रहा है? तो बोली- मैं अपने आपको तरोताजा महसूस कर रही हूँ। फिर बोली- जान, रात तो मजा ही आ गया। तूने तो मेरी बुर और गांड के साथ साथ स्तन का भी भुरता बना दिया। मुझे यह चुदाई तो जीवन भर याद रहेगी लेकिन अफसोस कि ये वाइल्ड सेक्स आज भर ही तुम्हारे साथ कर पाऊँगी।
मैंने उसे कॉफी बनाकर दी और बोला- तौलिया हटाकर कपड़े डाल लो तन पर… दीवारों की भी आंखें होती हैं। “तो क्या होगा? ज्यादा से ज्यादा शादी टूट जायेगी। तो तुम्हारे साथ जीवन बिताने का और मौका मिल जाएगा।”
मैंने उन्हें बोला- तुम इस दुनिया में अकेली लड़की होगी जो शादी से पहले शादीशुदा बॉयफ्रेंड से इस तरह बिना डर के चुद रही हो।
कॉफ़ी खत्म होने के साथ ही उन्होंने अपने शरीर से तौलिया हटा दिया और मेरा भी खींचकर शरीर से अलग कर दिया, मेरे लिंग को मुँह में लेकर चूसने लगी, फिर अपनी चूत मेरे मुंह पर रख कर बैठ गयी।
कुछ देर बाद प्रियंका डॉगी स्टाइल में हो गई तो मैंने अपना लिंग उनकी गांड में डाल दिया. तो उन्होंने मेरे तरफ देखा, फिर चुदाई में सहयोग करने लगी. करीब दस मिनट बाद बोली- जानू, मेरी बुर को चोदो ना… बहुत खुजली हो रही है।
मैंने प्रियंका की गांड से निकालकर लिंग को धोया और उनकी बुर में जोर से डाल दिया, वो आगे पीछे करके चुदवाने लगी। उनकी खासियत एक ही थी कि वह चुदाई में गाली का प्रयोग ना के बराबर करती थी।
फिर नीचे कारपेट पर लेटाकर एक पैर उठाकर उनकी चुदाई शुरू मैंने कर दी। करीब एक घंटे तक विभिन्न तरीकों से मैंने डॉक्टरनी साहिबा को चोदा और उनकी बुर में अपना पानी छोड़ दिया। फिर उन्हें गोद में उठाकर बिस्तर पर सुला दिया। अब मैंने देखा कि उनकी बुर में थोड़ी सूजन आ गई है तो मैंने केतली में पानी गरम करके उनकी सूजी हुई बुर की सेंकाई की। जब मैं उनकी बुर की सेंकाई कर रहा था तो वो मेरे बाल गाल को सहलाये और चूमे जा रही थी।
फिर मैं बोला- जानू उठो, फ्रेश हो जाओ, थोड़ा बाहर घूम कर आते हैं हम लोग। वो बोली- नहीं, आज मुझे कहीं नहीं जाना… केवल तुम्हारी बांहों में रहना है और चुदना है।
फिर मैं उन्हें गोद में उठाकर वाशरूम ले गया और बाथटब में डाल दिया और मैं भी उसमें एरोमा बाथ लेने लगा।
बाथ टब में प्रियंका मेरे लिंग से खेलने लगी, जब लिंग खड़ा हो गया तो वो लिंग को अपने बुर के अंदर डालकर चुदने लगी। उनके उछलने के कारण बात टब का पानी बाहर छलकने लगा। “जान, तुम तो कभी सेक्स के लिए इतनी ज्यादा उतावली नहीं थी?” तो वो बोली- ये छह माह मैंने कैसे गुजारे हैं, मैं ही जानती हूँ। अब मैं कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती, तुझसे अपने अंतिम क्षणों तक चुदना चाहती हूँ. बस तुम देखते जाओ और सिर्फ सहयोग करो। दिन भर में डॉक्टर साहिबा ने कई बार अपना पानी निकाला। रात भर गांड और बुर की जमकर चुदाई चलती रही, वही चार बजे सुबह फिर मैंने अपने रस से उनकी बुर को भर दिया। चोदते चोदते कब नींद आई पता ही नहीं चला.
मेरी नींद करीब 9 बजे खुली जब रूम सर्विस ने बेल बजाई तो मैंने प्रियंका को उनका नाइट गाउन पहनाकर उनके ऊपर चादर डाल दी, अपना नाइट गाउन शरीर पर डाल कर दरवाजा खोला। जब तक वह कमरे की सफाई और केतली को बदलता, तब तक मैं फ्रेश होकर आ गया लेकिन प्रियंका अभी भी सोई हुई थी। जब तक बाथरूम साफ किया, तब तक मैंने अपना गाउन बदल लिया।
फिर मैंने दो गिलास हल्दी डालकर दूध का आर्डर किया। थोड़ी देर में दूध आ गया। मैंने दूध पीया.
मैंने अपने जीवन में इतना सेक्स दो दिनों में नहीं किया था और स्खलित हुआ था।
आज इन मैम की शादी हैं ये आराम से चुदकर सो रही हैं।
मैंने उनके सर को अपनी गोद में लिया फिर उसे दूध पिलाने की कोशिश की, अर्धनिंद्रा में मैम ने दूध पी लिया। फिर मैंने उनके ओष्ठ पर लगे दूध को अपने ओष्ठ से चूस कर साफ किया।
करीब ग्यारह बजे वो उठी, बोली- जानू, शरीर में बहुत दर्द हो रहा है. तो मैं बोला- फ्रेश होकर आओ। मैं बोला- नाइट गाउन हटा कर बिस्तर पर लेट जाओ, मैं मालिश कर देता हूँ।
फिर मैंने उनके शरीर के एक एक अंग की ढंग से मालिश की। चूत की तो गर्म पानी से सेंकाई करके फिर सरसों के तेल से मालिश कर दी थी कि चूत से रसधारा छूटने लगी थी. तो बोली- इसे चुप कौन कराएगा? मैं बोला- आपका पति। तो वो बोली- अभी तो तू ही मेरा पति है, देख कब तक मैं तुमसे आज चुदती हूँ। एक बात जानते हो, मैंने अपनी शादी में किसी भी मित्र को नहीं बुलाया। मैं बोला- मुझे पता है।
प्रियंका ने तो अंतिम विदाई के समय तक मेरे लिंग को चूसा और चूत चुदवाई। शादी की रस्मों के बाद आराम करने के बहाने से वो रूम में आ गई थी और चुदाई का एक दौर पूरा कर गयी थी.
अब शादी के बाद भी प्रियंका ज्यादातर अपनी विदेश यात्रा आज भी मेरे साथ ही करती हैं और जम कर चुदती हैं।
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