This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
मेरे दोस्त की सिस्टर की चुदाई कहानी में पढ़ें कि वो मेरे कॉलेज में पढ़ती थी तो हमारी दोस्ती हो गयी. मैंने उसे प्रोपोज किया तो उसने हाँ कर दी. एक दिन मैंने उसे उसी के घर में चोदा.
मेरा नाम राहुल है, मैं ठाणे (मुंबई) का रहने वाला हूँ. मैं अन्तर्वासना को बहुत समय से पढ़ रहा हूँ. आज मैं अपनी पहली सेक्स कहानी लिखने जा रहा हूँ. आशा करता हूँ कि आप लोगों को दोस्त की सिस्टर की चुदाई कहानी पसंद आएगी.
पहले मैं आपको अपना परिचय दे देता हूँ. मैं दिखने में काफी हैंडसम हूँ. मेरा रंग एकदम गोरा है, कद साढ़े पांच फुट का है. और मेरी उम्र अभी बीस साल की है. मेरा लंड साढ़े छह इंच लम्बा है और ये काफी मोटा भी है.
यह सेक्स कहानी कुछ दिनों पहले उस वक्त की है, जब मैं बारहवीं कक्षा में था. जब मैं अपने कॉलेज जाता था, तब बहुत सी लड़कियां मुझ पर मरती थीं. मगर मैं सुरेखा पर मरता था.
सुरेखा मेरे कॉलेज में की एक खूबसूरत लड़की थी. वो सच में बेहद मस्त माल थी. मेरे कॉलेज के बहुत से लड़के सुरेखा के पीछे लगे थे. सुरेखा का भाई और मैं अच्छे दोस्त हैं. सुरेखा के भाई का नाम रोहन था.
एक बार सुरेखा का भाई कॉलेज आया था. सुरेखा को कॉलेज छोड़ने, तब उसने मुझे देखा, मैं वहीं था. उसने मुझे आवाज दी.
सुरेखा का भाई- हे राहुल! मैं बोला- अरे हाय रोहन, आज हमारे कॉलेज में कैसे? सुरेखा का भाई- अरे मैं अपनी बहन सुरेखा को कॉलेज छोड़ने आया था.
उस समय सुरेखा भी वहीं खड़ी थी, वो हमारी बातें सुन रही थी. मैंने सुरेखा को भी हाय बोला. कुछ देर बाद उसका भाई मुझे बाय बोलकर चला गया.
कुछ दिनों बाद सुरेखा मुझे कॉलेज के लाइब्रेरी में दिखी और वो मुझे देखकर मुस्कुरा दी. मैं भी उसे देखकर मुस्कुरा दिया. हम दोनों में हल्की फुल्की बातचीत हुई और अलग हो गए.
फिर कुछ दिनों बाद हम दोनों में दोस्ती हो गई.
हम दोनों अब काफी बातें करने लगे थे. सुरेखा रोहन के कारण मुझसे ज्यादा फ्रेंक हो गई थी. मैं उसके साथ मैं भावनात्मक रूप से इतना अधिक जुड़ गया था कि कॉलेज से घर जाने के बाद भी मुझे सुरेखा की बहुत याद आती थी. मैं अब हर पल उसी के बारे में सोचता रहता था.
एक दिन शाम को मेरे मोबाइल फोन पर मैसेज आया- हाय. मैंने रिप्लाइ दिया- आप कौन? उधर से जबाव आया- मैं सुरेखा!
मैं एकदम से शॉक्ड हो गया. मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि सुरेखा मुझे मैसेज करेगी. क्योंकि अब तक मैंने उससे फोन नम्बर साझा किये ही नहीं थे.
मैंने उत्सुकता से पूछा- तुम्हारे पास मेरा नंबर कैसे आया? तब उसने एक मुस्कुराने की स्माइली भेजते हुए लिखा- मुझे अपने भाई के मोबाइल से मिला.
मैं समझ गया कि सुरेखा भी मुझसे अपने दिल की बात करना चाहती है. मैंने उससे चैट करना शुरू कर दी.
दो तीन दिन चैट करने के बाद ही मैंने उससे अपने मन की बात कह दी- सुरेखा मैं कॉलेज से घर आकर तुम्हें बहुत मिस करता हूँ. वो बोली- मैं भी!
उसकी बात सुनकर हम दोनों ने खुल कर चैट करना शुरू कर दी. अब हम दोनों रोज देर रात तक चैट करने लगे. कॉलेज के समय में हम दोनों क्लास बंक करके बाहर साथ साथ घूमने लगे.
अब सुरेखा मेरे साथ बहुत खुश रहती थी.
फिर मैंने एक दिन सुरेखा से आई लव यू कह दिया. सुरेखा ने तुरंत हां में जवाब दे दिया. हमारी प्रेम कहानी चल पड़ी.
हम दोनों कॉलेज में ही छिप छिप कर एक दूसरे से प्यार करने लगे थे. मैं उसे अपनी बांहों में भर लेता था, तो वो भी मुझे चिपक कर अपनी धड़कनें सुनाने लगती थी. मैंने उसे कई बार चूमा, उसने भी मुझे खूब चूमा.
एक बार मैंने उसके दूध दबा दिए, तो वो एक बार को तो सहम गई और मुझे देखने लगी. मैंने उससे पूछा- क्या हुआ? वो कुछ नहीं बोली और उधर से चली गई. मुझे लगा कि शायद मुझसे कुछ जल्दीबाजी हो गई.
मैंने उसे मैसेज किया- क्या तुम मुझसे नाराज हो? उसका जबाव आया- हां. मैंने पूछा- मुझसे क्या खता हो गई?
वो बोली- तुमने मेरे वो क्यों छुए? मैंने पूछा- क्या? वो बोली- ज्यादा बनो मत … तुम सब समझते हो.
मैंने पूछा- क्या तुम्हें बुरा लगा? वो बोली- हां थोड़ा अजीब सा लगा. मैंने कहा- कितना अजीब लगा? वो बोली- मतलब?
मैंने पूछा- मेरा मतलब, क्या तुम्हें ऐसा लगा कि मुझे कभी तुम्हारे वो नहीं छूने चाहिए? वो बोली- तुम बहुत बदमाश हो. मैंने कहा- मैं बदमाशी सिर्फ इतनी की थी कि तुम्हारे बूब्स दबाए थे. मैं तुमसे पूछ तो रहा हूँ कि यदि तुम्हें खराब लगा हो तो आगे से नहीं करूंगा.
वो हंस दी.
फिर हम दोनों मिले, तो मैं उससे दूर ही रहा. वो मेरी तरफ गुस्से से देखने लगी.
मैंने पूछा- क्या हुआ? वो बोली- ये क्या बदतमीजी है? मैंने कहा- क्या बदतमीजी की मैंने? वो मेरे सीने से लिपटते हुए बोली- ज्यादा होशियारी की तो काट लूंगी … खा जाऊंगी. मैंने उसे अपनी बांहों में जकड़ते हुए चूमा और कहा- काट ले मेरी जान … क्या क्या खाएगी? वो कुछ नहीं बोली, तो मैंने उसके कान में पूछा- अब दबा सकता हूँ … या नहीं? वो मेरे लंड को पकड़ते हुए बोली- हां दबा लो!
उसके लंड दबाते ही मेरी बांछें खिल गईं. हम दोनों ने काफी देर तक अपने प्यार को एक दूसरे से साझा किया और अलग अलग हो गए.
अब मेरा सुरेखा के घर आना जाना शुरू हो गया था. सुरेखा के घर में उसके मम्मी पापा और सुरेखा का भाई रोहन ही रहते थे. रोहन मेरा पहले से ही दोस्त था तो मुझे ज्यादा दिक्कत नहीं हुई. सुरेखा की मम्मी भी मुझे लाइक करने लगी थीं … मतलब उनको मुझ पर किसी तरह का कोई शक आदि नहीं था.
हम दोनों के अन्दर मिलन की आग जल रही थी. मगर जगह का इंतजाम न हो पाने के कारण सेक्स करने की व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. हम दोनों होटल नहीं जाना चाहते थे.
फिर यूं ही हम दोनों मौके की तलाश में रहने लगे.
एक बार सुरेखा के किसी रिश्तेदार के घर शादी थी तो सुरेखा के मम्मी पापा को कुछ दिन के लिए शादी में जाना था.
उस समय सुरेखा के एग्जाम चल रहे थे, इस कारण सुरेखा शादी में नहीं जा सकी थी. उसने मुझे ये बता दिया था कि उसके घर में कोई नहीं है.
मैं दिन में उसके घर चला गया, उस समय उसके घर में कोई नहीं था. रोहन किसी काम से बाहर गया था. तब मैंने सुरेखा को अकेले कमरे में पहली बार अपनी बांहों में लेकर किस किया था.
क्या बताऊं दोस्तो, सुरेखा को किस करते समय मुझे कितना ज्यादा मजा आ रहा था. मैं उसे लगातार किस करता जा रहा था. उस समय सुरेखा भी बहुत गर्म हो चुकी थी. मैं उसे किस करते समय अपनी भुजाओं में दबाए हुए था. जिससे उसकी मदमस्त चूचियां मेरे सीने से रगड़ रही थीं.
फिर वो मुझसे अलग हो गई. हम दोनों एक दूसरे को प्यार से देखने लगे. मुझे लग रहा था कि इसको अभी ही पकड़ कर चोद दूँ. मैंने उसे इशारा किया कि लेने का मन है. तो वो फोन उठा कर अपने भाई की पोजीशन लेने लगी.
मगर वो फोन करती, उसी समय सुरेखा का मोबाइल बज उठा. ये उसके भाई का फोन था. वो उससे कुछ खाने को लाने के लिए पूछ रहा था.
सुरेखा ने उससे पूछा कि तुम कितनी देर में आओगे? रोहन ने कहा कि मैं बस रास्ते में हूँ आ ही रहा हूँ. इसके बाद मैं समझ गया और सुरेखा को किस करके और बाय बोल कर निकल गया.
दूसरे दिन सुरेखा का फोन आया- घर में कोई नहीं है, तुम आ सकते हो क्या? मैं बहुत खुश हो गया और मैंने आने की हां बोल दी. मैंने उससे कहा- लेने के लिए रेडी हो ना! वो हंस दी.
मैं समझ गया कि आज सुरेखा बुर दे देगी.
उसके घर जाते समय मैंने कंडोम का एक पैकेट ले लिया. मुझे पता था कि आज सुरेखा मुझे नहीं छोड़ेगी.
जब मैं सुरेखा के घर पहुंचा, तब सुरेखा की तेवर कुछ अच्छे नहीं लग रहे थे.
मैं घर पहुंच कर उसके ड्राइंगरूम में जाकर बैठ गया. सुरेखा ने मुझे एक गिलास पानी ला कर दिया. मैंने पानी पीते हुए ही उसे अपने पास खींच लिया.
सुरेखा मेरे पास आकर बैठ गई और मेरे गालों को सहलाने लगी. वो मुझे किस करने लगी.
दस मिनट किस करने के बाद मैं सुरेखा को बेडरूम में लेकर गया और उसके कपड़े उतारने लगा. कपड़े उतारते समय भी मैं उसे किस करता रहा.
सुरेखा ने काले रंग की ब्रा और पेंटी पहनी थी. मैं उसे कामुकता से निहारने लगा. सुरेखा का फिगर 32-28-34 का था.
वो मेरी गोद में आ कर बैठ गई. मैं सुरेखा के मम्मे चूसने लगा. कुछ ही देर में सुरेखा गर्म हो चुकी थी और उसके मुँह से ‘आहह उन्ह …’ की आवाज निकल रही थी.
फिर सुरेखा मेरे कपड़े उतारने लगी और मैं उसे किस करता रहा.
सुरेखा से अब नहीं रहा जा रहा था. उसने मुझे इशारा किया, तो मैंने सुरेखा की पेंटी निकाल दी.
आह क्या बताऊं दोस्तो, सुरेखा की बुर कितनी गुलाबी थी … आह एकदम साफ़ चिकनी चमेली सी बुर … मैंने आज जिंदगी में पहली बार इतनी साफ और गुलाबी बुर देखी थी. मुझे रुका ही न गया और मैं उसे लिटा कर उसकी बुर चाटने लगा.
सुरेखा के मुँह से ‘आहआह … उहहह..’ की मादक आवाज निकलने लगी. पूरे बेडरूम में उसकी कामुक सीत्कारें गूँज रही थीं.
मैंने सुरेखा को बेड पर सीधा लिटा कर उसे चोदने की तैयारी शुरू कर दी. मैंने अपनी पेंट की जेब से कंडोम निकाल कर अपने लंड पर चढ़ा लिया.
सुरेखा मेरे मोटे लंड को देख कर कुछ घबरा रही थी. मैंने उसकी बुर के ऊपर अपना लंड रख कर रगड़ दिया. सुरेखा की गर्म सिसकारी निकल गई. उसकी मादक आवाजें मुझे और भी उत्तेजित कर रही थीं.
मैंने एक धक्का लगाया, तो लंड अन्दर चला गया. सुरेखा की चीख निकल पड़ी. मैं उसके मुँह पर अपने होंठ रख कर उसे किस करने लगा.
वो छटपटा रही थी. मगर मैंने देर न करते हुए दूसरे धक्का दे दिया. इस बार मेरा पूरा का पूरा लंड सुरेखा की बुर में घुस गया था.
सुरेखा ने मेरे मुँह से अपना मुँह हटाया और जोर से चिल्ला उठी. पर मैंने उसे छोड़ा नहीं. सुरेखा की आंखों से आंसू आ गए थे. पर मैं सुरेखा की बुर में धक्के देता रहा.
कुछ देर की पीढ़ा के बाद सुरेखा भी मेरा साथ देने लगी. अब उसके मुँह से ‘आहह … आहह … यस आहह …’ की आवाजें निकलने लगी थीं.
बीस मिनट की धकापेल चुदाई के बाद सुरेखा और मैं साथ में ही झड़ गए. वो मुझसे चुदवा कर बहुत खुश थी.
उस दिन मैंने सुरेखा को दो और बार चोदा. फिर मैं उसके घर से आ गया.
अब मेरे लंड को सुरेखा की बुर का स्वाद लग चुका था तो जब भी मुझे टाइम मिलता, मैं सुरेखा की बुर चोद देता. वो भी मेरे लंड के लिए चुदासी रहने लगी थी.
दोस्त की सिस्टर की चुदाई कहानी आपको कैसी लगी … मुझे ईमेल जरूर करना.
[email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000