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यारो, मेरी पिछली कहानी सड़क पर नये यार का लंड चूसने का मजा में आपने पढ़ा कि मैं अपने बॉयफ्रेंड के दोस्त का लंड खुली सड़क पर चूस कर अपने घर आई. अब आगे:
मेरे पास मेरे फ्लैट की दूसरी चाभी थी तो मैंने अपने भाई अजय को नहीं जगाया और ना ही कोई लाईट जलायी सीधा अपने रूम में जाकर अन्धेरे में ही सारे कपड़े निकाल कर नंगी ही सो गयी। सुबह अजय मेरे लिये चाय बना कर ले आया तो मेरी नीन्द खुली देखा कि मैंने पेंटी और ब्रा पहनी हुई है। मैंने चादर के अन्दर से ही अजय को चाय टेबल पर रखने को बोल दिया और वो रख कर चला गया।
मैं सोचने लगी कि रात को मैं बिल्कुल नंगी सोयी थी फिर मुझे ब्रा और पेंटी किसने पहनाई? मुझे अजय पर शक हुआ कि अजय रात को मेरे कमरे में आया था।
मैं फ्रेश हुई और कपड़े पहन कर चाय लेकर हाल में आ गई और न्यूज़ पेपर देखने लगी। अजय सामने बैठ कर मोबाइल में देख रहा था। मैं- अजय, मुझे एक बात पूछनी है। अजय- हाँ दीदी, पूछो। मैं- तुम रात को मेरे कमरे में आये थे क्या? अजय- नहीं दीदी आप रात को बाहर से आयी तो सीधा मेरे कमरे में आ गयी थी और वहीं पर सो गयी थी। मैं- और तुम कहाँ सोये थे? अजय- आपके बराबर में।
मेरी आँखें फट गयी थी… इसका मतलब अजय ने मुझे पूरी नंगी देख लिया। मैं गुस्से में- तुमने मुझे मना क्यों नहीं किया वहाँ सोने के लिये? अजय- दीदी, मैं सो रहा था पर रात में जब मैंने करवट बदली तो मेरा हाथ आपके ऊपर गया। इतना बोल कर अजय चुप हो गया।
तो मैंने फिर गुस्से में बोला- फिर क्या किया तुमने? मुझे सब कुछ बताओ नहीं तो मैं तुमको यहाँ से भगा दूंगी, वापिस घर चले जाना। अजय- नहीं दीदी, आप ऐसा मत करना, मैं सब बता रहा हूँ। रात को जब आप आई तब मैं सो रहा था। आपको पता नहीं क्या हुआ… आपने मुझे कस के पीछे से पकड़ लिया। मैं- कहाँ पकड़ा था मैंने? अजय- दीदी वो… मैं गुस्से में- बताओ कहाँ? अजय- दीदी रात को बहुत गर्मी लग रही थी और आप थी नहीं… तो मैं अपने सारे कपड़े निकल कर सो रहा था और आपने मेरे नीचे पकड़ लिया था।
यह सुन कर मैं शॉक्ड रह गयी। मैं- फिर? अजय- फिर मैं दूसरे साइड मुड़ा तो पता चला आप बिना कपड़ों के सोयी हो। मैं- तुमने क्या लाईट जला कर देखा था? अजय- नहीं दीदी। मैं- फिर? अजय- मैंने हाथों से छू कर देखा था।
मेरी चूत टाइट हो गयी थी अजय की बातों से- कहाँ पर छुआ था तुमने? अजय चुप रहा और नीचे देखने लगा। मैं- बताओ मुझे? अजय- दी, मैंने पहले आपके ऊपर हाथ लगाया और फिर नीचे छुकर देखा था… और तुरन्त हाथ को हटाने लगा मगर… मैंने देखा कि अजय का लंड पैंट में ही टाइट होने लगा था।
मैं- मगर क्या? अजय- दीदी आप बहुत नशे में थी तो आपने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरे हाथ को अपने नीचे रखवा कर रगड़ने लगी। फिर आपने मेरे होंठों को अपने मुँह में ले लिया और मेरे नीचे कस कर पकड़ लिया और फिर कुछ बोलने लगी। मैं- क्या बोल रही थी मैं? अजय- दी, आप बोल रही थी राहुल प्लीज फ़क मी… चो… मैं- पूरा बताओ। अजय- आप बोल रही थी राहुल फ़क मी, चोदो मुझे… जोर से चोदो।
अपने भाई के मुँह से ये सब सुन कर मैं बहुत उत्तेजित हो गई थी। और मैंने देखा अजय का लंड पूरी तरह से खड़ा हो गया है। मैं- फिर तुमने क्या किया? अजय- मैं वैसे ही लेटा रहा। आप मेरे हाथ की 2 उंगली को अपने नीचे डाल और निकाल रही थी और अपने दूसरे हाथ से मेरे नीचे कुछ कर रही थी। फिर आप शांत हो गई और मैंने अपना हाथ हटा लिया। फिर आपको उठा कर आपके कमरे में ले गया और वहाँ आपको कपड़े पहना कर सुला दिया और अपने कमरे में आ गया। मैं- तो तुमने लाईट जला कर नहीं देखा? और कैसे उठाया था मुझे? अजय- नहीं दी, लाईट नहीं जलाई… आपको बांहों में उठा कर ले आया था।
मैं सोच रही थी मेरा भाई कितना अच्छा है। उसकी बहन उसकी बांहों में नंगी होकर सिमट गयी है और वो खुद भी नंगा होकर अपनी बहन को उठा रहा है। फिर भी कुछ नहीं किया अपनी बहन के साथ। मैं सोच कर ही अन्दर से उसके लिये प्यार महसूस करने लगी, मैंने अजय को अपने पास बुलाया और उसे गले लगा कर रोने लगी। अजय- दी, आप प्लीज रोओ मत, मैंने कुछ नहीं किया सच में… प्लीज आप माफ कर दो, मैंने ऐसे आपको छुआ।
मुझे उसकी इस बात से और रोना आ गया ये सोच कर कि मेरी गलती के लिये वो सॉरी बोल रहा है। अजय- बताओ ना दी, क्या हुआ? मैं- कुछ नहीं। अजय- आप सोच रही हो कि मैं किसी से कहूंगा कुछ.. आपके बॉय फ्रेंड के बारे में और आप ड्रिंक की इसके बारे में? मैं और जोर से रोने लगी और अजय को कस कर पकड़ लिया।
अजय- प्लीज दी, आप चुप हो जाओ, मैं किसी से कुछ नहीं कहूंगा, प्रोमिस! और आप जैसे चाहो रह सकती हो, ये आपकी लाइफ है दी। मैं अजय की इस बात से बहुत खुश हुई और अब अजय सोफे पर बैठ गया और मैं उसके पास बैठ गई।
अजय ने मुझे पानी पिलाया और दुबारा चाय बनाने के लिये चला गया। फिर मैं नहाने चली गयी और नहा कर अपने बैडरूम में कपड़े पहनने के लिये जाने लगी।
मैं पेंटी को हाथ में लेकर दर्पण में खुद के जिस्म को देख कर सोच रही थी कि कल रात में कितना कुछ हो गया।
मैं दरवाजा लॉक करना भूल गयी थी, इतने देर में अजय चाय लेकर अन्दर आ गया और मुझे देख कर शॉक्ड हो गया फिर वापिस जाने लगा। मैं- रूको अजय। अजय ने अपनी आँखें बंद की हुई थी, हाथ में चाय का ट्रे लेकर खड़ा था और सॉरी बोल रहा था।
मैंने ट्रे लेकर बैड पर रख दिया और बोली- एक शर्त पर माफ करूंगी। अजय- दी, आप माफ कर दो, मुझे हर शर्त मंजूर है।
मैं झुकी और अजय के हाथ में ब्रा देकर बोली- बिना मुझे देखे इसे मुझे पहनाओ जैसे रात को पहनाई थी। अजय- पर दी..
अजय कुछ बोलता उससे पहले मैंने उसके होंठों पर उंगली रख दी और बोली- जैसे कहा, वैसा करो। और उसका हाथ पकड़ कर उसे दर्पण के सामने ले गयी जहाँ पर मैं खुद का नंगा जिस्म अपने भाई के हाथों में देख सकूँ। मैं- पहना दो।
अब मेरे भाई ने एक हाथ मेरे नंगे कन्धे पर रख दिया और दूसरे हाथ को मेरे चेहरे पर लगा कर छूने लगा। फिर उंगलियों से मेरे आँखों को फिर होंठों को छूते हुए नीचे जाने लगा। उसके बाद उसने दोनों हाथों को मेरी नंगी चुचियों पर रख दिया और सहलाते हुए ब्रा का कप मेरे चुचियों पर लगा दिया। फिर एक हाथ से मेरे एक चुची पर ब्रा को दबा कर अजय मेरे पीछे आ गया। जिससे मेरे दूसरी चुची का कप हट गया।
अजय ने मेरे पीछे से मेरी दूसरी चुची को पकड़ लिया और ब्रा को दुबारा लगा कर उसका हुक बंद करने की कोशिश करने लगा।
मेरे भाई का लंड बिल्कुल खड़ा हो गया था जो मेरी गांड में छू रहा था। अब मैंने अपनी गांड को थोड़ा पीछे किया और अजय के लंड पर रगड़ दिया जिससे अजय थोड़ा सा असामान्य हो गया और कसकर मुझे पीछे से पकड़ लिया और अपने लंड को मेरी गांड पर दबा दिया।
मेरी ब्रा नीचे गिर गयी थी। मेरा भाई मेरे नंगे जिस्म को पीछे से पकड़ कर सहला रहा था, मेरी चुचियों को दबा रहा था और अपना लंड मेरी गांड में रगड़ रहा था। मेरी चूत पानी छोड़ रही थी, मैंने अजय का हाथ अपनी चूत पर रख लिया और बोली- जैसे रात में किया था, वैसे करो।
अब अजय ने मेरे चेहरे को घुमा लिया और मेरे होंठों पर होंठ रख कर चूसने लगा और अपने हाथ की दो उंगली मेरी गीली हूई चूत में डाल दी। मैं सिहर गई और कसकर अपने भाई की बांहों में सिमट गयी। मेरा भाई तेज तेज मेरी चूत में उंगली डाल रहा था।
अब मैंने अपना हाथ पीछे ले जाकर भाई की पैंट को खोल दिया। मेरे भाई ने चड्डी नहीं पहनी थी जिससे उसका खड़ा लंड मेरे गांड से टकरा गया। मैंने अपने चूतड़ों को फैला कर अपने भाई का लंड अपनी गांड में फंसा लिया। मैं- अजय, मेरा नंगा जिस्म देखोगे? अजय ने आँखें बंद किये हुए ही हां में सर हिलाया।
मैं अजय के होंठों को चूम कर बोली- आँखें खोलो। मेरा भाई धीरे धीरे आँखें खोल रहा और दर्पण में देख रहा था उसकी बहन बिल्कुल नंगी उसकी बांहों में है। उसका एक हाथ अपनी बहन की नंगी चुचियाँ दबा रहा है और दूसरा हाथ अपनी बहन की चूत में उंगली डाल रहा है। उसकी बहन हाथ पीछे ले जाकर अपने भाई का लंड हिला रही है और अपनी गांड पर सेट कर रही थी।
अजय- दी, आप बहुत खूबसूरत हो अन्दर से। मैं- क्या अच्छा लग रहा है मेरे भाई को? अजय- आपके दूध, आपकी नंगी कमर, आपकी नंगी जांघें… आपकी नंगी चू… मुझे ये सब सुन कर बहुत उत्तेजना होने लगी थी- अजय, क्या करना चाहते हो अपनी बहन के नंगे जिस्म के साथ? अजय- चाटना चहता हूँ दी… आपके निप्पल चूसना चहता हूँ।
अब मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था, मैं अजय की तरफ घूम गई उसके होंठों को मुँह में ले लिया और उसका टीशर्ट निकाल कर उसे बेड पर लिटा दिया और खुद नंगी ही उसके ऊपर लेट गयी। अपना निप्पल उसके मुंह में दे दिया जिसे मेरा भाई आँख बंद करके चूसने लगा। मैं- आह्ह्ह… जोर से चूसो अजय, निकाल दो इसमें से दूध और पी जाओ।
अजय मेरी एक चुची को दबा रहा था और दूसरी को पी रहा था। मैं- आहह आहह आहह जोर से अजय। अब मैंने चाय का कप उठा लिया, अब तक चाय ठंडी हो चुकी थी, उसमें निप्पल डाल कर अजय को अपने निप्पल से चाय पिलाने लगी। मेर भाई मेरे निप्पल पर लगी हुई चाय को चाट रहा था। मैं- आह्ह्ह आह्ह्ह… जोर से काट लो मेरी चुचियों को। आह पी लो मेरे भाई!
अब अजय ने मुझे बेड पर सीधा लिटा और मेरे टांगों के बीच आ गया। मैं- अजय मुझे जोर से चोदो आज, अपनी बहन की चुदायी करना चाहते हो ना? अजय- हां दी, मैं तो आपको रात में ही चोदना चाहता था पर आप होश में नहीं थी। मैं- तो जगा कर चोद देते मेरे राजा, मेरी चूत तो लंड की प्यासी रहती है हमेशा।
अजय- दीदी और आप लंड की प्यासी नहीं हो? मैं अजय का लंड अपनी तरफ खींचती हुई- मैं तो हमेशा रहती हूँ।
अब मेरा भाई मेरे चुचियों पर बैठ गया और अपनी बहन के मुँह में लंड डाल कर चुसवाने लगा। अजय- आहह आहह दीदी, आप बहुत अच्छा लंड चूसती हो। राहुल जीजू ने सिखाया है?
मैं मन में सोच रही थी इसको पूरी सचाई बताने की जरूरत नहीं है। इसी बहाने से अब राहुल को अपने घर बुला सकती हूँ इसलिये मैंने हां में सर हिला दिया। अजय- दी, क्या आपके मुँह को चोद सकता हूँ? मैंने मुंह से लंड बाहर निकल कर बोला- जो मन हो वो करना बिना कुछ पूछे।
अब अजय मेरे मुँह को जोर जोर से चोदने लगा, उसका लंड मेरे गले में जाने लगा… मैं गुं गुं गुं गुं करते हुए अपने भाई का लंड चूस रही थी।
अजय मेरी टांगों के बीच आ गया और मेरे मुँह में अपनी जीभ डाल कर मेरी चूत पर लंड रख दिया- नेहा दीदी, आप बहुत मस्त माल हो। मैं- दीदी को माल बना दिया चोदने के लिये। अजय मेरी चूत में लंड धीरे धीरे घुसाते हुए बोला- मैं तो अपको जोर जोर से चोदना चाहता हूँ। आपका जिस्म सबका लंड खड़ा कर देता होगा। मैं- आअह्ह आहह… लंड को जोर से घुसा दे। अजय- लो मेरी जान! और एक झटके में पूरा लंड अन्दर घुसा दिया।
मैं- आअह्ह मम्मी… मर गयी… उम्म्ह… अहह… हय… याह… अजय का लंड काफी लम्बा था जो मेरी बच्चेदानी से सीधा टकरा गया और मेरी चूत को अन्दर तक खोल दिया।
अब अजय मेरी चूत में लंड डाल कर मुझसे बात करने लगा- दीदी, आपकी चूत बहुत टाइट है। राहुल जीजू चोदते नहीं हैं क्या? मैं- चोदते हैं… पर उनका तेरे जितना लम्बा नहीं है। हां पर मोटा बहुत है। अजय- तो कल रात में चोदा था जीजू ने आपको? मैं- नहीं।
अब मैं कमर हिलाने लगी जिससे अजय समझ गया और मुझे चोदने लगा। अजय- इसी लिये आप इतना तड़प रही थी? मैं- हां, राहुल तो बस छूकर और लंड चुसवा कर चला गया।
अजय को जब पता चला मैं लंड बहुत चूसती हूँ तो उसका जोश और बढ़ गया, वो मुझे तेजी से चोदने लगा। मैं- आअह्ह आह्ह्ह जोर से अजय और जोर से… आह्ह्ह चोदो मुझे! आहह आह्ह्ह मेरी चूत को फाड़ दो मेरे भाई! आह्ह्ह आअह्ह! अजय- लो दीदी, और तेज… और तेज… आपकी वो बहुत अच्छी है दीदी… आपका मुँह और भी मस्त है। रोज मुँह में लंड लेकर रहोगी ना? मैं- आह्ह्ह आअह्ह्ह… जोर से चोदो मेरे भाई। रोज मुझसे अपना लंड चुसवाना और मुझे चोदना। मेरी चूत को मजा आ रहा है।
अजय- आहह आहह मेरी बहन की वो बहुत टाइट है। मुझे अजय की इस बात पर हंसी आ गयी। बहन ‘चूत’ बोल रही है और भाई ‘वो’ बोल रहा है। मुझे लगा अजय को सेक्स में थोड़ा सा खोलना पड़ेगा। इसलिये मैंने अजय के होंठों को अपने मुँह में ले लिया और नीचे से गांड उछाल उछाल कर चुदवाने लगी।
मैं- जोर से चोदो अपनी बहन को… अपनी बहन की वो फाड़ना चाहते हो ना? अजय- हां दी दी… आज आपको चोद चोद कर फ़ाड़ दूंगा आपकी वो। मैं- क्या फाड़ोगे मेरी? अजय- दीदी आपकी चूत फाड़ दूंगा। आपकी चूत को खूब चोदूँगा. मैं- आह आह फ़ाड़ दो मेरे भाई। मेरी चूत को फाड़ो।
अब अजय मुझे जोर जोर से चोद रहा था, मैं टांगों को हवा में उठा कर अपने भाई का लंड ले रही थी। मुझे अच्छा लगा मेरा भाई जवान हो गया है और अपनी बहन को चोद रहा है। यह सोच कर मैं झड़ गयी और मेरी चूत की गर्मी से अजय ने भी पानी छोड़ दिया।
अब अजय मेरे नंगे जिस्म पर लेटा हुआ था, मैं उसको बांहों में लेकर सहला रही थी। अजय- दीदी आप बहुत अच्छी हो। मैं- तुम भी मेरे भाई। अब अजय उठ कर बाथरूम में गया और फिर लंड धो कर चड्डी पहन लिया। मैंने एक ट्रान्स्परेन्ट नाईटी पहन ली जिससे मुझे देख कर अजय हर वक्त मुझे चोदना चाहे।
अब हम दोनों ने साथ में खाना बनाया।
उसके बाद की बात अपनी अगली कहानी में लिखूँगी. [email protected]
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