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हैलो फ्रेंड्स, मैं जेसिका क्लार्क एक और नई कहानी के साथ उपस्थित हूँ।
मेरी उम्र 25 साल, शादीशुदा हूँ, 6 महीने होने वाले हैं मेरी शादी को; मेरे हस्बैंड अमेरिकन हैं, और बहुत हैंडसम हैं, डेली जिम जाते हैं; कसरती बदन है।
जब मैं अमेरिका से वापस आई तो मुझे चुदे हुए 2 महीने हो चुके थे क्योंकि मेरे हसबैंड की तबियत बिगड़ गई थी, उसके बाद मैंने मेरी चुदाई के साथी परीक्षित और चिंटू से गोआ में मेरी चूत की प्यास बुझाई। उसके बाद जब हम गोआ से वापस आये तो 3-4 दिन तक सब कुछ नॉर्मल रहा।
हुआ कुछ ऐसा कि मेरे ही घर में मेरी एक किरायेदार रहती हैं; उनकी उम्र पक्की तो नहीं पता पर 38-39 साल की हैं। उनका नाम रेबेका है और 2 बार उनकी शादी हो चुकी है और दोनों ही बार तलाक हो चुका है। पहले पति से एक बच्चा और दूसरे पति से दो बच्चे हैं और वो उनके ही फादर के साथ में रहते हैं और तीनों बच्चे ही अक्सर उनसे मिलने आते रहते हैं। तीनों ही बहुत सुंदर हैं। मैं उन्हें भाभी ही कहती हूँ।
उनके पहले पति हमारे घर के पास में रहते हैं जिन्हें हम बचपन से जानती हैं। उनका शरीर भरा हुआ न ज्यादा दुबला न ही ज्यादा हेल्दी है, बूब्स बहुत हो मोटे, गोल भरे हुए हैं; चेहरा भी गोल और गाल भरे हुए हैं। चेहरे को देख कर उनकी उम्र का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है।
क्योंकि मैं उन्हें उनकी शादी से पहले ही जानती हूँ, पर उनकी शादी के बाद मैं उनसे और भी ज्यादा खुल गई थी तो उसके बाद मेरी अक्सर उनसे सेक्स के बारे में बात होती रहती है, वो यह जानती है कि मैंने भी सेक्स किया है और अब भी करती हूँ, पर वो किससे करती हूँ यह नहीं जानती।
जब हम गोआ से वापस आये तो मैं मेरे घर में जब रात में सोने से पहले गोआ में हुई चुदाई के ख्यालों में खोयी हुई चूत में उंगली से ही मेरी चूत को चोद रही थी और कब नींद लग गई पता नहीं चला।
सुबह जब उठी तो तभी मेरे बेडरूम का दरवाजा खटखटाने की आवाज आई, किसी लड़के की आवाज थी, मैंने बिना पेंटी और ब्रा पहने फ्रॉक पहनी क्योंकि मैं उस समय पूरी नंगी थी। मैंने दरवाजा खोला तो देखा सामने मोन्टी खड़ा था। मोन्टी जो मेरी ही किरायदार रेबेका भाभी का सबसे बड़ा लड़का है, उसकी उम्र 19 या 20 साल की है, वो दिखने में बहुत ही हैंडसम है और चेहरे से बिल्कुल उसके पापा की तरह दिखता है; उतनी ही हाइट, हट्टा कट्टा शरीर, भरे हुए गाल, सिर्फ हल्की सी मूंछें थी।
उसे देखते मैंने उसे अंदर बुलाया, पर उसने कहा कि मेरे साथ उसके कमरे में चलो। मैंने उसे कुछ ही देर में आने के लिये कहा।
मैं फ्रेश होकर उसके रूम में गई, वहाँ पर भाभी ने सबके लिये चाय बना कर रखी हुई थी। उन्होंने मुझे चाय पिलाई, मैं बीच बीच में मेरी जांघों को मोन्टी के सामने ढकने की कोशिश कर रही थी, पर कोई मतलब नहीं था क्योंकि मेरी फ्रॉक थोड़ी छोटी थी, ये बात भाभी ने नोटिस कर ली थी।
जब मोन्टी वहाँ से उठकर चला गया तब मैंने खुद ही उन्हें बता दिया था कि ये मेरे हसबैंड ने मुझे गिफ्ट की थी। इसके बाद वो मुस्कुरा दी और मेरी नंगी जांघ पर हाथ फेरने लगी, मुझे गुदगुदी होने लगी.
पर तभी अचानक मुझे याद आया कि आज मोन्टी का बर्थडे है और इसलिये मुझे इतनी जल्दी बुलाया; मैं उसे हर बर्थडे पर विश करती हूँ. जैसे ही वो फिर से हमारे पास आया तो मैं उसे गले लगा कर उसे विश किया और उसे गाल और एक चुम्मी भी दी जो मैं हर बार देती हूँ, उसे ही नहीं भाभी के तीनों बच्चों को ही चुम्मी देती हूँ। मैं उसे बहुत देर तक ऐसे ही लिपटी रही, तभी विक्टर भैया, जो मोन्टी के पापा हैं और भाभी के पहले पति, अंदर आये तो मैंने उन्हें भी गले लगाया। फिर कुछ देर ऐसे ही बात करते रहे तभी भैया ने भाभी को आँख मारी जो कि मैंने नोटिस कर ली थी, भाभी ने भी उन्हें आँख मारी और कुछ इशारा किया। वैसे भाभी तलाक के बाद भी अक्सर उनसे मिलती हैं।
मैंने भी उन्हें डिस्टर्ब नहीं किया और नहाने का बहाना बना कर उठ कर मेरे बेडरूम में आ गई।
उसके बाद मैं नहाकर तैयार हो गई और उसके बाद मेरी एक और सहेली को बाजार लेकर गई मोन्टी के लिये कपड़े खरीदने और मोन्टी को भी साथ में ले गई. कपड़े खरीदने के बाद मैं घर आ गई और मोन्टी ने कुछ देर बाद घर पर आने के लिये कहा था। जैसे ही मैं घर पहुँची तो मुझे कुछ अजीब सी आवाज आई, पहले तो ध्यान नहीं दिया पर बाद में फिर आवाज आई।
जब ध्यान से सुना तो रेबेका भाभी की आवाज थी, मैं उनके बेडरूम की तरफ गई, पक्का ये उनकी ही आवाज थी। मैंने दरवाजे से देखने की कोशिश की तो वो विक्टर भैया के साथ सेक्स कर रही थी और आअह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह की आवाज भी आ रही थी।
तभी भैया ने कहा कि उनका ‘निकलने वाला है’ और उन्होंने माल को चूत में ही निकाल दिया और उनके ऊपर ही लेट गए।
मैं ये सब देखती रही पर समझ नहीं आ रहा था कि उन्होंने दरवाजा खुला छोड़ दिया था या फिर खुला ही रह गया था? पर इतना जरूर है कि उन्होंने मुझे देख लिया था और रेबेका हांफती हुई उनकी पीठ को सहला रही थी। जब भैया उनके ऊपर से उठने लगे तो उन्होंने उठने नहीं दिया, मैं बेशर्मी से यह सब कुछ देख रही थी।
तभी उन्होंने मुझे हाथ से जाने के लिये इशारा किया और तुरन्त ही मेरे बेडरूम में चली गई.
उनकी चुदाई देखकर मेरे जिस्म में भी आग लग गई थी, तो मैं फिर से पूरी नंगी होकर शीशे के सामने खड़ी हो गई, और ऐसे ही मेरी चूत को ठण्डी करने लगी, एक हाथ से तो मेरी चूत को ठण्डी कर रही थी और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसल रही थी।
चूत ठण्डी होने के कुछ देर बाद भाभी ने मेरे बेडरूम का दरवाजा खटखटाया। मैंने भाभी को अंदर बुलाया पर मैं उनसे कुछ बोलती उससे पहले ही उन्होंने बोल दिया कि दरवाजा गलती से खुला रह गया था. फिर मैंने उनसे भैया के बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि कुछ काम से बाजार गए हुए हैं।
मुझसे भी रहा नहीं गया तो मैंने भी उनसे पूछ ही लिया कि क्या भैया ही वो हैं जिनसे वो अभी भी सेक्स करती हैं? तभी उन्होंने मेरे गालों को खींचते हुए बिना किसी शर्म के बता ही दिया कि भैया से ही सेक्स करती हैं, और उनके दूसरे हसबैंड से भी। फिर मैंने उनसे कुछ नहीं कहा।
कुछ देर ऐसे ही उनसे सेक्स की बात करती रही और बातों ही बातों में उनसे लेस्बियन सेक्स करने के बारे में पूछ लिया, तो उन्होंने ना में सर हिलाया। फिर मुझसे पूछने लगी तो बताया कि रानी (जिसका मैंने पिछली कहानियों में जिक्र किया है) से बहुत बार किया है। कुछ ऐसे ही और हम दोनों पर्सनल बातें शेयर करती रही, मैं उनसे लेस्बियन सेक्स की बातें भी शेयर कर रही थी.
बात करने के बाद भाभी ने मुझे कस कर पकड़ कर किस करना शुरू कर दिया, इसके बाद जो हुआ वो बताने से कोई मतलब नहीं है। किस करने के बाद उन्होंने मेरे बूब्स को फ्रॉक के ऊपर ही मसलना शुरू कर दिया, मैंने भी थोडा डरते हुए कपड़ों के ऊपर ही उनके बूब्स को मसला, पर कुछ देर बाद हाथ उनके बूब्स से हटा लिया।
पर थोड़ी हिम्मत करके फिर से उनके बूब्स को मसलने लगी. 3-4 बार मेरे साथ ऐसा हुआ वो कुछ नहीं बोल रही थी। मुझे भी उनके बूब्स मसलने में मजा आ रहा था, क्योंकि उनके बूब्स बड़े और गोल जो हैं। 15 मिनट हम एक दूसरी को किस करती रहीं; फिर मैंने ही उन्हें अलग किया. उन्होंने कहा कि उन्हें किस करने में बहुत मजा आ रहा है।
तब शाम होने वाली थी और भाभी ने मुझे जल्दी से तैयार होकर आने के लिये बोलकर चली गई। मैं भी जल्दी से तैयार हो गई और उनके बेडरूम में पहुंच गई। वो भी तैयार हो चुकीं थीं। पर जब से उन्होंने मुझसे किस किया था, उसके बाद फिर से मुझे चुदने की तड़प लग गई थी। पर क्या करती कंट्रोल तो करना ही था।
कुछ देर बाद उनके गेस्ट भी आ गए। गेस्ट क्या सिर्फ गिनती के लोग ही बुलाये थे, पार्टी होने के बाद भैया ने फिर से भाभी को चुदाई के लिये इशारा किया, जो मैंने देख लिया। पर इस बार मैंने उनकी तरफ ज्यादा ध्यान नहीं दिया। फिर मैं मेरे बेडरूम में आ गई, और चूत को ठण्डी करने लगी। उसके बाद मैंने चिंटू के मैसेज किया, उसके बाद पता नहीं कब मेरी नींद लग गई।
सुबह उठी तो फिर वही हाल, 2 महीनों से लगी आग 4 दिन की चुदाई से ठण्डी ही नहीं हो रही थी। फ्रेश होने के बाद जब मैं चाय पी रही थी तभी चिंटू ने मेरे बेडरूम का दरवाजा खटखटाया, चिंटू के साथ परीक्षित भी थे. मैंने उन्हें अंदर बुलाया और दरवाजा बन्द कर दिया।
उस समय मैं पूरी नंगी थी और उन दोनों के सामने तो मैं पूरी बेशर्म बन चुकी थी। उन्होंने मेरे इस तरह नंगी रहने और चिंटू को सुबह बुलाने की वजह पूछी। तो मैंने उन्हें सब वजह बता दी और चुदाई के लिये बोलने लगी, उन्होंने 2 दिन बाद का कहा। मैंने भी उन्हें कुछ नहीं कहा, जैसे तैसे 2 दिन निकाले।
अगले दिन ही चिंटू ने मुझे कहा कि वो और परीक्षित मुझे सुबह चोदने के लिये आने वाले हैं, यह सुनकर तो मेरी धड़कन और तेज हो गई। सबसे पहले मैंने मेरी चूत के बाल साफ़ किये, वेक्सिंग की। इसके बाद दिन तो निकाल लिया और रात होते ही पूरी नंगी होकर आईने के सामने खुद को निहारने लगी और फिर बेड पर लेट गई, पता नहीं कब मेरी नींद लग गई थी।
सुबह साढ़े 4 बजे मेरे फोन की घण्टी बजी, वो परीक्षित का फोन था जब उनसे बात की तो उन्होंने कहा कि वो दोनों मेरे घर के बाहर ही खड़े हैं। मैं नाइटी पहनकर दरवाजा खोलने गई पर ये नहीं समझ में आ रहा था कि इतनी सुबह उन्होंने सेक्स के लिये क्यों कहा।
मेरे बेडरूम में आने के बाद मैं फिर से नंगी हो गई, और मेरी चूत तो तड़प ही रही थी चुदने के लिये, पर फिर भी मैं चाय बनाने के लिये किचन में गई। चाय पीने के बाद मुझसे अब सब्र नहीं हो रही थी तो मैंने भी बिना कुछ बोले दोनों की लोअर एक साथ निचे करके उनके लण्ड को चूसने लगी।
थोड़ी देर बाद उन्होंने उनकी टीशर्ट भी निकाल दी। जब उनका लण्ड पूरी तरह से खड़ा हो गया उसके बाद वो मेरी चूत को चाटने के लिये बढ़े पर मेरी चूत में इतनी आग लग रही थी कि मैंने उनसे लण्ड को चूत में डालने के लिये कहा. उन्होंने भी मेरी हालत को समझा और तुरन्त ही मेरी चूत को चोदने लगे।
एक राउंड होने के बाद जब हमारा दूसरा राउंड शुरू हुआ, तभी दरवाजे पर मेरी नजर गई, वहाँ पर रेबेका भाभी हमारी चुदाई देख रही थी, वो उस समय सिर्फ ब्रा पेंटी में थीं। इस बात का चिंटू और परीक्षित दोनों को ही पता नहीं था और मैं भी उन्हें नजरअंदाज करते हुए मेरी चूत को चुदवाती रही।
डेढ़ घण्टे की चुदाई में उन्होंने मेरी तड़पती हुई चूत को पूरी ठण्डी कर दिया और मेरी चुदाई करके वो भी तुरन्त चले गए। उसके बाद मैं नहाने चली गई.
जब नहा कर आई तो रेबेका भाभी मेरे कमरे में सोफे पर बैठी हुई थी और अब भी ब्रा पेंटी में ही थीं। उनकी ब्रा पेंटी बहुत ही सेक्सी थी, उनके आधे से ज्यादा बूब्स साफ़ दिख रहे थे और पेंटी में भी उनके चूतड़ पूरे दिख रहे थे। उनकी आँखों में मुझे सिर्फ हवस दिख रही थी, और मैं उनके सामने भीगी हुई और पूरी नंगी खड़ी थी, उनसे नजर मिलाने में भी मुझे शर्म आ रही थी।
तभी उन्होंने मुझे नाश्ता की प्लेट दी जो वो हम दोनों के लिये बना कर लाई थी।
मैं भी बेशर्म बनकर उनके सामने नंगी ही नाश्ता करने लगी। तभी उन्होंने बिना किसी झिझक के बोल ही दिया- आज कन्फर्म हो ही गया कि तुम्हारा सेक्स पार्टनर कौन है। तुम्हें मुझसे डरने की कोई जरूरत नहीं है, बिना डर के तुम्हारी सेक्स लाइफ एन्जॉय करो।
मैं- आपको कैसे पता कि परीक्षित के साथ ही मैं सेक्स करती हूँ? रेबेका भाभी- ये जानने की तुझे कोई जरूरत नहीं है। बस इतना जानती थी कि तू परीक्षित के साथ सेक्स करती है, पर पूरी तरह से कन्फर्म नहीं था लेकिन आज कन्फर्म हो गया। इतना होने के बाद भी उन्होंने कुछ नहीं कहा और न ही मुझे अब उनसे डरने की कोई जरूरत थी क्योंकि मुझे उन पर यकीन है कि वो कोई गलत काम मेरे साथ नहीं करेगी इसके अलावा और भी बहुत बातें हुई जो बताना जरूरी नहीं है।
इसी तरह बात करते करते उन्होंने लेस्बियन सेक्स की बात बोल दी। तभी हमारा नाश्ता भी हो गया और मैंने भी सिर्फ एक नाइटी पहनी और भाभी ने मुझे रूम में चलने के लिये बोला। मैं उनके साथ चल दी। रूम में पहुंचते ही उन्होंने मुझे बेड पर गिरा दिया और मुझे लेस्बियन सेक्स करने को कहा और यह भी कहा कि उन्हें लेस्बियन सेक्स का एक्सपीरियंस नहीं है।
अचानक उनके मन में लेस्बियन सेक्स का ख्याल कैसे आया; ये मेरी समझ में नहीं आया लेकिन मुझे भी नई पार्टनर मिल रही थी सेक्स के लिये तो मैंने भी उन्हें मना नहीं किया; पर 2 घण्टे की चुदाई से मुझे थकान भी हो रही थी।
भाभी से भी मेरी सहेली रानी के साथ लेस्बियन सेक्स की बात छुपी नहीं थी तो मैंने भी इन सब को नजरअंदाज करके मेरी नाइटी निकाल कर एक तरफ फेंक दी और पूरी तरह बेशर्म बन कर उन्हें किस करने लगी. उन्होंने मुझे आधे घण्टे तक बिना रुके किस किया और मेरे बूब्स भी मसल दिए।
जब मैंने उन्हें मेरी चूत को चाटने के लिये कहा तो उन्होंने मना कर दिया कहा कि गन्दा लगता है। हालांकि मैंने उन्हें समझाया कि लेस्बियन सेक्स में चूत चाटना तो आम बात है; फिर भी नहीं मानी तो मैंने जबरदस्ती मेरी चूत को उनके मुँह पर रख दी। कुछ देर बाद उन्होंने खुद ही मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया।
वो मेरी चूत को इस तरह से चाट रही थी बता नहीं सकते; मैं बिल्कुल मदहोश हो गई थी। कुछ देर बाद उन्होंने मुझे उनके ऊपर से हटाया और 69 की पोजीशन में ले लिया। अब हम दोनों ही एक दूसरे की चूत को चाट रही थीं। पर भाभी पता नहीं इतनी गर्म हो गईं थी कि 3-4 मिनट में ही उनकी चूत ने पानी निकाल दिया।
पर मैं नहीं रुकी उनकी चूत गीली होने के बाद भी मैं उनकी चूत को बिना रुके चाटती रही। भाभी भी मेरी चूत को बिना रुके चाट रही थी और बीच बीच में उनकी उंगली से मेरी चूत को भी चोद रही थी। चूत के साथ वो मेरी गाण्ड को भी उंगली से चोदे जा रही थी।
तभी मेरी चूत ने भी पानी निकाल दिया।
हम दोनों अब अलग हो गई; अलग होने के बाद भाभी ने उनकी ब्रा पेंटी निकाल दी जो अब तक उन्होंने पहनी हुई थी। उनका नंगा जिस्म देख कर मैं भी उन्हें देखती ही रह गई। बहुत ही गदराया हुआ जिस्म है उनका। बिल्कुल भर हुआ, दुबला तो नहीं है पर मोटा भी नहीं है। उनके बूब्स तो बिल्कुल गोल, चिपके हुए, तने और भरे हुए हैं; उन्हें देखते ही मैं उनके बूब्स को पीने लगी। वो भी मेरे चूतड़ को सहलाने लगी और उन पर चपत भी लगा रही थी।
जैसे ही मैं उनके बूब्स को पीकर अलग हुई तभी उन्होंने कहा- प्लीज कुछ देर और पी ले न… बहुत मजा आ रहा है! प्लीज सिर्फ कुछ देर। मैंने उनकी बात मान ली और उनके बूब्स को फिर से पीने लगी; इस बार मैं उनके बूब्स को और निप्पल को काट रही थी। उनकी सीईईईई उम्म्ह… अहह… हय… याह… ईईए आवाज निकल जाती। मैं एक हाथ उनकी चूत को भी मसलने लगी। उन्होंने भी मेरी चूत को मसलना शुरू कर दिया; दोनों ही हम एक दूसरे की चूत को मसल रही थी, पर मैं चूत मसलने के साथ उनके बूब्स को भी पी रही थी।
बहुत देर तक एक दूसरे की चूत को मसलने के बाद हम दोनों एक साथ झड़ी और दोनों के ही हाथ एक दूसरे की चूत के रस से गीले हो चुके थे; उसे हमने कपड़े से साफ़ किया, और हम एक दूसरे को किस करने लगी।
धीरे धीरे वो मेरे पूरे बदन को चूमने लगी और अचानक ही मेरे बूब्स को काटने लगी। उनकी ऐसी हरकत मुझे भी बहुत मजा दे रही थी। हम दोनों ही एक एक करके एक दूसरे का दूध पी रही थी और उनके बूब्स को काट भी रही थी। और फिर एक दूसरे की चूत को चाटने लगी।
चूत चाटने के बाद हम दोनों एक दूसरे की चूत से चूत रगड़ने लगीं जो कि भाभी के कहने पर ही मैंने किया। न जाने कितनी देर तक हम दोनों इस तरह से एक दूसरे की चूत को रगड़ती रहीं। पर जब तक दोनों थक नहीं गई तक तक भाभी और न मैंने चूत से चूत को रगड़ना बन्द नहीं किया।
जब हम दोनों ही पूरी तरह से थक गई थी उसके बाद हम दोनों अलग हुई। अब मेरी चूत बहुत ज्यादा जलन हो रही थी। उसके बाद हम दोनों चिपक कर आराम करने लगी, 15 मिनट तक हम दोनों एक दूसरे के नंगे बदन को सहलाती रही।
कुछ देर बाद जब भाभी का फिर एक राउंड करने का मूड हुआ तो… तो क्या? अब तो आप समझ ही गए होंगे कि आगे क्या हुआ! भाभी के साथ भी मैंने 2 राउंड सेक्स किया और हम दोनों बहुत थक चुकी थीं।
लगभग 6 महीने से ज्यादा समय बाद मैंने लेस्बियन सेक्स किया था, तो मुझे भी इसमें बहुत मजा आया। भाभी और मेरे दोनों के बूब्स पर एक दूसरे के काटने के निशान साफ़ दिख रहे थे और दोनों ही सुकून में थीं।
अपने से 13-14 साल बड़ी लेडी के साथ लेस्बियन करना मेरे लिये एक नया अनुभव था, मन में एक डर भी था, पर वो भी दूर हो गया। पर मैं यह नहीं जानती थी कि भाभी लेस्बियन सेक्स में भी पक्की खिलाड़िन हैं। जब मैंने उनसे पूछा तो बोली- ये किसी का पर्सनल मैटर है। ये आपको जानने की कोई जरूरत नहीं है। उसके बाद उन्होंने परीक्षित के साथ भी चुदाई की, उसकी कहानी भी जल्दी आएगी।
और परीक्षित को भी थैंक्यू, जिन्होंने मेरी कहानी लिखने में मेरी हेल्प की। आपको मेरी कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें लेकिन गन्दे कमेंट्स न करें और न ही फ़ोटो, मोबाइल नम्बर, व्हाट्सएप्प नम्बर या कोई दूसरी पर्सनल जानकारी मांगें!
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