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मेरी मॉम के व्यभिचार की कहानी का पहला भाग: मेरी मॉम है या रांड-1
मैं सोच रहा था कि नवीन साला कितना बड़ा मादरचोद है.. भैन का लौड़ा अभी भी मॉम की चुत चाट रहा है.
अब मेरी मॉम उसके सर को साड़ी के ऊपर से सहला रही थीं. तभी अचानक मॉम की नज़र घड़ी पर पड़ी- ओह फ़क… ओ माय गॉड.. नवीन जल्दी कर आठ बज गए हैं.. कॉलेज की गाड़ी आती हो होगी. चल बस कर नवीन…
मॉम की बात सुन कर नवीन साड़ी से बाहर अपना मुँह पौंछता हुआ निकला. नवीन का मुँह बिल्कुल गीला था. मॉम की चुत का पानी उसके मुँह पर लगा हुआ साफ दिखाई दे रहा था.
“मालकिन आपकी चुत है या हमारे गांव की नदी का बांध है.. जब इसका पानी छूटता है तो एकदम से बाढ़ सी आ जाती है.. सारा पानी हम गटक गए मालकिन.. आपकी चुत का पानी इतना स्वादिष्ट है.. तो आपका मूत भी उतना ही स्वादिष्ट होगा.. एकाध बार कभी वो भी चखा दीजिये. मॉम ने शोखी दिखाते हुए कहा- चल पागल कहीं का.. “प्लीज़ मालकिन मुझे बड़ी इच्छा है.” मॉम अपनी चुत की तारीफ सुन कर इठलाते हुए बोलीं- चल आ जा..
इतना कह कर मॉम पास में रखे डाइनिंग टेबल पर हाथ रख कर झुक गईं. मॉम के दोनों चुचे डाइनिंग टेबल पे पपीते की तरह लटकने लगे.
नवीन अपना पजामा उतारते हुए बोला- मालकिन आज आप लंड नहीं चूसेंगी? मॉम- नहीं नवीन स्कूल के लिए लेट हो जाएगा.. फिर कभी लंड चूस लूँगी.. चल अब आ जा जल्दी से पेल दे.. देर मत कर जल्दी से चोद मुझे.. वरना लेट हो जाऊंगी.
नवीन ने जैसे ही अपना पजामा उतारा, उसका सात इंच लम्बा बिल्कुल काला लंड नाग की तरह फनफना रहा था. नवीन आगे बढ़ा और मॉम की साड़ी को पीछे से उठा कर उनकी कमर पे रख दिया, जिससे मॉम की गांड बिल्कुल नंगी हो गई.
वाओ क्या गांड थी मॉम की.. जितनी गोरी मॉम की गांड उतना ही काला नवीन का लंड था. गांड बड़ी होने की वजह से चुत नज़र नहीं आ रही थी. नवीन मॉम की गांड के बिल्कुल करीब पहुँचा और हाथ से मॉम की चुत टटोलने लगा.
नवीन- मालकिन.. आपकी चुत दिख नहीं रही है.. थोड़ा सा चुत बाहर निकालिए न.. मॉम ने अपनी कमर को थोड़ा नीचे झुका के अपनी गांड को थोड़ा पीछे की और धकेला, जिससे मॉम की चुत की फांकें हल्की हल्की नज़र आने लगीं.
नवीन ने फ़ौरन अपने लंड पे थोड़ा सा थूक लगाया और अपने लंड का सुपारा मॉम की चुत पे टिका कर मॉम की गांड पकड़ कर हल्का सा दबाव डाला. उसका लंड फिसल कर नीचे चला गया.
मॉम एकदम से तिलमिला उठीं- उफ्फ्फ क्या कर रहा है नवीन.. डाल ना जल्दी.. और मत तड़पा यार.. अब बर्दाश्त नहीं हो रहा है.. डाल दे जल्दी से.. नवीन- क्या करें मालकिन, आपकी गांड इतनी बड़ी है कि चुत एकदम कसी रहती है.
मॉम ने कहा- रुक… इतना कह कर मॉम ने अपना एक पैर उठाकर डाइनिंग टेबल के ऊपर रख दिया और खुद टेबल पर टेबल क्लॉथ की तरह बिछ गईं.. जिससे मॉम की चुत एकदम से खुल गई.
अब मॉम की चुत साफ साफ़ दिखाई दे रही थी. मॉम की चुत पे एक भी बाल नहीं था. लग रहा था कि मॉम ने आज ही झांटों को साफ किया था. मॉम की चुत पावरोटी की तरह फूली हुई थी और चुत की अन्दर की दोनों पंखियां चुत से बाहर झांक रही थीं. मॉम ने पैर टेबल पर रख कर अपने मुँह से थोड़ा सा थूक निकाल कर अपनी चुत पे लगाया.
अब मॉम ने नवीन से कहा- ले नवीन अब डाल..
नवीन ने अपने लंड को मसलते हुए मॉम की चुत पर रख दिया.. और मॉम की कमर पकड़ कर थोड़ा सा दबाव दिया. इस बार लंड का सुपारा गप की आवाज़ के साथ सीधा अन्दर घुस गया. मॉम की आँखें बड़ी हो गईं और आह की आवाज़ के साथ मॉम का मुँह खुला का खुला रह गया- ओह.. उ उ उ उ.. कितना बड़ा है साला अन्दर जाते ही मजा आ जाता है.. आह..
नवीन ने बिना वक़्त गंवाए फ़ौरन थोड़ा सा सुपारा बाहर को निकाला. दोनों हाथों से मॉम की गांड को कसके दबोचा और एक ज़ोरदार झटका मार दिया. इस बार नवीन का पूरा लंड मॉम की चुत में सरसराता हुए घुस गया.
मॉम दर्द के मारे चिल्ला उठीं- उम्म्ह… अहह… हय… याह… मर गई.. उउउउ उउह.. कमीने इतना कस के डालते हैं क्या..
मॉम कराहने लगीं. नवीन अब अपना लंड मॉम की चुत में आहिस्ता आहिस्ता अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर में मॉम का कराहना कम हो गया. अब मॉम को मज़ा आने लगा था. मॉम की ‘आह उउउउह’ की आवाज़ धीमी हो गई थी. जैसे जैसे मॉम की आवाज़ धीमी हो रही थी. नवीन अपने चोदने की स्पीड बढ़ा रहा था.
अब मॉम मस्त होकर हल्के हल्के गांड हिला रही थीं- ओह नवीन चोद मुझे.. कस के चोद दे.. और तेज चोद.. और कसके चोद.. आह…
नवीन ने भी अपनी स्पीड बढ़ा ली थी और मॉम की कमर पकड़ कर इतनी कस कस कर चोद रहा था कि मॉम की गांड से लंड के टकराने की वजह से थप थप थप थप की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.
जब नवीन धक्का लगाता तो धक्के के साथ मॉम डाइनिंग टेबल पे आगे सरक जातीं. मॉम ने डाइनिंग टेबल के किनारों को कस के पकड़ रखा था. करीब दस पन्द्रह ज़ोरदार धक्कों के बाद मॉम का बदन एक बार फिर अकड़ने लगा था. ऐसा लग रहा था. मॉम फिर से झड़ रही थीं.
वहां नवीन बिना मॉम की परवाह किए मॉम की कमर पकड़ कर मॉम को कुतिया की तरह चोदे जा रहा था.
थप.. थप.. फच.. फच.. आह.. उह.. यस.. फ़क मी.. की आवाज़ पूरे कमरे में गूंज रही थी.
मॉम कराहते हुए अपने नौकर से अपनी चुत चुदवा रही थीं. तभी अचानक बाहर से गाड़ी के हॉर्न की आवाज़ ने पूरे माहौल में डिस्टर्बेंस डाल दिया. हॉर्न की आवाज़ सुनते ही मॉम चौंक गईं.
मॉम- ओ माय गॉड.. नवीन, कॉलेज की गाड़ी आ गई… ओह फक.. नवीन जल्दी कर.. गाड़ी आ गई. नवीन- जी मालकिन..
ये कह कर वो मॉम के ऊपर झुक गया और मॉम के मम्मों को अपने मुठ्ठी में पकड़ कर मॉम को किसी कुतिया की तरह चोदने लगा. मॉम ने भी नवीन की तरफ तरफ मुड़कर नवीन के गले में बंधा हुआ गमछा पकड़ लिया और नवीन की आँखों में ऑंखें डाल कर कहने लगीं- नवीन फ़क मी फ़ास्ट… फ़क मी..
मॉम बड़बड़ाए जा रही थीं. अब नवीन की स्पीड और भी तेज़ हो गई थी.. मॉम के चिल्लाने की आवाज़ भी बढ़ गई थी. मॉम “आह.. आह..” करके नवीन की ओर देख कर चिल्ला रही थीं- जल्दी जल्दी चोद न कमीने… दम नहीं बची है क्या भोसड़ी के तेरे अन्दर हरामी मादरचोद.. चोद साले.
गालियां सुनकर नवीन पागलों की तरह मॉम को चोदने लगा.
नवीन- ये ले साली रांड ये ले लंड बहन की लौड़ी.. तुझे कितना बड़ा लंड चाहिए.. छिनाल कहीं की.. मादरचोद.. कितनी आग है तेरे भोसड़े में.. रंडी.. कितना चुदवाएगी कुतिया..
नवीन को गालियाँ बकता देख मॉम ने नवीन को आँख दिखाई. नवीन को लगा मॉम को गुस्सा आ गया और नवीन थोड़ा सहम सा गया.. लेकिन वो अभी भी मॉम को चोदे जा रहा था.
करीब पांच मिनट की ज़ोरदार चुदाई के बाद मॉम चिल्लाने लगीं- ओह माय गॉड.. ओह फक.. ओह.. ओह.. मैं गई.. उई.. आह.. नवीन- हम भी छूटने वाले हैं मालकिन.. ओहह्ह्ह..
ये कह कर नवीन का बदन कांपने लगा. नवीन फ़ौरन अपना लंड मॉम की चुत से बाहर निकालने के लिए पीछे की ओर हटने लगा. तभी मॉम ने झट से नवीन के चूतड़ पकड़ कर उसको अपनी चुत की तरफ दबाया ओर बोलीं- बाहर नहीं नवीन, चुत में ही गिराओ..
तब नवीन ने अपना लंड कसके मॉम की चुत में धकेला और मॉम के चुचों के कसके दबोच कर मॉम की चुत में ही अपने लंड का माल गिराने लगा.
नवीन- आह मालकिन कहीं बच्चा होइ गवा तो? मॉम मुस्कुराते हुए बोलीं- तू उसकी चिंता मत कर नवीन..
मॉम लम्बी लम्बी आहें भरते हुए नवीन का का पानी अपनी चुत में डलवा रही थीं मानो मॉम को अनंत सुख मिल रहा हो. करीब दो मिनट तक नवीन कराह कराह कर अपना पानी मॉम की चुत में गिराता रहा. अपने लंड के पानी से मॉम की चुत को लबालब भर दिया. मॉम भी कराहते हुए झड़ रही थीं. मॉम के पैर भी कांपने लगे थे.
थोड़ी देर झड़ने के बाद मॉम और नवीन दोनों सुस्त पड़ गए. मॉम वहीं टेबल पे निढाल हो गई और नवीन उनके ऊपर ही पड़ा रहा. नवीन का लंड अभी भी मॉम की चुत में ही पड़ा हुआ था.. तभी मॉम की फोन की रिंग बजी.. जोकि चुदाई करने से पहले मॉम ने टेबल पर रख दिया था. मॉम ने इसी हालत में फोन उठाया.
मॉम- हलो.. हाँ संदीप.. हाँ.. बस दो मिनट में आ रही हूँ.. ओके..
संदीप मॉम की कॉलेज की गाड़ी का ड्राइवर था, जो कि बाहर गाड़ी लेके खड़ा था. अब नवीन का लंड सिकुड़ कर मॉम की चुत से बाहर निकल कर लटकने लगा था.. और मॉम की चुत से नवीन के लंड का पानी निकल कर मॉम की जांघों पर बह रहा था. मॉम उठीं और साड़ी को नीचे करके अपने चुचों को सही करके ब्लाउज के अन्दर डालने लगीं.
तभी नवीन कपड़ा लेकर आया- मालकिन आपके पैरों से पानी पोंछ दूँ? मॉम ने मुस्कुराते हुए कहा- रहने दे नवीन अच्छा लग रहा है.
ये कहकर मॉम ने नवीन को आंख मारी. अपना ब्लाउज सही किया और फौरन पर्स लेकर उसी तरह नवीन के वीर्य में लथपथ मेनडोर की ओर जाने लगीं.
नवीन भी उसी तरह नंगा लंड लटकते हुए मॉम के पीछे जाने लगा. मॉम नवीन को कुछ और घर के काम समझा कर बाहर चली गईं. नवीन वापस अपने कपड़े पहनने में व्यस्त हो गया.
मैं भी दबे पांव अपना बैग उठाके पीछे के दरवाज़े से बाहर निकल गया. मैं सोच रहा था कि अगर नवीन ने मुझे देख लिया तो सब गड़बड़ हो जाएगी. मैं पीछे के दरवाज़े से होता हुआ वापस बाहर आ गया. मॉम की गाड़ी भी जा चुकी थी. अब मैं थोड़ा रुक कर मेन डोर पर पहुँचा और डोरबेल बजाई.
थोड़ी देर में नवीन ने दरवाज़ा खोला. दरवाजे पे मुझे देख कर नवीन थोड़ा चौंक गया और ऐसा लग रहा था कि अभी कुछ हुआ ही नहीं.
नवीन- अरे… छोटे मालिक आप.. आपने तो अपने आने की कोई खबर ही नहीं दी?
उसने एक वफादार नौकर की तरह मेरा सामान मेरे हाथों से ले लिया और मुझे अन्दर ले गया. मुझे ये सोच सोच कर नवीन से बात करते हुए बड़ा अजीब लग रहा था कि अभी कुछ मिनट पहले यही आदमी मेरी मॉम को कुतिया की तरह चोद रहा था.
खैर मैंने अपने आपको सामान्य करते हुए पूछा- मॉम कहाँ हैं ? वो लड़खड़ाती आवाज़ में बोला- बड़ी मालकिन अभी ही तो कॉलेज के लिए निकल गई हैं. मैं- और दीदी कहाँ हैं? नवीन- छोटी मालकिन तीन महीने के लिए अपने स्कूल की ट्रेनिंग पे गई हैं.. जल्द ही लौटेंगी.. बड़े मालिक भी काम से बाहर गए हैं.
मैंने उससे और कोई बात नहीं की और अपने कमरे में जाके फ्रेश होने चला गया.. मैंने बाथ लिया वहीं बाथरूम में ही सारी चीज़ें सोच सोच कर मुठ मारी और थकान के मारे सो गया.
अन्तर्वासना के पाठको, आपको मेरी मॉम के व्यभिचार की यह हिंदी सेक्स स्टोरी कैसी लगी, मुझे मेल करके बताएं.. ताकि मैं अपनी अगली सेक्स स्टोरी और सुंदर ढंग से लिख सकूँ. [email protected]
कहानी का तीसरा भाग: मेरी मॉम है या रांड-3
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