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मेरी सेक्स स्टोरी के पहले भाग बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-1 में आपने पढ़ा कि कैसे मुझे बस में एक विवाहिता युवती मिली, वो कामुकता से भरपूर थी, उसने मुझे बस में शारीरिक स्पर्श के मजे दिए फिर मुझे अपने घर ले गई और चुत चुदाई भी करवाई. उसकी भाभी को भी इस चुदाई के बारे में पता चल गया.
अब आगे:
पूजा को बड़ी भाभी ने छोटी भाभी को बातों में लगाने को बोला और मुझे अपने बेडरूम में ले आईं. कमरे में आते ही भाभी तुरंत ही मुझसे चिपक गईं. भाभी ने एक एक करके सारे कपड़े निकाल दिए. मैं उनको चूसने और चाटने लगा. कभी मैं भाभी के मम्मों को दबाता, कभी भाभी की चूत में उंगली करता, कभी उनकी चूत को चूमता.
थोड़ी देर ये सब करवाने के बाद भाभी ने मेरे को लंड अपनी चूत में डालने को बोला. मैंने उनकी टांगों को उठा कर कंधे पर रख लीं और लंड को भाभी की चूत के छेद पर लगा कर जोर का धक्का दे दिया. भाभी मोटे लंड को चुत में पाते ही अपने होंठ दबा कर झटका सह गईं. भाभी की आँखों में आंसू आ गए. यह देख और मेरा लंड उनकी चुत में इतना टाईट गया कि मुझे नेहा की याद आ गई.
मैं बोला- भाभी क्या बात है अभी तक इतनी टाईट चूत कैसे है? तो भाभी दर्द में ही बोलीं- उस साले मेरे पति का 3 इंच का है.. और उसका मोटा भी नहीं है. मादरचोद को जरा सी लुल्ली से मेरी चुत से बच्चा भी चाहिए.. साला नामर्द पति.. भोसड़ी का.
भाभी को पता नहीं कौन सा दर्द ज्यादा था.. मेरे लंड का या उनकी जिंदगी का. खैर मैं भाभी को धकापेल चोदने लगा. भाभी ‘आह आह..’ कर रही थीं और मैं चोदे जा रहा था. भाभी के मम्मों को मैं दोनों हाथों से मसलता और चुत में धक्का मार देता. भाभी अब तक 2 बार झड़ चुकी थीं, मैं उनको चोदे जा रहा था.
अब वो संतुष्ट भी हो चुकी थीं और थक भी चुकी थीं.. बस मुझे चूमे जा रही थीं. मैंने पूछा- भाभी रस निकलने वाला है.. बताओ कहाँ निकालूँ? भाभी बोलीं- अमित सारा पानी मेरी चूत में ही आने दे.. ये मेरी चुत के लिए तो अमृत है.. तुम न आते तो शायद मैं जहर खा कर मर जाती.
बड़ी भाभी आनन्द से मुझसे चिपक गईं, मेरा पानी भी निकल गया. भाभी ने मेरी टांगों में टांगें फंसा लीं और मुझे जरा भी न हिलने दिया. मैंने पूरा पानी उनकी चूत में छोड़ दिया. दस मिनट तक भाभी ने मुझसे खुद से चिपकाए रखा.
जब मैं भाभी के ऊपर से हटा तो मैंने देखा कि भाभी के नीचे खून था, मैं बोला- भाभी, क्या आपकी ये पहली चुदाई हुई है? तो वो बोलीं- किसी मर्द का लंड तो पहली बार ही मेरी चुत में गया है. अब तक तो मैं लुल्ली से चुद रही थी. भाभी ने मेरे को कस के पकड़ लिया.
कुछ देर बाद हम दोनों ने कपड़े पहने और बाहर आ गए, पूजा कुछ न बोली.
छोटी भाभी पूजा से बोलीं- दीदी, आप नहा लो. पर पूजा ने मना कर दिया. तो छोटी भाभी बोलीं- ठीक है मैं जाती हूँ.
छोटी भाभी के जाते ही पूजा मुझे गेस्टरूम में घसीट ले गई और जाते ही उसने मुझसे पूछा- क्या चोद दिया भाभी को? मैं बोला- हाँ तुमने ही तो कहा था… और अब मैं तुम्हारे हवाले हूँ. पूजा बहुत ग़ुस्से में थी पर क्या करती, वो भी मजबूर हो गई थी. उसको शान्त करने के लिए मैंने उसको बांहों में भर लिया और चूमने लगा.
थोड़ी देर में वो मुझे भी किस करने लगी. मैंने अब उसकी नाइटी निकाल कर अपने भी सभी कपड़े निकाल दिए और पूजा पर चढ़ बैठा.
पूजा सब कुछ भूल के मेरे साथ हो ली. मैं और वो अब एक दूसरे में समाने की कोशिश करने लगे. पूजा ने मेरा लंड हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी. मैं भी पूजा की चूत में उंगली डाल कर हिलाने लगा और उसका एक दूध चुसकने लगा.
पूजा अब मस्त हो रही थी और कुछ ही देर में वो मेरे हाथ पर ही झड़ गई.
मैंने उसको गांड मराने के लिये बोला… तो पहले तो उसने मना कर दिया, पर थोड़ी देर में मान गई.
मैंने अपने लंड पर क्रीम लगाई और पूजा की गांड पर भी लगा दी. फिर पूजा को घोड़ी बना कर उसकी गांड में लंड का हल्के से धक्का मारा. अभी मेरे लंड का सुपारा ही अन्दर जा पाया था कि वो दर्द से चिल्लाते हुए आगे को हो गई और मना करने लगी. पर मैं मानने वाला नहीं था क्योंकि दोस्तों जब किसी की चूत मारता हूँ तो गांड को भी नहीं छोड़ता, वरना मुझे चुदाई अधूरी लगती है.
खैर मैंने दुबारा पूजा को घोड़ी बनाया और थोड़ी ज्यादा सी क्रीम लगा कर लंड को पूजा की गांड के छेद से सटा के जोर का धक्का मार दिया. पूजा चिल्लाई- उई माँ मर गई माँआआअ…
मुझे लगा कि अगर छोटी भाभी ने चीख सुन ली तो प्रॉब्लम हो जाएगी. मैं रुक गया और धीरे-धीरे धक्का मारने लगा. कुछ देर में पूजा को आराम मिल गया.
थोड़ी देर बाद मैं तेजी से पूजा की गांड चोदने लगा और पीछे से मम्मों को पकड़ के मसलने लगा. पूजा अब ‘आ ऊह आ ऊह…’ करने लगी उसकी गांड चोदने के बाद मैंने लंड निकाल कर सीधे उसकी चूत में डाल दिया, पूजा इस अचानक के हमले से फिर से चिल्ला पड़ी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैंने पूजा की खूब चुदाई की, कभी गांड में लंड डालता, कभी चूत में और थोड़ी देर बाद मैंने झड़ कर लंड का पानी पूजा की चूत के हवाले कर दिया. मैं भी थक कर बेड पर गिर गया. अब मैं और पूजा एक-दूसरे की बांहों में थे.
पूजा बोली- अमित, अगर बदनामी का डर न होता तो तुमको भाभी को चोदने के लिए कभी न कहती. जब भाभी ने तुम्हारा लंड को पकड़ा था तो मैं बहुत दुखी हुई थी, अमित आई लव यू… मैंने भी बोल दिया- लव यू टू जान…
आधा घंटे यूं ही पड़े रहने के बाद पूजा की भाभी आईं और पूजा को नहाने के लिए बोलीं, तो पूजा बोली- ठीक है… जाती हूँ. अब वो नहाने चली गई.
भाभी मेरे लंड को पकड़ कर सहलाने लगीं. अब तो मैं फिर से पागल हो रहा था. यार अच्छा तमाशा था, एक जाती तो दूसरी आ जाती.
भाभी मेरा लंड मुँह में लेकर चूसने लगीं तो मेरा लंड तनता चला गया. जब वो पूरा 7 इंच का हो गया तो भाभी ने अपनी साड़ी ऊपर की और मेरे लंड पर एकदम से बैठ गईं. शायद उनका इस तरह से पहली बार था पर साला मेरे मुँह से भी आवाज़ निकल गई, दर्द मुझे भी हुआ. अब भाभी ऊपर नीचे होने लगीं. मैं भी नीचे से धक्का मारने लगा. भाभी की चूचियां उछल उछल कर हिलने लगीं.
जब वो थक गईं तो उन्होंने मुझे ऊपर आने को बोला. मैंने भाभी ऊपर चढ़ कर बहुत धक्के मारे, पर मेरा पानी निकलने का नाम नहीं ले रहा था. रात से चुदाई चुदाई हो रही थी. मैंने भाभी से बोला- भाभी अब गांड मरा लो. पर वो मान नहीं रही थीं, बड़े प्यार से मनाने के बाद मानी.
मैंने उनको उल्टा किया और टांगों को बिस्तर से नीचे करके खुद नीचे आ गया. अब मैं लंड भाभी की गांड पर लगा कर धक्का मारा, मेरा आधा लंड भी अन्दर नहीं गया था कि वो रो पड़ीं और बोलने लगीं- अमित एक बार निकाल ले, बहुत परपरा रही है.
इतनी देर में पूजा आ गई और भाभी को दर्द से तड़फने का खेल देख कर खुश हो गई- अमित जल्दी डाल… एक बार में ही तेज़ी से लंड पेल दे अन्दर… धक्का मार साली की गांड में… मैंने पूरा लंड अन्दर डाल दिया. अब भाभी हिल भी नहीं पा रही थीं और रो रही थीं, गाली दे रही थीं- आह… निकाल कुत्ते… मेरी गांड फाड़ दी! पूजा भाभी के पास आकर बोलीं- अमित, इनको बता दे कि दूसरे के लंड पर नजर नहीं रखते, चोद भाभी को… और इतना तेज़ी से चोद कि भाभी की गांड फट जाए!
भाभी मना कर रही थीं और पूजा बोल रही थी. मैं जोश में भाभी को चोदता रहा. कुछ देर बाद मैं भाभी की गांड से निकल कर झड़ गया.
पूजा और भाभी दोनों ने मुझसे अपनी खूब चूत चुदाई करवाई, बहुत चोदा और मजा भी हर बार दुगना हो जाता. यार अभी 2 दिन ही हुए थे और कभी कोई, कभी कोई मतलब दोनों हर 2 घंटे बाद आ जातीं और चुद कर दूसरे को लंड के पास छोड़ जातीं. सच कहूँ तो मैं बहुत थक गया था.
पूजा ने शाम को चलने को कहा कि शादी में चलते हैं. मैं तो बाहर जाने को तैयार था, जब हम रास्ते में थे तो मेडिकल से वियाग्रा टेबलेट ले ली. साथ ही पेनकिलर टेबलेट भी ले लीं.
शादी में पहुँच गए. पूजा ने अपनी सहेली से मिलवाया और उसको मेरे साथ चुदाई की सारी बात बता दी. उससे भी यही कहा कि वो सबको यही बताए कि मैं उन दोनों की सहेली का भाई हूँ.
पूजा की सहेली का नाम सुहानी था. सुहानी को पीले रंग की साड़ी में हल्दी लगी हुई थी. उसका रंग दूध सा सफ़ेद हल्दी की वजह से सुनहरा लग रहा था.
कसम से वो बड़ी मस्त लग रही थी. मैं सोच रहा था कि काश सुहानी की चुत एक बार मिल जाए. खैर… उसकी शादी थी तो वो तो मिल नहीं सकती थी.
मैं वहाँ जानता भी किसी को नहीं था. पूजा अपनी सहेली के साथ मस्त हो गई. मैं बोर हो रहा था. मैंने पूजा को फोन करके बोला, तो उसने मुझे अपने पास ही बुला लिया.
मैं पूजा और सुहानी ही कमरे में थे. दोनों में थोड़ी मस्ती चल रही थी. अचानक सुहानी बोली- जीजू दूर क्यों बैठे हो… पास आ जाओ. उसके मुँह से मैं ‘जीजू…’ सुन कर चौंक गया. मैंने पूजा की तरफ देखा तो पूजा हँसने लगी.
सुहानी बोली- आपके बारे में सब पता चल गया है… पूजा ने सब बता दिया है. हम एक दूसरे से कुछ नहीं छुपाती हैं. यह सुनते ही मैं भी हँस दिया, तो पूजा ने पास बुला लिया. मैं उनके बिस्तर पर आ गया… अब हम लोगों में खूब हँसी मजाक चलने लगा.
तभी सुहानी की माँ आईं और उन्होंने सुहानी को बोला कि वो पहले नहा ले. साथ ही उन्होंने सुहानी को पास बुलाया और कुछ उसके कान में कहा. सुहानी की मम्मी चली गईं.
सुहानी से मैंने पूछा- मम्मी कान में क्या बोल गईं? “कुछ बातें बताने की नहीं होती छोटे जीजू!” मैं बोला- क्यों जी हमारी बातें तो सब जान लीं… अपनी नहीं बताओगी? पूजा बोली- यार बता दे ना मेरे आशिक को… क्यों नखरे कर रही है?
सुहानी बोली- कोई बात नहीं थी बस मम्मी बोलीं कि अच्छे से नहाना और जरूरत हो तो पूजा से मदद ले ले, इसकी शादी हो चुकी है तो ये सब बता देगी. “नहाने में क्या मदद की जरूरत?” मैं बोला. तो पूजा बोली- तुम नहीं समझोगे यार… “तो हमको भी समझा दो ना.” पूजा हँसते हुए बोली- मेरी जान की कल सुहागरात है तो…!!
सुहानी ने तुरंत पूजा का मुँह बंद कर दिया. इससे पूजा का बैलेंस बिगड़ गया और वे दोनों मेरे ऊपर ही गिर गईं.
मैं भी हँसते हुए उन दोनों को उठाने लगा तो सुहानी का एक चूचा मेरे हाथ में आ गया, मैंने हल्का सा दबा भी दिया. तभी वे दोनों उठ गईं.
सुहानी अब नहाने जाने लगी तो पूजा ने पूछा- मैं चलूँ? सुहानी ने कहा- तू रुक जा, अमित का टाइम पास कर… जब जरूरत होगी तो बोल दूंगी. वो हंसते हुए चली गई.
पूजा ने दरवाजा बंद कर लिया, मैं और पूजा किस करने लगे. मैंने पूजा की साड़ी को ऊपर उठा कर लंड पूजा की चूत में डाल दिया और ब्लाउज के ऊपर से ही उसके दूध मसल दिए.
मैंने उसको चोदे जा रहा था तो सुहानी ने बाथरूम में से पूजा को आवाज़ दी और उसको अन्दर आने को बोला. यहाँ हम दोनों चुदाई में लगे थे और इस वक्त मुझे सुहानी का बुलाना पसंद नहीं आया.
पूजा जैसे ही बोलने को हुई, तभी मैंने जोरदार धक्का दे मारा, इससे पूजा की आवाज लड़खड़ा गई और चुदते हुए बोली- आ… आह…ती हूँ पूजा “आह आह…” करने लगी और मुझसे कहा- यार, जल्दी माल निकाल दे…
पर मैं इतना जल्दी नहीं होने वाला था. तो पूजा ने सॉरी बोल कर मुझे हटने को बोला. मैं हट गया पर मेरा मूड ख़राब हो गया. पूजा सुहानी के पास जाने लगी तो मैं बोला- यार, मैं घर जा रहा हूँ, जब टाइम हो तो बुला लेना.
वो रुकने को बोली तभी सुहानी की आवाज फिर आ गई, पूजा को जाना पड़ा, पर वो मुझे कसम देकर रोक कर बोली- प्लीज़ 5 मिनट में आती हूँ, रुक जाओ ना. मुझे रुकना पड़ा.
पूजा गई तो मैं अकेला रह गया. थोड़ी देर बाद मैंने पूजा को आवाज लगाते हुए बोला तो सुहानी बोली- रुको न जीजू… वो अभी आती है. जब पूजा और सुहानी बाहर आई तो मैं देखता ही रह गया. दोनों ने तौलिया लपेटा हुआ था. कसम से दोस्तों क़यामत लग रही थीं.
आगे और क्या-क्या हुआ… सेक्स स्टोरी के अगले पार्ट में मिलते हैं. मेल जरूर कीजिएगा. [email protected] कहानी का अगला भाग: बस में मिली लड़की ने दिलाया ज़न्नत का मजा-3
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