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मैं खालिद अली हाजिर हूँ अपनी कहानी लेकर. दोस्तो, हमारी बिल्डिंग में एक लड़की रहती है जिसका नाम सहर है. उसको देख कर तो ऐसा लगता है कि सचमुच जैसे वो एक नई सुबह के जैसी है. सेक्सी होने के साथ-साथ वह खूबसूरत भी है. वैसे उसकी उम्र 21-22 साल की है लेकिन वो 18 से ज्यादा की उम्र की बिल्कुल नहीं लगती देखने में. वह हमेशा फिटिंग वाले कपड़े ही पहनती है.
मैं उसको बहुत पसंद करता हूँ. हमारे मौहल्ले में उसके बहुत से आशिक हैं और उस फेहरिस्त में मेरा नाम भी शामिल है. मगर उन बाकी दूसरों से मैं खुद को ज्यादा लकी मानता था क्योंकि मेरा एक ही सपना था- सहर की चुदाई. मैं उसको चोदने के ख्वाब देखता रहता था. दोस्तो आप तो समझ ही सकते हैं कि जब कोई ख्वाब सच हो जाता है तो क्या होता है? मेरा सपना भी एक दिन सच हो गया. वह सब कैसे हुआ, मैं इस कहानी में वही आपको बता रहा हूँ.
एक दिन जब मैं बिल्डिंग में उससे टकराया तो उसने मुझे एक कातिल सी स्माइल दी. मैं सहर की इस मोहक मुस्कान को देखता ही रह गया.
उसने मुझसे कोल्ड ड्रिंक लाने के लिए कहा. जब मैं कोल्ड ड्रिंक देने उसके घर गया तो वहाँ सहर के अलावा कोई नहीं था. मैंने उससे पूछा- तुमने ये कोल्ड ड्रिंक किसके लिए मंगवाई है? तुम्हारे घर में तो कोई भी नहीं है. वो बोली- तुम और मैं तो है न! मुझे उससे ऐसे जवाब की उम्मीद न थी.
वह फिर बोली- आओ, घर में कोई नहीं है. हम और तुम मिलकर इंज़ॉय करते हैं. कहकर वह मुझे अपने बेडरूम की तरफ ले जाने लगी.
बेडरूम में जाकर उसने मुझे बिस्तर पर बैठने के लिए कहा. उसके बाद वह कोल्ड ड्रिंक की बोतल हाथ में लेकर बोली- मैं किचन से गिलास ले आती हूँ. कहकर वह गिलास लेने के लिए चली गई.
उसके बाद जब वह वापस आई तो उसके सारे कपड़े गीले हो गये थे. मैं उसके कपड़े देख कर हैरान रह गया. वह पूरी की पूरी भीगी हुई थी. ऐसा लग रहा था जैसे वो कपड़ों के साथ ही नहाकर आई हो. उसके भीगे हुए सूट में से उसकी ब्रा चमक रही थी. उसके चूचे एकदम टाइट थे और सीधे मेरी तरफ खड़े हुए थे. उसकी सलवार उसकी जांघों से बिल्कुल चिपक गई थी.
मैंने उससे पूछा- ये क्या हो गया तुम्हारे कपड़ों के साथ? वो बोली- जब मैं कोल्ड ड्रिंक डालने के लिए गिलास धो रही थी तो पानी की टोंटी ऊपर से निकल गई. मैं उसको वापस लगाने लगी और पूरी की पूरी गीली हो गई उसको लगाते-लगाते. मैंने कहा- तुम कपड़े बदल लो नहीं तो बीमार हो जाओगी. वो बोली- हाँ, तुम ठीक कह रहे हो.
मैं उठ कर बाहर जाने लगा तो वो बोली- तुम कहाँ जा रहे हो? यहीं बैठ जाओ, मैं एक तरफ होकर कपड़े बदल लूंगी. कहकर वो अपने कपड़े वहीं पर उतारने लगी.
मैं उसका प्लान समझ गया था. वो मुझे सेक्स के लिए तैयार करना चाहती थी लेकिन मैं तो पहले से ही उसको चोदने के सपने देख रहा था. मगर उसके सामने भोला बनने का नाटक कर रहा था. सहर मेरे सामने ही अपना शर्ट उतारने लगी. उसकी भीगी हुई ब्रा में उसके चूचे तने हुए थे. उसका गोरा बदन जैसे भीग कर शोला बन गया था.
उसने अपना मुंह दूसरी तरफ घुमा लिया और फिर अपनी सलावर उतारने लगी. उसकी सलवार उतरते ही मेरा दिल धक-धक हो उठा. वह केवल ब्रा और पैंटी में थी.
मेरे सामने सेक्सी जवान लड़की भीगे बदन के साथ ब्रा और पैंटी में खड़ी थी. मेरा लंड मचल गया और मैंने पीछे से जाकर उसको अपनी बांहों में भर लिया. वो बोली- क्या कर रहे हो? मैंने उसको बिना कुछ जवाब दिये उसके चूचों को दबा दिया और उसकी गांड को दबाते हुए उसे अपनी तरफ खींच कर उसके होंठों को चूसने लगा. मेरा लंड मेरी पैंट में तना हुआ उसकी पैंटी से जा लगा.
वह तो पहले से ही तैयार थी. उसने मेरा साथ देना शुरू कर दिया.
क्या बूब्स थे दोस्तो उसके, मजा आ रहा था उनके स्पर्श को पाकर. इतनी खूबसूरत लड़की, नंगी हसीना मेरे सामने मुझसे अपना बदन चुसवा रही थी. मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था. मैंने उसकी ब्रा के ऊपर से उसके बूब्स को खूब दबाया और उसकी पैंटी के ऊपर से उसकी चूत को सहलाने लगा.
सहर भी मेरे कपड़े उतारने लगी. मैंने उसकी ब्रा को उतार कर उसको नंगी कर दिया. उसके चूचे देख कर मैं पागल सा हो गया. बहुत ही खूबसूरत थे बूब्स थे उसके. काफी बड़े भी थे. मैं उनको अपने हाथों में लेकर दबाने लगा और वो आहें भरने लगी- आह्ह … उम्म … प्लीज दबाओ इन्हें … खालिद, तुमने इनके अंदर दर्द जगा दिया है.
फिर मैंने उसकी पैंटी उतारी. उसकी चूत को देखा तो वो उसके चेहरे की तरह बिल्कुल चिकनी थी. उसने अपनी चूत को बिल्कुल क्लीन किया हुआ था. शायद उसने अपनी चूत से अभी बाल साफ किये होंगे. मैं उसकी चूत को मसलने लगा. वो पागल सी होने लगी. मैंने उसकी चूत में उंगली डाली तो उसकी चूत से गीला सा पदार्थ निकलने लगा.
सहर ने मेरे लंड को मेरी पैंट के ऊपर से ही पकड़ लिया और उसको दबाने लगी. मैंने अपनी पैंट खोल दी और सहर के सामने अंडरवियर में आ गया. उसके बाद मैंने अपना अंडरवियर भी उतार दिया.
फिर हम दोनों ने एक दूसरे के होंठों को चूसा और सहर ने मेरा लंड अपने हाथ में पकड़ लिया और उसको सहलाने लगी. मेरा लंड कड़क होकर जैसे फटने ही वाला था. फिर हम दोनों किस करते हुए बेड पर गिर गये. कुछ देर तक एक दूसरे के जिस्म को चूमते-चाटते रहे.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गये. सहर मेरे लंड को मुंह में लेकर चूसने लगी. आह्ह … मेरे मुंह से कामुक सिसकारियाँ निकलने लगीं. मैंने उसकी चूत को चूम लिया और उसकी चूत को अपने होंठों से चूसने लगा. सहर भी सिसकारियाँ भरने लगी. मैं उसकी गांड को अपने हाथों में दबाते हुए उसकी चूत को चूस रहा था. वो मेरे लंड को पूरा अंदर तक ले जाती थी और फिर बाहर ले आती थी. बहुत मजा आ रहा था. जब लंड उसके मुंह में था तो ऐसा लग रहा था जैसे मेरा लंड किसी लड़की की चूत में जा रहा है. वह बहुत अच्छे से ब्लॉ जॉब दे रही थी.
वो सेक्स के बारे में बहुत कुछ जानती थी. इसलिए उसने ऑयल का इंतजाम भी पहले ही कर लिया था. वह उठी और उसने अपनी चूत पर तेल लगाया और मेरे लंड पर भी तेल लगा दिया. उसके बाद वो फिर से मुझे किस करने लगी.
वो बार-बार मुझे अपनी चूत में लंड डालने के लिए उकसाने लगी. मैं भी उसकी चूत चोदने के लिए तड़प गया था. वह बोली- बस, अब और देर मत करो. मेरी चूत को जल्दी से शांत कर दो. प्लीज … प्लीज मेरी चूत को चोद दो और इसकी प्यास को बुझा दो.
मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर लगा दिया उसकी चूत के छेद पर सेट करके धक्का दिया तो मेरा लंड धीरे-धीरे उसकी चूत में जाने लगा. वह कसमसाने लगी और मेरे लंड को पूरा अंदर लेने के लिए कोशिश करने लगी, बोली- जरा आराम से करो जानेमन, मुझे दर्द हो रहा है. जब पूरा लंड उसकी चूत में उतर गया तो मैंने तेज-तेज उसकी चूत को चोदना शुरू कर दिया.
कुछ देर के बाद वो कहने लगी- और तेज करो … आह्ह … मजा आ रहा है. तेजी से पेलो मेरी चूत को खालिद. बहुत मजा आ रहा है. वह सीत्कार भरने लगी.
मैंने बीस मिनट तक उसकी चूत में तेजी के साथ धक्के लगाये. मैं थकने लगा था और मेरा वीर्य भी निकलने वाला था. फिर मैंने उसके चूचे पकड़ कर तेजी के साथ उसकी चूत में तीन-चार धक्के और लगाए. मैं उसकी चूत में झड़ने लगा और वो भी साथ में झड़ते हुए मुझसे लिपट गई.
हम दोनों शांत हो गये. मैं उसकी चूत में लंड को डाल कर लेटा रहा.
उसके बाद मैंने उसकी चूत में आहिस्ता से लंड हिलाया तो बड़ा मजा आया. मैंने उसके चूचों को फिर से दबाना शुरू कर दिया. मेरे होंठ सहर के होंठों पर थे और उसके हाथ मेरी कमर को सहला रहे थे. कुछ ही देर में हम दोनों फिर से गर्म हो गये.
इस बार मैं उसको देसी तरीके से चोदना चाहता था. मैंने उसको बेड पर लेटाया और उसकी गांड के नीचे तकिया लगा दिया. उसकी चूत ऊपर उठ कर आ गई. मैंने उसकी दोनों टांगों को अपने हाथों में पकड़ कर अपने कंधे पर रख लिया. मेरा लंड सहर की चूत में जाने के लिए फिर से तैयार हो गया था.
उसकी चिकनी चूत पर लंड लगाकर मैंने फिर से धक्के लगाने शुरू किये तो सहर दर्द से कराह उठी. वो बोली- मेरी चूत में जलन हो रही है. आराम से करो. मैंने धक्के धीमे कर दिये.
थोड़ी देर की चुदाई के बाद खुद ही कहने लगी- अब इतनी आराम से मत करो. तेजी से चोदो यार मेरी चूत को. आज इसको फाड़ कर रख दो. मैं तुम्हारे लंड की बहुत दिनों से प्यासी थी. मैंने पड़ोस के बहुत से लंड लिये हैं लेकिन तुम्हारा लंड बहुत मजा दे रहा है. इतना मजा मुझे किसी और के लंड से चुद कर नहीं आया. आह्ह … और करो … चोदो … आह्ह … चोदो … मेरी जान …
कुछ देर तक इसी पोज में उसकी चूत की चुदाई की. फिर मैंने उसकी गांड के छेद में लंड को डाल दिया. लंड उसकी गांड में गया तो एकदम से वो चिल्ला पड़ी, बोली- क्या कर रहे हो? छोड़ो मुझे … उईई … आआ … उफ्फ छोड़ दो, बहुत दर्द हो रहा है.
मगर मैंने उसकी बात नहीं सुनी और उसकी गांड को चोदने लगा. उसकी गांड भी मेरे लंड को धीरे-धीरे पूरा का पूरा अंदर लेने लगी. फिर मैंने उसकी गांड में तेजी के साथ धक्के लगाने शुरू कर दिये. सहर को गांड चुदवाने में भी मजा आने लगा. मेरे लंड को अपनी गांड में लेते हुए वो कामुक आवाजें करने लगी. उसके चूचे हिल रहे थे और उसके उछलते हुए चूचों को देख कर मेरा जोश बढ़ता जा रहा था. मैं उसकी गांड को तेजी के साथ चोदने में लगा हुआ था. उसकी गांड बहुत टाइट थी इसलिए मुझे उसकी चूत से ज्यादा उसकी गांड मारने में मजा आ रहा था.
फिर मैंने उसको उठा दिया और उसको घोड़ी की पोजीशन में ले आया. वो मेरे सामने घुटनों के बल हो गई. मैंने एक धक्का उसकी चूत में लगाया और फिर लंड को बाहर निकाल लिया. फिर अगली बार उसकी गांड पर लंड को रखा और अंदर धकेल दिया. इस तरह मैंने इसी प्रोसेस को फिर से रिपीट किया. एक बार उसकी चूत में लंड को डाल देता और अगली बार उसकी गांड में धकेल देता.
वह बोली- मेरी गांड को ही चोदो, बहुत मजा आ रहा था गांड चुदवाने में. मैं भी उसकी गांड को ही ज्यादा इंजॉय कर रहा था. इसलिए मैंने उसकी गांड में पूरा लंड पेल दिया और उसके कंधों पर हाथ रख कर तेजी से उसकी गांड की चुदाई करने लगा. वह आह-आह … आह-अह … करते हुए अपनी गांड को चुदवाने लगी. मुझे भी मजा आ रहा था लेकिन उसकी गांड टाइट थी इसलिए मैं ज्यादा देर नहीं रोक पाया.
लगभग 10 मिनट तक मैंने उसकी गांड की चुदाई की और फिर एकदम से मैंने सहर को अपने से अलग किया और उसे पलट दिया और पीठ के बल बेड पर पटक दिया. मैं अपने लंड को हाथ में लेकर हिलाने लगा और दो पल बाद ही मेरा माल निकलने लगा. मुट्ठ मारते हुए मैंने उसके पेट पर अपना माल गिरा दिया.
उसने मेरा माल अपनी चूत पर मल लिया. वो बहुत ही चुदासी हो गई थी गांड चुदवाने के बाद.
उसके बाद हम दोनों साथ में नहाकर फ्रेश हो गये. हमने कपड़े पहने और फिर मैं अपने घर आ गया. सहर की चूत और गांड की चुदाई करके मैं खुशी से फूला नहीं समा रहा था. आज मेरा सपना पूरा हो गया था.
दोस्तो, यह थी मेरी कहानी जवान गर्म लड़की की चुदाई की. कहानी पर राय देने के लिए कमेंट करें.
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