This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
प्रिय पाठको, आज रात में नींद अचानक खुल गई. वजह मेरी जान से प्यारी बीवी नीना अपने मायके चली गयी है. वास्तव में नीना ने मुझे चुदाई का ऐसा चस्का लगा दिया है, जो इस उम्र में भी जब तक एक राउंड चुदाई न कर लिया जाय, नींद कोसों दूर रहती है. रही बात नीना की तो वह चुदाई में बहुत पुरानी खिलाड़ी है. सच तो यह है कि नीना ने ही मुझे चूत का पुजारी बना दिया।
अगर आपने मेरी कहानी मेरी बीवी निहाल हो गई तो पढ़ी हो तो सच समझने में देर नहीं लगेगी।
इस कहानी में आपने देखा होगा कि रात को जब अपने किरायेदार प्रशांत से चुदवाकर नीना लौटी, वैसे ही मैंने उसे रंगे हाथो पकड़ लिया था. उस दिन के बाद प्रशांत के साथ करीब दो साल तक चुदाई चली. यह खेल प्रशांत का ट्रांसफर होने के बाद ही रूका। प्रशांत और नीना चुदाई के बाद की कहानी मैं कभी शेयर करूँगा।
इसी तरह जब मैंने नीना के साथ मिलकर थ्रीसम में अपने बचपन के दोस्त अमित का 8” का मस्त लंड शेयर किया तो नीना की बल्ले-बल्ले हो गई. नीना जब अमित के ग्रैंड गोला लौड़े का पहली बार स्वाद चखने के बाद हम तीनों मौका पाते ही अक्सर चुदाई कर लिया करते थे. मगर अंतिम पड़ाव तो हर किसी का होता है. अपना होम टाउन छोड़ कर इस तरह मैं अपनी डिअर स्वीट वाइफ नीना समेत बच्चों के साथ दिल्ली से सटे शहर फरीदाबाद में शिफ्ट हो गया.
खैर अब आते हैं सीधी बात पर.
फरीदाबाद में आने के बाद नीना की चूत में खलबली मचने लगी. हालाँकि मुझे इस बात का बहुत अच्छी तरह से आभास था, मगर नौकरी की व्यस्तता के चलते अपनी डार्लिंग के लिए किसी बिंदास लंड का बदोबस्त नहीं कर पाया था. इस बीच नीना को अपने रूटीन हेल्थ चेक अप की जरूरत हुई तो मैंने उसे सभी सुविधा से युक्त सरकारी हॉस्पिटल बादशाह खान हॉस्पिटल में जाने को सजेस्ट कर दिया।
इस पर नीना ने मुझे भी साथ में चलने को कहा. मेरे पास समय तो नहीं था, मगर अपनी जान से प्यारी चुदक्कड़ बीवी की बात भी तो नहीं टाल सकता था. तो छुट्टी लेकर मैडम के साथ हो लिया। नीना को सजते संवरते दो घंटे लग गए और हम लोग हॉस्पिटल करीब एक बजे पहुंचे। डॉक्टरों के हर केबिन में खचाखच भीड़ थी. खैर गायनोकोलॉजिस्ट को मैडम दिखाने में कामयाब हो गई और चेक के लिए रेडियोलॉजिस्ट को रेफर कर दिया।
वहां डॉ भगत, जो पेशेंट देखने में बहुत व्यस्त थे, उनके सहायक ने पहले ही बता दिया- आज डॉक्टर साहब आपको चेक नहीं कर पाएंगे मैडम, आप कल आयें! यह सुनकर जब मैंने नीना को घर चलने को कहा तो उसने मुझे जोरदार तरीके से आंख मारी और बोली- ‘अब तुम मेरा कमाल देखो, थोड़ा टाइम जरूर लगेगा! मैं इस बात पर मुस्कुरा दिया।
तब तक मेरा एक प्रोफेशनल मित्र नज़र आ गया. हेलो हाय के बाद उसने अर्जेंसी में मेरा दो घंटे का समय माँगा। कहीं दूर जाना नहीं था, हॉस्पिटल के पास ही उसका काम हो जाना था. मगर वाइफ का बहाना बनाया तो नीना ने बीच में दखल देते हुए कहा कि उसे दो-तीन घंटे तो लगेंगे ही, इतने में आप भाई साहब का काम भी कर लेंगे।
नीना की बात में वजन भी दिखा। वैसे भी हम दोनों पति-पत्नी लंड-चूत के मामले में बहुत ईमानदार हैं. अगर कही चुदाई कर ली तो मिलने के बाद सबसे पहले चुदाई की मस्ती पर चर्चा करते हैं.
लिहाजा मैं अपने मित्र के साथ हॉस्पिटल कैंपस से निकल बाहर निकल गया.
करीब ढाई-तीन घंटे बाद मैं वापस आया तो हॉस्पिटल में बिलकुल सुनसान माहौल था. मैं सीधे डॉक्टर के कैबिन में पंहुचा, उस समय कोई पेशेंट नहीं था और न ही डॉक्टर साहब का असिस्टेंट या कंपाउंडर। डॉक्टर साहब और नीना हंस हंस गप्पें लड़ा रहे थे.
मुझे देखते ही नीना ने डॉक्टर साहब से बड़ी गर्मजोशी के साथ मेरा परिचय कराया। डॉ. राजीव भगत भी मुझसे बेहद अपनेपन से मिले। अपने ड्रावर से निकाल कर उन्होंने चॉकलेट के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया। उधर नीना डॉक्टर साहब की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रही थी तो डॉक्टर भी कुछ पीछे नहीं रहा.
माहौल देखकर समझ गया कि नीना ने अपने लिए लंड का जुगाड़ कर लिया है.
बहरहाल डॉक्टर से विदा लेकर हम दोनों घर की रवाना हुए. मगर नीना जब तब डॉ. भगत के केबिन की रनिंग कमेंट्री नहीं बता लेती उसे चैन नहीं हो रहा था. मुझे वे बातें शेयर करने के लिए घर पहुंचने ही नीना ने सिरदर्द का बहाना बनाया। बच्चे भी तब तक स्कूल से आ चुके थे, लिहाजा मुझे भी थकान और सिरदर्द का बहाना करना पड़ा.
नीना ने हम दोनों को घंटे भर आराम करने के लिए शोरगुल न करने और शांति के साथ होम वर्क करते रहने को कहा.
अब भीतर से दरवाजा बंद करने के बाद मेरी जान नीना बिल्कुल बिंदास हो गई, जैसे उसे कोई बहुत बड़ा खजाना मिल गया हो. मैं अपने कपड़े बदलने लगा तो दूसरी ओर अगले कुछ ही पलों में मैडम ब्रा-पैंटी में आ गईं और मुझसे लिपट गईं. इधर मेरा लंड भी दहाड़ मारने लगा. कहानी तो मैं भी समझ चुका था, लिहाजा अपनी नीना की जुबानी सुनने को बेताब हो रहा था.
तब तक हम दोनों बेड पर थे और मेरा लौड़ा नीना का खिलौना बना हुआ था.
पाठकों, अब बताता हूँ नीना के शब्दों में डॉ भगत के साथ खेली गई चुदाई की होली का आँखों देखा हाल:
तब तक करीब सवा दो बज चुके थे और डॉ भगत अपने सभी पेशेंट निबटा चुके थे; रूटीन के काम बंद होने का समय था, असिस्टेंट जा चुका था और डॉक्टर साहब अपनी रिपोर्ट बनाने में जुटे हुए थे. तभी कंपाउंडर ने नीना को अगले दिन आने को कहा क्योंकि वह खुद भी जा रहा था. मगर नीना ने जब उसे डॉक्टर से केवल एक मिनट के लिए मिलाने का रिकवेस्ट किया तो डॉक्टर ने आवाज देकर कहा- दातादीन, तुम मैडम को भेज दो. इसके बाद लगे हाथ उन्होंने अपने कम्पाउंडर को जाने की इजाज़त दे दी.
नीना जैसे ही डॉक्टर के केबिन में अंदर गयी, तभी डॉक्टर पहली ही बॉल पर क्लीन बोल्ड हो गया था. मगर अपने आप को संतुलित रखा. होता भी कैसे नहीं? दोनों ही अधेड़ उम्र के थे. नीना की बिंदास अदा, गोरा जिस्म, गोलमटोल चूतड़, 36″ साइज़ की मस्त चूचियां किसी को चोदने के लिए मजबूर देंगी और नीना को इसी बात का गुमान भी है.
खैर, डॉक्टर ने अपने आप पर काबू रखा और नीना से उनकी प्रॉब्लम पूछा। फिर नीना ने अदा बिखेरते हुए कहा- बहुत, खुजली होती है और जलन भी! इस पर डॉक्टर ने कुछ सवाल और भी पूछे, मगर आखिरी सवाल था- सेक्स करते समय कंडोम तो इस्तेमाल करती हैं न?
इस सवाल का नीना ने जो जवाब दिया उसे सुनते ही डॉ भगत भीतर से हिल गए. नीना बोली- डॉक्टर साहब, क्या हस्बेंड के साथ भी कंडोम लगाया जाय? औपचारिक तौर पर तो उन्होंने हाँ बोल दिया, मगर साथ अपनी ओर से एक सवाल और दाग दिया।
वे हिचकिचाते हुए बोले- तो हस्बेंड के अलावा भी कोई है क्या? नीना का तीर सटीक निशाने पर लगा था; झुकते हुए नीना ने जवाब दिया ताकि डॉक्टर को चूचुक भी दिख जायें, वैसे भी मैडम के कुर्ते का फ्रंट डीप लो कट में होता है, जिससे किसी का भी लंड उनकी चूचियाँ देख कर कुलबुलाने लगे. जवाब था- नहीं, केवल एक फ्रेंड है कभी कभार के लिए!
अब तक तो डॉक्टर के चेहरे पर लाल डोरे नज़र आने लगे, मगर बेचारे ने खुद को संभाले रखा. आखिर क्या करता?
बहरहाल डॉक्टर ने मेरी मैडम को चेकिंग के लिए भीतरी केबिन में मशीनों के बीच लगे बेड पर कपड़े निकाल कर लेटने को कहा तो नीना कूल्हे मटकाते हुए ऐसे चली जैसे चुदने जा रही हो. दरअसल डॉक्टर ने तो नीना को पजामी का नाड़ा ढीला करने को कहा था, क्योंकि उस बेचारे को चूत चेक करनी थी, मगर मैडम सारे कपड़े निकाल कर ब्रा-पैंटी में लेट गयी।
यह भी डॉक्टर के लिए बड़ा झटका था. मगर तब भी उसने शालीनता के साथ कहा- मैडम, आपको केवल पजामी ही हटानी थी. नीना ने फिर जलवे बिखेरे और बोली- नहीं सर, थोड़ा ब्रेस्ट भी देख लेंगे, तो गिल्टी का शक ख़त्म हो आएगा. नीना के तर्क में वजन था. लिहाजा डॉ. भगत चुप हो गए.
नीना अब भी ब्रा-पैंटी में थी, डॉक्टर का इशारा पैंटी हटाने का हुआ. मगर नीना थोड़ा नाटक कर ऐसा जताई कि 72 किलो वजन के चलते वो पैंटी नहीं निकाल पर रही है. बहरहाल डॉक्टर को ही मेरी चुदक्कड़ बीवी की पैंटी निकाल कर उसके हाथ में देनी पड़ी.
मगर यह डॉक्टर का आखिरी इम्तहान था, नीना के हाथ में पैंटी देते हुए वह भी हसरत भरी नज़र से मुस्कुरा दिया। उधर उसकी पेंट का तम्बू ताने हुए लंड के साइज़ का साफ़ पता चल रहा था. इस बीच जैसे ही डॉक्टर की नज़र नीना की चूत पर गयी तो वह एकदम से उछल पड़ा. आखिर बोल पड़ा- मैडम, इतनी सफाई? वैक्सिंग कराती हैं क्या? थोड़ी देर बाद डॉ भगत ने अपने दिल की यह बात बयाँ कर दी.
पूरी चूत पर एक भी बाल नहीं। झांट भले आज ही साफ़ की गयी हो, मगर इतनी साफ़. दरअसल डॉ भगत सोच भी नहीं सकता था।
बहरहाल अब तक उधर डॉक्टर ऑटोमेटिक मशीनों और रिपोर्ट नोट करने में लगा रहा तो दूसरी ओर नीना कभी हाथ से चूची सहलाती तो कभी चूत. इस बीच दो-तीन बार डॉक्टर ने चूत साइड से नीना का हाथ भी हटाया। बीच बीच में अपनी पैंटी भी सूंघ ले रही थी.
बहरहाल कम्लीट चेक होने के बाद जब डॉक्टर अपना नोट पैड समेटने लगा तो नीना ने बीच में टोका- सर, ब्रेस्ट चेक अप प्लीज! जवाब में डॉ भगत मुस्कुराते हुए केवल ‘ओके’ बोल सके.
मैडम की ब्रा अभी खुली नहीं थी तो बेचारा डॉक्टर ब्रेस्ट कैसे चेक करता। नीना का वही बहाना- डॉक्टर साहब, हुक पीछे है, खोल दो न ब्रा का हुक! यह कहते हुए नीना करवट बदलीं और डॉक्टर ने हुक को ढीला कर दिया।
इसके साथ ही मेरी नीना के मोटे मोटे आज़ाद कबूतर हवा में लहरा उठे. अब तो नीना की मंज़िल उसके सामने थी. इस तरह डॉक्टर ने मदमस्त नीना की चूचियों पर हाथ फेरने शुरू कर दिया। बहाना ब्रेस्ट कैंसर चेक करने का था मगर डॉ भगत भी अब मजा लेने लगे थे.
माहौल गरम होने लगा.
उधर नीना स्ट्रेचर के दूसरे छोर से सट गयी ताकि डॉक्टर चूची को मसलते वक्त उसके करीब आये और लंड नीना की पकड़ में आ जाय. अगले कुछ ही पल में ऐसा ही हुआ. अब बिना टाइम जाया किये नीना ने डॉक्टर के लौड़े पर हाथ रखा और पैंट की जीप नीचे सरका दी. इस तरह उनकी पसंदीदा चीज मेरी जानम के हाथ में थी.
नीना ख़ुशी से पागल हो रही थी और चिल्ला पड़ी- वॉव, ग्रैंड ग्रेट! दरअसल डॉ भगत का लौड़ा 9″ से कम लम्बा नहीं था और कोई तीन या साढ़े तीन इंच मोटा था. ऐसे में नीना का खुश होना लाजिमी था.
खैर, नीना को उसकी जन्नत मिल चुकी थी. लिहाजा उसने अपने गाल, होंठ, दांत, जीभ और चूचियों को इस शानदार लौड़े की सेवा में लगा दिया, ताकि उसकी चूत को डॉक्टर चारों धाम का दर्शन करा दे. दरअसल मामला लेन और देन का था.
बहरहाल वही हुआ जो नीना चाहती थी. नीना की कलाबाजी के आगे डॉ भगत पस्त हो गए. थोड़ी देर पहले ही तो बेचारे डॉक्टर साहब मेरी नीना को कंडोम लगाकर चुदाई करने का उपदेश दे रहे थे, मगर नीना की चूत की गर्मी में ऐसे बेहाल हुए कि स्ट्रेचर पर मेरी प्यासी बीवी को अपने अलग अंदाज़ में बिना कंडोम के ही चोदने के लिए बेक़रार हो गए.
दोस्तो, अपनी इस ग्रैंड गोला चुदाई की घटना को बताने से पहले ही नीना ने मेरे चूतड़ के दो तकिये रख दिया था और मेरे छह इंच लम्बे लंड पर सवार होकर अपनी चुदाई के खेल का आँखों देखा हाल सुना रही थी.
आपको मेरी चुड़क्कड़ चालू बीवी नीना की चुदाई कहानी कैसी लगी? प्रतिक्रिया देंगे तो और लिखूंगा. प्रतिक्रिया के इंतज़ार में! आपका अपना, रितेश शांडिल्य [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000