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दोस्तो, मेरा नाम अखिल (बदला हुआ नाम) है, मैं तीन कॉलेज यानि महाविद्यालय का कर्ता धर्ता हूँ. यह सेक्स स्टोरी वास्तविक घटनाओं पर आधारित है, गोपनीयता बनाये रखने के लिए पात्रों के नाम, स्थान के नाम में परिवर्तन करना जरूरी था.
मैं इतना सुन्दर और आकर्षक नहीं हूँ फिर भी देवी माँ की कृपा से मुझे लड़कियां बहुत पसन्द करती हैं.
यह घटना वर्ष 2013 की है, मेरे कालेज में बहुत सारी मैडम थीं. मैं शुरू से ही थोड़ा कामुक स्वभाव का हूँ. मेरे पहले भी कई लड़कियों (टीचरों) से अंतरंग सम्बन्ध रह चुके हैं.
अब कुछ दिनों से मेरे कालेज में एक असिस्टेंट प्रोफेसर होम साइंस डिपार्टमेंट में नई नई आई थी, उसका नाम नीति (बदला हुआ नाम) था. उसके साथ और भी कई मैडम थीं, वो सब एक प्राइवेट गर्ल्स होस्टल में रहती थीं, जो मुझे काफी पसन्द करती थीं. नीति मैडम अक्सर मुझे देख मुस्करा देतीं. इससे मैंने समझ लिया कि ये बड़े आराम से पट जाएगी.
फिर किसी बहाने से मैंने उसे एक दिन फोन किया. इस तरह उसके साथ बातों का सिलसिला आरम्भ हो गया. अब वो अक्सर मुझे फोन करने लगी. उसने बातों बातों में कई बार बताया कि उसके पहले भी कई बॉयफ्रेंड थे. वो बड़ी खुले विचारों की थी. उसका मानना था कि जिंदगी एन्जॉय के लिए मिली है, प्यार व्यार सब बकवास बातें हैं.
दोस्तो, उसने मुझे प्यार की परिभाषा बिल्कुल ही अलग तरह से बताई. उसने बोला कि अपने शरीर की जरूरत को पूरा करना ही प्यार है!
अब मेरी भी सब समझ आ चुका था कि नीति मैडम चुदाई के लिए बिल्कुल तैयार है. वो अक्सर मुझे बात करने लगी.
फिर अचानक बात करते करते हम दोनों काफी खुल गए. अब आग दोनों तरफ लग चुकी थी.
एक दिन में उसे अपने ऑफिस बुलाया. मैंने उसे बताया कि मैं आपसे प्यार करने लगा हूँ. वो मुस्कुरा दी और बोली कि मैं पहले भी बता चुकी हूँ कि प्यार व्यार कुछ नहीं होता. मैं समझ सकती हूँ कि आप मेरी जवानी को चखना मतलब चोदना चाहते हो.
दरसअल दोस्तो, मैं शादीशुदा और 2 बच्चों का बाप हूँ. मेरी घर वाली काफी सुन्दर है, लेकिन मैं थोड़ा कामुक किस्म का व्यक्ति हूँ. मेरा घर गाजियाबाद में है, जो मेरे कालेज या यूं कहिए मेरे रंगमहल से लगभग 110 किमी दूर है. इसलिए मैंने अपने लिए एक सेपरेट फ़्लैट किराये पर लिया हुआ है, जो मेरे कालेज से लगभग 2 किमी दूर है.
मैं अक्सर इसी रूम पर रुक जाया करता था. उधर जब से नीति मैडम से मेरी बात हुई, तब से मैं उसे चोदना चाहता था लेकिन खुलकर नहीं कह पा रहा था. लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था.
अब मेरा जन्मदिन अगस्त माह में था. उस दिन मैंने नीति मैडम को बताया कि आज मेरा जन्मदिन है. मैं आपको पार्टी देना चाहता हूँ. आज शाम को आपको मेरे रूम पर आना होगा.
अब कॉलेज की छुट्टी के बाद नीति मैडम अपनी अन्य साथी मैडमों को ये बोल कर निकल गई कि मैं आज अपने चाचा जी के घर जा रही हूँ, सुबह वहीं से कालेज आऊँगी.
इसके बाद वो सीधी मेरे पास आ गई. हम दोनों ने मिलकर जन्मदिन मनाया. अब रात के 10 बज गए थे खाना खाने का समय हो गया था.
मैंने मैडम से बोला कि आज मेरे जन्मदिन के अवसर पर 2 पैग वोडका के ले लेते हैं. वो मान गई.
दोस्तो, हमने शुरूआत की, तो दो की कह कर कई पैग वोडका के खींच लिए… जिसके बाद हमें नशा होने लगा. मैंने मैडम का हाथ पकड़ा और किस करने लगा. उसने एक बार भी मना नहीं किया, वो भी कामुक मूड में थी. मैंने उससे सूट उतारने को बोला. उसने बोला- आप अपने हाथों से उतार दो.
फिर क्या था.. मैंने अगले ही क्षण उसे नंगी कर दिया. अब वो ब्रा और पेंटी में मेरे सामने खड़ी थी. मैं उसे बेडरूम में ले गया और अपना लंड उसके सामने खोल दिया. वो मस्त माल थी, लंड को पकड़ कर सहलाने लगी मैंने उसकी आँखों में देखा तो उसने मुझे कामुकता भरी आँख मारी और बैठ कर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर पीने लगी.
फिर मैंने उसकी ब्रा और पेंटी निकाली और बेड पर लेट गया. वो भी पक्की रांड थी, साली मादरचोद इतनी हॉट थी कि उठ कर सीधी लंड पर बैठ गई. फिर अपने आप धक्के मारने लगी और बोली- सर, आज मेरी चुदाई की प्यास बुझा दो. वो बहुत चुदासी थी. उसकी कामवासना पूरे उठान पर थी.
उस रात हमने 4 बार हॉट सेक्स किया. फिर वो सुबह तैयार होकर कालेज निकल गई. एक घण्टे बाद मैं भी कालेज पहुँच गया.
कॉलेज में हम दोनों आपस में नजरें नहीं मिला पा रहे थे. मैंने ध्यान दिया कि नीति मैडम की एक फ्रेंड, जो कालेज में टीचर थी. वो बड़े ही मनमोहक अंदाज से मेरी तरफ मुस्कुरा रही थी. इसका मतलब नीति मैडम ने रात की चुदाई का सारा प्रोग्राम उसे बता दिया था.
उस दिन के बाद तो ये चुदाई वाला रंगारंग कार्यक्रम रोज चलता रहा. लगभग 2 साल उसकी खूब चुदाई की. उसकी साथ की सभी मैडमों को हमारे अवैध रिश्ते के बारे में पता चल गया था.
मेरे कालेज के नियमों में परिवर्तन किए गए. लेकिन नीति मैडम को काफी सहूलियतें दी गईं, जैसे छुट्टियां अधिक देना, छुट्टियों के पैसे ना काटना, नीति मैडम का वेतन भी बढ़ा दिया गया, पिज्जा उसके हॉस्टल भिजवाना, जहाँ अक्सर मेरे कालेज की और मैडम भी हुआ करती थीं.
एक बात तो मैं आप लोगों को बताना भूल ही गया, नीति मैडम की एक सहेली जो हॉस्टल में उसकी रूममेट थी, वो भी मेरे कालेज में ही टीचर थी. उसकी नशीली आँखें.. आह.. पूछो ही मत, बड़ी ही कामुक आँखें थीं उसकी. मैंने कई बार नीति मैडम को बोला था कि मैं उस रुचिका चौधरी (जाटणी) मैडम को चोदना चाहता हूँ. तो नीति ने बताया कि उसका किसी से अफेयर चल रहा है, पर मैं कोशिश करती हूँ.
फिर लगभग 2015 में नीति की शादी हो गई. मैं अपनी पत्नी और बच्चों के साथ उसकी शादी में शामिल हुआ. जहाँ हमारे कालेज के बहुत सारे लोग थे. उधर विवाह में शामिल ज्यादातर को मेरे और नीति मैडम के अवैध रिश्तों के बारे में पता था.
नीति मैडम का शादी के बाद एक दिन फोन आया, वो बोली- सर, मैं आपके लंड को बहुत ही याद करती हूँ. मैंने कहा- तो आ जाओ किसी दिन.. मुझे भी तुम्हारी फुद्दी लेनी है.
फिर नीति मैडम अपनी कोई परीक्षा देने मेरे कालेज आईं और मेरे रूम पर रुक गईं. जब रात को मैं रूम पर पहुँचा, तो वो भूखी शेरनी के जैसे मुझ पर टूट पड़ी और मेरा लंड निकाल कर चुसकने लगी. उस रात को हमने कई बार चुदाई की. नीति मैडम की शादी के बाद भी उसके साथ महीनों तक ये प्रोग्राम चला था लेकिन अब मैं उस दूसरी टीचर को चोदने चक्कर में था.
मैंने कई बार नीति मैडम को समझाया कि आप कैसे भी उस जाटणी (रुचिका चौधरी) को चुदवा दो. इसी चक्कर में मैंने रुचिका चौधरी की सेलरी बढ़ा दी, जिससे वो समझ गई क्योंकि वो मेरे और नीति मैडम के बारे में सब जानती थी.
फिर ऐसे ही चलता रहा रुचिका चौधरी मेरी फेसबुक पर मेरे हर पोस्ट को लाइक करने लगी, जिससे रुचिका चौधरी के बॉयफ्रेंड को पता चल गया. वो रुचिका चौधरी पर शक करने लगा क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड को भी मेरे और नीति के बारे में ज्यादातर बातों का पता था क़ि हम लोग कैसे रूम पर साथ साथ रहते हैं.
इस शक के चलते उन दोनों में झगड़ा होने लगा. रुचिका कभी कभी मुझे बात करने लगी थी. फिर जब रुचिका को उसके बॉयफ्रेंड ने शादी के लिए बोला तो पता नहीं क्यों रुचिका ने उसे मना कर दिया. उसका ब्रेकअप हो गया.
जैसे ही मुझे पता चला कि रुचिका का ब्रेकअप हो गया और उसके बॉयफ्रेंड की शादी भी हो गई. तो मुझे मौक़ा हाथ लग गया. क्योंकि अब रुचिका अकेली थी. मौके का फायदा उठाकर मैं रुचिका चौधरी से रोज फोन पर बात करने लगा. धीरे धीरे हम अच्छे दोस्त बन गए. हम व्हाट्सऐप और फोन पर बात करने लगे.
कुछ दिनों तक ऐसा ही चलता रहा. फिर एक दिन मैंने रुचिका चौधरी से सीधे बोला- आपने कभी सेक्स किया है?? तब उसने भी बिंदास बोला- हां. मैंने उसे कुरेदा तो उसने बताया- मेरे कई बॉयफ्रेंड रहे हैं.
मैं सोचने लगा कि ये तो साली रांड निकली, मैं बेकार में इसको अब तक शरीफ समझ रहा था. हम अक्सर सेक्स की बातें करने लगे थे.
एक दिन मैंने रुचिका को अपने ऑफिस बुलाया. उसको अपने नजदीक खींचा तो उसने कोई आपत्ति न करते हुए सीधे मेरी गोद में बैठ जाना ठीक समझा. मैंने वहीं उसके होंठों किस किया और उसके दूध मसलते हुए शाम को उसे रूम पर मिलने को कहा. उसने हां कर दी.
वो कालेज ऑफ़ होने के बाद 5:30 शाम सीधी मेरे रूम पर पहुँची, जहां उसकी आँखों में एक अजीब सी चमक थी. वो देखने में नीति मैडम से ज्यादा सुन्दर थी. उसका बड़ा ही सेक्सी बदन था. हम दोनों ने एक दूसरे को बांहों में भर लिया, हम दोनों लिप किस करने लगे. उसका हाथ अचानक मेरे लंड पर आ गया. वो मेरा लंड हिलाते हुए बोली- सर, सेक्स पूरे कपड़े उतार कर करेंगे. मैंने उसकी कामवासना समझ ली और उसको पूरी नंगी कर दिया.
रुचिका चौधरी बोली- सर मुझे वाइल्ड हॉट सेक्स पसन्द है. मैंने उसके दूध चूसे और कहा- ठीक है बेबी, आज फुल मजा करते हैं.
मैं फ्रिज से शहद उठा कर लाया और उस शहद को अपने लंड पर लगा दिया. जिसे रुचिका चौधरी बड़े प्यार से चूसने लगी. मेरी मादक सिसकारियां निकलने लगीं. फिर हम दोनों 69 की पोजीशन में शहद गिराकर चूत और लंड चाटने लगे.
कुछ देर की चुसाई के बाद मैं रुचिका से बोला कि मेरा होने वाला है. वो कुछ नहीं बोली बल्कि और तेजी से मेरे लंड को चाटने लगी. जिससे मैं उसके मुँह में झड़ गया.
वो बोली- सर आज पहली बार मैंने वीर्य पिया है.. आपका वीर्य बहुत टेस्टी है. अब से आप रोज मुझे अपना वीर्य पिलाओगे. मैं बोला- ठीक है मेरी रानी. फिर वो अपनी चूत मेरे मुँह पर रखकर रगड़ने लगी. कुछ ही पलों में वो मेरे मुँह पर ही झड़ गई.
उसके बाद उस जन्मों की प्यासी दिखने वाली रुचिका ने दुबारा मेरा लंड पीना स्टार्ट कर दिया. मेरा लंड जल्दी ही दुबारा खड़ा हो गया. रुचिका चौधरी उठकर मेरे लंड पर बैठ गई और स्पीड से धक्के लगाने लगी. हम दोनों साथ साथ झड़ गए. फिर हमने खाना खाया और रात को 4 बार सेक्स किया.
उसके बाद रुचिका कालेज चली गई और फिर लगभग एक घन्टे बाद मैं पहुँचा तो रुचिका मुझे देखकर मुस्कराई. थोड़ी देर बाद उसके फोन पर एक मिसकॉल आई. फिर लगभग 2 बजे पर मैंने उसे फोन किया तो वो पूछने लगी- ऑफिस में आपके पास कौन है? उस वक्त मेरे पास कोई नहीं था. वो बोली- मैं आपके पास आ रही हूँ.
उसने आते ही आफिस का गेट अन्दर से बन्द कर दिया और लिप किस के बाद मेरा लंड चूसने लगी. रुचिका लंड चूसते हुए बोली- मेरी प्यास बहुत बढ़ गई है. मैं कब से आपसे चुदवाना चाहती थी, पर बॉयफ्रेंड के चक्कर में नहीं चुदवा पाई.
दोस्तो, इसके बाद तो हम दोनों ऑफिस में रूम में या जहां भी जगह मिलती, चिपक जाते और वहीं चुदाई करने लगते. वो इतनी अधिक चुदासी थी कि अन्दर बिना पेंटी के रहने लगी थी. जिधर भी उसको मेरे साथ मौका मिलता तुरंत मेरा लंड चूस कर खड़ा कर देती और अपनी सलवार नीचे गिरा कर चुत खोल देती थी. मैं भी दस मिनट व़ाली हॉट चुदाई करके लंड को शांत कर लेता था.
ऐसे ही लगभग एक साल तक हम दोनों ने एक दूसरे की इच्छाओं की पूर्ति की और सेक्स का जम कर मजा लिया.
फिर अचानक उसके एक्स बॉयफ्रेंड को कहीं से पता चल गया कि रुचिका मेरे साथ चुदती है, फोन पर बात करती है.
उसने बड़ा बवाल किया. उसके बॉयफ्रेंड ने कालेज की टीचरों को फोन करके सबको बता कर रुचिका को बदनाम करने की कोशिश की. इस बात से दुखी होकर रुचिका चौधरी कालेज छोड़कर अपने घर जाने लगी. जाते वक्त वो मुझसे मिली और बहुत रोई. वो बोली- सर आज लास्ट दिन है.. आपको जो करना है, आप कर सकते हो.
उस रात बार बार उसके एक्स बॉयफ्रेंड के फोन आ रहे थे. उसने अपना मोबाइल ऑफ़ कर दिया और आज वो एक अलग अंदाज में थी. वो बोली- सर आज आप पीछे वाले छेद में डालो. फिर उसने मेरे फोन पर एक रोमाँटिक गाना लगाया. ‘लग जा गले.. फिर ये हसीन रात हो ना हो.. शायद इस जन्म में मुलाकात हो ना हो…’
पूरी रात हमने जमकर हॉट सेक्स किया. फिर सुबह हम तैयार होकर कालेज आ गए. कालेज में प्रोग्राम चल रहे थे, लेकिन रुचिका चौधरी बहुत परेशान थी.
उस वक्त उसके एक्स बॉयफ्रेंड ने फोन करना स्टार्ट कर दिया और कालेज छोड़ने का दबाव बनाने लगा. रुचिका चौधरी के एक्स बॉयफ्रेंड ने उसके घर रिश्तेदारी में सबको बता दिया था. उसके बॉयफ्रेंड ने मुझे भी फोन पर बहुत गालियां दीं क्योंकि वो लड़का शायद सच में रुचिका से सच्चा प्यार करता था.
फिर आखिरकार रुचिका चौधरी को कालेज छोड़कर अपने घर जाना पड़ा. दो महीने बाद रुचिका चौधरी कालेज अपने भाई के साथ आई. दोनों भाई बहन मुझसे मिले. तभी कुछ काम से रुचिका का भाई बाहर चला गया.
रुचिका मुझसे चिपक कर काफी रोई और बोली- सर मैं कालेज को और आपको हमेशा मिस करूँगी.
रुचिका चौधरी चली गई, लेकिन वो अभी भी मुझसे अपने परिवार वालों से छिप कर फोन करती है, व्हाट्सऐप पर मैसेज करती है.
वो बोलती है- सर आपकी बहुत याद आती है.
दोस्तो, मैं आपसे एक बात बोलना चाहता हूँ कि रुचिका चौधरी सच में बहुत बड़ी चुदक्कड़ टाइप की लड़की थी. उधर नीति मैडम आज भी मेरे सम्पर्क में है. वो अभी भी मौका मिलते ही मुझसे चुदाई कराती है. अभी भी मेरे कालेज में बहुत सारी टीचर पढ़ाती हैं. अब देखते हैं कि कौन चुदवाने को तैयार होगी.
दोस्तो, कैसी लगी मेरी हॉट सेक्स स्टोरी? रांड औरतों की कोई जाति नहीं होती. इस तरह की ज्यादातर औरतें पैसों की भूखी होती हैं. मेरी ये सेक्स कहानी बिल्कुल सच्ची है.. इसमें सिर्फ नाम और जगहों में परिवर्तन किया गया है.
एक बात और दोस्तो, प्यार व्यार कुछ नहीं होता है. जिंदगी में पैसे से कुछ भी चीज ली जा सकती है. [email protected]
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