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हेल्लो फ्रेंड्स, मेरा नाम पिंकी सिंह है और मैं अन्तर्वासना की सारी की सारी देसी स्टोरीज पढ़ती हूँ. मैं आप सबको अपनी चुदाई की सच्ची देसी कहानी बताने जा रही हूँ कि कैसे मैं अपने चाचा से चुदी. मैं पहले आपको अपने बारे में बता दूँ, मैं दिखने में बहुत सेक्सी हूँ और मैं दिल्ली की रहने वाली हूँ और कॉल सेण्टर में जॉब करती हूँ. मेरा रंग गोरा है और मेरी चूची और गांड बहुत बड़ी है.
बहुत लोग मुझे लाइन मारते हैं, बहुत लोग मुझसे बात करना चाहते हैं, असल में वे सब के सब मेरी चुत चुदाई करना चाहते हैं. मैं वैसे बहुत मजाक करती हूँ अपने ऑफिस में और सब लोग मुझे पसंद भी करते हैं.
यह कहानी मेरी और मेरे चाचा के बीच की है, वो चाचा मेरे पड़ोस में ही रहते हैं, वे मेरे पापा के चचेरे भाई हैं. और वो मेरे घर आते रहते हैं. हम दोनों लोग एक दूसरे से बातें करते हैं. पर मुझे यह नहीं पता था कि वो चाचा जिनसे मैं बातें करती हूँ, वो मुझे एक दिन चोद देंगे. अब मैं आपको मेरी कहानी बताती हूँ जो मेरी सच्ची चुदाई की कहानी है कि कैसे चाचा ने मुझे चोदा.
चाचा जब भी मेरे घर आते थे, वो मुझसे मजाक करते थे और हम दोनों लोग कभी कभी एक दूसरे के साथ खेलते भी थे लेकिन मैं चाचा के बारे में कुछ गलत नहीं सोचती थी. लेकिन वो मुझसे बातें करते करते कभी कभी वो मेरी चूची को देख कर मुझे स्माइल देते थे लेकिन मैं उनकी बातों पर ध्यान नहीं देती थी. मुझे ये सब नहीं पता था कि मैं एक दिन चाचा से चुद जाऊँगी क्योंकि मैं चाचा को एक अच्छा दोस्त मानती थी लेकिन वो तो मुझे चोदना चाहते थे.
मुझे धीरे धीरे कुछ अजीब सा लगने लगा था क्योंकि चाचा जब भी मुझसे बातें करते थे या जब भी मेरे घर आते थे तो वो मुझे बहुत हवस भरी नजर से देखते थे और मुझसे अकेले में बातें करने की कोशिश करते थे और कभी कभी तो वो मुझे गलत तरीके से छूते भी थे. मैं यह बात अपने घर में किसी से नहीं कह सकती थी क्योंकि सब लोग उनको अच्छा मानते थे और मैं भी चाचा को अच्छा मानती थी.
लेकिन वो कुछ दिनों से मुझसे गलत तरीके से बातें करते थे और मुझसे हमेशा बॉलीवुड की हॉट मूवीज के बारे में बातें करते थे. चाचा मुझे कभी कभी उनके साथ मूवी देखने के लिए भी बोलते थे लेकिन मैं चाचा को मन कर देती थी. चाचा मुझसे कभी कभी फ़ोन पर भी बातें करने लगे थे. मैं चाचा को इसलिए कुछ नहीं बोलती थी क्योंकि वो कभी कभी मेरी हेल्प भी कर देते थे और कभी कभी मुझे अपनी कार से ऑफिस भी छोड़ देते थे.
मेरी चूची बहुत बड़ी हैं, मैं जब भी चाचा के साथ कार में जाती थी तो वो मेरी बड़ी बड़ी चुचियों को देखते थे और मजे लेते थे. मुझे यह बात पता चल गयी थी कि चाचा मुझे चोदना चाहते थे और मैं ऑफिस में बहुत ही सज कर जाती थी और बहुत फैशन करती थी तो लोग मुझे ऑफिस में भी लाइन मारते थे. मुझे पटा था कि मैं फर्स्ट क्लास का माल हूँ चोदने के लिए!
चाचा और मैं, हम दोनों धीरे धीरे एक दूसरे के करीब आने लगे थे. चाचा मुझे बहुत बार व्हाटसप्प पर भी वीडियो काल पर बातें करते थे. लेकिन मैं उनसे ज्यादा देर तक बातें नहीं करती थी क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि चाचा मुझसे कुछ गलत बात करें. व्हात्सप्प पर चाचा अब मेरी फिगर की भी तारीफ करने लगे थे, वो मुझे बोलते थे कि तुम्हारी चाची भी अपने आपको बहुत मेन्टेन रखती है लेकिन तुम्हारी बात कुछ और है.
चाचा और चाची दोनों लोग से मेरी अच्छी बनती थी. चाचा मुझे चोदना चाहते थे और मैं भी अब धीरे धीरे चुदवाने के मूड में आने लगी थी. मैं भी अब चुदाई की बातें सोचती थी. मैं कभी कभी चाचा के लंड को उनकी पैन्ट में देखती थी क्योंकि वो जब भी मेरी चूची को देखते थे और मुझसे बातें करते थे तो उनका लंड खड़ा हो जाता था और मुझे भी अब लंड से चुदवाने का मन करने लगा था.
मैं अब अपने मोबाइल में हिन्दी पोर्न मूवीज देखती थी और अपनी चूत को अपने हाथ से सहला कर शांत करती थी. मेरी सहेलियाँ तो रोज अपने बॉयफ्रेंड से चुदवाती थी और मुझे भी बोलती थी चुदवाने के लिए लेकिन मेरा अपने बॉयफ्रेंड से ब्रेकअप हो गया था लेकिन जब भी मेरा बॉयफ्रेंड मेरे साथ था तो वो मुझसे सेक्स की बातें करने की कोशिश करता था लेकिन मैं तब उससे ऎसी बातें नहीं करना चाहती थी क्योंकि मैं तब इन बातों को बुरा मानती थी.
लेकिन अब मैं नए लंड से चुदवाना चाहती थी इसलिए मुझे भी चाचा से चुदवाने का मन करने लगा था. अब चाचा भी मुझसे खुश रहते थे क्योंकि मैं भी अब चाचा से खुल कर बातें करती थी और वो भी मुझे अपनी चुदाई के बारे में बताते थे. हम दोनों रात भर एक दूसरे से व्हाटसप्प पर बातें करते थे. यह बात नहीं मेरे घर में किसी को पता थी कि मैं अपने पड़ोस से चाचा से व्हाटसप्प पर रात भर बातें करती हूँ. न ही उनकी वाइफ जानती थी वो मुझसे रात भर बातें करते हैं.
चाचा शादीशुदा थे लेकिन मैं उनको पसंद करने लगी थी क्योंकि वो मेरी बहुत देखभाल करते थे और कभी कभी वो मुझे अपने पैसों से मेरी जरूरत की चीजें मुझे लाकर देते थे. लेकिन मैं नहीं चाहती थी कि यह बात किसी को पता चले कि मैं और चाचा हम दोनों लोग एक दूसरे से प्यार करते थे. हम दोनों एक दूसरे के साथ एक दो बार फिल्म भी देखने गए थे और वहाँ पर चाचा ने मुझे किस भी करने की कोशिश की थी लेकिन मैंने उनको मना कर दिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी कि मुझे और चाचा को किस करते हुए कोई देखे.
चाचा जब भी मेरे घर आते थे तो वो मैगज़ीन लेकर आते थे जिसमें नंगे लड़के लड़की सेक्स करते हुए रहते थे और हम दोनों लोग नंगी फोटोज देखते थे. चाचा कभी कभी मुझे अपनी मोबाइल में पोर्न मूवीज भी दिखाते थे और हम दोनों लोग एक दूसरे को किस भी करते थे जब मेरे घर कोई नहीं रहता था. हम एक दूसरे को बहुत देर तक किस करते थे लेकिन हम दोनों लोग चुदाई नहीं करते थे क्योंकि घर में किसी ना किसी के आने का डर लगा रहता था.
चाचा जब कभी अपनी वाइफ को चोदते थे तो मुझे बताते थे लेकिन वो बताते थे कि उनको अपनी वाइफ को चोदने में अब मजा नहीं आता है और वो मुझे चोदना चाहते हैं. मैं चाचा को बोलती थी कि हम चुदाई कैसे करें, घर पर कोई न कोई रहता था.
एक दिन मैं ऑफिस में काम कर रही थी और चाचा का मेसेज आया कि वो मुझे होटल में खाना खिलाना चाहते थे. मैंने अपने ऑफिस के मेनेजर से छुट्टी ले ली और चाचा से मिलने होटल में चली गयी. वह पर हम दोनों ने खाना खाया और उसके बाद चाचा बोले- आज हम दोनों होटल के रूम में चुदाई करेंगे! लेकिन मैंने अब फिर चाचा को मना कर दिया क्योंकि मैं नहीं चाहती थी मुझे और चाचा को कोई होटल रूम में जाते आते देख ले.
एक दिन मेरे घर कोई नहीं था, सभी लोग देवी मंदिर में दर्शनों के लिए गए हुए थे, वहां चार पांच घंटे लगने थे. तो चाचा को मैं फ़ोन करके बोली- आज मेरे घर कोई नहीं है! और वो मेरे घर आ गए, वो एक कोल्ड ड्रिंक लेकर आये थे. हम दोनों ने कोल्ड ड्रिंक पिया, उसके बाद मैं और चाचा दोनों मेरे बेडरूम में आ गए और चाचा मुझे किस करने लगे. हम दोनों एक दूसरे की जीभ को चूस रहे थे, होंठों को चाट रहे थे और एक दूसरे का थूक भी चाट रहे थे.
उसके बाद चाचा ने मेरी सलवार सूट को निकाल दिया और मुझे नंगी देख कर बोलने लगे- तुम बहुत सेक्सी हो पिंकी, मैं तुमको चोदने के लिए बहुत दिन से सोच रहा था! और यह काहते हुए चचा ने अपनी पैन्ट उतार दी. चाचा मेरी ब्रा में कैद मेरी विशाल चूचियों को पकड़ कर मसलने लगे. मैं भी चाचा का लंड उनके अंडरवियर के ऊपर से सहलाने लगी और हम दोनों फिर एक दूसरे को किस करने लगे. चाचा मेरे कान को किस कर रहे थे, उसके बाद वो मेरे गर्दन को भी चाट रहे थे.
फिर चाचा ने मुझे बिस्तर पर लिटा लिया और वो कुत्ते की तरह मेरे पैरों को चाटने लगे, मेरे पैरों की उंगलियों को चाट रहे थे और मैं भी धीरे धीरे गर्म हो रही थी.
कुछ देर के बाद चचा ने मेरी ब्रा को उतार दिया और मेरी बड़ी बड़ी चुचियों को अपने हाथों में लेकर दबाने लगे और मेरी चूची एकदम बड़ी बड़ी और गोल गोल हैं. चाचा मेरी चूची को अब अपने मुख में लेकर चूसने लगे, मैं सिसकारियाँ भर रही थी- आह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह ओह्ह ओह्ह! और वो मेरे निप्पल को चूस रहे थे और दूसरी चूची को मसल रहे थे.
अब मैं थोड़ा जोर से सिसकारियाँ ले रही थी क्योंकि चाचा अब मेरी चूची को बड़ी बेदर्दी मसल रहे थे तो मुझे दर्द हो रहा था और मुझे मजा भी आ रहा था.
चाचा मेरी चूची को बहुत देर तक बदल बदल कर चूसते रहे उसके बाद उन्होंने मेरी पेंटी को निकाल दिया. मैंने उसी दिन सुबह को अपनी चूत के बाल साफ़ कर लिए थे, मुझे पता था कि आज मेरी चुत चुदाई होनी तय है. चाचा मेरी चिकनी फूली हुई चूत को देख कर कुत्ते की तरह चाटने लगे और मैं जोर जोर से सिसकारियाँ लेने लगी.
कुछ देर के बाद चाचा ने मेरी चूत को अपनी उंगलियों से थोड़ा खोला और उसके बाद वो मेरी चूत के दाने को चाटने लगे और कभी कभी तो वो मेरी चूत के दाने को अपने दांतों से काट भी रहे थे. मैं और जोर से चिल्ला रही थी क्योंकि तब मुझे दर्द होता था और मजा भी आता था. चाचा बोल रहे थे- यार पिंकी, तुम्हारी चूत बहुत अच्छी है! और वो मेरी चूत को बहुत देर तक चूसते रहे.
उसके बाद चाचा ने अपना लंड निकाला और मुझे लंड चूसने के लिए बोले. मैं भी चाचा का लंड अपने मुख में लेकर चूसने लगी. मैं चाचा का लंड चूस रही थी और वो मजे लेकर अपनी आँखों को बंद करके मुझसे लंड चुसवा रहे थे.
चाचा कभी कभी अपना लंड मेरे मुख में जल्दी जल्दी अन्दर बाहर कर रहे थे तो चाचा झड़ने लगे, उन्होंने अपना लंड मेरे मुंह से बाहर निकाल लिया और सारा माल बाहर ही निकाल दिया. चचा माँ माल मेरी चूची और पेट पर गिरा जिसे चाचा ने मेरी ही पेंटी से पौंछ दिया.
अब हम दोनों साथ साथ लेट गए और फिर से चूमा चाटी करने लगे. चाचा ने मुझे उनके लंड को हाथ में लेकर सहलाने को कहा.
कुछ देर के बाद चाचा का लंड दुबारा खड़ा हो गया तो उन्होंने मेरी चूत पर अपना लंड सेट किया और एक जोर का धक्का मारा लेकिन तो उनका लंड नीचे को फिसल गया. चाचा ने दुबारा अपना लंड मेरी चूत पर सेट किया और एक जोर का धक्का मारा तो उनका आधा लंड मेरी चूत में चला गया और मैं चिल्लाने लगी क्योंकि उनका लंड बहुत मोटा था और मुझे बहुत दर्द हो रहा था.
चाचा कुछ देर रुक गए और उसके बाद वो मुझे धीरे धीरे चोदने लगे, मेरा दर्द थोड़ा कम हुआ था तो चाचा मुझे थोड़ा तेज तेज चोदने लगे और जोर के धक्के मेरी चूत में मार मार कर जल्दी जल्दी चोद रहे थे और मैं सिसकारियाँ ले रही थी. कभी कभी वो मुझे किस भी कर रहे थे और हमारी चुदाई की कामुक आवाजें कमरे में गूंज रही थी.
अब मैं भी चाचा का साथ दे रही थी, नीचे से अपनी गांड उठा उठा कर चाचा से चुत चुदवा रही थी. कुछ देर के बाद हम दोनों झड़ गए और चाचा ने अपना माल मेरी चूत में नहीं गिराया, लंड बाहर निकाल लिया.
हम फिर से लेट गए. चचा मुझसे पूछने लगे- कैसा लगा पिंकी? मैंने कहा- चाचा, अच्छा लगा पर बहुत दर्द हुआ. चाचा बोले- जितना दर्द होना था, हो चुका, अब तो आगे मजा ही मजा है.
कुछ देर बाद चाचा का लंड फिर से मुझे चोदने के लिए तैयार था, चाचा ने मुझे घोड़ी बना दिया और वो अपना लंड पीछे से मेरी चूत में डाल कर मुझे पीछे से चोदने लगे. हम दोनों चुदाई करने लगे और मैं चिल्ला रही थी कुछ दर्द से तो कुछ आनन्द से!
हमने बहुत देर तक चुदाई की और फिर झड़ गए.
इस तरह से मैंने और चाचा ने उस दिन दो बार चुदाई की. उसके बाद चाचा अपने घर चले गए.
और अब तो हम दोनों को जब भी मौका मिलता है, हम चुदाई करते हैं.
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