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मेरा नाम अमित है, मैं अम्बाला, हरियाणा का रहने वाला हूँ. मुझे सेक्सी स्टोरीज बहुत पसंद हैं. वैसे तो मैं शादी शुदा हूँ, पर फिर भी इधर उधर माल देख कर अपनी प्यास बुझा लेता था. मैं अपनी एक ना भूलने वाली सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ. मैं पहली बार लिख रहा हूँ तो कोई ग़लती हो जाए या बोरिंग लगे तो भी पूरी घटना पढ़ना ज़रूर.
मैं एक बार ऑफिस के काम से पूना जा रहा था. मैंने अम्बाला से दिल्ली के लिए बस ली. जब मैं बस में चढ़ा तो देखा कोई सीट खाली नहीं थी.. लेकिन मुझे राजधानी पकड़नी थी तो मैं इस बस को छोड़ने की हालत में नहीं था. मैं साइड में खड़ा हो गया. इतने में कंडक्टर आया और उसने कहा कि पीछे सीट खाली होने वाली है, वहां बैठ जाना. जब सीट खाली हुई तो मैं वहां जा कर बैठ गया. जब मैं बैठने लगा तो देखा कि एक सेक्सी और सौम्य लौंडिया सबसे पीछे वाली सीट पर बैठी है, मुझे लगा कि किसी के साथ होगी.. तो मैं चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया.
बस चली तो एक दम से मुझे आवाज़ सुनाई दी, मैंने देखा कि ये वही माल थी, जिस को मैंने देखा था. मैं मन ही मन बहुत खुश हुआ और उसे साथ वाली जगह बैठने के लिए दे दी. फिर उस से बात करने का बहाना ढूँढने लगा. कुछ देर बाद हमारी बातें शुरू हुईं, तो उसने बताया कि वो बी डी एस कर रही है और अपने घर दिल्ली जा रही है. यहाँ मैं उसका नाम नहीं लिखना चाहता.
जब हम दिल्ली पहुँचे तो नम्बर एक्सचेंज कर के अपने अपने रास्ते चल पड़े.
फिर वापिस अम्बाला आ कर हमारी फोन पर बात होती रहीं. वो अम्बाला के पास ही एक यूनिवर्सिटी के मेडिकल कॉलेज में पढ़ती थी. हम काफी बार डेट पर भी गए, उस से मेरी सैटिंग हो गई थी. हम आस पास जैसे चंडीगढ़, पटियाला, कुरुक्षेत्र, मोरनी, पिंजोर, वाटर पार्क आदि ग्घुमाने जाते रहते थे लेकिन सुबह को जाते थे और शाम को वापिस आ जाते थे. मेरा मन था कि कभी रात को बाहर रहें.
एक दिन मैंने उस से पूछा कि नाइट में आउटडोर चलते हैं. पहले तो उसने एक दम से मना कर दिया लेकिन मैं उसे मनाता ही रहा तो काफ़ी ‘ना ना’ करने के बाद वो चलने को तैयार हो गई. अम्बाला से चार घंटे की दूरी पर शिमला है तो वहीं जाने का प्रोग्राम बन गया.
हम दोनों ने शिमला पहुँचने के बाद होटल में एक रूम ले लिया और घूमने निकल गए. दिल्ली की होने के बावजूद वो बहुत शर्मीली लड़की थी. जब हम वापिस आए तो मैंने उसे हग किया और किस करने लगा. वो रोने लगी, तो मैंने उससे कहा कि कोई बात नहीं, ऐसे ही बातें करते रहते हैं.
कुछ देर बाद धीरे धीरे वो मुझ से खुलने लगीं, तो हमारे बीच सेक्स की बातें होने लगीं. सेक्सी सेक्सी बातों से उस का मुँह शर्म से लाल हो गया. मैं उस के पास जा कर धीरे धीरे किस करने लगा, बहुत मुश्किल से उस ने मुझे टॉप उतारने दिया और मैंने उसकी ब्रा भी उतारी और उस के दूध चूसना शुरू कर दिए. बस यही करते करते हम दोनों सो गए. उस ने उस रात और कुछ नहीं करने दिया.
एक दिन शिमला रुकने के बाद हम दोनों वापिस आ गए. वो अपने हॉस्टल चली गई और मैं अपने घर आ गया.
कुछ समय बाद हम दोनों ने फिर आउटिंग का प्रोग्राम बनाया और शिमला के सेम होटल और रूम में पहुँच गए. इस बार प्रोग्राम 2 दिन का था. रात हुई और उसने वही किया. मुझे उसके दूध चूस कर ही सोना पड़ा. अगले दिन हम वहां से निकले और किसी और जगह घूमने गए. वहां से होटल में पहुँचते पहुँचते रात हो गई.
हम दोनों ने डिनर किया और थोड़ी सी वाइन ली. उस को नशा सा होने लगा, मैं उसके साथ मस्ती करने लगा. वो अब बहुत खुल गई थी. फिर मैं धीरे धीरे उस के रसीले होंठों पर किस करने लगा, इस बाद वो भी साथ देने लगी. बहुत रस था उस के होंठों में. मैं धीरे धीरे उसके कपड़े उतारने लगा अब वो बस ब्रा और पेंटी में ही थी. उसका शरीर इतना मस्त और सेक्सी था कि मैं उस को ब्यान नहीं कर सकता.
मैंने उस को पैरों से चाटना शुरू किया, उस की टांगों को, जांघों को चाटता हुआ मैं उस की पेंटी तक पहुँच गया. उस की पेंटी में से इतनी मस्त खुशबू आ रही थी कि मैं कंट्रोल नहीं कर पा रहा था. पर मैंने कंट्रोल रखा कि कहीं काम खराब ना हो जाए.
मैं उस की पेंटी के ऊपर से ही उस को प्यार से चूमने लगा. धीरे धीरे मैंने उस की पेंटी को नीचे करने लगा.. चूत देख कर मेरा दिमाग़ खराब हो गया. उस की गुलाबी चिकनी चुत और एक भी बाल नहीं.. एक दम सफाचट चूत. मैंने उस की चुत को चाटना शुरू किया. बहुत मजा आ रहा था मुझे!
उस की चूत पर कभी भी किसी का हाथ नहीं लगा था, उस की चुत एक दम वर्जिन थी. मैं उस की चुत के दाने को अपनी जीभ से चाटने लगा. वो भी चूत चटवाने की मस्ती में अपने चूतड़ों को ऊपर कर के पूरी मस्ती में चटवा रही थी. मैं 5 मिनट तक उसकी चुत चाटता रहा. फिर उस का पानी निकल गया और वो पीछे हटने लगी.
मैंने कुछ नहीं कहा और साथ में आ कर लेट गया. थोड़ी देर तक मैं शराफ़त से लेटा रहा, लेकिन नीचे लंड मानने को राजी नहीं हो रहा था. मैंने उस के हाथ में अपना लंड दिया, वो ना ना करने लगी लेकिन मैंने उस को लंड छोड़ने नहीं दिया. धीरे धीरे वो लंड को आगे पीछे करने लगीं. सच में इतनी सेक्सी लौंडिया के हाथ में लंड था कि बस मेरा काम तो ऐसे ही हो गया.
मैंने बाथरूम में जा कर लंड धोया. जब तक मैं वापिस आया तो देखा कि वो सो चुकी थी. मुझे बहुत गुस्सा आया. लेकिन मैंने उस को कुछ नहीं कहा, पर नींद तो आँखों से दूर थी. फिर सुबह 5 बजे मेरी आँख खुली, मैंने उस को अपनी तरफ पलटा और मैं उस के दूध को मुँह में लेकर चूसने लगा. पहले एक दूध चूसा, फिर दूसरा.. उस के निप्पल खड़े होने लगे.
मैं अब उस के नंगे जिस्म के ऊपर आ गया और मैंने उस की नाभि के पास चाटना शुरू किया तो उस को बहुत मजा आने लगा. वो कामुक आहें भर रही थी. मैं उसके जिस्म को चाटते हुए नीचे उस की पिंक चुत तक पहुँच गया. अब दोनों तरफ से चुदास भड़क उठी थी.
अगले ही पल हम दोनों 69 की पोजीशन में थे. मैंने उसको अपना लंड मुँह में लेने को कहा, तो उसने मना कर दिया. उसने कहा- मैं हाथ से ही करूँगी. मैंने फिर से उस की चूत तो चाटना शुरू कर दिया, पर अब मैं ध्यान रख रहा था कि उस का डिसचार्ज ना हो पाए.
फिर मैं उसके होंठों पर अपने लंड को फिराने लगा, धीरे धीरे उसको भी मजा आने लगा. उसने मेरा लंड पकड़ा और अपने मुँह में डाल कर मज़े से चूसने लगी. और मैं उसकी चूत पर टूट पड़ा. उसके मुँह से आवाजें निकल रही थीं- प्लीज़ अमित सक इट ओह उउउफ्फ़ अमित कम ऑन.. साथ साथ वो मेरा लंड भी लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी.
फिर मैं उसके ऊपर आ गया. मैं उसकी चुत में अपना लंड डालने लगा, तो वो रोने लगी- प्लीज़ ये सब मत करो, मैं नहीं कर सकती. मैंने बहुत समझाया पर वो थी कि समझने को तैयार ही नहीं थी. मुझे बहुत गुस्सा आया, पर मैंने अपने गुस्से को काबू में रखा. जब उसने देखा कि मैं नाराज़ हो गया तो वो मेरे पास आ गई और मुझे मनाने लगी.
अब कुंवारी चुत मनाए और लंड ना माने.. ऐसा हो सकता है क्या. मैंने कुछ देर बाद उसको अपना लंड चुत में लेने के लिए राज़ी कर लिया. वो मान गई कि सिर्फ आज ही करेंगे, उसके बाद कभी नहीं करेंगे. मैंने कहा- ठीक है.
फिर मैंने अपने लंड को उससे चुसवाया और उसकी चुत में डालने की कोशिश करने लगा. उसकी चुत बहुत टाइट होने की वजह से लंड अन्दर नहीं जा रहा था. फिर मैंने उसको बोला कि अपनी चुत को हाथ से खोलो… उसने चूत की फांकें खोलीं. मैंने अपना लंड चूत के छेद पर रखा और उसके ऊपर उसको शोल्डर से पकड़ कर लेट गया क्योंकि मुझे पता था कि ये सील पैक है तो लंड के दर्द से छुड़ाने की कोशिश करेगी.
मैंने पूरी तैयारी के साथ एक शॉट लगाया तो थोड़ा सा लंड उसकी चुत में घुस गया. इसी के साथ उसकी चीख निकल गई और वो अलग होने की कोशिश करने लगी. पर मैंने उसको हटने नहीं दिया. फिर मैं उसको किस करता रहा.
अब मैं 5 मिनट तक ऐसे ही उसके होंठों को चूसता रहा, फिर मैंने एक और धक्का मारा और मेरा पूरा लंड उसकी चुत में घुसता चला गया. उसकी चीख निकल गई.. मैंने एकदम से उसके मुँह पर हाथ रखा पर उसको छोड़ा नहीं. वो भी मेरी पकड़ से निकलना चाहती थी पर पकड़ मज़बूत होने के कारण उसका बस नहीं चला.
थोड़ी देर मैं उसको ऐसे ही चूसता रहा. फिर उसने कहा कि एक बार बाहर निकाल लो बस.. फिर बाद में कर लेना. मुझे पता था कि अगर निकल गई तो हाथ नहीं आएगी.
फिर मैं धीरे धीरे उसकी चुत में लंड अन्दर बाहर करने लगा. उसको दर्द होता रहा, पर मैं अपना मजा कम नहीं करना चाहता था.
धीरे धीरे उसको भी मजा आने लगा, वो भी अपने चूतड़ों को उठा उठा के साथ देने लगी, पर उसको बीच बीच में दर्द भी हो रहा था.
फिर मैंने उससे कहा- मेरी गोदी में आ जाओ. जब वो मेरी गोद में आने के लिए उठी तो अपना खून देख कर रोने लगी. मैंने उसको समझाया कि ऐसा होता है. अब तो सील टूट चुकी है. फिर उसको मैंने अपनी गोदी में बिठाया और उसको ऊपर नीचे करने लगा.
उसका पहली बार था तो वो ठीक से नहीं कर पा रही थी. फिर धीरे धीरे उसको मजा आने लगा तो अपने चूतड़ों को उठा उठा कर हिलने लगी. अब तो वो मस्ती में बोल रही थी- आह.. अमित कम ऑन फक मी आहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… चोदो मुझे.. और ज़ोर ज़ोर से चोदो.. आहह उउउफ्फ़..
उसकी स्पीड भी तेज होने लगी. मुझे लगा कि उसका काम होने वाला है. अभी मैं उसको कुछ कहता कि उसका खेल खत्म हो गया. फिर मैंने उसको बाथरूम में चलने के लिए कहा तो उसने कहा कि बहुत दर्द हो रहा है उठा ही नहीं जा रहा था. मैंने उसको गोद में उठाया और ले जा कर बाथटब में लिटा दिया. शावर को चला कर अच्छी तरह से उसकी चूत को धोया फिर उसको साफ़ करके मैंने वहीं पर फिर उसकी चुत में अपना लंड डाला.
एक बार तो उसको दर्द हुआ, फिर मजा आने लगा. बाथरूम में हम दोनों की सिसकारियां गूंजने लगीं. वो कहने लगी- ससिईइ एयेए ओहह कम ऑन अमित फक मी फक मी हार्ड. अब उसको भी बहुत मजा आ रहा था थोड़ी देर में मेरा भी डिसचार्ज होने वाला था तो उसने कहा- बाहर नहीं निकलना.. अन्दर ही डिसचार्ज कर दो..
मेरी स्पीड तेज हो गई और फिर आख़िर में वो पल आ गया. हम एक दूसरे के ऊपर साँसें तेज तेज छोड़ रहे थे. फिर हम दोनों नहाए और फिर बेड पर आ कर दोबारा शुरू हो गए.
सुबह 8 बजे वो जाने के लिए तैयार हुई तो बोला कि बहुत दर्द हो रहा है.. चला नहीं जा रहा है. फिर हम सारा दिन उसी होटल में रूके रहे.
शाम को मैं उसे उसके हॉस्टल में छोड़ कर वापिस घर आ गया. फिर हमें जब भी मौका मिलता, खूब मस्ती करते.
अब उसकी स्टडी खत्म हो गई और वो दिल्ली चली गई. हमारी बात भी होनी कम हो गई. कुछ दिन बाद खबर लगी कि उसकी शादी हो गई. मैं आज तक उस लड़की के बारे में सोचता हूँ तो लंड खड़ा हो जाता है.
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