पड़ोसन चाची की चूत की चुदाई-5

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नमस्कार दोस्तो, मेरी होम सेक्स कहानी की पिछली कड़ी में आपने पढ़ा कि मेरे काफी कहने के बाद चाची अपनी चूत दिखाने को राजी हो गईं. अब आगे…

चाची की चूत और नंगी टांगें देख कर मेरा लंड फनफनाने लगा, मैं बोला- चाची अपनी नुन्नू में मेरा नुन्नू डालने दीजिए ना. बहुत दर्द कर रहा है. इसका वीर्य निकल जाएगा तो ये छोटा हो जाएगा. चाची- नहीं बोला ना, तू जिद ना कर अब जा यहाँ से, नहीं तो खाना बनाने में देर हो जाएगी. मैं बोला- चाची प्लीज, मेरा नुन्नू बहुत दर्द कर रहा है. फिर चाची बोलीं- चल ठीक है… ला मैं हाथ से करके तेरा वीर्य निकाल देती हूं.

चाची मेरा लंड पकड़ के लंड की चमड़ी को आगे-पीछे करने लगीं. मुझे बहुत मजा आ रहा था. पहली बार किसी ने मेरा लंड पकड़ा था. मैंने अपना एक हाथ चाची के मम्मों पर रखा तो चाची कुछ नहीं बोलीं तो मैं धीरे-धीरे चाची के मम्मों को दबाने लगा और चाची मेरे 8 इंच लंबे लंड को गौर से देखते हुए दोनों हाथ की मुठ्ठियों से पकड़ कर मुठ मारने लगीं.

तभी चाची के बड़े लड़के की आवाज सुनाई दी जो किचन की तरफ ही आ रहा था. चाची ने झट से मेरा लंड छोड़ दिया और अपना काम करने लगीं और मैंने भी अपनी चड्डी ऊपर की और दूसरी तरफ मुँह करके पानी पीने लगा. हालांकि चाची के बेटे की उम्र 4 साल ही थी, पर फिर भी उसके सामने ये सब करना गलत तो था ही.

चाची ने अपने लड़के को चाय दे दी और वो चला गया. मैंने फिर से चाची को पकड़ लिया पर इस बार चाची ने मुझे धक्का दे दिया. चाची गुस्से में बोलीं- पागल हो गया है क्या तू… कुछ समझ नहीं आता तुझे. कितनी बार कहा मैंने कि जा यहाँ से.

मैंने ज्यादा जोर देना ठीक नहीं समझा और वहाँ से चुपचाप चला गया. पर मेरा लंड शांत होने का नाम नहीं ले रहा था. मैं तुरंत बाथरूम में गया और चाची की चूत को याद करके मुठ मारी. काफी देर से लंड खड़ा होने की वजह से जल्दी ही मेरे लंड ने लावा उगल दिया. तब जाके मुझे आराम मिला.

थोड़ी देर बाद बच्चे स्कूल चले गए और घर में सिर्फ मैं, चाची और चाची का छोटा बेटा ही बचे. मैंने भी नहा लिया और चड्डी के बिना ही कैप्री पहन ली और रूम में बैठ कर टीवी देखने लगा.

मुझे उस समय मेरी आंखों के सामने सिर्फ चाची की चूत ही घूम रही थी और कुछ नहीं सूझ रहा था. इसी वजह से मेरा लंड फिर से पूरी तरह खड़ा हो गया और कैप्री में तम्बू बन गया. थोड़ी देर में चाची भी कमरे में आ गईं. चाची मेरे बगल में बैठ गईं. मुझे लगा चाची अभी भी गुस्से में हैं तो मैं कुछ नहीं बोला.

अचानक चाची की नजर मेरे लंड पर पड़ी तो चाची चौंक कर बोलीं- तेरा नुन्नू अभी तक खड़ा है. मैं बोला- हां चाची सुबह से ये ऐसे ही है इसी लिए तो मैं आपसे बोल रहा था तो आप गुस्सा हो गई थीं. चाची बोलीं- चल ठीक है ला मैं इसे अभी वीर्य निकाल कर छोटा कर देती हूं.

फिर चाची ने मेरी कैप्री की चैन खोली और लंड को बाहर निकाल लिया और सहलाने लगीं.

मैंने कैप्री उतार कर फेंक दी और पूरा नंगा हो गया और मजे लेने लगा. मैं चाची के मम्मों को दबाने लगा. फिर धीरे-धीरे मैंने चाची के ब्लाउज के सारे बटन खोल दिए और उनकी चूचियों को आजाद कर दिया और बारी-बारी से दोनों चूचियों को मसलने लगा.

चाची भी आहें भरने लगीं. मैं धीरे से अपना एक हाथ चाची की चूत की तरफ ले जाने लगा तो चाची ने मेरा हाथ हटा दिया. मैंने कहा- चाची अपनी नुन्नू दिखाओ ना कैसी होती है प्लीज. चाची कुछ नहीं बोलीं, बस मेरा लंड सहलाती रहीं. मैं फिर अपना हाथ उनके पेट में फिराने लगा और फिर धीरे से हाथ साड़ी के अन्दर डाल दिया और उनकी चूत को छू लिया. इस बार चाची कुछ नहीं बोलीं. मैं उनकी चूत को सहलाने लगा. काफी देर तक चाची मेरी लंड को सहलाती रहीं और मैं उनकी चूत को सहलाता रहा.

फिर चाची बोलीं- काफी देर हो गई तेरा वीर्य क्यों नहीं निकल रहा? मैंने कहा- पता नहीं चाची.

अब चाची की चूत भी पानी छोड़ने लगी थी. पर मेरा लंड झड़ने का नाम नहीं ले रहा था क्योंकि थोड़ी देर पहले ही मैंने मुठ मारी थी, पर ये बात चाची को नहीं पता थी. चाची बस लंड को सहलाये जा रही थीं.

तभी मैंने चाची के गालों पर किस कर लिया. चाची रुक गईं और मेरी तरफ देखने लगीं. मेरी आंखों में वासना शायद उन्हें भी दिख गई थी. फिर मैंने चाची के होंठों पर अपने होंठ रख दिए और किस करने लगा. चाची ने आँखें बंद कर लीं पर कुछ बोली नहीं.

फिर मैंने चाची को लिटा दिया और खुद उनके ऊपर लेट गया और किस करने लगा.

इसी बीच मैंने साड़ी को ऊपर तक समेट कर चाची की चूत पूरी नंगी कर दी और उनकी टांगों के बीच आ गया. मेरा लंड अब उनकी चूत में रगड़ रहा था पर मैं अपनी मर्जी से डालना नहीं चाहता था तो मैं बस उन्हें किस करता रहा. अब चाची पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं, पर वो भी लंड चूत में डालने को नहीं कह रही थीं. तो मैंने सोचा अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा. मैंने एक हाथ से अपना लंड पकड़ा और चूत के मुहाने पर सैट करने लगा, तभी चाची ने मुझे रोक दिया और धक्का देकर मुझे अपने ऊपर से हटा दिया.

चाची बोलीं- मैंने मना किया था ना कि अन्दर नहीं डालने दूंगी. मैंने कहा- सॉरी चाची, अब नहीं करूंगा ऐसा.

इतना कह के मैंने फिर से उन्हें पकड़ना चाहा, पर उन्होंने मेरा हाथ झटक दिया. मैं चुपचाप उनसे दूर होके बैठ गया.

चाची ने फिर से मेरा लंड पकड़ लिया और बोलीं- ला मैं तेरा वीर्य निकाल देती हूं… पर मेरी नुन्नू में नहीं डालने दूंगी.

चाची ने मुझे लिटा दिया और अपनी साड़ी ऊपर की फिर अपनी दोनों टांगें मेरी कमर के दोनों तरफ करके मेरे ऊपर बैठ गईं और अपनी चूत मेरे खड़े लंड पर रगड़ने लगीं. चाची की चूत का स्पर्श पाते ही मेरा लंड और ज्यादा कड़क हो गया. मैंने चाची के ब्लाउज के सारे बटन पहले ही खोल दिये थे. मैं चाची के बूब्स मसल रहा था और चाची अपनी गर्म चूत मेरे लंड पर रगड़ रही थीं और आँखें बंद करके मजे ले रही थीं.

चाची की चूत से पानी रिसने लगा था, जिससे मेरा लंड भीग चुका था. मैंने महसूस किया कि बीच-बीच में मेरे लंड का सुपारा चाची की चूत के छेद में फस जा रहा था. चाची पूरी तरह से गर्म हो चुकी थीं. मैंने सोचा यही मौका है चाची की चूत में लंड डालने का. मैंने चाची की कमर पकड़ कर अपने ऊपर झुका लिया, जिससे चूत पूरी खुल जाए और किस करने लगा.

इस बार जैसे ही मेरे लंड का सुपारा चूत के छेद में फंसा मैंने नीचे से कमर को थोड़ा झटका दिया, जिससे सुपारा चूत में घुस गया. चाची ने उठने की कोशिश की पर मैंने उन्हें कस के पकड़ लिया और दोबारा कमर को झटका दे दिया. अब मेरा आधा लंड चाची की चूत में जा चुका था. चाची ने चूतड़ उठा कर लंड को चूत से बाहर निकालने की कोशिश की, पर मैंने एक हाथ से उनके चूतड़ को नीचे दबाया और तीसरे झटके में अपना पूरा लंड उनकी चूत में उतार दिया.

चाची कसमसाने लगीं. उन्होंने पूरी ताकत लगा कर चूतड़ों को ऊपर किया तो मेरा लंड चूत से बाहर आ गया. काफी कोशिश के बाद चाची मेरे ऊपर से हटने में कामयाब हो गईं, पर मैंने उन्हें छोड़ा नहीं, मैं उन्हें पलट कर उनके ऊपर चढ़ गया और जबरदस्ती किस करने लगा. फिर मैंने एक हाथ से उनकी टांगें चौड़ी की, जो उन्होंने पूरी ताकत से चिपकाई हुई थीं.

चाची की टांगें चौड़ी करके मैं उनकी टांगों के बीच आ गया और एक हाथ से अपना लंड उनकी चूत पर रगड़ने लगा. चाची मुझे अपने ऊपर से हटाने की पूरी कोशिश कर रही थीं, पर एक आदमी की ताकत और एक औरत की ताकत में बहुत फर्क होता है, खासकर तब जब आदमी पर वासना का भूत सवार हो, तब उसकी ताकत दोगुनी हो जाती है.

मैं किसी तरह से अपने लंड का सुपारा उनकी चूत के छेद में फंसाने में कामयाब हो गया. फिर मैंने चाची के दोनों हाथ पकड़ कर बिस्तर पर टिका दिए और पूरी ताकत से धक्का मारा. चाची की चूत तो पहले से ही गीली थी, जिससे मेरा लंड बिना किसी रुकावट के चूत को चीरता हुआ जड़ तक घुस गया. फिर मैंने अपने होंठ चाची के होंठों पर रख दिए और चूसने लगा.

अब चाची का प्रतिरोध कम हो चुका था तो मैंने धीरे-धीरे चूत में लंड आगे-पीछे करना शुरू किया. अब चाची को भी मजा आने लगा था. मैंने उनके हाथ छोड़ दिए. चाची अब पूरी तरह से मदहोश हो चुकी थीं और अपने हाथों से मेरी पीठ सहला रही थीं.

थोड़ी देर में चाची का शरीर अकड़ने लगा. मैं समझ गया कि चाची अब झड़ने वाली हैं. मैंने भी अपनी स्पीड बढ़ा दी. जल्दी ही चाची झड़ गईं और उनकी चूत का रस बाहर बहने लगा. मैं भी अपने चरम पर था. मैंने चाची की टांगें ऊपर कर दीं और धकापेल चुदाई करने लगा. फिर मैंने चाची को कस कर पकड़ लिया. थोड़ी ही देर में मैं झड़ गया और चाची की चूत अपने वीर्य से भर दी.

अगले 5 मिनट तक मैं चाची के ऊपर ही शांत लेटा रहा. मेरा लंड अभी भी चाची की चूत में ही था. फिर चाची मेरे बालों में हाथ फेरने लगीं और बोलीं- बातों से तो तू अनाड़ी लग रहा था, पर तू तो खिलाड़ी निकला. कहां से सीखा ये सब? मैं बोला- कहीं से नहीं. एक दो बार ब्लू-फिल्म देखी थी बस.

तभी चाची मेरे चेहरे को चूमने लगीं. ये मेरे लिए हरी झंडी थी. मैंने फिर अपने होंठ चाची के होंठों पर रख दिए और उनके मम्मों को भी दबाने लगा. मेरा लंड जो पहले से ही चाची की चूत में था, फिर से खड़ा होने लगा. मैं उठ कर बैठ गया और चाची की साड़ी उतारने लगा. इस बार चाची ने विरोध नहीं किया तो मैंने चाची को पूरी नंगी कर दिया. मैं पहले से ही नंगा था.

उनकी टांगों के बीच बैठ कर अपना लंड उनकी चूत पे रखा और एक ही झटके में पूरा लंड चूत में उतार दिया और चुदाई करने लगा. इस बार चुदाई लम्बी चली.

इस तरह मैंने चाची को अपने लंड का गुलाम बना लिया. उस दिन के बाद जब तक मेरी माँ नहीं आईं, तब तक मैं स्कूल नहीं गया और चाची को दिन भर और रात भर चोदता. बच्चों के स्कूल जाने के बाद मैं चाची को नंगी ही रखता और खुद भी नंगा रहता. अगले 9 दिनों तक मैंने चाची को किचन में, बाथरूम में, छत में, टायलेट में… हर जगह चोदा.

इस बीच मैंने उन्हें लंड भी चुसवाया और उनकी चूत भी चाटी. मैंने उनकी गांड भी मारी. मम्मी के आने के बाद चाची अपने घर में चली गईं, पर मैं मौका देख कर वहाँ भी उनको चोद देता.

अब वो भी मुझे मना नहीं करती थीं. तब से आज तक जब भी मौका मिलता है, मैं चाची को खूब चोदता हूं. अब उनके 3 बच्चे हैं, पर चाची ने अभी तक खुद को संवार कर रखा है. चाची की शादी को वैसे तो 12 साल हो गए हैं… पर इन 12 सालों में चाची को चाचा ने उतना नहीं चोदा होगा, जितना मैंने पिछले 7 सालों में चोद दिया.

चाची के साथ होम सेक्स की कहानी में इतना ही दोस्तों, मैंने और भी कई औरतों और लड़कियों को चोदा, पर वो सब अगली कहानी में बताउंगा. इस कहानी के बारे में अपनी प्रतिक्रिया ईमेल से दें. [email protected]

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