This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000
हाय.. बुर चाटने के शौकीन दोस्तो और लंड चाटने वाली दीदी.. भाभियों और आंटियों, आपकी बुर को छू कर प्रणाम करता हूँ. आप सभी लंडधारियों को भी बुर के पुजारी प्रेम का प्रणाम. मेरी गर्म कहानी एक जवान लड़की की बुर चुदाई की है. मैं एक दिलफेंक इंसान हूँ. मुझे कम उम्र वाली और टाईट चुचियों वाली लड़कियाँ बहुत अच्छी लगती हैं. लौंडिया ऐसी हो, जिसके मम्मे टाइट हों, एकदम लाल टोंटी जड़ी हुई चूचियों वाली बुर होनी चाहिए.
मेरा नाम प्रेम है.. मैंने डिग्री कोर्स पूरा कर लिया है.. और आगे की पढ़ाई के लिए बाहर गया था.
वहाँ पहुँचकर मैंने ऑटो ली और सोचा कि एक सप्ताह किसी होटल में काट लूं.. तब तक कोई रूम भी खोज कर वहाँ शिफ्ट हो जाऊँगा.
मैंने एक होटल में कमरा लिया जो एक शांत जगह पर था. मेरा कमरा न. 50 था.. जो बहुत हवादार था. मैं कमरे में गया और जैसे ही कमरे की खिड़की खोली.. अय हय.. मत पूछो यार.. क्या नजारा था.
सामने एक बहुत ही खूबसूरत लड़की, जो जवानी की तरफ कदम तेजी से बढ़ा रही थी, पर उसने मुझे देख कर परदा खिसका लिया. मैं उसका बदन भी नहीं देख पाया था.. पर वो इतनी अच्छी दिख रही थी कि मेरी तड़फ बढ़ गई.
गर्मी का समय था, मैंने अपनी खिड़की खोल रखी थी. तभी अचानक मेरी नजर उस परदे पर पर रही परछाई पर पड़ी, जैसे कोई कपड़े उतार रहा हो.
मैं देखने लगा तभी वो शायद कुछ लेने को झुकी तो उसकी चूचियाँ लटकीं, मैं देखता रह गया. फिर उसने कुछ पहना और परदा हटाने लगी.. मैं छुप गया.
कुछ देर बाद वो चली गई तो मैं भी सोने चला गया, पर उतने हसीन नजारे को देख कर बार-बार वो नजारा मेरी आँखों के सामने आ रहा था. मैंने लंड हिला कर हस्तमैथुन किया फिर सो गया.
सवेरे मैं कुछ लेने नीचे एक दुकान पर गया, तभी वो भी आई. उसने कुछ लिया पर उसके पास 10 रूपए कम पड़ गए. वो दुकानदार से बोली- सामान दे दो, पैसे पहुँचा दूंगी.
पर दुकानदार ने ‘ना’ कह दिया. मेरे लिए यह अच्छा मौका था. मैंने उसे पैसे दिए, तो पहले तो उसने नहीं लिए. फिर मैंने कहा- ले लो.. मुझे कभी घर बुलाकर चाय पिला देना.
अब वो मुस्कुराई और सामान खरीद लिया, इस तरह हमारी दोस्ती हो गई. उसका नाम काजल था, वो बारहवीं में पढ़ रही थी. वो बहुत अच्छी थी.. पर कमसिन उम्र में ही उसकी चूचियाँ बड़ी हो गई थीं.
क्या मस्त जवानी थी उसकी, उसकी फिगर 32-28-34 की थी. मेरा मन किया कि साली को वहीं पकड़ कर चूम लूँ.
फिर उसने ‘बाय..’ कही और जाने को मुड़ी तो पाँव फिसल गया और वो गिरने लगी. पर मैंने उसे सहारा देकर गिरने से बचा लिया. उसको बचाने की कोशिश में मेरे हाथ में कुछ नर्म सा महसूस हुआ. मैंने देखा तो गलती से उसकी चूचियाँ मेरे हाथ में दबी हुई थीं. उसने शायद इस पर ध्यान नहीं दिया और चली गई.
पर मेरा लंड तो तन गया था, मैं झट से रूम में आया और काजल के नाम की मुठ मारने लगा. मैंने उसी वक्त उसे चोदने का मन बना लिया था.
हम दोनों खिड़की से भी बातें करते रहते थे, मैंने उससे उसका नंबर भी ले लिया था. मैं उससे अब हर किस्म की बातें कर लेता था, बस सेक्स की नहीं करता था.
एक दिन उसने मुझे चाय पर बुलाया. मैं बहुत खुश हुआ. मैंने नहा-धो लिया और अच्छी तरह तैयार होकर ग़या. डोरबेल बजाते ही काजल ने ही दरवाजा खोला. जैसे ही मैंने उसे देखा, उससे लगा कि वो मुझे पसंद करने लगी है. उसने एक लाल रंग की बड़ी हॉट टी-शर्ट पहनी हुई थी, एकदम टाइट.. जिसे देख कर कोई भी देखता रह जाए. उसने मुझे मम्मी से मिलवाया, पर मेरी नजर बार-बार काजल पर फिर रही थी.
तभी मैंने उसके कपड़े पड़े हुए देखे, उसमें एक मिक्की माउस वाली पेन्टी और पिंक कलर की ब्रा थी. वो देखकर मेरा लंड खड़ा होने लगा, पर मैंने कैसे करके संभाला. मैं कुछ-कुछ समझ गया कि काजल ने मुझ क्यों बुलाया है. मैंने अपने कमरे में आकर काजल को कॉल किया.
वो मदहोशी से भरी आवाज में बोली- हाय प्रेम..! मैं तो सब समझ रहा था. मैंने उससे कल मेरे कमरे में आने को कहा, तो उसने एक बार में ही हाँ कर दी.
मैं खुश हो गया और बस कल होने का इंतजार करने लगा. मैं बाजार से एक गिफ्ट लाया, वो क्या था वो आपको काजल ही बताएगी.
एक मनमोहक खुशबू वाला परफ्यूम भी लिया और उसका इंतजार करने लगा. रात हो गई, ठीक 10 बजे घंटी बजी. मैंने दरवाजा खोला तो एक बार फिर मैं काजल को देखता ही रह गया. काजल बोली- अब अन्दर आऊं या यहीं करोगे? मैंने चौंक कर पूछा- क्या? वो बड़े चालाकी से बोली- मेरी खातिरदारी. मैं बोला- ओह.. हां.. क्यों नहीं.. आओ.
मैंने उसे अपने कमरे में बिठाया, जिसमें मैंने मनमोहक वाली परफ्यूम छिड़का हुआ था. काजल बड़ी खुश थी. मैंने उससे आँख बंद करने कहा, उसने कर ली. मैंने उसे एक चमचमाती अंगूठी से प्रपोज किया. उसने आंख खोली और मेरे गले लग गई. मैंने उसे गिफ्ट दिया.
उसने गिफ्ट खोलते ही मेरी तरफ देखऩे लगी और बोली प्रेम- आई लव्ड दिस ड्रेस एंड बिकनी.. मैंने भी कहा- तो पहन के दिखाओ.
उसने पहले ‘न’ कहा, पर मैंने उसे मना ही लिया. वो बाथरूम में गई और चेंज करके आ गई.
दोस्तो मैं उसे देख कर पागल सा हो गया. वो पारदर्शी बेबीडॉल ड्रेस में थी.. अन्दर एक लाल रंग की कसी हुई ब्रा और पेंटी में थी. वो ब्रा-पेंटी में इतनी अधिक सेक्सी लग रही थी कि किसी बूढ़े का लंड भी तन के लोहा बन जाए.
मैंने झट से उसे सीने से लगा लिया और चूमने लगा. काजल ने मुझे झटके से अलग किया और कहा- प्रेम तुम बेशरम हो, अपनी दोस्त के साथ ऐसे करोगे? ‘काजल, मैं क्या करूँ.. तुम बहुत ख़ूबसूरत और सेक्सी हो, मैं तो कब से तेरी चूचियों का रस पीना चाहता था और तेरी बुर में लंड डालना चाहता था. आज दिल की आरज़ू पूरी कर लेने दे.’
वो खिलखिला पड़ी.
मैंने फिर उससे कहा- यार काजल, अब तो मान जाओ.. कब तक मेरे लंड को तड़पाओगी?
मैंने उसे फिर से चूमना शुरू कर दिया.
अब काजल भी मुझे साथ देने लगी. उसने मेरे होंठों से अपने होंठों को मिला दिया और अपनी जीभ को मेरे मुँह में घुसा दिया. हम दोनों अब एक-दूसरे को चाटने लगे. उसके बगल में बैठते हुए मैंने उसको अपनी गोदी में खींच लिया. काजल ने कहा- प्रेम अभी नहीं.. मैंने कभी ऐसा किसी के साथ नहीं किया है.. मुझे शर्म आ रही है.. मैं नहीं करूँगी.
मैंने रूठते कहा- ठीक है काजल.. कोई बात नहीं.. शायद मेरे ही नसीब में तुम्हारा प्यार नहीं है. मैं तो तुम्हें आज एक यादगार तोहफा देना चाहता था. आज के दिन को यादगार बनाने का मन था.. पर तुम जाओ.
वो तब चली गई.. मगर मैंने उसको चूमकर सेक्स की आग तो उसे लगा दी थी.
कुछ ही देर बाद मेरे दरवाजे पर कोई खटखटा रहा था, मैंने दरवाजा खोला तो जो मैंने देखा उसे देखता ही रह गया. काजल थी, वो पहले अन्दर आई और मुझे अन्दर खींचते हुए कहा- प्रेम, मुझे अन्दर कुछ हो रहा है.
मैं समझ गया कि ये अब चुदने आई है. पर मैं चुप रहा.. तो उसने मेरे मुँह को पकड़ा और मुझे अपनी बुर दिखाते बोली- मेरी बुर में कुछ हो रहा है.
अब बुर सामने देखकर मैं रह नहीं सका और बिना कुछ कहे उसे चूमने लगा. इस बार काजल भी साथ दे रही थी, सो हमने 10 मिनट तक एक-दूसरे को चूमा. अब मैं धीरे-धीरे चूचियाँ पकड़ कर सहलाने लगा. काजल थोड़ी कसमसाई, पर इस बार मैंने उसे अपने बाँहों में कस लिया.
अब मैं उसके मुँह को, गर्दन को चाटने लगा. अब उसे गोद में उठाकर बेड पे ले गया और उसके पैर, जाँघ से होते हुए उसकी नाभि तक चाटने लगा. साथ ही उसकी चूचियाँ भी दबाता रहा. उसे पूरी तरह मैंने अपने वश में कर लिया था.
इसके बाद मैंने एक हाथ उसके कपड़ों में डालकर उसकी गोल चूचियाँ से खेलने लगा और दूसरे हाथ से बुर को सहलाने लगा.
काजल भी अब पागल सी हो गई थी. वो उठकर खुद अपनी ब्रा और पेन्टी उतार दी और मेरे मुँह में बुर चिपका दी. मैं भी उसकी बुर चाटने लगा. पांच मिनट बाद काजल की शरीर अकड़ने लगा और वो चीखने लगी ‘उऊऊइइ मम्मीइ.. और चूस मेरे राजा…’
उसने कुछ ही देर में बुर से पानी छोड़ दिया. मैं सारा पानी चूस-चूस कर पी गया. अब काजल ने मुझे नंगा करना शुरू किया और पूरे बदन को गौर से निहारने लगी. काजल बोली- प्रेम तुम्हें तो हीरो होना था.. क्या बॉडी बनाई है. मैं बिना कुछ बोले अपनी पेन्ट खोलते हुए कहा- नीचे भी देखने को बहुत कुछ है.
काजल लंड देखते ही घबरा गई. मेरा लंड लोहे सा सख्त हो गया था. इससे पहले कि काजल कुछ बोलती, मैंने उसके एक चूची को पकड़ा और दबाने लगा.
साथ ही उसकी दूसरी चूची को चूसने लगा. काजल अब फिर से गरम होने लगी थी. मैंने झट से उसकी बुर में उंगली अन्दर-बाहर करने लगा. काजल मादक सिसकारियाँ लेने लगी ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’
मैं उसे बेड पर ले गया और 69 की पोजीशन में आ गया. काजल मेरा लंड चूस रही थी और मैं उसकी बुर का रस चपर-चपर चाट रहा था. करीब 10 मिनट बाद काजल बोली- मेरे राजा अब चोद दे मुझे.. मैं अब रह नहीं सकती आह.. चोद दे न प्रेम.
मैंने झट से उसकी बुर पर थुक लगाया और लंड पेल दिया. पूरा लंड तो अन्दर नहीं गया, पर काजल की चीख से रूम गूंज गया. मैंने झट से उसके होंठों पर होंठ धर के चूमने लगा और उसकी चूचियाँ दबाने लगा.
थोड़ी देर बाद मैंने फिर एक जोर का धक्का मारा और आधा लंड बुर में उतार दिया. काजल की चीख उसके मुँह में ही रह गई. मैं फिर शांत हुआ और फिर एक आखिरी धक्के में पूरा लंड उसकी बुर में पेल दिया.
काजल चिल्लाई- उह.. यययय मररर गईइ.. निकालो मेरी बुर को फाड़ दिया.. अह.. उसकी आँखों में आँसू आ गए, मगर मैंने लंड नहीं निकाला और उसकी चूचियाँ को चाटने लगा. उसकी बुर से गर्म खून की धार निकल रही थी. कुछ देर मैं वैसे ही काजल को चूमता रहा.
अब धीरे धीरे मैं लंड आगे-पीछे करने लगा, कुछ देर में काजल भी गांड उठा-उठा कर साथ देने लगी. काजल पूरी मस्ती में थी.. मैंने भी स्पीड बढ़ा दी. काजल पागलों की तरह सीत्कारें लेने लगी- आआहहह.. मेरे राजा चोद और अन्दर डाल.. ममम्म्म्म्म् आज पूरी औरत बना दे रे.. बुर का भोसड़ा बना दे.. चोद मेरे शेर..’
ये सुनकर मेरा जोश और बढ़ गया. मैं और जोर का धक्का लगाने लगा. अब काजल की दोनों टांगें कधे पर रख लीं औऱ जोर-जोर के धक्के देने लगा. काजल को दर्द भी था, पर वो इस हसीन पल और खुशी के सामने इस दर्द का पूरे दिल से मजा ले रही थी- चोदो प्रेम.. चोद… आज पूरा दम लगा दे.. आर-पार कर दे बुर के आआहह..
मेरा लंड सीधे काजल के बच्चेदानी को टकरा रहा था- ले साली.. आज तेरी बुर का पूरा भूत उतार दूँगा!
काफी देर की चुदाई के बाद मैं उसकी बुर में ही झड़ गया. इतनी देर में काजल भी तीन बार झड़ी थी. मैं उसके ऊपर ही निढाल हो कर गिर गया.
काजल ने फिर मुझे एक जोर का चुम्मा दिया और बोली- प्रेम ये दिन मुझे हमेशा याद रहेगा.
दोस्तो, यह मेरी पहली गर्म कहानी थी जवान लड़की की बुर चुदाई की.. आप बताना जरूर.. कैसा लगा. मुझे मेल करें. धन्यवाद. [email protected]
This website is for sale. If you're interested, contact us. Email ID: [email protected]. Starting price: $2,000