मौसी हो तो ऐसी-1
प्रेषक : राज कार्तिक मैं राज एक बार फिर अपने जीवन क…
मेरी पत्नी सुहागरात को अक्षतयौवना थी या नहीं?
मैं जानना चाहता हूँ कि मेरी दुल्हन सुहागरात को मुझ…
बुआ हो तो ऐसी-1
(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) घर की मौज ह…
एक थी वसुंधरा-2
ड्राइंगरूम के आतिशदान में आग जल रही थी इसलिए कॉटेज़…
लौड़े की तकदीर-2
वो दिन मैं कभी नहीं भुला सकता.. उस दिन मैंने एक ल…
एक थी वसुंधरा-5
ख़ैर! मैंने वाशरूम जाकर दांतों को ब्रश किया और लिस्ट…
एक थी वसुंधरा-7
नीचे मेरे हाथों की उंगलियां वसुंधरा की नाभि के नी…
एक थी वसुंधरा-6
एकाएक मैंने वसुंधरा को अपनी पकड़ से आज़ाद कर दिया औ…
बुआ हो तो ऐसी-2
(प्रेम गुरु द्वारा संशोधित एवं संपादित) मैं एक बार …
बीवी को गैरों से चुदने का मौका देना पड़ता है-1
लेखक : राहुल शर्मा मेरा नाम राहुल है, मैं पच्चीस सा…