शीशे का ताजमहल-1
शबनम का बैठकखाना खूबसूरती से सजा हुआ था, कमरे की …
तुम टेन्शन मत लो
यश एक मस्त कड़क जवान लड़की की माँ एक दोपहर किटी-पार्ट…
जेम्स की कल्पना -2
मेरा मन उल्टे कल्पना करता है – वहाँ बंद कमरे में यौ…
साकार हुई कल्पना
अन्तर्वासना के सभी दोस्तों को मेरा नमस्कार! आज मैं मह…
गर्ल सेक्स स्टोरी: ललितपुर वाली गुड़िया के मुंहासे-7
मुझे झड़वाने की कोशिश में स्नेहा जैन मेरे लंड पर अप…
तड़फ़ाते बहुत हो-1
दिल के आँगन में चाँद का दीदार हो गया, हम उन्हें दे…
परीलोक से भूलोक तक
एक बार फिर मैं अपनी नई कहानी लेकर आपसे रूबरू हो र…
तू नहीं और सही-1
प्रेषिका : दिव्या डिकोस्टा मैं गोवा में रहती हूँ, एक…
तड़फ़ाते बहुत हो-2
ज़िन्दगी का पहला प्यार कौन भूलता है, ये पहली बार होत…
शीशे का ताजमहल-2
कहानी का पहला भाग : शीशे का ताजमहल-1 शबनम ने दीव…