दोस्ती का उपहार-1

दोस्तो, मेरा आप सभी को लण्ड हाथ में लेकर प्यार भरा न…

दोस्ती का उपहार-2

प्रेषक : विनय पाठक दोपहर बाद जब सब खाना खाने के लि…

मेरा गुप्त जीवन-2

यह कहानी नहीं अपनी आपबीती है। एक दिन एक झाड़ी के प…

रचना की चूत की खुजली

अन्तर्वासना के सभी मित्रों को मेरा प्यार भरा नमस्कार..…

मेरा गुप्त जीवन- 5

कम्मो के साथ मेरा जीवन कुछ महीने ठीक चला, वो बहुत …

मेरा गुप्त जीवन -7

मेरा कम्मो से मिलना जारी रहा। लेकिन अब मैं महसूस क…

हमारा कुत्ता गैंग

प्रेषक : गौरव यादव हाय मेरा नाम ललित है. मैं कोटा …

मेरा गुप्त जीवन- 6

फिर मैंने उससे पूछा- गाँव की औरतें कहाँ नहाती हैं…

सब कुछ करना होता है !

प्रेषक : हॉट बॉय नमस्कार, मैं अन्तर्वासना को साल भर स…

मेरा गुप्त जीवन -8

एक दिन ऐसे ही घूमते हुए मैं अपने घोड़ों के अस्तबल क…