मेरा गुप्त जीवन-43

रात भर हम जागते, चोदते और सोते रहे। यही क्रम काफी …

मस्तानी लौन्डिया-5

निशु जब बाहर आई तब कमर के नीचे का हिस्सा पानी से भ…

तेरी याद साथ है-24

“उम्म… हम्म्म्म…” फिर से वही मादक सिसकारी लेकिन इस बा…

मस्तानी लौन्डिया-4

नमस्कार दोस्तो, मेरी कहानी को पढ़ कर बहुत लोगों ने म…

मेरा गुप्त जीवन -50

तब हम चलते हुए किश्ती से थोड़ी दूर हो गए और तब मैंन…

मेरा गुप्त जीवन -45

कम्मो काफ़ी देर चोदती रही मुझको… और जब उस का मन भर …

मेरा गुप्त जीवन- 89

जेनी बोली- चलेगा, अगर तुम्हारे साथ सेक्स करना पड़ेगा…

मज़दूर से मिली तृप्ति

निम्न कहानी का पूरा मजा लेने के लिए एक बार पूर्व-प्र…

मेरा गुप्त जीवन -52

अगले दिन नैनीताल से चल कर हम शाम को लखनऊ पहुँच गए…

मेरा गुप्त जीवन -94

अगले दिन कॉलेज गया तो सबसे पहले मैंने ऑफिस में पू…