मेरा गुप्त जीवन- 111
सुबह उठे तो मेरी चाय फुलवा ले कर आई और मैं फुलवा …
प्यार से तृप्त कर दो
प्रेषक : विजय पण्डित विजय शर्मा, अपना पहली चुदाई का …
विधवा की प्यासी चूत
दोस्तो, कैसे हो आप सब … मैं शिवराज एक फिर से अपनी …
मेरा गुप्त जीवन- 116
अगले दिन सुबह कोई 10 बजे के करीब एक मिनी बस हवेली…
जन्म दिन का तोहफ़ा-3
दोस्तो, मैं अपनी क्लाइंट लिंडा के कहने पर मैं उसकी …
वो मेरी रखेल बन गयी
हरीश मेरा नाम हरीश है और मेरी उमर २५ साल है मैं म…
मेरा गुप्त जीवन- 148
सलोनी और रूही के जाते ही टेलीफ़ोन की घंटी बज पड़ी, …
जब मस्ती चढ़ती है तो…-1
प्रेषिका : बरखा लेखक : राज कार्तिक मेरे सभी दोस्तों …
दक्षिण भारतीय प्रेम साहित्य और उसकी आधुनिक अभिव्यक्ति
भारतीय साहित्य की सबसे सुंदर विशेषताओं में से एक ह…
गोवा में विदेशी लड़की और दोस्तों के साथ ग्रुप सेक्स का मजा
हैलो फ्रेंड्स, मैं जेसिका क्लार्क (बदला हुआ नाम) एक ब…