जिस्मानी रिश्तों की चाह -29

सम्पादक जूजा अब तक आपने पढ़ा.. मैं खाना खाते हुए नज…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -34

सम्पादक जूजा सुबह जब मेरी आँख खुली और कॉलेज जाने क…

एक सच्चा हादसा: वो कौन थी-2

कहानी का पिछ्ला भाग: एक सच्चा हादसा: वो कौन थी-1 म…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -32

सम्पादक जूजा मैंने आपी के उरोजों को चूसते हुए उनका…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -39

फरहान ने आपी की चूत को चूसते हुए आपी की गाण्ड के स…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-33

सम्पादक जूजा आपी एक हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर दूसर…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -36

सम्पादक जूजा मैंने आपी की चूत में उंगली करते हुए अ…

जिस्मानी रिश्तों की चाह-40

सम्पादक जूजा मैंने दो उंगलियाँ आपी की चूत में दाखि…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -41

सम्पादक जूजा मैंने अपनी गली पर अपने लण्ड का जूस उठा…

जिस्मानी रिश्तों की चाह -42

आपी नाश्ते के वक्त मेरी छेड़छड़ से इतनी गर्म हो गई कि …